Hindi Antarvasna - कलंकिनी /राजहंस
09-17-2020, 01:04 PM,
#94
RE: Hindi Antarvasna - कलंकिनी /राजहंस
बातचीत का क्रम रुक गया। नौकर नाश्ता लेकर आया था। न जाने अर्चना को क्या हुआ कि वह नाश्ते को छोड़कर बाहर चली गई। विनीत से उसकी यह मनोदशा छपी न रही थी। समझ गया कि अर्चना को उसके शब्द जरा भी अच्छे नहीं लग रहे थे। मन में तरह-तरह के विचार चक्कर काटने लगे। उसे लगा कि उसने अच्छा नहीं किया। उसे अर्चना का दिल नहीं तोड़ना चाहिये था। परन्तु प्रीति....क्या वह अर्चना के लिये प्रीति को छोड़कर देगा? उसे यह सोचना चाहिये कि कोई दिन-रात उसकी उपासना कर रही है। यदि उसने अर्चना का साथ दिया तो प्रीति किसी भी दशा में जिंदा नहीं रह पायेगी। लेकिन अर्चना भी तो यही कह रही है। उसका प्रेम भी तो निःस्वार्थ ही है। वह इतने बड़े घर की इकलौती बेटी है, फिर भी वह उससे प्रेम करती है। वह तो है परन्तु प्रीति के मुकाबले उसके प्रेम में वह शक्ति नहीं है। अर्चना उसे प्रेम से नहीं बल्कि दौलत से खरीदना चाहती है। यह नहीं हो सकता। अर्चना ऐसी नहीं है।

तब क्या प्रीति का प्रेम केबल एक धोखा है? नहीं! वह भी सत्य है और यह भी। समस्या तो यही है कि दोनों सत्यों को एक साथ लेकर कैसे चला जा सकता है? तब एक काम करो..... वह क्या? अर्चना बेचारी ने तुम्हारा बिगाड़ा ही क्या है? उसका दिल मत तोड़ो। यदि प्रीति तुम्हारी न हो सकी तो अर्चना के प्रेम को स्वीकार कर लेना। इसका मतलब अर्चना को वहलाना पड़ेगा? हां, ऐसा किये बिना कुछ नहीं होगा। आज तुम एक प्रकार से बेसहारा हो। यदि तुम यहां से चले गये तो तुम्हें फिर रोटी की चिन्ता करनी पड़ेगी। उससे तो यही अच्छा है कि तुम अर्चना का मन रखो। भावनाओं से हटकर वह बास्तविक संसार में लौटा। मेज पर नाश्ता लगा था। अर्चना उससे नाराज होकर गयी थी। यह बात विनीत को कचोटने लगी। वह उठा, अपने कमरे से निकलकर बाहर आ गया। अर्चना के कमरे में पहुंचकर देखा। वह तकिये में मुंह छुपाकर सुबक रही थी

। देखकर कसमसा उठा विनीत । एक साथ सैकड़ों विचार प्रश्न चिन्ह की तरह उसके सामने आकर खड़े हो गये। वह समझ नहीं सका कि क्या करे। सत्यता यह थी कि वह किसी भी दशा में अर्चना को अपने हृदय में स्थान नहीं दे सकता था। इसका कारण था—प्रीति। प्रीति और उसके मध्य बिबशता जैसे दीबार की तरह खड़ी थी। इतना सब कुछ होते हुये भी एक आशा थी। उसी आशा के कारण वह स्वयं को प्रीति से अलग नहीं समझता था। उसे इस बात का विश्वास था कि प्रीति एक दिन उसे अवश्य मिलेगी। परन्तु अर्चना....! वह उसका प्यार पाने के लिये तड़प रही थी। पता नहीं अर्चना ने उसमें ऐसा क्या देखा था कि वह उस पर आसक्त हो गयी थी। विनीत का मस्तिष्क बार-बार इसी विषय पर उलझकर रह जाता था। लेकिन अब जो स्थिति सामने थी, उसने विनीत को पानी-पानी कर दिया। कुछ देर के लिये वह प्रीति को भूल गया। उस पुजारिन को भूल गया जो रात-दिन उसी की माला जपती थी। वह कुछ और आगे बढ़ा, पलंग के पास पहुंचकर पुकारा– “अर्चना....!"

प्रत्युत्तर में अर्चना ने तकिये को हटाया, जल्दी से अपनी आंखों को पोंछा और उठकर बैठी हो गयी। विनीत को देखते ही उसने अपनी ग्रीवा को झुका लिया। अपने हृदय की बात को वह होठों तक न ला सकी थी।

"बड़ी अजीब सी बात है....” विनीत ने उसके चेहरे पर दृष्टि डालकर खामोशी को तोड़ा।

“क्या?" अर्चना ने पूछ लिया।

"किसी अमीर को पहली दफा रोते हुये देख रहा हूं।"

"तो....?"

"अमीरों को तो रोना नहीं चाहिये।"

"परन्तु कोई रोता है तो तुम्हें क्या?"

"कहा तो ठीक है।" विनीत बोला-"यूं भी किसी के हंसने तथा रोने में दूसरों को दखल नहीं देना चाहिये, परन्तु जब सामने ही कोई रो रहा हो तब....।"

"तब....?"

"मेरा मतलब, उस समय देखने बाला किस प्रकार अनदेखा कर सकता है।"

"बिल्कुल उसी तरह, जब कोई सुनी हुई बात को भी टाल देता है।"

"ओह....."

"और कुछ कहिये...."

जी....?" विनीत का मस्तिष्क फिर चकराकर रह गया। समय को देखते हुये उसे कहना पड़ा
- "अर्चना, मैं तुम्हारे आंसू नहीं देख सकता।"

"हमदर्दी के लिये शुक्रिया।"

"इसका नाम हमदर्दी नहीं है।" विनीत ने कहा- मैं तो केवल यह चाहता था कि तुम मेरे विषय में और भी अच्छी तरह से सोच लेतीं। मैं किन परिस्थितियों से गुजर रहा हूं, यह बात तुमसे छुपी नहीं है। इससे पहले तुम्हें प्रीति के विषय में भी सोचना चाहिये था।"

अर्चना ने तुरन्त कहा- क्या मेरे सीने में हृदय नहीं है?"

"है, परन्तु प्रीति का प्रेम एक पूजा है।"

"क्या मैं तुम्हारी पूजा नहीं कर सकती?"
Reply


Messages In This Thread
RE: Hindi Antarvasna - कलंकिनी /राजहंस - by desiaks - 09-17-2020, 01:04 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,482,471 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,347 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,224,390 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 926,067 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,643,249 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,071,693 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,935,920 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,007,185 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,013,035 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,075 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 2 Guest(s)