RE: Antarvasnax क़त्ल एक हसीना का
'अलग-अलग तरह के दौर आए हैं, अलग-अलग तरह की नीतियां काम करती हैं। मैं उस पीढ़ी से आता हूं जिनको जबरदस्ती शहरी बनाया गया। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद अधिकारियों ने यह सोचा कि उनको पुरानी नीतियां बदलनी चाहिए और जो आदिवासी लोग हैं, उनको अलग-थलग रखने के बजाय एक साथ रखना चाहिए। उन्होंने ऐसा करने की कोशिश की और ऐसा करते हुए उन्होंने उसको नियंत्रित करने की कोशिश की जहां हम रहते थे और यहां तक कि हम किससे शादी करते थे। कई लोगों को शहरों में भेज दिया गया, ताकि वे यूरोपीय ढंग का जीवन अपना सकें। इसका नतीजा बड़ा दमघोंटू रहा। बहुत कम समय में हम हर गलत चीजों में ऊपर आ गएः शराबनोसी, बेरोजगारी, बहुविवाह, तलाक, वेश्यावृत्ति, अपराध, हिंसा, मादक द्रव्य--तुम किसी भी चीज का नाम लो, हम वहां थे। आदिवासी लोग जो हैं वे हमेशा से ऑस्ट्रेलिया में सामाजिक तौर पर खोने वाले रहे हैं।'
'और एंड्रयु?'
'एंड्रयु युद्ध से पहले पैदा हुआ था। उस समय शासन की नीति यह थी कि हमें बसाया जाए, क्योंकि उनकी यह लगता था कि हमारी जनजाति खतरे में है। इसलिए जमीन रखने और काम की तलाश करने की संभावनाएं बहुत सीमित थी। लेकिन जो सबसे अजीब कानून था वह यह था कि ऐसे बच्चों को उसकी मां से ले लिया जाता था, जिसके बारे में यह संदेह हो जाता था कि उसके पिता आदिवासी नहीं थे। हो सकता है कि अपनी पैदाइश को लेकर मेरे पास दुनिया की सबसे खुशफहम कहानी न हो मगर कम से कम मेरी है। एंड्रयु की ऐसी है ही नहीं। हमने कभी उसके मां-पिता को नहीं देखा। जब वह पैदा हुआ तो सरकार के लोगों ने उसको उठाकर पालना घर में डाल दिया। वह बस इतना ही जानता है कि जब उन्होंने उसकी मां को लूटा तो उसके बाद वह बैंक्सटाउन के बस अड्डे पर मरी हुई पाई गई थी, जो उसके पालना घर से 50 किलोमीटर उत्तर की तरफ था और किसी को भी इस बात का पता नहीं था कि वह वहां गई क्यों थी और उसकी मौत का कारण क्या था। उसके श्वेत पिता का नाम छिपा लिया गया और एंड्रयु ने उसकी कोई परवाह भी नहीं की।'
राजने कंधे उचकाकर सारी कहानी को सुना। 'क्या वह सच में कानूनी था? मानवाधिकार को लेकर जो यूएन का प्रस्ताव है उसके अनुसार क्या है?'
'युद्ध से पहले तक यह सब आया नहीं था। और यह बात भी नहीं भूलो कि जो आदिवासी राजनीति थी उसकी मंशा साफ थी। लक्ष्य यह था कि संस्कृति बचाई जाए, न कि उसको नष्ट कर दिया जाए।'
'फिर एंड्रयु का क्या हुआ?'
'उनको यह समझ आया कि उसकी दिलचस्पी पढ़ने में थी, और उन्होंने उसे इंग्लैंड के एक निजी स्कूल में भेज दिया।'
'सारा खर्च सरकार द्वारा उठाया गया। मेरे ख्याल से उसके पीछे भावना यह थी कि एंड्रयु उस राजनीतिक प्रयोग का चमकता हुआ उदाहरण बने, जो वैसे बहुत सारा दर्द और मानवीय त्रासदियों का कारण बना। वापस आने पर वह सिडनी यूनिवर्सिटी में पढ़ने गया। उसके बाद वे उसके ऊपर काबू खोने लगे। वह मुश्किल लड़का बनता गया, उसकी हिंसक हो जाने की आदत थी और इसका उसकी पढ़ाई के ऊपर भी असर पड़ा। मुझे लगता है कि इसके पीछे कहीं न कहीं प्यार में मिली किसी तरह की असफलता थी, एक गोरी महिला थी जिसने उसको इसलिए छोड़ दिया क्योंकि उसका परिवार उसको लेकर बहुत तैयार नहीं था, लेकिन एंड्रयु ने इसके बारे में बातचीत करने को लेकर बहुत उत्साह नहीं दिखाया। वैसे वह उसके जीवन का एक मुश्किल दौर था, और वह उससे भी बुरा हो सकता था जैसा कि वह था। जब वह इंग्लैंड में था तो उसने बॉक्सिंग करनी सीखी--उसका दावा था कि इसी तरह से उसने बोर्डिंग स्कूल का जीवन काटा। जब वह सिडनी में था, तो उसने फिर से बॉक्सिंग करनी शुरू की और जब उसे यह मौका मिला कि वह जिम चिवर्स के साथ सफर पर जाए तो उसे यूनिवर्सिटी से निकाल दिया गया और वह कुछ समय के लिए गया भी।'
'मैंने उसको बॉक्सिंग करते हुए देखा है। वह ज्यादा भूला नहीं है,' राजने कहा।
'वास्तव में, उसने यही सोचा था कि बॉक्सिंग करने से उसे पढ़ाई से थोड़ी राहत मिल जाएगी, लेकिन जब वह चिवर्स के साथ सफल रहा तो प्रेस ने उसमें दिलचस्पी दिखाई और वह आगे भी करने लगा। जब वह ऑस्ट्रेलियन चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने लगा तो अमेरिका से कई पेशेवर एजेंट उसके पास आए भी थे। हालांकि, फाइनल से पहले मेलबर्न में कुछ हुआ। वे एक रेस्तरां में बैठे थे और दावा यह किया जाता है कि फाइनल में पहुंचने वाला, जो दूसरा मुक्केबाज था एंड्रयु ने उसकी प्रेमिका के साथ कुछ करने की कोशिश की। उसका नाम कैम्पबेल था, और वह उत्तर सिडनी की एक सुंदर सी दिखाई देने वाली लड़की के साथ था, जो बाद में मिस न्यू साउथवेल्स बनी। रसोई में एक लड़ाई हुई, वहां सभी थे,एंड्रयु, कैम्पबेल का प्रशिक्षक, एजेंट और एक और आदमी, सब कुछ सामने टूट गया।
'उन्होंने देखा कि एंड्रयु वाशबेसिन पर लटका हुआ था और उसके होंठ फटे हुए थे, सर पर कटे का निशान था और कलाई कटी हुई थी। किसी ने उसके बारे में पुलिस को नहीं बताया--इसलिए अफवाह यह उड़ी कि उसने कैम्पबेल की प्रेमिका के ऊपर किसी तरह की टिप्पणी की थी। खैर उसकी वजह से एंड्रयु को फाइनल से अपना नाम वापस लेना पड़ा, और उसके बाद मुक्केबाजी का उसका कैरियर खत्म हो गया। ईमानदारी से कहें तो उसने कई मुकाबलों में कुछ अच्छे-अच्छे मुक्केबाजों को धराशायी कर दिया था, लेकिन प्रेस ने दिलचस्पी खो दी थी और पेशेवर एजेंट फिर कभी नहीं आए।
'उसके बाद उसने एक-एक करके टूर्नामेंट्स में जाना छोड़ दिया। एक और अफवाह यह उड़ी कि उसने पीना शुरू कर दिया था और पश्चिमी किनारे पर एक टूर्नामेंट के बाद उसे चिवर्स की टीम को छोड़ने के लिए कह दिया गया, जो शायद इस वजह से था कि उसने कुछ शौकिया मुक्केबाजों को गंभीर रूप से घायल कर दिया था। उसके बाद वह गायब हो गया। उससे यह पता कर पाना बहुत मुश्किल है कि उस दौरान वह कर क्या रहा था, लेकिन खैर वह बिना किसी मकसद के ऑस्ट्रेलिया में कुछ साल घूमता रहा और फिर वह यूनिवर्सिटी वापस आ गया।'
'फिर मुक्केबाजी खत्म हो गई?' राजने कहा।
'हां,' तुवुम्बा का जवाब था।
'फिर क्या हुआ?'
'अच्छा,' तुवुम्बा ने बिल लाने का इशारा किया। 'एंड्रयु शायद दोबारा पढ़ने जाने को लेकर बहुत जोश में था और कुछ समय तक सब कुछ ठीक चलता रहा। लेकिन वह 1970 का दशक था, हिप्पी, नशेबाजी, शायद वह बहुत अधिक ड्रग्स लेता था, इसलिए परीक्षा में उसके परिणाम सही नहीं आ रहे थे।'
वह रुककर हंसा ।
'तो एक दिन एंड्रयु जगा, बिस्तर से निकला, खुद को शीशे में देखकर उसने जायजा लिया। उसको बहुत अधिक खुमार चढ़ा हुआ था, आंखें काली थी--ईश्वर जानता था कि कहां से शायद किसी नशे की अधिकता की वजह से, वह तीस से ऊपर का हो चुका था और उसकी पढ़ाई भी पूरी नहीं हुई थी। उसके पीछे बॉक्सर के रूप में एक बर्बाद कैरियर पड़ा हुआ था और उसके सामने था एक अनिश्चित भविष्य। तो आप क्या करते हैं? आप पुलिस की नौकरी के लिए आवेदन करते हैं।'
राजहंसने लगा।
'मैं सिर्फ एंड्रयु को उद्धृत कर रहा हूं, तुवुम्बा ने कहा। हैरानी की बात यह है कि उसको अपनी उम्र और पिछले कारनामों और बढ़ी हुई उम्र के बावजूद नौकरी मिल गई--शायद इसकी वजह यह रही हो कि सरकार भी यह चाहती होगी कि और अधिक आदिवासी मूल के अफसर आएं। इसलिए एंड्रयु ने अपने बाल कटवा लिए, कानों से बालियां हटा ली, नशे की आदत छोड़ दी और बाकी तो तुम जानते ही हो। जाहिर है, कैरियर में वह बहुत ऊंचाई तक नहीं पहुंच पाया, लेकिन उसको सिडनी पुलिस के सबसे अच्छे जासूसों में एक माना जाता है।
'क्या अभी भी तुम एंड्रयु को उद्धृत कर रहे हो?'
'बिल्कुल,' तुवुम्बा ने हंसते हुए कहा।
स्टेज से उनको उस दिन के शो के फाइनल के बारे में घोषणा सुनाई दे रही थी और वाई.एम.सी.ए. के बारे में जो वहां के ग्रामीण लोगों का जाड़े का खेल था।
'तुम एंड्रयु के बारे में काफी कुछ जानते हो,' राजने कहा।
'मेरे लिए वह एक तरह से पिता समान है, तुवुम्बा ने कहा। 'जब मैं सिडनी आया था तो मेरे पास इस बात को लेकर कोई योजना नहीं थी, सिवाय इसके कि घर से जितनी दूर हो सके जाया जाए। मुझे एक तरह से एंड्रयु ने सड़क से उठा लिया और उसने मुझे और मेरे ही जैसे कुछ और रास्ता भटके हुए लड़कों को प्रशिक्षण दिया। एंड्रयु ने ही मुझे यूनिवर्सिटी में आवेदन करने के लिए कहा।'
'वाह, एक और यूनिवर्सिटी से निकला हुआ मुक्केबाज।'
'अंग्रेजी और इतिहास । मेरा सपना है कि मैं एक दिन अपने लोगों को पढ़ा सकूं,' उसने गर्व और विश्वास के साथ कहा।
'और इस बीच तुम शराबी नाविकों और देशी गंवारों का तेल निकाल लेते हो ?'
तुवुम्बा मुस्कुराया। 'इस दुनिया में अपनी जगह बनाने के लिए आपको पूंजी की जरूरत होती है और मुझे एक शिक्षक के रूप में अपनी कमाई को लेकर किसी तरह का भ्रम नहीं है। लेकिन मैं शौकिया तौर पर ही मुक्केबाजी नहीं करता हूं, इस साल मैंने ऑस्ट्रेलियाई चैंपियनशिप के लिए भी अपना नाम आगे बढ़ाया है।'
'वह खिताब पाने के लिए जो एंड्रयु नहीं पा सका?'
तुवुम्बा ने टकराने के लिए अपना जाम उठा लिया। 'शायद।'
शो खत्म होने के बाद बार से लोग जाने लगे। बर्गिता ने कहा था कि वह राजको कुछ बताकर आश्चर्यचकित करने वाली बात थी, और राजपूरे धीरज के साथ बार बंद होने का इंतजार कर रहा था।
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