RE: MmsBee रंगीली बहनों की चुदाई का मज़ा
कुछ देर बाद जब मैंने सोनाली की बुर में से उंगली को निकाला.. तो झट से दीदी मेरी उंगली को अपने मुँह में ले कर चूसने लगीं। फिर उन्होंने सोनाली की चूत को भी एक बार चाट लिया।
कुछ देर चूत चाटने के बाद मैंने भी अपनी टी-शर्ट को उतार दिया.. तो दोनों एक साथ मेरी तरफ़ बढ़ीं और मुझे चूमने-चाटने लगीं।
कुछ देर यूँ ही मस्ती करने के बाद मैं उन दोनों के बीच में लेट गया और दोनों मेरे बदन पर चुम्बन करने लगीं। चुम्बन करते-करते दोनों मेरे ही एक-एक निप्पल पर अपनी जीभ फेरते हुए उसे चुभलाने लगीं और उसको चाटने लगीं।
कुछ देर बाद दोनों साथ ही मेरे लौड़े को अंडरवियर के ऊपर से ही चूमने लगे और कुछ देर ऐसा करने के बाद दोनों ने आपस में कुछ इशारा किया और एक साथ में ही मेरा अंडरवियर नीचे कर दिया.. तो मैंने हँसते हुए अपने पैर उठा दिए.. जिससे अंडरवियर को पूरा बाहर कर दिया गया।
अब हम तीनों पूरी तरह से नंगे हो चुके थे। वे दोनों साथ में मेरे लंड को चाटने लगीं।
तभी सोनाली ने लंड को मुँह में ले लिया और दीदी नीचे गोटियाँ चाटने लगीं।
मैं लौड़ा चुसवाता हुआ उन दोनों के चूतड़ों को सहला रहा था और दोनों मिल कर मेरे लंड के साथ खेल रही थीं।
कुछ देर दीदी चूसतीं.. तो कुछ देर सोनाली..
कुछ देर बाद मैंने दीदी को अपने पास खींच लिया और उसके साथ चूमा चाटी करने लगा। उधर सोनाली अब भी मेरा लंड चूस रही थी। कुछ देर ऐसा चलता रहा..
फिर हम तीनों खड़े हुए।
सोनाली ने दीदी को बेड के एक किनारे पर इस तरह बैठा दिया कि दीदी की चूत एकदम सामने को हो गई.. तो मैं अपने खड़े लंड को दीदी की चूत पर घुमाने लगा और एक झटका मारा.. लंड अन्दर घुसता चला गया.. और उसके मुँह से ज़ोर से चीख निकल पड़ी- आआ.. आआहह.. उ..ह..! तो सोनाली दीदी की चूत के पास हाथ फेरने लगी और मैं झटके मारने लगा।
जब दीदी थोड़ा संयत हो गई.. तो मैं ज़ोर-ज़ोर से झटके मारने लगा।
फिर मैंने लंड बाहर निकाल लिया.. तो सोनाली मेरा लंड चूसने लगी, दीदी की चूत का सारा रस चाट गई। कुछ देर लौड़ा चूस कर उसने दीदी की चूत पर लगा दिया।
फिर मेरे बमपिलाट झटके शुरु हो गए और दीदी के मुँह से फिर से ‘आआ.. आआअहह.. उऊहह..’ निकलने लगा।
तो सोनाली ने दीदी के मुँह के पास अपनी चूत कर दी और दीदी में मुँह को दोनों टाँगों के बीच फंसा लिया।
मैं लगातार झटके मार रहा था और सामने से सोनाली की चूचियों को चूस रहा था। कुछ देर बाद फिर दीदी को उल्टा किया और झूले पर पेट के बल टांग दिया.. और पीछे से उसकी गाण्ड मारने लगा… कुछ देर झटके मारने के बाद फिर से दोनों लंड चूसने लगीं।
कुछ देर बाद मैं लेट गया और मेरे लंड के पास दोनों एक-दूसरे के गाण्ड से गाण्ड सटा कर बैठ गई.. और बारी-बारी से चुदने लगी।
पहले दीदी चुदीं.. फिर दीदी हटीं.. तो सोनाली चुदने लगीं.. तब तक मैं दीदी के चूतड़ों को मसलने लगा।
फिर जब दीदी चुदने लगीं.. तो सोनाली भी दीदी की गाण्ड में अपनी गाण्ड टकराने लगी.. जब दोनों के चूतड़ों टकराते थे.. तो मुझे बहुत अच्छा लगता था।
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