MmsBee कोई तो रोक लो
09-11-2020, 12:09 PM,
RE: MmsBee कोई तो रोक लो
219
हम ने कॅंटीन मे उपर कॉफी ले जाने का जताया और फिर अपनी अपनी कॉफी लेकर हम बाहर समुंदर के किनारे आकर बैठ गये. मैने कॉफी का एक घूट ही पिया था कि, कीर्ति ने मेरी कॉफी ले ली और अपनी कॉफी मुझे पकड़ा दी.

मैं हैरानी से उसकी इस हरकत को देखने लगा. लेकिन उसने मेरी तरफ ध्यान नही दिया और मेरी झूठी कॉफी की चुस्की लेते हुए कहा.

कीर्ति बोली “तुम पहले भी ऐसे ही रात को समुंदर के किनारे बैठ कर कॉफी पिया करते थे ना.”

उसकी इस बात को सुनकर, मेरे चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी और मैने मुस्कुराते हुए कहा.

मैं बोला “हां, तू ठीक कह रही है. लेकिन मैं समुंदर किनारे बैठ कर सिर्फ़ कॉफी नही पिया करता था, बल्कि कॉफी पीते पीते तुझे याद भी किया करता था.”

मेरी बात सुनते ही कीर्ति ने तुनक्ते हुए कहा.

कीर्ति बोली “बड़े आए मुझे याद करने वाले, ज़रा ज़रा सी बात पर मूह फूला लेते हो और कहते हो कि मुझे याद करते थे. जब से आए हो, तब से मुझे कितना सता रहे हो. क्या याद करने वालो के साथ कोई ऐसा करता है.”

कीर्ति की बात सुनकर, मैने एक नज़र उसकी तरफ देखा और फिर कॉफी की चुस्की लेते हुए कहा.

मैं बोला “तू हर बात मे मुझे ही दोषी बना देती है. तू अपनी ग़लती क्यो नही देखती. क्या तूने जो किया वो सही था.”

अपनी बात बोल कर मैं फिर से कीर्ति की तरफ देखने लगा. मगर वो अपनी ग़लती कब मानती थी. जो अभी अपनी ग़लती मान लेती. उसने फ़ौरन ही मेरी बात को काटते हुए कहा.

कीर्ति बोली “मैने कुछ ग़लत नही किया. मैं तुम्हारे साथ यहाँ आ नही सकती थी और तुम्हारे बिना वहाँ रह भी नही सकती थी. ऐसे मे मुझे तुम्हारे साथ रहने का बस एक ही रास्ता समझ मे आया और वो रास्ता मोबाइल था.”

“बस इसी वजह से मैने अपना ब्रेस्लेट बेच कर वो दोनो मोबाइल खरीदे थे. उन मोबाइल की बदौलत, हम हमेशा एक दूसरे के साथ बने रहे. इसके बाद भी यदि तुम्हे मेरा ऐसा करना ग़लत लग रहा है तो, मैं क्या कर सकती हूँ.”

कीर्ति की ये बात सुनकर, मैने इसका विरोध करते हुए कहा.

मैं बोला “मुझे तेरा मोबाइल लेना नही, बल्कि ब्रेस्लेट बेचना बुरा लगा है. तुझे यदि मोबाइल के लिए पैसे ही चाहिए थे तो, तू मुझसे भी बोल सकती थी. उसके लिए तुझे ब्रेस्लेट बेचने की ज़रूरत नही थी.”

कीर्ति बोली “अरे तुम ये कैसी बात कर रहे हो. क्या किसी के जनमदिन का गिफ्ट उसी से पैसे लेकर दिया जाता है. वो तुम्हारे जनमदिन का गिफ्ट था. उसके लिए मैं तुमसे पैसे कैसे ले सकती थी.”

मैं बोला “मैं नही, तू आज बहकी बहकी बातें कर रही है. तू तो हमेशा मेरी हर चीज़ पर अपना हक़ जताती आई है और अब जब मैं तुझे अपनी हर चीज़ पर हक़ दे चुका हूँ तो, तू मेरा तुम्हारा कर रही है.”

“तू नही जानती, तेरी इस हरकत से मुझे कितनी तकलीफ़ पहुचि है. मेरे लिए तो तेरे हाथ का एक धागा भी बहुत कीमती है, फिर ये तो तेरा ब्रेस्लेट था. मई भला इसका बेचका जाना कैसे सह सकता था.”

मेरी इस बात ने कीर्ति के उपर असर किया और उसने फ़ौरन ही अपनी ग़लती मानते हुए कहा.

कीर्ति बोली “सॉरी बाबा, मुझसे बहुत बड़ी ग़लती हुई, मैं ऐसा दोबारा फिर कभी नही करूगी. मैं ये तो जानती थी कि, तुम मुझे बहुत प्यार करते हो. लेकिन ये नही जानती थी कि, तुम्हे मेरी हर छोटी बड़ी चीज़ से प्यार है.”

“मैने अनजाने मे तुमको बहुत तकलीफ़ पहुचाई है. इसके लिए मैं अपने दोनो कान पकड़ कर तुमसे सॉरी कहती हूँ.”

ये कहते हुए कीर्ति ने अपने दोनो कान पकड़ लिए और सॉरी सॉरी की रट लगा ली. उसकी इस हरकत पर मुझे हँसी आ गयी और मैने उसे डाँटते हुए कहा.

मैं बोला “चल अपना ये सॉरी का नाटक बंद कर, मैं अब तुझसे नाराज़ नही हूँ.”

कीर्ति ने मुझे अच्छे मूड मे देखा तो, उसने इसी बात को कुरेदते हुए कहा.

कीर्ति बोली “अछा तुम मुझसे नाराज़ नही हो तो, फिर ये बताओ कि, तुमको ये ब्रेस्लेट कहाँ से मिला. मैने तो इसके बारे मे किसी को कुछ बताया ही नही था.”

कीर्ति की ये बात सुनकर, मैं थोड़ा सोच मे पड़ गया. क्योकि उसका मूड अच्छा था और बाजी का नाम लेने से उसका मूड खराब हो सकता था. इसलिए मैने बात को टालते हुए कहा.

मैं बोला “मुझे ब्रेस्लेट कहाँ से और कैसे मिला है. तू ये सब जान कर क्या करेगी. तू आम खा, गुठली क्यो गिनती है.”

मैं कीर्ति को टालने की कोसिस करता रहा. लेकिन वो भी इस बात को जानने की ज़िद पकड़ कर बैठी रही. आख़िर मे मुझे उसकी ज़िद के सामने हार मानना पड़ी और मैने उसे ब्रेस्लेट के बारे मे बताते हुए कहा.

मैं बोला “देख, तू ज़िद कर रही है तो, मैं तुझे ब्रेस्लेट के बारे मे बता देता हूँ. लेकिन तू वादा कर कि, तू इस बात को जानने के बाद अपना मूड खराब नही करेगी.”

कीर्ति बोली “मैं वादा करती हूँ कि, इस बात को जानने के बाद, मैं अपना मूड खराब नही करूगी.”

मैं बोला “तो सुन, ये ब्रेस्लेट मुझे शीन बाजी ने दिया. जिस दुकान मे तू ये ब्रेस्लेट बेचने गयी थी. उस दुकान मे बाजी भी थी. उन्हो ने तुझे ब्रेस्लेट बेचते देख लिया था और तेरे जाने के बाद, उन्हो ने उस सुनार से ये ब्रेस्लेट खरीद लिया.”

मेरी बात अभी पूरी भी नही हो पाई थी कि, कीर्ति ने मेरी बात को बीच मे ही काटते हुए कहा.

कीर्ति बोली “अच्छा तो ये आग शीन बाजी की लगाई हुई है. आख़िर उन्हे तुम्हारे सामने मुझको नीचा दिखाने का मौका मिल ही गया.”

कीर्ति की ये बात सुनते ही, मैने अपना सर पीटते हुए कहा.

मैं बोला “हे भगवान, मैं इस लड़की का क्या करूँ. इसे तो हर बात मे बाजी की बुराई ही नज़र आती है.”

लेकिन अब कीर्ति का मूड खराब हो चुका था. उसने मेरे उपर भड़कते हुए कहा.

कीर्ति बोली “पता नही बाजी ने तुम्हारे उपर कौन सा काला जादू किया है कि, तुम्हे किसी बात मे उनकी कोई बुराई नज़र नही आती है. लेकिन सच यही है कि, उन्हो ने ये सब जान बुझ कर और सिर्फ़ मुझे नीचा दिखाने के लिए किया है.”

“यदि ऐसा नही होता तो, जब मैं उनके घर गयी थी, तब ही वो ये ब्रेस्लेट मुझे वापस कर सकती थी. मगर ऐसा करने से उनके हाथ से मुझे नीचा दिखाने का मौका निकल जाता.”

“इसलिए वो तुम्हारे मुंबई से वापस आने का इंतेजर करती रही और तुम्हारे आते ही मेरे खिलाफ सारा जहर तुम्हारे सामने उगल दिया. वो तुमको बेवकूफ़ बना सकती है, मुझे नही. मैं उनकी इस चाल को अच्छी तरह से समझती हूँ.”

कीर्ति को इस समय जो भी समझ मे आ रहा था, वो बाजी के खिलाफ बोलती जा रही थी. उसका गुस्सा बढ़ते देख मैने फ़ौरन उसको उसका वादा याद दिलाते हुए कहा.

मैं बोला “देख, तू अपने किए वादे से मुकर रही है. तूने अभी अभी मुझसे वादा किया था कि, तू इस बात को जानने के बाद अपना मूड खराब नही करेगी.”

मेरी बात सुनकर, कीर्ति शांत पड़ गयी. मगर उसके तेवर अभी भी नही बदले थे. उसने अभी भी मुझसे बाजी की शिकायत करते हुए कहा.

कीर्ति बोली “आख़िर तुम्हारी बाजी को मुझसे क्या परेशानी है, जो वो मेरे खिलाफ हमेशा जहर ही उगलती रहती है.”

कीर्ति को शांत पड़ते देख, मैने इस बात को सॉफ करते हुए कहा.

मैं बोला “तूने मेरी बात को पूरा सुना ही नही, वरना तुझे ऐसा नही लगता. उन्हो ने तेरे खिलाफ कोई जहर नही उगला. यदि उन्हे ऐसा करना ही होता तो, जब वो हमारे घर आई थी, तभी छोटी माँ के सामने तुझे ये ब्रेस्लेट वापस कर सकती थी.”

“लेकिन वो समझ गयी थी कि, तूने घर वालों की चोरी से ये ब्रेस्लेट बेचा है. इसलिए उन्हो ने ऐसा नही किया. उन्हो ने ये ब्रेस्लेट मुझे इसलिए दिया, ताकि तू ऐसी ग़लती दोबारा ना करे.”

इतना कह कर मैं चुप हो गया. मगर कीर्ति समझदार होने के साथ साथ बहुत जिद्दी भी थी. वो किसी बात को आसानी से नही मानती थी. यहाँ पर भी उसने वही किया और मेरी बात को काटते हुए कहा.

कीर्ति बोली “तुम्हारी अकल पर तो बाजी नाम का परदा पड़ा हुआ है. किसी भी बात मे तुम्हे उनकी बुराई नज़र आ ही नही सकती. लेकिन मैं जानती हूँ कि, उन्हो ने ये सब मेरे खिलाफ आग लगाने के लिए ही किया है.”

कीर्ति को मेरी बात ना मानते देख, मैने एक आख़िरी कोसिस करते हुए कहा.

मैं बोला “आग लगाने वाले, उस आग मे खुद अपने हाथ नही जलाते. तू नही जानती कि, तेरा ये ब्रेस्लेट बचाने के लिए बाजी को अपने कान के झुमके तक गिरवी रखना पड़े है. अब यदि इसके बाद भी तुझे बाजी ही ग़लत लगती है तो, मैं कुछ नही कर सकता.”

मेरी इस बात ने कीर्ति पर असर किया और उसने अपनी आवाज़ को थोड़ा नरम करते हुए कहा.

कीर्ति बोली “उनको अपने झुमके गिरवी रखने की क्या ज़रूरत थी. मैने तो उनको ऐसा करने को नही कहा था.”

मैं बोला “हां मेरी माँ, तूने कुछ नही बोला था. मैने ही बाजी को बोला था कि, कीर्ति को ब्रेस्लेट का बहुत शौक है और उसके पास एक सोने का ब्रेस्लेट भी है. इसी वजह से उन्हो ने तेरा वो ब्रेस्लेट नही जाने दिया.”

“इस सब मे जो भी ग़लती है, सिर्फ़ मेरी और बाजी की ही है. तेरी कहीं कोई ग़लती नही है. अब यदि तेरे दिल को सुकून पड़ गया हो तो, अब हम लोग उपर चले.”

मेरी बात सुनकर, कीर्ति के चेहरे पर मुस्कुराहट आ गयी और फिर हम दोनो उठ कर उपर प्रिया के पास आ गये. निक्की अभी भी बैठी हुई थी और बाकी सब सो रहे थे. कीर्ति जाकर निक्की के पास बैठ गयी.

मैने निक्की से एक दो बातें की और प्रिया की तरफ देखते हुए निक्की से कहा.

मैं बोला “मैं दूसरे कमरे मे जा रहा हूँ. यदि प्रिया की नींद खुल जाए तो मुझे बुला लेना.”

मेरी इस बात के जबाब मे निक्की ने हां मे सर हिलाया और फिर मैं बाहर जाने के लिए मूड गया. लेकिन अभी मैने एक दो कदम ही आगे बढ़ाए थे कि तभी मुझे प्रिया की आवाज़ सुनाई दी.

प्रिया की आवाज़
“आना मेरी कब्र पर, रहना परे परे.
आहट से जाग जाते है, दिलबर मरे मरे.”
Reply


Messages In This Thread
RE: MmsBee कोई तो रोक लो - by desiaks - 09-11-2020, 12:09 PM
(कोई तो रोक लो) - by Kprkpr - 07-28-2023, 09:14 AM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,409,854 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 534,224 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,195,383 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 903,536 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,603,362 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,037,409 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,879,382 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 13,815,786 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 3,940,997 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 276,530 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 7 Guest(s)