RE: RajSharma Stories आई लव यू
"हम दोनों के पास एक-दूसरे के नंबर हैं; जब भी मन करेगा मिल सकते हैं...वैसे भी मैं तो मयूर विहार में ही रहता है, तो मिलते रहेंगे।"- मैंने कहा।
“या कूल...तो फिर हम जल्दी मिलते हैं।"- डॉली ने कहा।
"हाँ जरूर...और क्या करोगे घर पर आज?"- मैंने पूछा।
"बस खूब सोना है आज।"- उसने मुस्कुराते हुए जवाब दिया।
"बहुत बढ़िया...मौज है आपकी।"- मैंने कहा। कैब मयूर विहार के बाहर पहुंच चुकी थी।
“राज, आगे वाला कट मेरे घर के लिए जाता है।"- डॉली ने एक सड़क की तरफ इशारा करते हुए कहा।
“अच्छा; भैय्या गाड़ी अंदरले लेना।"- मने ड्राइवर से कहा।
“राज तुम मुझे कॉर्नर पर ही ड्रॉप कर दो, ऑफिस के लिए देर होगी तुम्हें।" डॉली ने कहा। ___
“अरे कोई बात नहीं, छोड़ देते हैं...वैसे अगल्ने कट के अंदर मैं रहता हूँ, पार्क के सामने।"- मैंने कहा। _
“अच्छा ...इस कट से घूमकर भी उसी पार्क के सामने पहुंचते हैं; तब तो तुम्हारा और मेरा घर पास ही है।'- डॉली ने कहा।
ड्राइवर ने गाड़ी मयूर विहार फेज-1 की तरफ घुमा दी। डॉली अपना सामान समेटने लगी थी।
"ओके राज..ये मेरी अब तक की सबसे यादगार दिप थी; तुम्हारे साथ बिताया हर पल बहुत खास है मेरे लिए फिर मिलेंगे और मिलते रहेंगे।"- डॉली ने कहा। ___
“मैंने भी तुम्हारे साथ खूब एनज्वॉय किया; सच में एक अच्छा दोस्त मुझे मिला है...जल्दी मिलेंगे।"- मैंने कहा।
कैब डॉली के घर के बाहर रुक चुकी थी।
"राज यहीं रहती हूँ मैं; आओगे नहीं अंदर।" डॉली ने उतरते हुए कहा।
"डॉली अभी नहीं...फिर कभी जरूर आऊँगा; अभी ऑफिस में शीतल बेसब्री से इंतजार कर रही हैं।"- मैंने कहा।
"आऊँगा क्या...आना पड़ेगा; अब दोस्त हैं हम दोनों।"- डॉली ने कहा।
"ओके...चलो फिर बॉय...टेक केयर।"- मैंने कहा।
"ओके.यू टेक केयर।"- डॉली ने हाथ हिलाते हुए कहा।।
कैब ऑफिस के रास्ते पर बढ़ चुकी थी। डॉली तब तक कैब को देखकर हाथ हिलाती रही, जब तक कार मुड़ नहीं गई। इधर डॉली मुझे जाते हुए देख रही थी, तो उधर शीतल ऑफिस में बेसब्री से मेरा इंतजार कर रही थीं। आनंद विहार से लेकर अब तक के रास्ते में शीतल छह बार फोन कर चुकी थीं। हर बार बस एक ही सवाल होता था, "कहाँ तक पहुँचे?...कब आओगे?"
इस सवाल के जवाब में मैं ड्राइवर से बस इतना ही कहता, "भैय्या थोड़ा तेज चलाइए।"
अभी ग्यारह ही बजे थे। मौसम अचानक से खराब हो गया था। आसमान में घने बादल छा गए थे और तेज हवाएं चलने लगी थीं। कैब ऑफिस के बाहर रुक चुकी थी। ड्राइवर को पेमेंट करके में ऑफिस में दाखिल हो ही रहा था कि शीतल का फिर फोन आ गया।
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