RE: DesiMasalaBoard साहस रोमांच और उत्तेजना के वो दिन
उस रात सुनील और उसकी पत्नी सुनीता में बड़ी घमासान चुदाई हुई। बड़ी कोशिश करने पर भी उस रात शायद सुनीता को वह पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पाया ऐसा सुनील को महसूस हुआ। हालांकि उसकी पत्नी ने सुनील को उस रात ऐसा प्यार का तोहफा दिया था जिसके लिए महींनों सो सुनील तड़प रहा था।
सुनीता की पढ़ाई जोरो शोरों से चल रही थी। कर्नल साहब भी रात रात भर खुद पढ़ाई करते और दूसरे दिन आकर सुनील की पत्नी सुनीता को पढ़ाते। वक्त कहाँ जा रहा था पता ही नहीं चला। देखते ही देखते परीक्षा का समय आ गया।
परीक्षा तीन दिन के बाद होने वाली थी की अचानक खबर आयी की परीक्षा का पेपर लिक हो गया और परीक्षा कुछ दिनों के लिए पीछे धकेल दी गयी। इतनी महेनत करने के बाद जब ऐसा हुआ तो सुनील की पत्नी सुनीता एकदम निराश हो गयी। वह थक चुकी थी। उसे थोड़ा तनाव मुक्त समय चाहिए था। उधर कर्नल साहब भी बड़े दुखी थे। उन्हें लगा की जैसे सारी मेहनत पर पानी फिर गया।
सुनील की पत्नी सुनीता ने एक दिन तंग आकर सुनील से कहा, "अब यह सस्पेंस जान लेवा हो रहा है। लगता है कुछ देर ही सही, हमें इस झंझट से हटकर हमारा दिमाग कहीं ऐसी प्रक्रिया में लगाना चाहिए जिससे हमारा ध्यान परीक्षा और परिणाम से हट जाए। कई बार तो मेरा मन करता है की मैं शराब पीकर ही थोड़ी देर टुन्न हो जाऊं और वर्तमान भूल जाऊं।"
सुनील की पत्नी सुनीता शराब नहीं पीती थी। जब उसने यह कह दिया तो सुनील समझ गए की वह कितनी थक गयी है और उसे कुछ मनोरंजन या कुछ क्रीड़ा की आवश्यकता है जिससे उसका मन कुछ देर के लिए ही सही पर यह तनाव और दबाव से हट जाए।
सुनील ने सोचा क्यों ना वह अपनी पत्नी सुनीता को कहीं बाहर घुमाने के लिए ले जाए? पर वह असंभव था। सुनील को भी बहुत काम था और सुनीता की परीक्षा का दिन कभी भी आ सकता था। तो फिर वह कैसे सुनीता का मन बहलाये? फिर सुनील ने मन में आया की सुनीता को कोई चुदाई की ब्लू फिल्म दिखानी चाहिए। पर सुनील जानता था की सुनीता को ब्लू फिल्म में कोई दिलचश्पी नहीं थी। वह कहती थी, "अरे इसमें क्या है? यह तो स्त्रियाँ पैसे कमाने के लिए करती हैं। और फिर ऐसा तो हम हर रोज करते ही हैं।"
तो वह क्या करे? तब फिर अचानक उसे कर्नल साहब की याद आयी।
सुनील ने कर्नल साहब को फ़ोन कर सुनीता के मन की उलझन बतायी। कर्नल साहब ने हंसकर कहा, "सुनीता की बात एकदम सही है। मैं खुद भी थक चुका हूँ। मैं खुद भी सोचता हूँ की कहीं कुछ ऐसा करूँ की उस में ही उलझ जाऊं और यह गणित, परीक्षा और तनाव से दूर हो जाऊं। सुनील मेरी बात मानो तो मेरे पास एक ऐसा इलाज है की हम सब थोड़ी देर के लिए यह सब भूल जाएंगे।"
सुनील ने पूछा, "क्या बात है?'
कर्नल साहब ने कहा, "एक फॉरेन फिल्म फेस्टिवल चल रहा है। उसमें एक अनसेंसर्ड फिल्म "पति पत्नी और पडोसी" काफी चर्चे में है। पिक्चर एकदम इमोशनल है पर उसमें काफी धमाकेदार सेक्स के सीन हैं। मैं चाहता हूँ की तुम दोनों और हम दोनों एक साथ यह पिक्चर देखें। पर पता नहीं सुनीता तैयार होगी क्या?"
सुनील ने कहा, "मैं सुनीता से बात करता हूँ। आप ज्योति से बात करो।"
कर्नल साहब ने कहा, "मुझे ज्योति से बात करने की जरुरत नहीं है, क्यूंकि यह पिक्चर की बात ज्योति ने ही मुझे कही थी। उसकी एक सहेली यह पिक्चर देख कर आयी थी और उसे ही ज्योति ने कहा था। ज्योति को इस पिक्चर के बारेमें सब पता है।"
सुनील ने कहा, "ठीक है मैं सुनीता से बात करता हूँ। पता नहीं पर अगर मैं कहूंगा की आपने कहा है तो शायद वह मान जाए।"
जब सुनील ने अपनी पत्नी सुनीता से इस के बारेमें कुछ ऐसे बताया। सुनील ने कहा, "डार्लिंग तुम कहती थी ना की तुम कुछ देर के लिए ही सही, कुछ एकदम धमाकेदार और उत्तेजना भरा कुछ अनुभव करना चाहती हो?"
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