RE: RajSharma Stories आई लव यू
"हम्म..बहुत अच्छी खुशबू है।"- डॉली के कहने पर मैंने भी ट्राइ किया। कॉफी का एक-एक सिप लेते हुए मैं डॉली को शीतल के बारे में बता रहा था। जानती हो डॉली अभी तो शीतल पूरी तरह मेरी जिंदगी में आई भी नहीं हैं, फिर भी ढेर सारी खुशियाँ लेकर आई हैं। अब मैं बहुत खुश रहता है। वो आएँगी भी या नहीं, पता नहीं; पर उनका मेरी जिंदगी में आना एक शगुन की तरह है। बिखरे हुए घर के बर्तन सँवरने लगे हैं, मुरझाए फूल महकने लगे हैं; चाँद की चाँदनी अब चिढ़ाने की बजाय प्यार करने लगी है।
वो लहरें, जो कभी सुकून देती थीं मेरे दिल को, आज मुस्कराने लगी हैं। एक वक्त था जब मैं प्यार से डरता था... लोगों को धोखा खाते देखकर बहुत बुरा लगता था। लेकिन बो शीतल ही हैं जिन्होंने प्यार करना सिखाया मुझे। जब वो खिलखिलाकर हँसती हैं और कहती हैं कि आप हमेशा हमारे दिल में रहेंगे, तो लगता है जैसे सब-कुछ मिल गया है मुझे, अब और कुछ नहीं चाहिए। वो जितनी खूबसूरत हैं, उतनी ही प्यारी उनकी आवाज है... जब कान में पड़ती है, तो सिबाय उनके कुछ याद नहीं रहता।
बस भगवान से यही चाहता हूँ कि ये आवाज मेरे कानों में हमेशा चाशनी की तरह चुलती रहे।"
“राज, कितनी खूबसूरती के साथ तुमने अपने प्यार को बयां किया है...सच में यार, शीतल बहुत लकी हैं, जो तुम्हारे जैसा प्यार करने वाला उन्हें मिला है।" इतना कहकर डॉली मेरी तरफ देखकर मुस्करा रही थी। उसकी आँखों के भाव ऐसे थे, जैसे बो मेरे चेहरे में कुछ खोजना चाह रही है।
“मिलबाऊँगा तुम्हें कभी शीतल से।”- मैंने कहा।
'पक्का ।'- डॉली का जवाब था।।
"अच्छा, तुम्हारा बॉयफ्रेंड कैसा है?'- मैंने मुस्कराते हुए पूछा।
"बॉयफ्रेंड और मेरा! कौन झेलेगा मुझे? अकेले जिंदगी जीती हूँ मैं...देखा नहीं, अकेले ऋषिकेश गई; बॉयफ्रेंड होता तो उसके साथ ही जाती न।"- डॉली ने जवाब दिया। ___
“पता नहीं, पर खूबसूरत हो..हाइट भी अच्छी है. फैशन डिजाइनर हो, बॉयफ्रेंड होना चाहिए।"- मैंने मजाक में कहा।
“जी नहीं, ऐसा कुछ नहीं है...अकेले जिंदगी मजे से कटती है.. हाँ, पर तुम्हारी और शीतल की कहानी जानकर लगता है कि ऐसा रिलेशन अच्छा है। अगर रिलेशन में रहना है,तो बॉयफरेंड-गर्लफरेंड वाला नहीं, प्यार वाला होना चाहिए। डूब जाओ एक-दूसरे के प्यार में..तुम दोनों की तरह। पर मुझे ऐसा प्यार करने वाला कहाँ मिलेगा?"- डॉली ने कहा।
"अरे जरूर मिलेगा...सही वक्त आने पर।"- मैंने कहा। कॉफी खत्म हो चुकी थी और इसी के साथ बारिश बंद हो गई थी।
'चलें?'- मैंने कहा।
"हाँ यार...मॉम-डैड भी घर पर नहीं है। मैं लॉक करके आई हूँ।"- डॉली ने कहा।
हम दोनों पहले डॉली के घर की तरफ बढ़ रहे थे। सड़क पर पानी भरा हुआ था और हम उसी पानी में चलते जा रहे थे। डॉली को घर छोड़कर मैं अकेले अपने घर की तरफ बढ़ रहा था। हाँ, खयालों में अब भी शीतल ही थीं।
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