RE: MmsBee कोई तो रोक लो
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अभी मैं निक्की के बारे मे सोच ही रहा था कि, तभी हीतू वापस आते दिखा. मैने उसे आते देखा तो, उसके पास चला गया. उसने मुझे देखते ही कहा.
हितेश बोला “सॉरी यार, मैने इसे यहाँ नही बुलाया था. इसने मुझसे कॉल करके पुछा कि, मैं कहाँ हूँ और फिर यहाँ ही आ गया. मेरे दिमाग़ मे ज़रा भी ये बात नही आई थी कि, प्रिया भी यहाँ पर ही है. वरना मैं इसे यहाँ हरगिज़ नही आने देता.”
हीतू की इस बात ने मेरे मन मे बहुत से सवाल पैदा कर दिए थे. लेकिन मैं अपने मन की बात हीतू के सामने जाहिर करना नही चाहता था. इसलिए मैने इस बात को बदलते हुए हीतू से डीजे चालू करवाने को कहा और मैं उपर छोटी माँ के पास चला गया.
मैं उपर पहुचा तो शिखा दीदी अकेली बैठी थी. छोटी माँ फ्रेश होने गयी थी. मैने शिखा दीदी से नीचे चलने को कहा तो, उन्हों ने कहा कि, वो छोटी माँ के साथ ही नीचे आएगी. इसलिए मैं भी उनके साथ वही बैठ कर बातें करने लगा.
कुछ ही देर मे छोटी माँ आ गयी. उन्हो ने मुझे बाहर जाने को कहा तो, मैं बाहर आकर खड़ा हो गया. कुछ ही देर मे डीजे चालू हो गया और प्रिया मुझसे बुलाने आ गयी. मैने उसे कहा कि छोटी माँ तैयार हो रही है. मैं उनके साथ नीचे आता हूँ.
मेरी बात सुनकर, वो भी मेरे पास ही खड़ी हो गयी. मेरा मन प्रिया से उस लड़के के बारे मे पुच्छने का हो रहा था. लेकिन अभी मेरे पास इतना समय नही था कि, इस बारे मे प्रिया से खुल कर बात की जा सके. इसलिए मैने ये बात करने का इरादा बदल दिया.
थोड़ी ही देर मे छोटी माँ ने मुझे अंदर आ जाने को कहा तो, मैं और प्रिया अंदर आ गये. छोटी माँ तैयार हो चुकी थी. उन्हो ने इस समय येल्लो कलर की साड़ी पहने हुई थी. जिसमे वो बहुत प्यारी लग रही थी.
प्रिया ने भी येल्लो ड्रेस पहनी हुई थी और जब उसने छोटी माँ को येल्लो साड़ी मे देखा तो खुश होते हुए उनकी साड़ी की तारीफ करने लगी. ऐसे ही बातों बातों मे प्रिया ने छोटी माँ से कहा.
प्रिया बोली “आंटी आप अमि निमी को अपने साथ लेकर क्यो नही आई. मेरा उनको देखने का बहुत मन करता है.”
प्रिया की ये बात सुनते ही मुझे एक झटका सा लगा. मैं छोटी माँ के आने की खुशी मे इतना खो गया था कि, मुझे इस बात को पुच्छने का ध्यान ही नही रहा कि, उनके साथ अमि निमी क्यो नही आई है.
लेकिन प्रिया के याद दिलाते ही, मुझे अमि निमी की याद ने घेर लिया. अब मुझे इस बात की फिकर सताने लगी थी कि, वो दोनो मेरे और छोटी माँ के बिना कैसे रह रही होगी. ये बात सोचते ही मेरा दिल उदास हो गया.
छोटी माँ शायद मेरे दिल का हाल समझ गयी थी. उन्हों ने मेरे कंधे पर हाथ रखा और मुझे समझाते हुए कहा.
छोटी माँ बोली “तू अमि निमी की फिकर क्यो करता है. वो दोनो वहाँ मज़े मे है. हमारे पड़ोस मे साक्शेणा परिवार रहने आया है. वो दिन भर उन्ही की छोटी बेटी के साथ खेलती रहती है. मैने उनका ख़याल रखने के लिए अनु दीदी को भी घर मे बुला लिया है और फिर रिचा दीदी भी तो घर मे है.”
लेकिन छोटी माँ की ये बात सुनकर भी मेरे दिल को सुकून नही मिल रहा था. मैने परेशान होते हुए छोटी माँ से कहा.
मैं बोला “क्या आपको पता नही है कि, वो दोनो कभी मेरे और आपके बिना नही रही है. यदि आपको यहाँ आना ही था तो, उनको भी अपने साथ लेकर आना था. आपको उनको ऐसे अकेला छ्चोड़ कर आने की ज़रूरत क्या थी.”
मेरी बात सुनकर, छोटी माँ मुझे समझाने की कोसिस करती रही. लेकिन जब मैं उनकी कोई भी बात समझने को तैयार नही हुआ तो, उन ने मुझ पर गुस्सा करते हुए कहा.
छोटी माँ बोली “तू मेरी माँ नही, मैं तेरी माँ हूँ. इसलिए मुझे क्या करना चाहिए था और क्या नही करना चाहिए था. ये मुझे तुझसे सीखने की ज़रूरत नही है. मैं इस बारे मे अब कोई बात सुनना नही चाहती हूँ. अब तू अपना मूड सही कर और चुप चाप नीचे चल.”
छोटी माँ को गुस्सा करते देख, मैं शांत पड़ गया. लेकिन मेरा मूड अभी भी वैसा का वैसा ही था. मेरा खराब मूड देख कर, शिखा दीदी कुछ बोलने को हुई, लेकिन छोटी माँ ने उनको टोकते हुए कहा.
छोटी माँ बोली “इसकी फिकर मत करो, ये अभी नीचे आ जाएगा. हम लोग नीचे चलते है.”
शिखा दीदी और प्रिया को छोटी माँ का इस तरह मेरे उपर गुस्सा करना अच्छा नही लग रहा था. लेकिन जब छोटी माँ ने उनसे नीचे चलने को कहा तो, वो चुप चाप छोटी माँ के पिछे पिछे नीचे चली गयी.
मुझे छोटी माँ का गुस्सा करने का ज़रा भी बुरा नही लगा था. क्योकि मैं उनकी इस आदत को अच्छी तरह से जानता था कि, जब वो मेरी किसी बात से अपना पिच्छा छुड़ाना चाहती थी तो, इसी तरह से मुझ पर गुस्सा करके मुझे चुप करा देती थी.
मुझे तो इस समय सिर्फ़ अमि निमी की फिकर सता रही थी. अभी सिर्फ़ 9:45 बजे थे, इसलिए अभी कीर्ति का कॉल आने का सवाल ही पैदा नही होता था. इसलिए मैने अमि निमी का हाल जानने के लिए खुद ही कीर्ति को कॉल लगा दिया. कीर्ति ने मेरा कॉल उठाते ही मुझसे कहा.
कीर्ति बोली “सॉरी, मैने कुछ भी नही किया और यहाँ अमि निमी की वजह से मुझे तुमसे ये बताने का समय भी नही मिल पाया कि, मौसी वहाँ आ रही है.”
अमि निमी का नाम सुनते ही मेरा गुस्सा कुछ कम हुआ और मैने उस से कहा.
मैं बोला “अमि निमी कैसी है. वो ज़्यादा परेशान तो नही कर रही है.”
कीर्ति बोली “वो दोनो अच्छी है और ज़रा भी परेशान नही कर रही है. अभी अभी खाना खाकर, अपने कमरे मे गयी है.”
मैं बोला “ये सब क्या चल रहा है. छोटी माँ तो यहाँ आने से मना कर रही थी. फिर वो इस तरह अचानक यहाँ क्यो आई है.”
कीर्ति बोली “मैं तुम्हे सब कुछ बताती हूँ. लेकिन एक बात याद रखो कि, मौसी के वहाँ तुम्हारे पास होने की बात भूल से भी अमि निमी के सामने मत करना, वरना यहाँ भूचाल आ जाएगा.”
मैं बोला “भूचाल आने से तेरा क्या मतलब, क्या छोटी माँ अमि निमी से कही ऑर जाने का बोल कर आई है.”
कीर्ति बोली “हां, मौसी ने अमि निमी से कहा है कि, वो वाणी दीदी को लेने जा रही है.”
मैं बोला “लेकिन छोटी माँ को ऐसा करने की क्या ज़रूरत थी. उन्हे यदि यहाँ आना ही था तो, वो अमि निमी को लेकर भी तो यहाँ आ सकती थी.”
कीर्ति बोली “वो तुम्हारे साथ हो रहे हादसो की वजह से अमि निमी को अपने साथ वहाँ लेकर जाना नही चाहती थी. इसलिए उन्हे अमि निमी से ये झूठ बोलना पड़ा.”
मुझे कीर्ति की ये हादसो वाली बात समझ मे नही आई. क्योकि दिन की बात तो मैं सबके सामने सॉफ कर चुका था और शाम को हुए हादसे की मैने किसी को खबर ही नही होने दी थी. इसलिए मैने कीर्ति से कहा.
मैं बोला “हादसो से तेरा क्या मतलब है. दिन मे जो हुआ था, वो तो मैं तुम लोगों को सॉफ सॉफ बता चुका था.”
कीर्ति बोली “ज़्यादा बनने की कोसिस मत करो. मैं दिन और शाम को हुए हादसे की बात कर रही हू. मौसी ने वहाँ शाम को हुए हादसे के बाद, मेहुल और प्रिया की कही हुई सारी बातें सुनी थी. इसलिए वो तुमको लेकर बहुत परेशान थी और फिर उन्हो ने आनन फानन मे वहाँ जाने का फ़ैसला कर लिया.”
कीर्ति की इस बात ने मुझे सोच मे डाल दिया. क्योकि मेहुल की बात सुनते ही मैने फ़ौरन काट दिया था. यही बात जानने के लिए मैने कीर्ति से कहा.
मैं बोला “लेकिन मैने तो मेहुल की बात सुनते ही कॉल काट दिया. फिर छोटी माँ ने प्रिया की बात कैसे सुन ली.”
कीर्ति बोली “तुमसे बात करते समय पहले उन्हो ने वहाँ बहुत ज़ोर की कोई आवाज़ सुनी, फिर मेहुल की बात सुनकर उन्हे समझ मे आ गया कि, वहाँ कुछ हुआ है. इसलिए उन्हो ने तुम्हारे कॉल काटने के बाद, वापस तुम्हे कॉल ना लगा कर, मुझसे नितिका को कॉल लगा कर वहाँ का हाल पता करने को कहा था.”
“लेकिन नितिका वहाँ का हाल पता करके बताने की जगह, चालू मोबाइल ही तुम्हारे पास लेकर चली गयी. जिस वजह से वहाँ प्रिया की कही गयी बातें हमने भी सुन ली. जिसके बाद मौसी ने तुम्हारे पास जाने का फ़ैसला ले लिया और अमि निमी से कहा कि, मैं वाणी को लेने जा रही हूँ. लेकिन पुन्नू के घर वापस आने का समय भी हो गया है. इसलिए तुम लोग घर मे रह कर पुन्नू के आने का इंतजार करो और वो आ जाए तो, मेरे ना रहने पर उसका ख़याल रखना.”
“बस इसी वजह से अमि निमी ने उनके साथ जाने की ज़िद नही की थी. क्योकि वो दोनो तुमको देखने के लिए तरस गयी है. खास कर अमि तुमको बहुत याद करती है. आज कल तो वो खाना भी ढंग से नही खाती है और ना ही किसी बात पर मुझसे या निमी से झगड़ा करती है.”
कीर्ति की ये बात सुनकर, मैं सोचने पर मजबूर हो गया कि, मैने पिच्छले जनम मे ऐसे क्या अच्छे क्या काम किए थे कि, इस जनम मे मुझे इतना ज़्यादा प्यार करने वाली माँ और बहने मिली है.
एक मेरी बहने थी, जो मुझे इतना प्यार करती थी कि, उनसे मेरा नाम लेकर कुछ भी करवाया जा सकता था और एक मेरी माँ थी, जो मेरे साथ हुए हादसे की खबर सुनकर फ़ौरन ही इतनी दूर से भागी चली आई थी.
ये बातें सोच कर मेरी आँखें छलक गयी. लेकिन मैने फ़ौरन ही अपनी आँखों को सॉफ किया और कीर्ति से कहा.
मैं बोला “चल ठीक है. अभी मैं रखता हूँ, यदि तू जागती रही तो, हम बाद मे बात करेगे. अब मैं रखता हूँ.”
कीर्ति बोली “अरे ऐसे कैसे कॉल रख दोगे. पहले मेरी किसी तो दो.”
मैं बोला “क्या मैं तुझे जितनी बार कॉल करूगा, मुझे उतनी ही बार किसी देना पड़ेगी.”
कीर्ति बोली “हां, तुम जितनी भी बार कॉल करोगे, तुम्हे उतनी ही बार कॉल रखने के पहले किसी देना पड़ेगी.”
मैं बोला “तुझे तो मैं आकर देखता हूँ. अभी तो तू अपनी किसी ले ले. मुऊऊऊहह.”
कीर्ति बोली “मैं भी तुम्हे देख लूँगी. अभी मैं रखती हूँ. मुऊऊुउऊहह.”
इतना कह कर कीर्ति ने कॉल रख दिया. इसके बाद मैने अपना मूह धोया और नीचे आ गया. नीचे डीजे की धुनो पर डॅन्स चल रहा था. मुझे आता देख कर प्रिया और शिखा दीदी के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी. लेकिन छोटी माँ ने मुझे आते देख, अपना चेहरा डॅन्स करने वाली लड़कियों की तरफ घुमा लिया.
उनको ऐसा करते देख, प्रिया और शिखा दीदी फिर से असमंजस मे पड़ गयी. लेकिन मैं जानता था कि, उन्हे इस समय अमि निमी से ज़्यादा मेरी फिकर थी. जिसकी वजह से ना चाहते हुए भी, उन्हे यहाँ आना पड़ गया था.
लेकिन वो ये सब बातें मुझ पर जाहिर करना नही चाहती थी और मैं था कि, अमि निमी को लेकर उनसे सवाल पर सवाल किए जा रहा था. जिस वजह से वो ये गुस्सा होने का नाटक कर रही थी. ताकि मैं उन से अमि निमी को लेकर कोई सवाल ना कर सकूँ.
मैं भी अब उनकी इस परेशानी को और बढ़ाना नही चाहता था. इसलिए मैने उनके पास आकर, उन से कहा.
मैं बोला “सॉरी, छोटी माँ.”
लेकिन छोटी माँ ने मेरी बात को सुनकर, भी अनसुना कर दिया और वो डॅन्स ही देखती रही. तब मैने उनके सामने आकर खड़ा होते हुए उनसे कहा.
मैं बोला “छोटी माँ, अब ये झूठा गुस्सा दिखाने का नाटक बहुत हो गया. मैं अब आपसे अमि निमी को लेकर कोई सवाल नही करूगा. अब आप भी अपना ये गुस्सा दिखने का नाटक करना बंद कर दीजिए.”
मेरी बात सुनकर छोटी माँ ने पहले मुझे घूर कर देखा और फिर अचानक ही उनके चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी. उन्हो ने प्यार से मेरे गाल पर एक चपत लगाई और शिखा दीदी की तरफ देखते हुए कहा.
छोटी माँ बोली “मेरा बेटा तुम्हारे यहाँ आकर बहुत ज़्यादा समझदार हो गया है. अब तो ये मेरे झूठे गुस्से को भी समझने लगा है.”
छोटी मांं की बात सुनकर, जहा शिखा दीदी के चेहरे पर मुस्कुराहट वापस आ गयी. वही प्रिया ने हैरानी से छोटी माँ से कहा.
प्रिया बोली “तो क्या आंटी आप सच मे इतनी देर से इसको झूठा गुस्सा कर रही थी.”
छोटी माँ बोली “ऑर नही तो क्या, मैं इस पर कभी गुस्सा कर ही नही सकती. ये तो मेरा राजा बेटा है.”
प्रिया बोली “आपने तो मुझे डरा ही दिया था. मुझे तो लग रहा था कि, आप सच मे पुन्नू से नाराज़ हो गयी है.”
छोटी माँ बोली “अरे तुम लोगों ने देखा नही कि, ये अपनी बहनो को लेकर मुझसे किस तरह झगड़ा कर रहा था. इसे मेरे आने की खुशी नही, बल्कि अपनी बहनो के अकेले रहने का दुख हो रहा था. अब इसके सवालों से बचने के लिए मैं गुस्सा होने का नाटक नही करती तो, ऑर क्या करती.”
छोटी माँ की बात सुनकर, सब हँसने लगे. तभी निक्की आई और प्रिया को डॅन्स के लिए पकड़ कर ले जाने लगी. लेकिन प्रिया ने पहले नेहा से डॅन्स करवाने की बात कह कर बात को टाल दिया.
प्रिया की बात सुनकर, निक्की नेहा के पास चली गयी. लेकिन नेहा ने भी शायद अभी डॅन्स करने से मना कर दिया था. तभी हीतू उनके पास आया और निक्की उस से कुछ कहने लगी.
जिसके बाद, हीतू ने डीजे वाले के पास जाकर कोई गाना बजाने को बोला और फिर नेहा को अपने पास बुलाया. डीजे पर हीतू का बोला हुआ गाना बजते ही हीतू और नेहा उस गाने पर डॅन्स करने लगे.
हीतू और नेहा का डॅन्स
“सपने में मिलती है, ओ कुड़ी मेरी सपने में मिलती है.
सारा दिन घुन्घटे मे बंद कुडिया सी, ओए ओए ओए ओए ओए.
सारा दिन घुन्घटे मे बंद कुडिया सी, अखियों में खुलती है
सपने में मिलता है, ओ मुंडा मेरा सपने में मिलता है
सारा दिन सड़को पे खाली रिक्शी सा, है..
सारा दिन सड़को पें खाली रिक्शी सा पीछे पीछे चलता है
होई होई.. कोरी है, करारी है, भून के उतारी है.
कबी कबी मिलती है.. ओ कुड़ी मेरी ओ कुड़ी मेरी
वेऊ चलो पकड़ है, चौड़ा बीटो हद है.
दूउर से दिखता है, ओ मुंडा मेरा हा हा हा हा...ओ मुंडा मेरा
अरे, देखने मे तगड़ा है, जंगल से पगड़ा है, सींग दिखाता है...
सपने में मिलता है, ओ मुंडा मेरसपने में मिलता है
सपने में मिलती है, ओ कुड़ी मेरा सपने में मिलता है
पाजी है, शरीर है, गुमटी लकीर है, चक्रख चलती है
ओए... सपने में मिलती है, ओ कुड़ी मेरा
सपने में मिलता है सपने में मिलता है
होई होई होई होई.....
हीतू और नेहा ने इतना मस्त डॅन्स किया था कि, वहाँ खड़े सबके कदम थिरकने पर मजबूर हो गये थे. उनके डॅन्स ख़तम होने के बाद हीतू ने राज की तरफ इशारा किया तो राज सेलू दीदी के पास आ गया. उसने शायद उनसे अपने साथ डॅन्स करने को कहा तो, सेलू दीदी उसके साथ चली गयी. फिर डीजे वाले ने उसकी पसंद का गाना बजा दिया.
राज और सेलू दीदी का डॅन्स
“ओ.. ओ..
मेहन्दी लगा रखना
डॉली सज़ा के रखना
मेहन्दी लगा रखना
डॉली सज़ा के रखना
लेने तुझे ओ गोरी
आएँगे तेरे सजना
मेहन्दी लगा रखना
डॉली सज़ा के रखना
ओह.. हो.. ओह.. हो..
ओ.. आ..
सहरा सजाके रखना
चेहरा छुपा कर रखना
सहरा सजाके रखना
चेहरा छुपाके रखना
यह दिल की बात अपने
दिल में दबा के रखना
सहरा सजाके रखना
चेहरा छुपाके रखना
मेहन्दी लगा रखना
डॉली सज़ा के रखना
ओह.. हो.. ओह.. हो..”
अभी राज और सेलू दीदी का डॅन्स ख़तम ही हुआ था कि, निक्की ने नितिका को डॅन्स के लिए पकड़ लिया और फिर नितिका की पसंद का गाना बजने लगा.
नितिका का डॅन्स
“बोले चूड़िया बोले कंगना, हाए मैं हो गयी तेरी सजना
तेरे बिन जिया नायो लग दा, मैं ते मरगाया
ले जा ले जा सोणिये ले जा ले जा, दिल ले जा ले जा हो.......
हाए हाए मैं मारजावां मारजावां तेरे बिन
अब तो मेरी राते कटती तारे गिन गिन
बस तुझको पुकारा करे, मेरी बिंदिया इशारा करे
होये लश्कारा लश्कारा, तेरी बिंदिया का लश्कारा
ऐसे चमके जैसे चमके चाँद के पास सितारा”
नितिका अपना डॅन्स ख़तम करके वापस आने लगी. तभी मेहुल ने उसका हाथ पकड़ लिया और तभी उसका गाना बजने लगा.
मेहुल और नितिका का डॅन्स
“उठा ले जाउन्गा तुझे मैं डॉली मे,
देखती रह जाएँगी सखिया तुम्हारी.
तुमको मुझसे प्यार है प्यार है प्यार.
तेरे घर आउन्गि, दुल्हन बन जाउन्गि,
अकेली रह जाएँगी सखिया बेचारी
तुमको मुझसे प्यार है प्यार है प्यार.
उठा ले जाउन्गा तुझे मैं डॉली मे
देखती रह जाएँगी सखिया तुम्हारी
ओह ओह ओह ओह ओह, आ आ आ आ आ.”
मेहुल और नितिका ने भी बहुत अच्छा डॅन्स किया था. उनका डॅन्स ख़तम होते ही निक्की ने आरू को डॅन्स के लिए पकड़ लिया और फिर आरू का गाना बजने लगा.
आरू का डॅन्स
“मैने पायल है छन्कायि
अब तो आजा तू हरजाई,
मेरी साँसों में तू है बसा
ओ सजना, आजा ना अब तरसा.
मैने पायल है छन्कायि
अब तो आजा तू हरजाई,
मेरी साँसों में तू है बसा
ओ सजना, आजा ना अब तरसा.”
आरू ने भी बहुत प्यारा डॅन्स किया था. उसका डॅन्स ख़तम होते ही निक्की ने सीरू दीदी, बरखा और सेलू को पकड़ लिया और अपने साथ ले आरू के पास ले आई और फिर डीजे पर गाना बजने लगा.
सीरू दीदी, सेलू, आरू, बरखा और निक्की का डॅन्स
“वाह वाह रामजी
जोड़ी क्या बनाई
भैया और भाभी को
बधाई हो बधाई
सब रस्मों से बड़ी है जग में
दिल से दिल की सगाई
आपकी कृपा से यह
शुभ घड़ी आई
जीजी और जीजा को
बधाई हो बधाई
सब रस्मों से बड़ी है जग में
दिल से दिल की सगाई
वाह वाह रामजी
वाह वाह रामजी
वाह वाह रामजी.”
सबका डॅन्स करना हो चुका था. अब सिर्फ़ मैं, रिया और प्रिया ही डॅन्स करने के लिए बाकी रह गये थे. निक्की ने आकर मुझसे डॅन्स करने को कहा तो, मैने उस से बाद मे डॅन्स करने की बात कह कर उसे टाल दिया. जिसके बाद वो प्रिया को डॅन्स के लिए ले गयी और फिर प्रिया की पसंद का गाना बजने लगा.
प्रिया का डॅन्स
“मैंय्या यशोदा ये तेरा कन्हैय्या,
पनघट पे मेरी पकड़े है बैय्या,
तंग मुझे करता है संग मेरे लड़ता है,
रामजी की कृपा से मैं बची,
रामजी की कृपा से मैं बची,
रामजी की कृपा से.”
प्रिया बहुत प्यारा डॅन्स कर रही थी. मैं उसका डॅन्स देखने मे खो सा गया था. जैसे ही उसका डॅन्स ख़तम हुआ. रिया मेरे पास आई और जबबर्दस्ती मेरा हाथ पकड़ कर ले गयी. डीजे पर उसकी पसंद का गाना बजने लगा और चाहते हुए भी मुझे उसका साथ देना पड़ा.
मेरा और रिया का डॅन्स
“आज है सगाई, सुन लड़की के भाई,
ज़रा नाच के हमको दिखा.
आज है सगाई, सुन लड़की के भाई,
ज़रा नाच के हमको दिखा.
कुड़ी की तरह ना शरमा
हे तू मेरी गाल मान जा,
तू मेरी गाल मान जा.
ओये..
सबको नचओ, नाच नाचके दिखाओ
आ मुझको गले से लगा.
मुंडे से ज़रा आँख लड़ा,
ओये तू मेरी गल मान जा,
हे तू मेरी गल मान जा.
ओये सोणिये..”
जैसे तैसे करके मैने डॅन्स पूरा किया और डॅन्स ख़तम होते ही मैं वहाँ से भागने को हुआ कि, तभी मेहुल, राज और हीतू ने आकर मुझे पकड़ लिया और उनकी पसंद का गाना बजना सुरू हो गया. जिसे सुनते ही मुझे समझ मे आ गया कि, वो पल आ गया है, जिसके लिए इतना ताम झाम किया गया था और मैं सबके साथ डॅन्स करने लगा.
मेरा, मेहुल, राज और हीतू का डॅन्स
“मेरी प्यारी बहनिया बनेगी दुल्हनिया,
सजके आएँगे दूल्हे राजा.
भैया राजा बजाएगा बाजा,
भैया राजा बजाएगा बजा.
अपने पसीने को मोती कर दूँगा,
मोतियों से बहना की माँग भर दूँगा.
आएगी बारात देखेगी सारी दुनिया,
होंगे लाखों मे एक दूल्हे राजा.
भैया राजा बजाएगा बजा,
भैया राजा बजाएगा बजा.
सोलह सिंगर मेरी बहिना करेगी,
टीका चढ़ेगा और हल्दी लगेगी.
बहना के होंठों पे झूलेगी नाथनिया,
और झमेंगे दूल्हे राजा.
भैया राजा बजाएगा बजा,
भैया राजा बजाएगा बजा.
सेज पे बैठेगी वो डॉली पे चलेगी,
धरती पे बहना रानी पाँव ना धरेगी.
पलकों की पालकी मे बहना को बिठा के,
ले जाएँगे दूल्हे राजा.
भैया राजा बजाएगा बजा,
भैया राजा बजाएगा बजा.
सजना के घर चली जाएगी जो बहना,
होंठ हँसेंगे मेरे रोएंगे ये नैना,
ऱखिया के रोज रानी बहाना को बुलाउन्गा ,
ले के आएँगे दूल्हे राजा.
भैया राजा बजाएगा बजा,
भैया राजा बजाएगा बजा.
लेकिन मैं इस गाने पर अपना डॅन्स पूरा नही कर पाया. क्योकि गाने की आख़िरी की कुछ पंक्तियों को महसूस करते ही मेरी आँखों मे आँसू आ गये और मैं डॅन्स को अधूरा छोड़ कर ही आ गया.
मैने छोटी माँ के पास आकर, उनके कंधे पर अपना सर रखा और उनके कंधे से अपना चेहरा छुपाते हुए कहा.
मैं बोला “मुझसे नही हो पाया छोटी माँ.”
ये कहते हुए मेरी आँखों से आँसुओं का झरना बहने लगा. लेकिन तभी बरखा ने मेरे कंधे पर हाथ रखते हुए कहा.
बरखा बोली “नही भाई, तुमने करके दिखा दिया. बात डॅन्स पूरा होने या ना होने की नही थी. बात तो सिर्फ़ भैया के जज्बातों को पूरा करने की थी और वो तुमने करके दिखा दिया. वो देखो, तुम्हारा डॅन्स देख कर दीदी की आँखों मे भी आँसू आ गये.
बरखा की बात सुनकर, मैने शिखा दीदी की तरफ देखा तो, वो रो रही थी और निक्की लोग उनको चुप करा रही थी. ये देखते ही मैने अपने आँसू पोंछे और उनके पास आते हुए कहा.
मैं बोला “दीदी, मैने तो इन लोगों से पहले ही कहा था कि, मुझे डॅन्स नही आता है. लेकिन क्या मैने सच मे इतना बुरा डॅन्स किया है की, आपको रोना आ गया.”
मुझे अपने सामने देखते ही शिखा दीदी मुझसे लिपट कर रोने लगी. उस पल मेरे लिए ये समझ पाना मुश्किल हो गया था कि, मैं उनको रोने से रोकू या खुद के आँसुओं को बाहर आने से रोकू. फिर भी मैने बहुत हिम्मत जुटाते हुए शिखा दीदी से कहा.
मैं बोला “दीदी, मैने आपसे कहा था कि, अपने ये आँसू विदाई के लिए बचा कर रखिए और आपने इन्हे अभी से बहाना सुरू कर दिया है. देखिए, 11 बज गये और सीरू दीदी लोगों ने अभी खाना तक नही खाया है. कुछ ही देर मे ये लोग जाने की बात करने लगेगी.”
मेरी बात सुनते ही सीरू दीदी ने कहा.
सीरत बोली “अरे मैं तो भूल ही गयी थी कि, 11 बजे के पहले हमे वापस जाना है. भाभी सच मे हमे बहुत देर हो गयी है. अब हमे जाना चाहिए, वरना घर मे सब बहुत गुस्सा करेगे.”
सीरू दीदी की ये बात सुनते ही शिखा दीदी के आँसू रुक गये. उन्हो ने अपना चेहरा सॉफ किया और फिर सीरू दीदी लोगों से कहा.
शिखा दीदी बोली “नही, आप मे से कोई भी बिना खाना खाए नही जाएगा. मैं अभी खाना लगवाती हूँ.”
ये कहते हुए उन्हो ने सीरू दीदी का हाथ पकड़ा और सब को अंदर चलने को कहने लगी. शिखा दीदी की बात सुनकर, सब उनके साथ जाने लगे. सीरू दीदी ने जाते हुए मुझे पलट कर देखा और मुस्कुराते हुए आँख मार दी. उनकी इस हरकत को देख कर, मैने अपने मन मे बुदबुदाया शैतानो की नानी और फिर मैं भी मुस्कुरा दिया.
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