RE: DesiMasalaBoard साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन
जैसे ही सुनीता ने देखा की उसके पति एक बार फिर तैयार हो गए हैं, तो वह धीरे से खिसक कर पलंग पर लेट गयी और अपने पति को उपर चढ़ ने के लिए इशारा किया। सुनील अपना लंबा फैला हुआ लौड़ा लेकर खड़ा हुआ। उसने अपनी खूबसूरत पत्नी को ऐसे नंगा लेटे हुए देखा तो वह देखता ही रह गया। शादी के इतने सालों के बाद भी सुनीता के पुरे बदन पर कही भी चरबी का नामो निशान नहीं था। उसकी कमर वैसी ही थी जैसी उनकी शादी के समय थी। उसके पेट का निचे का हिस्सा थोड़ा सा उभरा हुआ जरूर था। पर वह तो हर स्त्री को होता ही है। सुनीता की चूत साफ़ की हुई दोनों जाँघों के बिच ऐसी छुपी हुई थी जैसे अपने पति का लण्ड देख कर शर्मा रही हो।
सुनील ने झुक कर अपनी बीबी की गीली चूत पर अपना लण्ड कुछ पल रगड़ा। इससे वह स्निग्ध हो गया। अब उस लण्ड को चूत के प्रवेशद्वार में घुसनेमें कोई दिक्कत नहीं होगी। सुनील ने सुनीता के दोनों स्तनों को अपने हाथों में पकड़ा और उन्हें दबा कर प्यार से मसलने लगा। अपनी पत्नी की फूली निप्पलों को उँगलियों में ऐसे दबाने लगा जैसे उनमें दूध भरा हो और उनमें से दूध की पिचकारी की धार फुट निकलने वाली हो। दूसरे हाथ से वह अपनी बीबी के कूल्हों को अपनी उँगलियों से दबा रहा था।
एक हल्का सा धक्का लगा कर सुनील ने अपना लण्ड अपनी बीबी की चूत में धकेल दिया। अपने पति का जाना पहचाना लण्ड पाकर भी सुनीता उस रात मचल उठी। अपनी चूत में ऐसी गजब की फड़कन सुनीता ने पहले कभी नहीं महसूस की थी। आज अपने पति के लण्ड में ऐसा क्या था? सुनीता यह समझ नहीं पा रही थी। अचानक उसे ख्याल आया की सारी बात तो कर्नल साहब की शरारत और चोदने की बात से ही शुरू हुई थी। कहीं ऐसा तो नहीं की सुनीता के अपने मन में ही खोट हो? सुनीता खुद भी ना सोचते हुए भी खुद कर्नल साहब से चुदवाने के सपने देख रही हो?
यह सोच कर सुनीता सिहर उठी। उसका रोम रोम काँप उठा। सुनीता के रोंगटे खड़े हो गए। अपने शरीर में हो रहे रोमांच से सुनीता को एक अद्भुत आनंद की अनुभूति हुई तो दूसरी और वह यह सोचने लगी की उसको यह क्या हो रहा था? काफी अरसे से सेक्स के बारेमें वह पहले तो कभी इतनी उत्तेजित नहीं हुई थी।. सुनीता अपने मनमें अपने ही विचारों से डर गयी। जरूर कहीं ना कहीं उसके मन में चोर था। वह चाहती थी की कर्नल साहब उसके बदन को छुएं, सहलाएं, उसकी संवेदनशील इन्द्रियों को स्पर्श करें और उसे उत्तेजित करें।
अचानक अपने विचारों में ऐसा धरमूल परिवर्तन अनुभव कर सुनीता अपने आप से ही डर गयी। उसे चाहिए था की अपनी यह सोच को काबू में रखे। कहीं यह वासना की आग उनके दाम्पत्य जीवन को झुलस ना दे। खैर, उस समय तो उसे अपने प्यारे पति को वह आनंद देना था जो वह कई महीनों से या शायद बरसों से दे नहीं पायी थी।
बार बार कोशिश करने पर भी सुनीता जस्सूजी को अपने मन से दूर नहीं कर पायी। सुनीता के लिए यह बड़ी उलझन थी। एक तरफ वह अपने पति को उस रात सम्भोग का सुख देना चाहती थी और दूसरी और वह किसी और से ही सम्भोग के बारे में सोच रही थी। खैर मन और शरीर का भी अजीब सम्बन्ध है। मन उत्तेजित होता है तो अंग अंग में भी उत्तेजना फ़ैल जाती है। जब सुनीता बार बार कोशिश करने पर भी अपने जहन से जस्सूजी के बारे में सोचना बंद ना कर पायी तो फिर उसने सोचा, यही उत्तेजना से अपने पति को क्यों ना खुश करे, चाहे वह भाव जस्सूजी के लिए ही क्यों ना हो? यह सोच कर सुनीता ने अपनी गाँड़ को ऊपर उठाकर अपने पति को अपना लण्ड चूत में घुसाने के लिए प्रेरित किया।
सुनील ने एक हलके धक्के के साथ अपना पूरा लण्ड अपनी बीबी सुनीता की टाइट चूत में घुसेड़ दिया। सुनीता के दिमाग में उस रात गजब का उन्माद सवार था। सुनीता के बदन में उस रात खूब चुदाई करवाने की एक गजब की उत्कंठा थी। सुनीता का पूरा बदन वासना से जल रहा था। जैसे जैसे सुनील ने अपना लण्ड अपनी पत्नी की चूत में पेलना शुरू किया वैसे वैसे ही सुनीता की वासना की आग बढ़ती ही गयी। जैसे ही उसका पति अपना लण्ड सुनीता की चूत में घुसेड़ता ऐसे ही अपना पेडू और गाँड़ ऊपर उठाकर अपने पति के लण्ड को और गहराईयों तक पहुंचाने के लिए सुनीता अपने बदन से ऊपर धक्का दे रही थी। दोनों ही पति पत्नी अपनी चुदाई की क्रिया में इतने मशगूल थे की उन्हें आसपास की कोई भी सुध ही नहीं थी।
काफी रात जा चुकी थी। कॉलोनी में चारों तरफ सन्नाटा था। उसमें सुनील और सुनीता, पति पत्नी की चुदाई की "फच्च फच्च" आवाज और उच्च ध्वनि पूर्ण कराहटों से ना सिर्फ सुनील का बैडरूम गूँज रहा था, बल्कि उनके बैडरूमकी खुली खिड़कियों से बाहर निकल कर सामने कर्नल साहब के बैडरूम में भी उसकी गूँज सुनाई दे रही थी।
कर्नल साहब की पत्नी ज्योति ने जब सुनील और सुनीता के बैडरूम से कराहट की आवाज सुनी तो अपने पति को कोहनी मार कर उठाया और बोली, "सुन रहे हो? तुम्हारी प्यारी शिष्या अपने पति से चुदाई के कुछ पाठ पढ़ रही है। आप उसे गणित पढ़ाते हो और आपका दोस्त अपनी बीबी को चुदाई के पाठ पढ़ाता है। यह ठीक भी है। ऐसा मत करना की कहीं यह किस्सा उलटा ना हो जाए। मैं जानती हूँ की आप गणित के अलावा कई और विषयों में भी निष्णात हो। पर आप उसे गणित के अलावा कोई और पाठ मत पढ़ाना।"
गहरी नींद में सो रहे कर्नल साहब ने करवट ली और बोले, "सो जाओ, डार्लिंग। तुम सुनील क्या पाठ पढ़ा सकता है उसके बारे में ज्यादा मत सोचो। कहीं तुम्हारा मन वह पाठ पढ़ने के लिए तो नहीं मचल रहा?"
उस रात सुनील और उसकी पत्नी सुनीता में बड़ी घमासान चुदाई हुई। बड़ी कोशिश करने पर भी उस रात शायद सुनीता को वह पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पाया ऐसा सुनील को महसूस हुआ। हालांकि उसकी पत्नी ने सुनील को उस रात ऐसा प्यार का तोहफा दिया था जिसके लिए महींनों सो सुनील तड़प रहा था।
|