RE: RajSharma Stories आई लव यू
“देखो राज, मैं बहुत अच्छा दोस्त मानने लगी हूँ तुम्हें; समझती हूँ कि कोई प्राब्लम है... प्लीज बताओगे मुझे? शायद मैं कोई मदद कर पाऊँ तुम्हारी।"
"बड़ी प्राब्लम नहीं है, बस ऐसे ही; चलो भुवन भैय्या के यहाँ चाय पीते हैं।"- मैंने चलने के लिए इशारा करते हुए कहा।
"चलो चाय पर बताना फिर क्या बात है; मैं जानना चाहती हूँ।"
थोड़ी ही देर में हम दोनों भुबन के यहाँ थे। "और भुबन भैय्या...क्या हाल हैं?"
"सब बढ़िया राज भैय्या..बैठो, चाय भिजवाता है।"
"हाँ, दो भिजवाना...थोड़ी हाई।"
"अच्छा तो जनाब, अब बताओ क्या बात है?"
"डॉली, पापा का फोन आया था कल शाम; कल या परमों में पापा कुछ लड़की बालों के साथ आ रहे हैं। बो मेरी शादी करना चाहते हैं और मैं सिर्फ शीतल का होना चाहता हूँ। शीतल को अकेला छोड़कर मैं किसी और लड़की से शादी नहीं कर सकता हूँ। रात मैं और शीतल एक फंक्शन में गए थे। वहाँ से लौट रहे थे, तो शीतल खुद को रोक नहीं पाई और बो खूब रोई। मुझसे उनका रोना देखा नहीं जाता है... मेरे बाद शीतल का क्या होगा डॉली?"- मैंने कहा।
"तो राज, तुम घर पर पापा से बात करो न और उन्हें बताओ शीतल के बारे में।"
“डॉली, ऋषिकेश जैसे शहर अभी भी पुरानी परंपराओं और रीति-रिवाजों को लेकर चल रहे हैं। मैं जानता था कि अगर मैं घर में शीतल के बारे में बताऊँगा, तो कोई भी उन्हें स्वीकार नहीं करेगा। घर में कोई भी मेरी और शीतल की शादी के लिए राजी नहीं होगा। एक तो शीतल मुझसे बड़ी हैं और ऊपर से तलाकशुदा; पापा की तो नाक पर आ बनेगी। अपनी नाक का हवाला देकर वो मुझे घर से बाहर निकाल देंगे। शीतल के साथ होकर भी मैं घरवालों से अलग नहीं रह पाऊंगा... छोटे शहरों में अभी भी लोग इन चीजों से ऊपर नहीं उठ पाए हैं।"
“राज, वो तुम्हारे पैरेंट्स हैं...बात करोगे तो क्यों नहीं मानेंगे? एक बार बात करके तो देखो...?”
“डॉली, मैं अच्छी तरह जानता था कि शीतल की बात घर में छेड़ते ही जो तूफान आएगा, उसका असर सीधा रिश्तों पर पड़ेगा। या तो मुझे घर छोड़ना पड़ेगा या शीतल को। लेकिन बड़ी प्राब्लम ये है कि मैं ये सब बातें मम्मी और पापा से कहूँ कैसे?"
"राज, घरवालों ने तुम्हें पाला है..उनमे दर होकर तुम खुश नहीं रह पाओगे...और शीतल तुम्हारा प्यार हैं, उन्हें तुम अकेला छोड़ नहीं सकते हो, इसलिए सोचा क्या कर सकते हो?"
“यार बही तो मुझे समझ नहीं आ रहा है, कि जब पापा लड़की वालों को लेकर आएँगे, तो मैं उनके सामने कैसे रिएक्ट करूंगा, या उनसे मैं क्या कहूँगा? मुझे नहीं समझ में आ रहा है कि अगर मेरी शादी कहीं और हो गई, तो शीतल का क्या होगा? मैं अभी तक इसका जवाब ढूँढ रहा हूँ, कि अगर मेरी शादी पापा ने कहीं तय कर दी, तो क्या मैं उस लड़की को प्यार कर भी पाऊँगा या नहीं?
“राज, डर की वजह से शीतल के बारे में घरवालों को नहीं बताना, समझदारी नहीं है। तुम एक काम करो...एक बार मम्मी-पापा को बता दो, फिर जैसा उनका रिएक्शन हो, उससे आगे के बारे में प्लान करना।"
“डॉली, उनका रिएक्शन तो मैं जानता हूँ; पापा तुरंत कह देंगे कि हमारे घर में आने की कोई जरूरत नहीं है और रिश्ते हमेशा के लिए खत्म हो जाएंगे।"
"तो फिर क्या करोगे तुम? शीतल को छोड़ दोगे क्या?"
"नहीं डॉली शीतल को तो मैं सपने में भी नहीं छोड़ सकता हूँ; वो जान हैं मेरी...पर मुझे अभी नहीं पता कि मैं क्या करूँगा...कुछ समझ में नहीं आ रहा है।"
"राज, तुम्हें अच्छी तरह सोचना चाहिए कि क्या करना है। कुछ अच्छे दोस्तों से राय ले लो...मेरी राय ये है कि एक बार घर पर बता दो, क्या पता मम्मी मान जाएँ तुम्हारे।"
मैं जानता था, कि डॉली जितना आसानी से यह कह रही है, सब-कुछ उतना आसानी से नहीं होने वाला है; लेकिन मैं शीतल के लिए कुछ भी करने से पीछे नहीं हटने वाला था, इसलिए डॉली के जवाब में बस सिर हिला दिया था।
"अच्छा, मुझे कब मिलबाओगे शीतल से?"
"आज शाम को क्या कर रही हो तुम?"
"ऑफिस जाऊँगी...सात बजे; ऑफिस से फ्री हो जाऊँगी।"
"तब ठीक है; तुम ऑफिस के बाद कनॉट प्लेस ही रुकना...मैं और शीतल वहीं आ जाएंगे: आज ही मिलते हैं।"
"ओके...डन! तो आज शाम को हम मिल रहे हैं..."
"ओक...पक्का ।"
दस बजे थे और मैं ऑफिस के लिए तैयार होकर मयूर विहार के कट पर पहुंच चुका था। आज शीतल के साथ ही ऑफिस जाना था। शीतल यहीं से मुझे लेने वाली थीं।
उनका इंतजार करते-करते मैं यही सोच रहा था, कि क्या शीतल को बता दूं कि पापा से क्या बात हुई है।
|