MmsBee कोई तो रोक लो
09-10-2020, 01:43 PM,
RE: MmsBee कोई तो रोक लो
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अब निक्की तो घर पर थी नही और रिया पिच्छले कुछ दिनो से मेरे कमरे मे अकेले मे आई नही थी. ऐसे मे मैं प्रिया के सिवा किसी के आने की बात मैं सोच भी नही सकता था. मैने प्रिया के आने की उम्मीद के साथ दरवाजा खोल दिया.

लेकिन दरवाजा खोलते ही मेरी नज़र आने वाले पर पड़ी तो, मैं हैरान हुए बिना ना रह सका. मेरे सामने रोज की तरह, शाम की चाय लेकर निक्की खड़ी थी. मुझे अभी भी अपनी आँखों पर विस्वास नही हो रहा था और मैं हैरानी से उसे देख रहा था. उसने इस तरह मुझे हैरान होते देखा तो, मुस्कुरा कर मुझे टोकते हुए कहा.

निक्की बोली “क्या हुआ, क्या इतनी सी देर मे ही आप मुझे भूल गये है.”

निक्की की बात सुनते ही, मेरे चेहरे पर भी मुस्कुराहट आ गयी. मैने उसके अंदर आने के लिए रास्ता छोड़ा और उसे अंदर आने को कहा. जब वो अंदर आ गयी तो, उसने मुझे चाय दी और फिर खुद ही मेरी हैरानी को दूर करते हुए कहा.

निक्की बोली “आपको ज़्यादा हैरान होने की ज़रूरत नही है. ये घर मेरा है और मोहिनी आंटी की किसी बात की वजह से, ये घर मेरे लिए पराया नही हो जाएगा. उस समय सीरू दीदी और प्रिया की बात मान कर मुझे यहाँ से जाना पड़ा था. वरना मैं मोहिनी आंटी की बात की वजह से हरगिज़ यहाँ से जाने वाली नही थी.”

निक्की को घर मे फिर से वापस देख कर, मुझे भी बहुत खुशी हो रही थी. अभी मेरी निक्की से बात चल ही रही थी कि, तभी पद्‍मिनी आंटी भी आ गयी. उन्हो ने निक्की के सर पर प्यार से हाथ फेरते हुए कहा.

पद्‍मिनी आंटी बोली “तूने अच्छा किया, जो वापस आ गयी. तेरे जाने से सारा घर सुना हो गया था.”

निक्की बोली “आंटी मैं तो जाना ही नही चाहती थी. लेकिन उस कमिनि की वजह से मुझे उस समय यहाँ से जाना भी पड़ा और फिर उसी की वजह से अभी यहाँ वापस आना भी पड़ा. क्योकि मैं उसकी आदत को अच्छी तरह से जानती हूँ. उसने मुझे हँसते हँसते यहाँ से भेज तो दिया था. लेकिन मेरे यहाँ से जाने के बाद खुद आँसू बहा रही होगी.”

निक्की की इस बात को सुनकर जहाँ आंटी के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी. वही मैं प्रिया और निक्की के बीच के इस अपनेपन को लेकर सोच मे पड़ गया. एक तरफ प्रिया ने ना चाहते हुए भी निक्की की खुशी के लिए उसको अपने घर से जाने दिया था तो, दूसरी तरफ निक्की भी प्रिया की खुशी का ख़याल करके फिर से वापस लौट आई थी.

उन दोनो के बीच का ये प्यार देखकर मेरे चेहरे पर भी मुस्कुराहट आ गयी थी. आंटी और निक्की के बीच प्रिया को लेकर अभी बातें चल ही रही थी कि, तभी नितिका अपने हाथ मे एक गिफ्ट लिए अंदर आ गयी. वो शायद प्रिया को ढूँढ रही थी. इसलिए उसने अंदर आते ही आंटी से कहा.

नितिका बोली “आंटी प्रिया कहाँ है. मैं उसे कब्से देख रही हूँ. वो कही नही दिख रही है.”

नितिका की बात सुन और उसके हाथ मे थमा गिफ्ट देख कर आंटी ने उस से कहा.
आंटी बोली “वो तो रिया के साथ बाजार तक गयी है. लेकिन तुम्हारे हाथ मे ये क्या है.”

आंटी की बात के जबाब मे नितिका ने मुस्कुराते हुए कहा.

नितिका बोली “आंटी, ये प्रिया के बर्त’डे का गिफ्ट है. मैं इसी को देने के लिए प्रिया को देख रही थी.”

नितिका की इस बात ने मुझे हैरान करके रख दिया. मुझे इतने दिनो मे किसी से भी, ये सुनने को नही मिला था कि, अभी कभी मे प्रिया का बर्थ’डे आने वाला है. ये बात सुनते ही, मैं अपने आप को रोक ना सका और मैने आंटी से कहा.

मैं बोला “आंटी मुझे किसी ने बताया नही कि, प्रिया का जनम दिन आने वाला है. कब है प्रिया का जनमदिन.”

मेरी बात सुनकर, आंटी और निक्की दोनो ही एक दूसरे को देखने लगे. वही नितिका ने मेरी बात सुनते ही, तपाक से जबाब देते हुए कहा.

नितिका बोली “अरे प्रिया का जनमदिन आने वाला नही है. वो तो थर्स्डे को निकल चुका है.”

नितिका की इस बात से मेरी हैरानी और भी ज़्यादा बढ़ गयी थी. क्योकि थर्स्डे को तो मैं प्रिया के घर मे ही था. फिर प्रिया के जनम दिन के बारे मे मुझे पता कैसे नही चला. मैं इसी बात को सोचते हुए आंटी से कहा.

मैं बोला “लेकिन आंटी उस दिन तो मैं यही पर था. फिर मुझे प्रिया के जनम दिन का कैसे पता नही चला.”

मेरी इस बात के जबाब मे, आंटी के कुछ कहने के पहले ही निक्की ने कहा.

निक्की बोली “उस दिन आप यहाँ नही थे. थर्स्डे को आप अमन भैया के काम से, अपने शहर गये हुए थे.”

निक्की के ये बात बोलते ही सारी बात मुझे समझ मे आ गयी और उस दिन की सारी बातें मेरे दिमाग़ मे घूमने लगी. तभी मुझे याद आया कि, उस दिन मैने रात को सबके साथ खाना खाया था. ये बात याद आते ही मैने निक्की से कहा.

मैं बोला “लेकिन उस दिन रात को तो, मैं आपके साथ ही हॉस्पिटल से घर आया था और फिर यहाँ आकर मैने सबके साथ खाना भी खाया था. मुझे अच्छे से याद है कि, तब भी किसी ने प्रिया के जनम दिन होने का कोई ज़िक्र नही किया था.”

निक्की बोली “वो इसलिए क्योकि प्रिया उस दिन आपके बिना बताए चले जाने से बहुत नाराज़ थी और उसने सबको आपको ये बात बताने से मना कर दिया था. यहाँ तक कि उसने मेहुल से भी साफ कह दिया था कि, वो भी आपसे इस बारे मे कोई बात नही करेगा.”

निक्की के ये बात बोलते ही, एक पल मे ही सारा माजरा मेरी समझ मे आ गया और मैं इसके आगे किसी से कुछ ना बोल सका. मगर मेरे मन मे इस बात को लेकर अफ़सोस ज़रूर था कि, प्रिया ने मेरे जनम दिन पर मुझे इतना कीमती गिफ्ट दिया था और मैं उसके जनम दिन मे उसे विश भी ना कर सका.

मैं अपने मन मे ये सब बातें सोच रहा था. लेकिन शायद आंटी को लगा कि, उन सबका इस तरह मुझसे प्रिया के जनम छुपाने की बात का, मुझे बुरा लग गया है. इसलिए उन्हो ने मुझे समझाते हुए कहा.

आंटी बोली “देखो बेटा, हम सब तुमसे ये बात छुपाना नही चाहते थे. लेकिन उस दिन प्रिया तुम्हारे बिना बताए जाने की बात से बहुत नाराज़ थी. फिर उसका जनम दिन भी था, ऐसे मे हमारे पास उसको खुश रखने के लिए, इस बात को तुम्हे ना बताने के सिवा कोई रास्ता नही था. जिसकी वजह से किसी ने भी उस दिन तुम्हारे सामने प्रिया के जनम दिन का कोई जिकर नही किया था.”

आंटी की इस बात के जबाब मे मैने मुस्कुराते हुए उन से कहा.

मैं बोला “आंटी, मेरे मन मे इस बात को लेकर कोई नाराज़गी नही है. मैं जानता हूँ कि प्रिया कितनी जिद्दी है. मैं तो बस इस बात को सोच रहा था कि, मैं यहाँ होते हुए भी उसको जनम दिन विश ना कर सका.”

मेरी बात सुनकर आंटी को भी तसल्ली हो गयी. उन्हो ने मेरी इस बात के जबाब मे मुझसे कहा.

आंटी बोली “कोई बात नही. अब जब नितिका प्रिया को उसके जनम दिन का गिफ्ट दे. तब तुम उसको जनम दिन विश कर देना और उस से अपना जनम दिन की बात छुपाने को लेकर झगड़ा भी कर लेना.”

आंटी की बात सुनकर, हम सब हँसने लगे. फिर आंटी ने नितिका को अपना गिफ्ट अभी वापस ले जाने को और मेरे सामने प्रिया को देने को कहा. नितिका भी सारी बात सुन चुकी थी. इसलिए वो अपना गिफ्ट वापस ले गयी. उसके जाने के बाद आंटी भी वहाँ से चली गयी और मैं निक्की से बात करने लगा.

कुछ देर मे प्रिया भी घर आ गयी. उसे जैसे ही पता चला कि, निक्की आई है और अभी मेरे कमरे मे है. वो सीधे भागते हुए मेरे कमरे मे आ गयी और निक्की से लिपट गयी. दोनो प्यार से एक दूसरे से झगड़ने लगी और मैं उनके इस झगड़े का मज़ा लेने लगा.

इसी बीच आंटी ने नितिका को उसका गिफ्ट लेकर मेरे कमरे मे भेज दिया. फिर सब वैसा ही हुआ, जैसा आंटी ने कहा था. प्रिया के जनम दिन की बात मुझे पता चलते ही मैं उस से इस बात को छुपाने के लिए झगड़ा करने लगा.

तभी आंटी भी वहाँ आ गयी. उन्हो ने भी ऐसा ही जाहिर किया, जैसे ये राज अभी अभी मेरे सामने खुला है. वो थोड़ी देर इसका मज़ा लेती रही और फिर हम दोनो मे सुलह करा दी. जिसके बाद प्रिया ने इस बात के लिए मुझे सॉरी कहा और मैने उसे जनम दिन विश किया.

कुछ देर सबका इसी तरह हँसी मज़ाक चलता रहा. फिर एक एक करके सब मेरे कमरे से चले गये. अब शाम के 6 बज चुके थे और मैं अपने कमरे मे अकेला था. ऐसे मे एक बार फिर मुझे कीर्ति की चिंता सताने लगी.

मैने कीर्ति का हाल चाल पता करने के लिए उसे कॉल लगा दिया और उस से उसकी तबीयत पुच्छने लगा. वो अपनी तबीयत ठीक होने की बात कह रही थी और मेरे इस तरह से उसकी तबीयत को लेकर परेशान होने की बात का मज़ाक उड़ा रही थी.

थोड़ी देर कीर्ति से बात करने के बाद मैने कॉल रख दिया. लेकिन अभी भी मुझे उसकी तबीयत की चिंता सता रही थी. ना जाने क्यो मेरा दिल उसकी इस बात पर यकीन नही कर पा रहा था कि, उसकी तबीयत ठीक है.

जब इस बात को लेकर मेरी उलझन बहुत ज़्यादा बढ़ गयी. तब मैने कीर्ति की बात को काटते हुए, छोटी माँ से ही इस बारे मे बात करने का फ़ैसला किया और उनको कॉल लगा दिया.

मगर मेरी किस्मत ने यहाँ धोका दे दिया और कॉल छोटी माँ की जगह कीर्ति ने उठाया. उसे शायद ये बात समझ मे आ गयी थी कि, उस से बात करने के बाद, मैने छोटी माँ को क्यो कॉल लगाया है.

इसलिए उसने इस बात को लेकर मुझसे झगड़ा करना सुरू कर दिया. उसका कहना था कि, मुझे उसकी बात पर विस्वास नही है. जिस वजह से मैं उसकी बात की सच्चाई पता करने के लिए छोटी माँ को कॉल कर रहा हूँ.

मैं उसे समझाने की बहुत कोसिस करता रहा. लेकिन अब वो मुझसे नाराज़ हो चुकी थी और मुझसे कोई बात ना करने की धमकी दे रही थी. जिसके बाद मुझे उसको यकीन दिलाने के लिए उसकी कसम खानी पड़ी कि, अब मैं ऐसा कुछ भी नही करूगा.

मेरे कसम खाने के बाद, उसका गुस्सा शांत हो गया. उसने मुझे यकीन दिलाया कि उसकी तबीयत ठीक है और फिर उसने रात को बात करने की बात कह कर कॉल रख दिया. मगर कीर्ति को लेकर, अभी भी ना जाने क्यो, एक अंजाना सा डर मुझे सता रहा था.

अपने इसी डर के साथ मैं 7 बजे शिखा के घर आ गया. लेकिन शिखा के घर आकर उस के साथ रहने से मेरे दिल को कुछ सुकून मिला. खाना पीना खाने के बाद, 10:30 बजे मैं उपर छत पर आ गया.

आज शिखा के घर मे शादी की कुछ रस्मे चल रही थी. जिस वजह से मुझे प्रिया के घर वापस लौटने मे ज़्यादा समय लगने वाला था. इसलिए मैने उपर आते ही कीर्ति को कॉल लगा दिया.
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