RE: RajSharma Stories आई लव यू
“नहीं, कहीं नहीं जाना है...ये बताओ कोई मीटिंग तो नहीं है ऑफिस में "
"नहीं...कल कोई मीटिंग नहीं है..."
"तो फिर कल शाम हम जल्दी निकलेंगे ऑफिस से...सुबह मैं पिक अप कर लूँगा आपको कार से..."
'क्यों?
"कल हम आउटिंग पर चलेंगे...काफी दिन से हम साथ में डिनर के लिए भी नहीं गए हैं और कल हौजखास चलेंगे। बो मेरा रेंड है ना सागर, उसके रेस्ट्रा की ओपनिंग है। थीम बेस्ड रेस्ट्रा बनाया है उसने...हॉरर थीम पर।"- मैंने कहा।
"अरे वाह! ...ओके...चलेंगे; तो कितने बजे निकलेंगे?"- शीतल ने पूछा।
“पाँच बजे हम निकलेंगे...छह बजे ओपनिंग सेरेमनी है।"- मैंने बताया।
"ओके...तो हम क्या पहनें कल? सूट पहन लें न।"- शीतल ने पूछा।
"हाँ, ब्लैक..."- मैंने कहा।
"क्या राज, फिर से ब्लैक...मैं पिछले एक हफ्ते से ब्लैक शेड ही पहन रही हूँ। तुमको ब्लैक पसंद है, इसलिए मेरे पास तीस से ज्यादा ब्लैक ड्रेस हो गई हैं, प्लीज कोई और कलर बताओ न।"- शीतल बोली।
"ओके...फिर कोई और कलर पहन लेना।"- मैंने कहा। __
“हम्म...पर एक वायदा है हमारा आपसे..हम जो पहनेंगे न, बो बहुत खूबसूरत होगा, आपके होश उड़ जाएंगे जनाब।"- शीतल ने बड़े आत्मविश्वास से कहा।
"ओके...वैसे जानती हो शीतल, तुम पर हर रंग फबता है, लेकिन जब तुम ब्लैक पह्नती हो, तो इस दुनिया की हर लड़की तुम्हारे आगे फीकी लगती है। ब्लैक में तुम दुनिया की सबसे खूबसूरत लड़की लगती हो और जब तुम सफेद रंग पहनती हो, तो बिलकुल परी जैसी दमकती हो। सच में यार, तुम साथ होती हो, तो मुझ बेरंग और पागल इंसान में भी रंग भर देती हो। तुम्हें पता है, सब पूछते हैं मेरे चहकने और महकने का राज। तुम भी तो पूछती हो, बड़े खुश हो आज। अरे, दुनिया तुमसे ही तो रोशन है मेरी शीतल।"- मैंने जवाब दिया। ___
“जनाब, इतनी भी खूबसूरत नहीं है मैं, जितनी तम तारीफ करते हो...कभी थकते नहीं हो न तारीफ करते-करते।"- शीतल ने मुस्कराते हुए कहा।
"जिंदगी भर यूँ ही तारीफ करना चाहता हूँ तुम्हारी।"
"राज...मत बोलो ऐसा कुछ प्लीज...हम डर जाते हैं।"
"शीतल, मत डरा कीजिए...भगवान साथ हैं हमारे, सब ठीक ही होगा।"
"हम बहुत प्यार करते हैं आपसे राज।"
“मैं जानता हूँ शीतल।"
"तो अब आप आराम कीजिए; बस इतना बता दीजिए सुबह हम कितने बजे तैयार रहें...या हम मेट्रो से आ जाएँ मयूर विहार तक?"
“अरे नहीं नहीं...मैं कनॉट प्लेस आ जाऊँगा लेने आपको...तुम दस बजे तैयार रहना"
'ओके।
"अच्छा आपको एक फ्रेंड से भी मिलवाना है...डॉली नाम है उसका ..."
"डॉली? ये कौन है? आपने पहले कभी बताया नहीं इसके बारे में।"
"अरे, तीन दिन पहले ही हम मिले ऋषिकेश जाते वक्त ...फिर हम साथ भी आए, तब उसे बताया आपके बारे में; बो मिलना चाहती है आपसे।"
“ठीक है मिलबा देना; अब सो जाओ...गुड नाइट।"
"ओके गुड नाइट...अपना ध्यान रखना।"
करीब आठ बजे मेरी आँख खुली। विंडो से बाहर देखा, तो काले बादल छाए हुए थे। सड़क के दोनों तरफ पानी भरा हुआ था। रात भर बादल जमकर बरसे थे। कॉफी का कप हाथ में लेकर मैं कमरे के बाहर पहुंचा, तो ठंडी हवा ने तन-मन में एक नई उमंग भर दी। पौधों की पत्तियों पर पानी की बूंदें ठहरी हुई थीं। चिड़ियों के चहचहाने की आवाज आ रही थी। आस-पास रहने वाले बच्चे स्कूल के लिए जा रहे थे। इस खूबसूरत सुबह को मैं अपनी छत से निहार रहा था। कॉफी का सिप लेते हुए शीतल को फोन घुमा दिया।
"गुड मानिंग। "हम्म...गुड मार्निंग।"- शीतल ने नींद में ही कह दिया।
"अरे उठिए मैडम...आठ बज चुके हैं और बाहर देखो कितना सेक्सी मौसम हो रहा
"हम्म, अभी उठती हूँ, कब आओगे लेने?"
“मैं दस बजे कनॉट प्लेस पहुँच जाऊँगा।"
"जल्दी आओ न यार...तुम्हें अपनी बाँहों में लेना है।"
"ओह! हलो मैडम...दिन है अभी, आँखें खोलो अपनी...जल्दी तैयार होहए।"
"आई लव यू मेरी जान।"- शीतल ने तेज आवाज में कहा, एक तरह से चिल्लाते हुए।
"आई लव यू टू..अब उठो..." इस हसीन मौसम में शीतल के साथ कहीं दर निकल जाने का मन कर रहा था। पहले पता होता कि मौसम ऐसे माथ देगा, तो ऑफिस से छुट्टी ले लेते... लेकिन अब अचानक दोनों का छुट्टी लेना थोड़ा मुश्किल था। खैर, मन इस बात से ही खुश था कि सुबह से शाम तक हम साथ तो रहेंगे ही। शाम को वैसे भी साथ में डिनर पर जाना है। यही वो पल होगा, जब उनका हाथ अपने हाथ में लेकर उनसे बातें करूंगा।
|