Hindi Antarvasna - कलंकिनी /राजहंस
09-17-2020, 01:01 PM,
#77
RE: Hindi Antarvasna - कलंकिनी /राजहंस
मुझे जाने दीजिये।" विनीत बोला- चोट लगी थी....आपने पट्टी करा दी, यह ही क्या कम उपकार की बात है। मैं खुद चला जाऊंगा।"

“परन्तु जायेंगे कहां?”

"कहीं भी....इस छोर से उस छोर तक। दुनिया का अन्तिम छोर दिखलायी ही किसे देता है? जिन्दगी गुजर जायेगी, तब भी मैं उस किनारे तक नहीं पहुंच पाऊंगा। सोचता हूं....चलता रहूं....निरन्तर आगे बढ़ता रहूं।"

"क्यों....?" लड़की पूछ बैठी। उत्तर में विनीत एक खोखली हंसी हंसा और फिर बोला-"एक बात बताएंगी...आपने कभी मृग देखा है?"

"हो....चिड़ियाघर में....?"

रेगिस्तान में मृग पानी की लालसा में निरन्तर दौड़ता रहता है। उसे लगता है कि जलराशि उससे कुछ ही कदम की दूरी पर है। वह आगे बढ़ता है....पानी उससे उतनी दूर होता जाता है। थककर चूर हो जाता है वह....इसी लालसा में उसकी मौत भी हो जाती है। परन्तु पानी उसे नहीं मिलता। अब आपको प्रश्न का उत्तर मिल गया होगा। मैं उसी मृग की तरह भटक रहा हूं....निरन्तर आगे बढ़ रहा हूं। मंजिल कब मिलेगी, कुछ भी तो पता नहीं है। काश, मुझे पता होता....।"

लड़की खामोशी से कुछ सोचने लगी, फिर बोली-"आप मेरे साथ चलिये।"

"आपके साथ..." विनीत चौंका।

"हां....आपको कोई कष्ट नहीं होगा। यदि मैं आपके लिये कुछ कर सकूँगी तो मुझे खुशी होगी....आइए चलिए....।"

"आप....आप....।" विनीत केबल हकलाकर रह गया।

"मुझे अर्चना कहते हैं।"

"क्या?" वह चौंका फिर पुनः बोला—"मेरा मतलब था....मुझ गरीब पर इतनी कृपा? लोग तो गरीबों की छाया मात्र से नफरत करते हैं। उन्हें मैले और फटे कपड़ों की बीमारियां-सी नजर आती हैं।"

“मिस्टर विनीत।" अर्चना बोली-"इस समय मैं न तो ऊंचे वर्ग में हं और ना ही कुछ और। मैं आपको एक सामान्य दृष्टि से देख रहा हूं। न जाने क्यों....न जाने क्यों...."

"रुक गयीं आप तो....।"

"न जाने क्यों आपकी बातें सुनकर मन दुःखी-सा हो गया है। आप मेरे साथ नहीं चलेंगे तो दिल पर एक बोझ-सा रहेगा....काफी समय तक नहीं उतार पाऊगी उसे....."

“बोझ....."

"हां, उसी दुःख का।”

"अर्चना जी।" विनीत ने उसे उसके नाम से सम्बोधित किया—“मेरे दुःख को महसूस मत कीजिये....मैं एक बदकिस्मत इंसान हूं।"

"ओह....."

"मुझे कभी कुछ भी नहीं मिल सका....मैं किसी को भी कुछ नहीं दे सका....."

"आप गाड़ी में बैठिये।” अर्चना ने अपनी रिस्टवाच पर दृष्टि डालते हये कहा। विनीत ने तनिक दृष्टि उठाकर उसके चेहरे की ओर देखा। अर्चना पहले से ही उसकी ओर देख रही थी, नजरें टकराई तो वह झेंप गया। अर्चना ने फिर कहा तो वह चाहकर भी इन्कार न कर सका और गाड़ी में बैठ गया। यहां यह भी कहना अनुचित न होगा कि भूख का समय था। विनीत के मन में खाने वाली बात भी आई थी। अर्चना ने दरवाजा बन्द करने के बाद गाड़ी को स्टार्ट कर दिया। रास्ते भर खामोशी ही रही। अर्चना विभिन्न पहलुओं से रास्ते भर उसके विषय में सोचती रही। उसके विचार में विनीत किसी से प्रेम करता होगा। लड़की ने उसके दिल को तोड़ा होगा। इससे अधिक वह उसके बारे में न सोच सकी।
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Antarvasna - कलंकिनी /राजहंस - by desiaks - 09-17-2020, 01:01 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,482,322 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,333 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,224,330 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 926,009 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,643,186 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,071,623 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,935,783 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,006,799 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,012,893 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,064 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)