RE: Antarvasnax क़त्ल एक हसीना का
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महान व्हाइट
चौकीदार ने बर्गिता को टॉर्च दी।
'तुमको पता है कि मुझे कहां ढूंढ़ना है बर्गिता। ध्यान रखना कि कोई तुमको खा न जाए,' उसने अपने दफ्तर में वापस जाते हुए मुस्कुराकर कहा ।
बर्गिता और राजसिडनी एक्वेरियम की विशाल इमारत के अंधेरे गलियारे में टहल रहे थे। सुबह के 2 बजे थे और रात के चौकीदार बेन ने उनको अंदर जाने दिया।
राजने यूंही एक सवाल पूछा कि सभी बत्तियां क्यों बंद हैं--जिसका जवाब चौकीदार ने विस्तार से दिया।
'जाहिर है, यह बिजली बचाता है लेकिन यही सबसे महत्वपूर्ण कारण नहीं है--ज्यादा महत्वपूर्ण कारण यह है कि हम मछलियों को यह बता रहे हैं कि रात हो गई है। मुझे यही लगता है। पहले हम एक स्विच से सभी बत्तियां बुझा देते थे और आपको अचानक हुए अंधेरे में सदमा सुनाई दे सकता था, जब अचानक से घुप्प अंधेरा छा जाता था। पूरे एक्वेरियम की मछलियों में घबराहट फैल जाती थी और वे इधर-उधर भागने लगती थीं।'
बेन ने फुसफुसाते हुए और मछलियों की तरह हाथ करते हुए बताया।
'पानी में काफी लहरें उठती थीं, कुछ मछलियां तैरने में पागलों की तरह हो जाती थीं और शीशे से टकराकर खुद को मार डालती थीं। इसलिए हमने डिमर का इस्तेमाल करना शुरू किया, जो प्रकृति की ही तरह धीरे-धीरे दिन की रौशनी को कम कर देती थी। उसके बाद से मछलियों में भी बीमारी पहले से कम हो गई। रौशनी आपके शरीर को यह बता देती है कि कब दिन है और कब रात और जाती तौर पर मुझे लगता है कि मछलियों को तनाव से बचने के लिए रोज-रोज प्राकृतिक माहौल चाहिए। उनके अंदर भी हमारी ही तरह जैविक घड़ी होती है, और आपको इसके साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए। मुझे पता है कि तस्मानिया में कुछ मछली पालने वाले पतझड़ के मौसम में मछलियों को अतिरिक्त रौशनी देते हैं। इस चालाकी की वजह से उनको यह लगता है कि अभी भी गर्मियों का मौसम है और वे अधिक अंडे देने लगते हैं।'
'बेन को किसी विषय पर खूब बात करने की आदत थी,' बर्गिता ने समझाया। 'उसे आदमियों से बात करके भी उतनी ही खुशी होती है, जितनी मछलियों से बात करके ।' पिछले दो सालों से गर्मियों के मौसम में वह खाली समय में एक्वेरियम में काम करती थी और चौकीदार से उसकी अच्छी दोस्ती हो गई थी, जिसका यह दावा था कि जबसे वह एक्वेरियम खुला था वह वहां तभी से काम करता था।
'यहां रात को इतनी शांति रहती है,' बर्गिता ने कहा। 'देखो, कितनी शांति है!' उसने टॉर्च की रौशनी शीशे की दीवार पर मारी जहां एक काली पीली मोरे मछली अपनी गुफा से बाहर निकलकर अपने छोटे, तेज दांतों को दिखा रही थी। गलियारे में दूसरी तरफ हरी कांच की दीवार के पीछे कुछ मछलियां तैर रही थी। 'क्या यह सुंदर नहीं है?' उसने चमकती हुई आंखों से फुसफुसाते हुए कहा। 'यह ऐसे है जैसे बिना संगीत के बैले हो रहा हो ।'
राजको महसूस हुआ जैसे वह डोरमेट्री के बीच से पंजों के बल चल रहा हो। वहां बस उनके कदमों और एक्वेरियम से आती पानी की आवाजें थीं।
बर्गिता शीशे की एक ऊंची दीवार के पास रुक गई। यह एक्वेरियम का हरा पानी है, क्वींसलैंड से किसी के निजी संग्रह से है,' शीशे से आती रौशनी की तरफ इशारा करते हुए उसने कहा। अंदर बनाए गए नदी के पाट में एक सूखे हुए पेड़ का तना रखा हुआ था। और पानी में एक बहता हुआ लकड़ी का टुकड़ा था।
'यह हरा पानी क्या होता है?' राजने अंदर कुछ देखने की कोशिश करते हुए पूछा । उसी पल उस लकड़ी एक टुकड़े से दो हरी आंखें चमकती हुई उभरीं।
'यह घड़ियाल है जो खारे पानी में रहता है, बाकी ताजे पानी में रहने वाले घडियालों के विपरीत। ये मछली खाकर रहते हैं और तुमको इनसे डरने की कोई जरूरत नहीं है।'
'और जो खारे पानी में रहते हैं?'
'तुमको उनसे जरूर डरना चाहिए। कई खतरनाक माने जाने वाले दरिंदे इंसानों पर तभी हमला करते हैं, जब उनको उनसे भय लगता है और उनको डर रहता है कि तुम उनके इलाके में घुस गए हो। हालांकि जो खारे पानी में रहता है वह साधारण जीव होता है। उसे बस तुम्हारा शरीर चाहिए होता है। उत्तर की तरफ के दलदल में हर साल कई ऑस्ट्रेलियाई मारे जाते हैं।'
राजशीशे के सामने झुक गया। 'क्या यह एक तरह की नफरत पैदा नहीं करता है? भारत के कुछ हिस्सों में उन्होंने यह सोचकर बाघों को मार डाला कि वे बच्चों को खा रहे थे। जो इंसानों को खाते हैं उनकी क्यों नहीं नष्ट कर दिया जाना चाहिए?'
'यहां ज्यादातर लोगों का रुख उसी तरह से सहज होता है, जिस तरह से ट्रैफिक से होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर होता है। लगभग, उसी तरह। अगर आप सड़क चाहते हैं तो आपकी मौत को स्वीकार करना होगा, समझे? अच्छा, अगर आप घड़ियाल चाहते हैं तो भी वही बात है। ये जानवर इंसानों को खाते हैं। यही जीवन है।'
राजके रोंगटे खड़े हो गए। उस जंतु ने अपनी आंखें उसी तरह से बंद कर रखी थी, जिस तरह से पोर्च कार के कुछ मॉडल्स में हेडलैम्प ढंका रहता है। पानी में कोई लहर नहीं थी लेकिन इससे यह बात गलत साबित नहीं हो जाती थी कि शीशे से आधी मीटर की दूरी पर एक टन से अधिक भारी वह जंतु था, जिसके दांत थे और जो खराब मिजाज के लिए जाना जाता था।
'चलो चलते हैं,' उसने सुझाव दिया।
'ये हैं हमारे मिस्टर बीन,' बर्गिता ने एक छोटी सी भूरी मछली के ऊपर टॉर्च चमकाते हुए कहा। 'यह फिडलर रे है, हम बार में एलक्स को यही कहते हैं, जिस आदमी को इंगर मिस्टर बीन बुलाती थी।'
'फिडलर रे क्यों?'
'मुझे पता नहीं। वे उसे तबसे इस नाम से बुलाते थे, जब मैंने वहां काम करना भी नहीं शुरू किया था।'
'अजीब नाम है। इसे पिछला हिस्सा उठाकर लेटे रहना पसंद है।'
'हां और इसलिए जब आप पानी में हों तो आपको सावधान रहने की जरूरत है। यह जहरीला होता है। और इसके ऊपर पैर रखने पर यह काट भी लेता है।'
वे सीढ़ियों की तरफ गए जो एक बड़े से तालाब में उतरती थीं।
'ये तालाब असल में एक्वेरियम नहीं होते हैं, वे सिडनी बंदरगाह से जुड़े हुए हैं। जब वे वहां पहुंचे तो बर्गिता ने कहा।
ऊपर छत से हरी रोशनियों की लकीरें उन पर पड़ रही थीं और राजको लग रहा था जैसे वह शीशे की छत के नीचे खड़ा हो। जब बर्गिता ने टॉर्च ऊपर की ओर जलाई, तब जाकर उसने देखा कि वे चारों तरफ पानी से घिरे हुए थे। वे समुद्र के नीचे एक शीशे की सुरंग में खड़े थे और रौशनी बाहर से शीशे से छन-छनकर आ रही थी। एक बड़ी सी छाया उनके पीछे चली गई, वह सहज रूप से घूमा।
'मोब्युलाइड है,' उसने कहा। 'डेविल रेज।'
'हे भगवान, यह तो बहुत बड़ा है!' राजने सांस लेते हुए कहा।
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