MmsBee कोई तो रोक लो
09-11-2020, 11:57 AM,
RE: MmsBee कोई तो रोक लो
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कोयल ने हम को मूह हाथ धोने को कहा और खुद खाना लगाने की तैयारी करने लगी. प्रीतम ने खाने मे कोई मीठा नही देखा तो, वो हमारे मना करने के बाद भी, मीठा लेने चला गया.

हम सब मूह हाथ धोने के बाद, खाने के लिए प्रीतम के आने का इंतजार करने लगे. पायल और कोयल दोनो ही वाणी दीदी पर सवालों की बौछार करने मे लगी थी. ऐसे ही बातों बातों मे वाणी दीदी ने पायल से कहा.

वाणी दीदी बोली “माफ़ कीजिएगा, यदि आपको बुरा ना लगे तो, क्या मैं जान सकती हूँ कि, आप दोनो की अरेंज्ड मॅरेज हुई है या फिर लव मॅरेज हुई है.”

वाणी दीदी की इस बात को सुनकर, कोयल तो शरमा कर रह गयी. लेकिन पायल ने मुस्कुराते हुए कहा.

पायल बोली “मेडम, आपको इस बात पर यकीन नही होगा. मगर सच यही है कि, मेरे भैया भाभी की लव मॅरेज हुई है और इनको भी अपनी शादी के लिए उतने ही पापड बेलने पड़े थे. जितने कि बाकी लव मॅरेज करने वाले जोड़ो को बेलना पड़ते है.”

“मेरी बात सुनकर, आपको लगेगा कि, इनकी शादी मे परेशानी हमारे परिवार वालों की तरफ से आई होगी. लेकिन ऐसा नही था, ये परेशानी भाभी के परिवार वालों की तरफ से थी. उन्हे भैया मे तो कोई खराबी नज़र नही आई थी. लेकिन उन्हे हमारे परिवार का महॉल पसंद नही था.”

“असल मे मैं प्रीतम भैया की सौतेली बहन हूँ. भैया जब 8थ क्लास मे थे. तभी उनकी सग़ी माँ का देहांत हो गया था. उनकी माँ के देहांत के एक साल बाद, पापा ने मेरी माँ से शादी कर ली.”

“पापा के पास दौलत की कोई कमी नही थी. जिस वजह से नाना नानी ने मेरी मम्मी के अच्छे भविश्य की सोचते हुए, मेरी मम्मी के किसी की दूसरी पत्नी ना बनने की बात को भी नज़र अंदाज़ कर दिया था.”

“जिस समय पापा और मेरी मम्मी की शादी हुई. उस समय उनकी उमर मे भी बहुत अंतर था. तब पापा की उमर 40 साल और मम्मी की उमर 22 साल थी. भैया उस समय 9थ क्लास मे थे.”

“शादी के बाद, मम्मी ने पापा के उमर और उनकी दूसरी पत्नी कहलाने की बात से तो, समझोता कर लिया. लेकिन उसके बेटे को वो कभी अपना बेटा ना मान सकी और मेरे जनम होने के बाद तो, मेरे भैया की जिंदगी नरक से भी बदतर हो गयी.”

“उनके साथ भी वो ही सब ज़्यादतियाँ होने लगी. जो किसी की सौतेली माँ के आने पर उसके साथ होती है. इतने बड़े घर के बेटे होने के बाद भी, कभी कभी भैया दो सुखी रोटी खाने के लिए भी तरस जाया करते थे.”

“यहाँ तक कि यदि कभी भैया मम्मी की किसी बात की पापा से शिकायत करते तो, मम्मी भैया पर ही उल्टा सीधा इल्ज़ाम लगा कर, उन्हे पापा से जानवरों की तरह पिटवा दिया करती थी.”

ये कहते कहते, पायल की आँखें छलक गयी. मैं पहली ऐसी लड़की देख रहा था, जो अपने सौतेले भाई की, तरफ़दारी करने के लिए अपनी सग़ी माँ की बुराई कर रही थी. पायल की आँखों मे आँसू देख, कोयल ने प्यार से उसके सर पर हाथ फेरा.

जिसे देख कर पायल ने अपने आपको संभाला और अपने आँसू पोन्छ्ते हुए, फिर से अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा.

पायल बोली “मेरे जनम के बाद, भैया की परेशानी इसलिए बढ़ गयी थी. क्योकि मेरे जनम के बाद, मेरी मम्मी सोचने लगी थी कि, यदि भैया ये घर छोड़ कर चले जाए तो, पापा की सारी जयदाद पर सिर्फ़ उनका और उनकी बेटी का अधिकार रह जाएगा.”

“इसी वजह से मेरे जनम के बाद, उन्हो ने भैया पर और भी ज़्यादा ज़ुल्म करना सुरू कर दिया था. मम्मी के इस ज़ुल्म से घबरा कर भैया भी घर छोड़ कर जाने की बात सोचने लगे थे.”

“लेकिन उन्हे ऐसा करने से कोयल भाभी रोक दिया करती थी. कोयल भाभी सुरू से ही हमारे पड़ोस मे रहती थी और सिर्फ़ ये ही एक ऐसी थी, जिनको देख कर भैया को लगता था कि, इस दुनिया मे उनका कोई अपना है.”

“भैया भाभी बचपन से ही अच्छे दोस्त थे. भाभी अपने घर वालों से छुप छुपा कर, भैया के लिए कुछ ना कुछ लाती रहती थी और जब कभी भैया को मार पड़ती तो, ये घंटों भैया के पास बैठ कर रोती रहती थी.”

“इन्हे सुरू से ही भैया से प्यार था. लेकिन अपने सुंदर ना होने की वजह से, इन्हो ने कभी भी अपने इस प्यार को भैया के सामने जाहिर नही किया था. मगर मन ही मन ये भैया को अपना सब कुछ मानती थी.”

“दूसरी तरफ मैं थी, जिसके जनम के बाद, भैया पर माँ के ज़ुल्म बढ़ गये थे. फिर भी भैया ने मुझसे कभी नफ़रत नही की थी. उन्हे मुझे खिलाने की तो दूर की बात थी, मुझे छुने तक की इजाज़त नही थी.”

“इसके बाद भी, जब कभी भैया को मौका मिलता, वो मुझे अपनी गोद मे उठा कर, घूमने चले जाते थे और इसके बदले मे वापसी पर मम्मी की ताने झिड़किया और पापा की मार खाते थे.”

“बस वक्त ऐसे ही गुज़रता जा रहा था. एक तरफ मम्मी की नफ़रत थी, जो एक पल भी भैया का घर मे रहना सहन नही कर पा रही थी तो, दूसरी तरफ भाभी की दोस्ती थी, जो उन्हे इस सब को सहने का हौसला दिला रही थी.”

“ऐसे ही चलते चलते भैया ने कॉलेज की पढ़ाई पूरी कर ली और अब वो पापा के साथ उनके बिज़्नेस मे हाथ बटाने की बात सोच रहे थे. उन्हो ने ये बात पापा के सामने रखी तो, पापा ने उनकी इस बात को मान लिया.”

“लेकिन मम्मी ने ये बात सुनते ही, सारे घर मे कोहराम मचा दिया. क्योकि अब पापा के साथ उनके बिज़्नेस को वो भी संभाल रही थी और उनको पापा के बिज़्नेस मे भैया का आना ज़रा भी पसंद नही आ रहा था.”

“मगर अब भैया भी अपने पैरों पर खड़े होने लायक हो चुके थे. उन्हो ने जिंदगी मे पहली बार मम्मी की इस बात से बग़ावत कर दी. लेकिन इस बार भी पापा ने मम्मी का ही साथ दिया.”

“जिस गुस्से मे, आख़िर इतने साल बाद, भैया अपने घर को छोड़ने के लिए मजबूर हो गये. उन्हो ने अपना समान उठाया और जैसे ही घर से जाने को हुए, उनके सामने मैं रखी लेकर खड़ी हो गयी.”

“भैया मेरे पैदा होने के बाद से ही, मुझसे अपनी कलाई पर रखी बंधवाने के लिए तरस रहे थे. लेकिन मम्मी ने कभी उन्हे मुझसे रखी बंधवाने नही दी थी और मुझे भी उन्हे रखी बाँधने नही देती थी.

“ऐसे मे जब भैया ने मेरे नन्हे नन्हे हाथों मे रखी देखी तो, उनके कदम खुद ब खुद रुक गये. उस दिन मैने पहली बार उनकी कलाई मे सिर्फ़ रखी ही नही बँधी, बल्कि उनके घर छोड़ कर जाने के इरादे को भी बदल दिया था.”

“अब भैया ने पापा के साथ बिज़्नेस करने के इरादे को छोड़ कर, नौकरी करने का मन बना लिया था और कुछ समय बाद, उनकी ये मेहनत भी रंग ले आई. उन्हे पोलीस मे नौकरी मिल गयी और वो ट्रैनिंग को चले गये.”

“वो जब अपनी पोलीस ट्रैनिंग करके वापस लौटे तो, उन्हो ने ये खबर भाभी को सुनाई. जिसे सुनकर भाभी बहुत खुश हुई और उन ने भी भैया को एक खबर सुनाई की, उनके घर वालों ने एक लड़का देखा और उसके साथ जल्दी ही अब उनकी शादी करने का सोच रहे है.”

“भाभी की शादी की बात सुनकर, भैया ने उन्हे ढेर सारी बधाई दी. भाभी भैया के मूह से अपनी शादी की बात सुनकर, उपर से मुस्कुराती रही. लेकिन दिल ही दिल मे बहुत रो रही थी.”

“उस समय तो भैया को उनकी शादी की बात सुनकर, बहुत खुशी हुई. लेकिन जब रात को उन्हो ने अकेले मे बैठ कर, भाभी की शादी के बारे मे सोचा तो, उनको लगा कि, जैसे उनका सब कुछ लूटा जा रहा है.”

“उस दिन भैया को अहसास हुआ की, जिसे वो सिर्फ़ दोस्ती समझते है. असल मे वो उनका भाभी के लिए प्यार है. ये बात समझ मे आते ही, उनके लिए सुबह तक का इंतजार कर पाना मुश्किल हो गया.”

“वो बड़ी बेचेनी से सुबह होने का इंतजार करने लगे. सुबह दूध देने वाला, दूध देने आया तो, वो भी उसके पिछे पिछे, भाभी के घर पहुच गये. भाभी ने उनको देखा तो, चौक गयी.”

“लेकिन इस से पहले की भाभी कुछ समझ पाती भैया उनके घर के अंदर थे. भैया को इस समय अपने घर मे देख कर, भाभी घबरा गयी. उस समय उनके घर के सब लोग उस समय सो रहे थे. इसलिए भाभी भैया को अपने कमरे मे ले आई.”

“भैया ने जब अपने दिल की बात भाभी को बताई तो, भाभी दिल ही दिल मे बहुत खुश हुई. मगर अपने सुंदर ना होने की वजह से, वो भैया के प्यार को अपनाने को तैयार नही हो रही थी. आख़िर मे उन्हे भैया की ज़िद के आगे झुकना ही पड़ गया और बचपन की दोस्ती प्यार मे बदल गयी.”

“भैया ने जब ये बात अपने घर मे बताई तो, इस बात को सुनकर, सबसे ज़्यादा खुशी मेरी मम्मी को हुई. क्योकि वो भैया के लिए ऐसी ही बहू चाहती थी और वो इस शादी के लिए फ़ौरन तैयार हो गयी.”

“लेकिन जब ये बात कोयल भाभी के घर वालों को पता चली तो, उन्हो ने इस शादी के लिए सॉफ मना कर दिया. क्योकि मेरी मम्मी का बर्ताव उन से छुपा नही था और वो किसी भी हालत मे भाभी को हमारे घर मे देना नही चाहते थे.”

“इस बात के पता चलते ही, वो जल्दी से जल्दी भाभी की शादी करने मे लग गये. लेकिन उनके कुछ कर पाने के पहले ही, भैया भाभी ने भाग कर शादी कर ली और मेरी मम्मी ने खुशी खुशी इस शादी को अपना लिया.”

“मेरी मम्मी की सोच थी कि, ऐसी लड़की से शादी करके, भैया को सबके सामने शर्मिंदा होना पड़ेगा और भैया की जिंदगी कुछ ही दिन मे नरक से भी ज़्यादा बदतर हो जाएगी.”

“लेकिन इसका उल्टा ही हुआ, भाभी से शादी करने के बाद, भैया हमेशा खुश रहने लगे और भाभी अपने व्यवहार से सबका दिल जीतने लगी. मगर इस से भी बड़ा झटका मम्मी को तब लगा, जब भाभी ने एक प्यारे से बेटे को जनम दिया.”

“तब मम्मी को पापा की जयदाद का एक और हिस्सेदार नज़र आने लगा और अब वो भैया के साथ साथ भाभी को भी परेशान करने लगी. फिर एक दिन उन्हो ने ऐसी चाल चली, जिसने भैया भाभी को घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया.”

“मम्मी ने पापा के सामने भैया पर ये इल्ज़ाम लगाया कि, भैया मम्मी के उपर बुरी नज़र रखते है और उन्हो ने पापा की गैर मौजूदगी मे मम्मी के साथ ज़बरदस्ती करने की कोसिस भी की है.”

“उस समय तक मैं थोड़ी बहुत समझदार हो चुकी थी. मैने पापा के सामने मम्मी के इस इल्ज़ाम को झुठलाया. लेकिन पापा ने मेरी एक भी बात नही सुनी और भैया भाभी को उसी समय घर से निकल जाने को रोक दिया.”

“भैया भाभी भी अपनी इस बेज़्जती को सह नही पाए और उन्हो ने उसी समय घर छोड़ दिया. मैं रोती रही और भैया भाभी को रोकती रही. मगर मम्मी ने मुझे मेरे कमरे मे बंद कर दिया.”

“उस दिन मुझे मेरी मम्मी से नफ़रत हो गयी और मैने उन से बात चीत बंद कर दी. भैया भाभी के घर से चले जाने से मम्मी के रास्ते का काँटा हट गया और वो पापा की गैर मौजूदगी मे उनके मॅनेजर के साथ घर मे ही अयाशी करने लगी.”

“मेरे मन मे मम्मी के लिए नफ़रत तो थी ही और मुझे अपने भैया भाभी की बेज़्जती का बदला भी लेना था. इसलिए एक दिन जब मम्मी अपने कमरे मे मॅनेजर के साथ थी, तभी मैने पापा को फोन करके बुला लिया.”

“मगर अभी तक मैं अपनी मम्मी की नीचता को सही तरीके समझ नही पाई थी. पापा ने आकर जब उन दोनो बहुत भला बुरा कहा और मम्मी को तलाक़ देने को कहा तो, उन दोनो ने पापा को कमरे मे बंद कर लिया.”

“वो इस बात से अंजान थे कि, ये सब खबर मैने पापा को दी है और मैं छुप कर उन दोनो की इस हरकत को देख रही हूँ. जब मैने उनको पापा को कमरे मे बंद करते देखा तो, मैं घबरा गयी.”

“मैने फ़ौरन भैया को फोन करके सारी बातें बता दी. लेकिन जब तक भैया घर आ पाते, तब तक मम्मी और मॅनेजर पापा का गला दबा कर, उनकी हत्या कर चुके थे. वो हत्या करते रंगे हाथ पकड़े गये और उन्हे उमर क़ैद हो गयी.”

“उस घर मे पापा की हत्या हुई थी और मुझे उस घर मे रहने से डर लग रहा था. इसलिए मैं भैया के साथ आ गयी. भैया ने वो घर बेच कर ये घर बनवा लिया और पापा की सारी जयदाद मेरे नाम करवा दी.”

“मुझे अपने पापा के मरने या मम्मी के जैल जाने का ज़रा भी दुख नही है. मैं अपने भैया भाभी के साथ बहुत खुश हूँ. मेरे भैया भाभी मुझे अपनी बेटी बना कर ही रखते है.”

“मेरे भैया भाभी के दो बच्चे है. लेकिन जब कभी कोई इनसे पुछ्ता है कि, इनके कितने बच्चे है तो, मेरे भैया भाभी हमेशा यही कहते है कि, इनके तीन बच्चे है. इन्हो ने ये कभी नही कहा कि, इनके दो बच्चे है.”

इतना कह कर पायल चुप हो गयी. लेकिन उसकी आख़िरी बात ने हम लोगों को भी उसकी बात की सच्चाई का यकीन दिला दिया था. क्योकि प्रीतम ने घबराहट मे होने के बाद भी, हम लोगों के सामने ये ही कहा था कि, उसके तीन बच्चे है.

मैं अभी प्रीतम की उस बात के बारे मे सोच ही रहा था कि, तभी पायल के चुप होते ही, कोयल ने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा.

कोयल बोली “मेडम जी, हमारे घर मे भगवान का दिया हुआ, पहले से ही बहुत कुछ है. हमारे घर मे बेईमानी का एक पैसा भी नही आता. मेरे पति एक ईमानदार इनस्पेक्टर थे और पूरी ईमानदारी से अपना फ़र्ज़ निभाते थे.”

“आप उनकी बात पर यकीन करे या ना करे, लेकिन हम लोगों को पूरा यकीन है कि, उन्हे झूठे केस मे फसा कर, इनस्पेक्टर से सब-इनस्पेक्टर बनाया गया. इसके बाद भी वो अपने फ़र्ज़ को ईमानदारी से निभा रहे है.”

ये कहते कहते, कोयल की आँख छलक आई. लेकिन वाणी दीदी ने उठ कर, उसके आँसुओं को पोन्छ कर, पहली बार अपनी खामोशी को तोड़ते हुए कहा.

वाणी दीदी बोली “मुझे आपके पति की ईमानदारी पर पूरा यकीन है. यदि ऐसा ना होता तो, मैं ना तो अपने परिवार के साथ आपके घर खाने पर आई होती और ना ही मैने आपके पति को अपने परिवार की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी सौपी होती.”

वाणी दीदी की ये बात सुनकर, सिर्फ़ कोयल और पायल ही नही, बल्कि हम सब भी उन्हे हैरानी से देखने लगे. कोयल ने वाणी दीदी की इस बात को सुनकर उनसे कहा.

कोयल बोली “यदि ऐसा है तो, फिर आपने एक सब-इनस्पेक्टर को अपना ड्राइवर क्यो बना दिया.”

कोयल की इस बात को सुनकर, वाणी दीदी ने मुस्कुराते हुए कहा.

वाणी दीदी बोली “वैसे तो मेरे काम करने का अंदाज़ ऐसा है कि, मैं अपने दाएँ हाथ को खबर नही होने देती की, मेरा बाँया हाथ क्या करने वाला है. लेकिन आप इस बात से इतनी परेशान है तो, मैं अपने ऐसा करने की वजह आपको बता देती हूँ.”

“मेरे ऐसा करने की दो वजह है. पहली वजह तो ये है कि, चाहे बड़े हो या छोटे, मैं कभी किसी की बदतमीज़ी सहन नही करती. प्रीतम ने ये जानते हुए भी कि, मैं एक सीआइडी ऑफीसर हू, मेरे साथ बदतमीज़ी करने की ग़लती की थी. इसलिए उसे सबक सिखाना ज़रूरी हो गया था.”

वाणी दीदी की इस बात को सुनकर, कोयल ने थोड़ा सा मायूस होते हुए कहा.

कोयल बोली “और दूसरी वजह क्या थी.”

वाणी दीदी बोली “दूसरी वजह ये थी कि, मैं जानती थी, आपके पति एक ईमानदार ऑफीसर है और मैं एक ईमानदार ऑफीसर को अपने सामने बर्खास्त होते नही देख सकती थी. मैने आपके पति को अपना ड्राइवर बना कर, ना सिर्फ़ बर्खास्त होने से बचाया है, बल्कि उन्हे ऐसे आगे आने वाले बहुत से ख़तरों से भी दूर कर दिया है.”

“क्योकि आपके पति ईमानदार भले ही हो, मगर उनमे चालाकी ज़रा भी नही है. वो तो अभी तक ये भी नही पता कर पाए कि, उनके इनस्पेक्टर से सब-इनस्पेक्टर बनने के पिछे किसका हाथ था और उन्हे क्यों फसाया गया है.”

“ये हमारे देश की बिदम्बना है कि, कुछ सत्ता के लालची और बेईमान लोग, हमें अच्छे दिनो का लालच दिखा कर, सत्ता हथिया लेते है. हमारे अच्छे दिन तो नही आते, लेकिन हम ज़रूर लंबी क़तारों मे लगे, कभी इंसाफ़ के लिए तो, कभी अपने हक़ के लिए भीख माँगते नज़र आते है.”

“इसके बाद भी हमारी आँख नही खुलती और हम उन्ही बेईमान लोगों के हाथों की कठपुतलियाँ बन कर, उनके लिए अपना भले चाहने वालों का ही बुरा करने लगते है. ऐसा ही कुछ बुरा यहाँ की जनता ने, एक सीबीआइ ऑफीसर के साथ भी कर दिया. जिसकी आँच मे आपके पति भी झुलस गये है.”

“मैं यहाँ सिर्फ़ स्कूल स्टूडेंट भारती के गॅंग-रेप के केस को सुलझाने नही आई हूँ. बल्कि मुझे यहाँ सीआइडी और सीबीआइ की एक संयुक्त टीम का हेड बना कर, ऐसे ही बहुत से केसस का पर्दाफास करने के लिए भेजा गया है.”

“इसलिए अभी आप अपने पति के उसी काम मे खुश रहिए, जो मैने उनको दिया है और मेरी इस बात पर यकीन रखिए कि, मैं यहाँ से हर साज़िश का पर्दाफाश करके ही नही जाउन्गी, बल्कि आपके पति की, इनस्पेक्टर की वर्दी और उनका खोया हुआ मान सम्मान भी उन्हे वापस दिलवा कर जाउन्गी.”

वाणी दीदी की ये बात सुनकर, कोयल और पायल दोनो के चेहरे की मुस्कान वापस आ गयी. वहीं हम सबके चेहरे पर पहले से भी ज़्यादा हैरानी के भाव आ गये. निशा भाभी ने धीरे से मेरे कान मे कहा.

निशा भाभी बोली “तुम्हारी ये भोली भाली सी गुड़िया दिखने वाली दीदी तो, एक आफ़त की पूडिया है. पता नही, अब ये किस किस की बॅंड बजाने वाली है.”

निशा भाभी की बात सुनकर, मेरी हँसी छूट गयी और मैने मुस्कुराते हुए, धीरे से कहा.

मैं बोला “आगे का तो पता नही, लेकिन अभी तो बस एक की ही बॅंड बजने के आसार दिख रहे है.”

ये कहते हुए मैने मेहुल की तरफ इशारा कर दिया. वो बड़ी हसरत भरी नज़र से डाइनिंग टेबल पर सजे खाने को निहार रहा था. उसे देख कर, निशा भाभी की भी हँसी छूट गयी.

हम दोनो को हंसते देख कर, बरखा दीदी निशा भाभी से इसकी वजह पुछ्ने लगी और निशा भाभी उन्हे इसकी वजह बताने लगी. तभी प्रीतम मीठा लेकर आ गया. लेकिन वो कुछ घबराया हुआ सा लग रहा था. वाणी दीदी ने उसे घबराया हुआ सा देखा तो, उस से कहा.

वाणी दीदी बोली “मिस्टर. प्रीतम, आप ठीक तो है ना. आपके चेहरे के 12 क्यो बजे हुए है.”

वाणी दीदी की बात सुनकर, प्रीतम ने अपने आस पास के सभी लोगों पर नज़र डाली और फिर अपने घबराहट की वजह बताते हुए कहा.

प्रीतम बोला “मेडम, अभी कुछ देर पहले गौरंगा के दो आदमियों ने पोलीस कमिशनर साहब पर हमला कर दिया है. जिस वजह से कमिशनर ऑफीस मे अफ़रा तफ़री का महॉल बना हुआ है.”

प्रीतम की बात सुनकर, वाणी दीदी ने मुस्कुराते हुए कहा.

वाणी दीदी बोली “अरे तो इसमे इतना घबराने की ज़रूरत क्या है. बड़े बड़े केसस मे हाथ डालने पर, ऐसी छोटी मोटी वारदात तो होती ही रहती है. आप इस सब की फिकर मत कीजिए और आराम से बैठ कर खाना खाइए.”

“आपका खाना ख़तम होने के पहले ही, मेरी टीम के लड़के, उन दोनो को पकड़ कर, पोलीस कमिशनर के हवाले कर देगे. लेकिन सुना है कि, लाशें कभी कुछ बोला नही करती है.”

ये कह कर, हंसते हुए, वाणी दीदी ने खाना सुरू कर दिया. उन्हे खाना खाते देख, हम सबने भी खाना खाना सुरू कर दिया. मगर सभी किसी ना किसी गहरी सोच मे खोए हुए से लग रहे थे.
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RE: MmsBee कोई तो रोक लो - by desiaks - 09-11-2020, 11:57 AM
(कोई तो रोक लो) - by Kprkpr - 07-28-2023, 09:14 AM

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