RE: RajSharma Stories आई लव यू
मैं जानती हूँ कि तुम मुझे बहुत प्यार करते हो। कोई भी लड़की तुम्हारे साथ अपनी दुनिया सजाना चाहेगी। तुम्हारा प्यार करने का तरीका बिलकुल अलग है; बस मेरी किस्मत में तुम नहीं हो। मैं दुनिया की सबसे बदनसीब लड़की है, जो तुम्हारा साथ मेरी जिंदगी में नहीं लिखा है। राज, मेरी परवाह मत करना; अपनी दुनिया बनाओ और जहाँ घर वाले बोलें, शादी कर लेना; और हाँ, आज से हम साथ घर नहीं जाएँगे... आप अपनी कार से ऑफिस आया कीजिएगा।"
मैंने लिखा,
"शीतल, मैं बहुत प्यार करता हूँ तुमसे; इतना, कि शायद ही तुम्हें कोई करता होगा। मैं नहीं जानता हूँ कि कोई तुम्हें कितना प्यार करता है, पर इतना जरूर जानता हूँ कि मुझसे ज्यादा कोई प्यार नहीं करता होगा। शीतल, तुम्हारी एक मुस्कराहट के लिए मैंने हर पल तुम्हारे साथ बिताना चाहा। ऐसा शायद ही हुआ होगा कि मैंने हमारे प्यार को किसी से छिपाया हो। चाहे बो ऑफिस हो या दोस्त या परिवार; मैंने सबके सामने तुम्हारे बारे में खुलकर कहा किसी से न डरने की कसम खा चुका था मैं। कोई उम्मीद तो नहीं थी, पर भगवान से माँगता जरूर तुम्हें।
शीतल, जानती हो, तुमने मेरी जिंदगी को बेहद खूबसूरत बना दिया था। तुमने एक फ्लर्टी लड़के को प्यार करने के काबिल बना दिया और अब जब मैं प्यार को समझने लगा, तो तुम चल दिए।
तुम हमेशा कहती हो, जिद्दी हूँ मैं। तुम कहती हो,हर बात पर जिद करता है।
हाँ, तो तुमसे प्यार करने की ही तो जिद है, तुम्हारे साथ चलने की ही तो जिद है, तुम्हें खुश रखने की ही तो जिद है, तुम्हारे आँसू पोंछने की ही तो जिद है, तुम्हारे होंठों पर मुस्कान लाने की ही तो जिद है।
शीतल, मैं कब दुनिया बदलना चाहता हूँ? बस, प्यार ही तो किया है। तुम भी तो करती थी न प्यार। सच तो ये है कि तुमने ही सिखाया है मुझे प्यार करना; फिर क्यों डर गई हो मेरे पागलपन से? प्यार का ही तो पागलपन है ये।
जानती हो, रात में जब तुमने अपना फोन बंद कर लिया था, तो मैं बहुत परेशान हो गया था। रात, फिर मैंने तुम्हारे सारे मैसेज पढ़े और तस्वीर देखीं। खूब रोया हूँ मैं कल। फिर फिल्म लगा ली ये जवानी है दीवानी' । तुमने तो देखी होगी शायद । उसका वो होली वाला गाना तो तुम्हें पसंद है न। पूरी फिल्म में हम तुम्हें और खुद को ही कंसीडर करते रहे। न जाने कितनी बार तुम्हारे बारे में सोचकर आँखों से आँसू बहने लगे।
खासकर जब रणबीर और दीपिका अपनी दोस्त की शादी में उदयपुर जाते हैं। तुम्हें मेरे प्यार और पागलपन से डर लगता है न! शीतल, मैं बायदा करता हूँ, मेरी आँखें अब कभी अपने प्रेम का इजहार नहीं करेंगी...छोड़ दीजिएगा मुझे, अकेले चले जाऊँगा मैं घर। लेकिन इसका मतलब ये बिलकुल मत समझना कि राज, शीतल को कभी भूल सकता है। राज हमेशा शीतल से प्यार करता रहेगा... मेरे दिल में शीतल हमेशा रहेंगी।"
ऑफिस का टाइम खत्म हो चुका था। आज न तो पहले की तरह शीतल का फोन आया था और न उन्होंने साथ चलने के लिए कहा था। मैं साथ चलने के लिए कहता भी, तो शीतल मेरा फोन उठा ही नहीं रही थीं। मैंने भी अपना बैग पैक कर लिया था।
चार महीने से जो कदम, शीतल के साथ ही आगे बढ़ते थे, वो आज अकेले हो गए थे। शीतल के साथ ऑफिस आने और उन्हीं के साथ घर जाने की आदत-सी मुझे पड़ गई थी।
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ऐसी कोई आदत अचानक से बदली नहीं जा सकती है और जब बदलनी पड़ती है, तो बहुत दुःख होता है। आज पहली बार में बिना शीतल के घर लौट रहा था। समझ नहीं आ रहा था कि क्या करु, कैसे घर जाऊ?
काफी दूर तक पैदल चलने के बाद मैंने मयूर विहार तक के लिए एक कैब ले ली। आज तक कभी कैब भी बैठे थे, तो साथ ही बैठे थे। ऐसा शायद ही कभी हुआ था कि हम अकेले कहीं आए गए हों। मैं आँख बंदकर कैब में बैठा था।
शीतल का चेहरा और उनकी बातें बार-बार आँखों के सामने घूम रही थीं। कई बातें मोचकर चेहरे पर मुस्कराहट आई; तो आज जो हुआ, उसे सोचकर आँखों में आँसू भी आए।
मयूर विहार आउटर सकिल पर उतरकर मैं घर की तरफ जा ही रहा था कि डॉली का फोन आ गया।
"हेलो राज, कहाँ हो तुम?"
"डॉली, सब खत्म हो गया यार।"
“राज क्या हुआ? तुम रो क्यों रहे हो?"
"डॉली, कुछ नहीं बचा यार, शीतल ने बात करना बंद कर दिया यार ।"
"राज, संभालो खुद को...बताओ कहाँ हो तुम?"
“मैं ऑफिस से लौट रहा हूँ, अभी मयूर बिहार में एंट्री कर रहा हूँ।"
"ओके, आई एम कमिंग: भुवन भैय्या के यहाँ मिलो।"
"ओके, तुमको कुछ बताना भी है।" भुवन भैय्या की दुकान रास्ते में ही थी। कुछ ही मिनटों में मैं वहाँ पहुँच गया था। पीछे से डॉली भी आ ही गई थी।
"हाँ राज, क्या हुआ? तुम इतने परेशान क्यों हो? क्या हुआ?"- डॉली ने आते ही पूछा।
"डॉली, शीतल मेरी जिंदगी से चली गई।"
"पर अचानक से क्यों राज?"
जबाब में मैंने ऋषिकेश में जो कुछ हुआ और आज दिनभर जो हुआ, डॉली को बता दिया।
"राज, अभी कुछ बिगड़ा थोड़ी है; शीतल से बात करो आराम से...उसे भरोसा दिलाओ कि सब ठीक होगा।"
"डॉली, मैं सुबह से बात करने की कोशिश कर रहा हूँ, वो मेरा फोन नहीं उठा रही हैं; मेल पर बात कर रहा हूँ मैं उनसे।"
“राज, डॉली एमे कैसे कर सकती हैं ... उसे बताओ न कि तुम सब ठीक कर दोगे...पापा-मम्मी को मना लोगे।" __
"डॉली, सुबह से मना रहा हूँ, कोई फायदा नहीं हुआ। शीतल बहुत दुःखी हैं...मैं इस वक्त उसके साथ होना चाहता हूँ, पर वो हैं कि अकेले सब झेल रही हैं।" ___
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