मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
06-08-2021, 12:46 PM,
#37
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
गुरु जी के गर्म हाथ मेरी धुन्नी को ज़ोर ज़ोर से रगड़ रहे थे.
उम्म्म… गुरु जी… – मैंने सिसकारी भरते हुए “आ” भरी..
उन्होंने अपनी एक उंगली मेरी धुन्नी में डाली और उंगली को हिलाने लगे जिससे उनकी उंगली का सिरा, मेरी धुन्नी में कस कर रगड़ने लगा..
ओह गुरु जी ये क्या… स स्स्स्स स्स…
फिर उन्होंने रुक कर मेरी तरफ देखते हुए कहा – बहू, धुन्नी को ठीक से शुद्ध करना होगा… तुम्हें मेरे साथ देना होगा, इसमें… अगर तुम मेरा साथ नहीं दोगी तो में ये टोना कभी नहीं निकाल पाउँगा, बहू…
मैंने उनकी तरफ देखते हुए, बस अपनी गर्दन हिलाते हुए हामी भरी..
गुरु जी अब नीचे झुक गये और उन्होंने अब अपनी जीभ मेरी धुन्नी पर रगड़नी शुरू की..
श गुरु जी… आ आ अह ह स स्स्स्स्स स्स…
मैंने उनकी बालों में उंगलियाँ फेरनी शुरू की और गुरु जी अपनी जीभ को गोल गोल घुमाने लगे, मेरी धुन्नी के इर्द-गिर्द.
श गुरु जी… स स्स्स्स्स स्स ओह माआ आ अ… मैं मज़े से कराहने लगी और मैंने बिना सोचे समझे कहा – और चाटिये ना, गुरु जी…. हाँ, और चाटिये ना…
मेरे मुंह से ऐसा सुन कर उन्होंने अपनी जीभ का सिरा, मेरी धुन्नी के छेद में धकेला और मेरी धुन्नी को चाटने लगे..
स स्स्स्स्स् सस्स आ आ आ आ अह ह उम्म्म्म म म म म म म म म म म म म ओह माआ आ आ आअ उफ फ फ फ फफ्फ़…
मैंने उनके सिर को ज़ोर ज़ोर से मेरी धुन्नी में दबाया..
फिर गुरु जी ने अपना मुंह खोल कर मेरी धुन्नी पर प्रेस किया और मैंने उनके दाँतों को मेरी धुन्नी पर कटोचते हुए महसूस किया..
आ आ आ आ स स्स्स्स्स स्स ओह माआ आ ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह और कीजिए ना मेरी शुद्धि गुरु जी… पूरे बदन की शुद्धि कीजिए पूरी रात… स स्स्स स्स…
अब गुरु जी ने मेरे सीने पर से पल्लू हटाया और मेरा ऊपर आकर बिना कुछ कहे मेरे मुंह पर अपना मुंह रखा.
उनके गर्म होंठों के स्पर्श से जैसे में पिघल से गई.
मैंने उनकी पीठ पर हाथ रखते हुए उन्हें कसकर दबोच लिया.
गुरु जी ने अपना मुंह खोल कर मेरे होंठों को कस कर अपने मुंह में भींचना शुरू किया.
फिर उन्होंने अपनी जीभ मेरे होंठों पर रगड़ना शुरू किया.
मेरे होंठों को वो अपनी जीभ से चाट रहे थे और मैं मस्त होकर मचल रही थी..
म्म्म्म म म म उम्म्म्म एम्म्म…
मैंने अपना मुंह खोला और उनकी जीभ अपने मुंह में ली.
गुरु जी अब अपनी जीभ को मेरी जीभ के चारों तरफ रगड़ रहे थे.
फिर मैंने अपनी जीभ उनके मुंह में डाली.. गुरु जी, मेरी जीभ को चूसने लगे अपने मुंह में लेकर..
चूसते हुए उनके मुंह से – मु ह मु ह मु ह मु ह मु ह मु ह मु ह की आवाज़ें आ रही थी..
फिर उन्होंने मेरी जीभ पर अपने होंठों को आगे-पीछे रगड़ना शुरू किया..
उम्म्म स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प. उनकी चूसा से में पागल हो उठी और मैंने उन्हें कस कर अपनी तरफ खींचा..
चूसते हुए उन्होंने मेरी जीभ पर लगी सारी लार (थूक) चूस ली.
मैं भी गुरु जी के बालों में उंगलियाँ फेरते हुए, उन्हें सहला रही थी.
जय, इस तरह तेरी जीभ चूसता है क्या बहू !?!
मैंने उनकी आँखों में देखते हुए कहा – मैं उनसे प्यार करती हूँ गुरु जी लेकिन सच कहूँ तो आपकी लार का स्वाद बहुत अच्छा लगा मुझे…
जय ने कभी मेरी जीभ की चूसा नहीं की थी लेकिन जिस तरह से गुरु जी ने मेरी जीभ चूसी उससे ऐसे लगा मानो मैं स्वर्ग में हूँ..
फिर गुरु जी ने मेरे दोनों गालों को कस कर दबाते हुए मेरे मुंह खोला और अपना मुंह मेरे मुंह के ऊपर ला कर अपनी गाढ़ी थूक मेरे मुंह में गिराने लगे.
मैंने उनकी थूक को अपनी जीभ पर लिया और जीभ को मुंह में घुमाते हुए उनकी थूक का स्वाद चखने लगी..
उम्म्म्म गुरु जी स स्स स्स कितनी पावन है आपकी लार म्म्म्म म… और मैं और कुछ बोले बिना, उनकी लार पी गई.
फिर गुरु जी ने मेरी क्लीवेज के बीचो-बीच चूमना शुरू किया..
ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह गुरु जी आ आ अह ह स स्स्स्स्स् सस्स में आपकी दासी बनना चाहती हूँ गुरु जी… मुझे अपने काम वासना के लिए रोज़ इस्तेमाल कीजिया गुरु जी स स्स्स्स्स् स्स स्स…
मैं बस अपने होश खो कर उनके चुंबनों से पागल हो रही थी और गुरु जी की गर्दन को पकड़ कर उन्हें मेरे सीने पर दबा रही थी.
फिर उन्होंने मेरी क्लीवेज को अपनी जीभ से चाटना शुरू किया..
आ आह ह ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह मा आ आ अ स स्स्स्स्स् स्स्स स्स श गुरु जिइ इ ई ई ई ई ई ई ई ई स स्स्स्स्स् स्स्स स्स…
फिर उन्होंने मेरी चोली के बटन्स खोले और पीछे हाथ डाल कर मेरी ब्रा उतारी.
उन्होंने मुझे बिस्तर पर बिठा दिया और मेरे स्तनों को हाथ में लेकर कस कर दबाने लगे.
आ आह ह कितने मजबूत हाथ है आपके स स्स्स्स्स् स्स्स्स स्स ज़ोर से… और ज़ोर से दबाइए ना, मेरे दूध… उम्म्म गुरु जी आ अह ह मेरी चूत गीली हो रही है म्म्म्म म गुरु जिइ इ ई…
अब उन्होंने मेरे दोनों दूध को अपनी मुट्ठी में जकड़ा और उन्हें कस कर मसलने लगे.
मैं उनकी इस हरकत से कराह उठी.. आ आ आ आ आ आ आ अहह…
मेरी चूत ने अपनी पहली धार छोड़ी.
फिर उन्होंने मेरे लेफ्ट चुचि मुंह में ली और मेरी चुचि को चूसने लगे..
ओह मा आ आअ स स्स्स्स्स् स स्स गुरु जी मेरी पैंटी पूरी गीली हो गई है… में झड़ चुकी हूँ, एम्म्म…
गुरु जी ने मेरी चुचि को अपने होंठों के बीच कस कर भींचा और उनकी इस हरकत से मैं थोड़ा पीछे झुकी.
उनके बालों को सहलाने लगी, अपनी उंगलियों से और गुरु जी मेरी चुचि को चूसते रहे..
कोमल, मेरी रंडियों की चूत में कभी सूखा नहीं पड़ता… उनकी चूत हमेशा गीली रहती है, मेरी कृपा से…
ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह गुरु जी… आ आ अहह चूसीए अपनी रंडी बहू की चुचियाँ गुरु जी… ओह स स्स्स्स्स् स्स्स्स्स् स्स्स स्स उफ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फ फफ्फ़…
मेरी गंदी गंदी बातों से उत्तेजित हो कर, गुरु जी ने मेरी चुचियों को अपनी लार से गीला करना शुरू किया.
वो अपनी जीभ को मेरी चुचियों के चारों तरफ रगड़ने लगे, सर्कल्स में..
ओह, मा आ आ आ स स्स्स्स्स् स्स्स्स्स् स्स स्स कितना मज़ा आ रहा है गुरु जी स स्स्स्स्स् स स्स चाटिये मेरी चुचियों को आ आ अहह स स्स्स्स्स् स्स्स्स्स् स्स स्स और चाटिये… और चाटिये ना स स्स्स्स्स् स्स्स स्स…
गुरु जी अब मेरी चुचियों को दांतों तले दबाने लगे.
मेरी चुचियों को काटने लगे..
आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आह ह गुरु जी… में मर गाइि ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई…
मेरी चूत फिर से गीली होने लगी..
उनकी जीभ मेरी चुचियों को लगातार सहला रही थी और उनके होन्ट मेरी चुचियों को कस कर दबा रहे थे.
मैं उनकी गर्दन को जकड़ कर अपनी तरफ खींचती रही और फिर जैसे मेरी चूत से ज्वाला-मुखी उफन पड़ा और मैं सिहर उठी.
मेरी चूत ने दूसरी बार अपना पानी छोड़ा था.
उफनती नदी की तरफ मेरी चूत के रस ने मेरी पैंटी को पूरी तरह भिगो दिया..
गुरु जी ने मेरी साड़ी पूरी तरह निकाल दी.
मैं उनके सामने सिर्फ़ अपने पेटिकोट और पैंटी में थी.
पैंटी का गीलापन पेटिकोट पर लगा हुआ था.
गुरु जी ने अपना कुर्ता निकाला और फिर अपनी धोती उतारी..
अब वो केवल एक लंगोट में, मेरे सामने बिस्तर पर बैठ गये.
मैंने उन्हें वासना भरी निगाह से देखते हुए पूछा – गुरु जी आपने अपनी रंडियों का जीकर किया था कुछ देर पहले… कितनी रंडियाँ है आपकी और क्या वो मुझसे अच्छी है, बिस्तर में !?!

मेरे इस सवाल पर गुरु जी ने हल्की मुस्कुराहट भरे अंदाज़ में कहा – तेरे इस खानदान में ही मेरी कई रंडियाँ है, बहू. तेरी सासू मां पिछले 10 साल से मेरे साथ सो रही है और तेरी ननद डॉली भी मेरे साथ सोने लगी है… उसकी नथ मैंने ही उतारी थी और मैंने मां जी से सॉफ सॉफ कह दिया है की उसकी शादी इसी शहर में कराना ताकि वो मुझे अक्सर मिलने आ सके और तो और तेरी मां जी और डॉली दोनों को पता है की इन 2 दिनों में, मैं तुझे दिन-रात चोदूंगा… तेरी सासू मां की बहनें सीमा, उसकी दोनों भाभी, पिंकी और निशा और फिर तेरे पति के चाचा की बीवी और उनकी तीनो बहुए, ये सारी की सारी औरतें मेरे साथ कई बार सो चुकी है…
गुरु जी की बातें सुनकर मुझे मां जी, डॉली और उनकी बाकी रंडियों पर जलन तो हुई लेकिन ये भी ख़याल आया की मुझे भी मौका मिला है, गुरु जी के साथ वक़्त बिताने का..
गुरु जी, मैं आपकी सबसे बड़ी रंडी बनना चाहती हूँ… मां जी, डॉली और जय के आने तक मैं पूरा दिन और पूरी रात घर में नंगी रहूंगी, आपकी सेवा में…
गुरु जी अब बिस्तर पर खड़े हो गये और उन्होंने बिना कुछ कहे, मुझे अपनी तरफ खींचा..
मेरे बाल पकड़ कर उन्होंने मेरा चेहरा अपने लंगोट पर दबाया..
सूंघ ले, अपने गुरु जी का लंड रंडी…
गुरु जी के आदेश अनुसार में उनके लंगोट पर से उनके लंड की मादक खुशबू सूंघने लगी उम्म्म्मम..
उनके लंगोट से पसीने की मादक खुशबू आ रही थी.. मुझसे रहा नहीं गया और मैंने उनके लंगोट को चाटना शुरू किया..
फिर, मैंने उनकी तरफ देखा और उनका लंगोट खोल कर मैंने उनके लंड के दर्शन किए..
उनका लंड, जय के लंड से काफ़ी मोटा और काला था..
मैं झट से उनके लंड से लिपट गई और अपनी जीभ से उनके अंडकोष को चूमने और चाटने लगी.
उनके लंड की मादक खुश्बू मुझे पागल करे जा रही थी.
गुरु जी ने अपने लंड को पकड़ कर उनका टोपा मेरे होंठों पर रगड़ा.
उम्म्म्मम गुरु जी… स स्स्स स्स कितनी मस्त खुश्बू आ रही है… स स्स स्स…
मैंने उनके लंड के टोपे को कवर करती चमड़ी को पीछे किया और उनका चिप-चिप स्लिपरी टोपा एक्सपोज़ करते हुए, उसे चाटने लगी.
गुरु जी मज़े में मोन करने लगे..
ओह प्रिय्आ अ म्म्म्म म कोमल बेटी आ आह ह स स्स्स्स्स् स्स्स्स्स् स्स्स्स्स् सस्स… साली, चाट अपने गुरु जी के टोपे को… मुंह में लेकर चूस ले कस कर तेरी मां की चूत…
मैं उनकी गालियों से और मस्त हो रही थी.
फिर मैंने उनके टोपे पर लगी पेशाब वाली क्रॅक पर जीभ घुमाना शुरू किया..
उम्म्म गुरु जी मुझे आपका मुठ पीना है… – और ये कह कर मैंने उनका लंड मुंह में लिया..
उनके लंड को चूसने लगी ज़ोर ज़ोर से..
स्ल स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प स्ल र्प…
फिर गुरु जी ने मेरे गालों को पकड़ा और अपने लंड को मेरे मुंह में मारने लगे.
मेरे मुंह को चोदने लगे ज़ोर ज़ोर से..
उनका लंड मेरे मुंह में थपेड़े मारने लगा – स्वूप स्वूऊप स्वू ऊ ओप स्वू ऊ ओप स्ओू ऊ ऊ ऊप स्ओू ऊ ऊ ऊप स्वूऊप स्वू ऊ ओप स्वू ऊ ओप स्ओू ऊ ऊ ऊप स्ओू ऊ ऊ ऊप स्वूऊप स्वू ऊ ओप स्वू ऊ ओप स्ओू ऊ ऊ ऊप स्ओू ऊ ऊ ऊप स्वूऊप स्वू ऊ ओप स्वू ऊ ओप स्ओू ऊ ऊ ऊप स्ओू ऊ ऊ ऊप स्वूऊप स्वू ऊ ओप स्वू ऊ ओप स्ओू ऊ ऊ ऊप स्ओू ऊ ऊ ऊप स्वूऊप स्वू ऊ ओप स्वू ऊ ओप स्ओू ऊ ऊ ऊप स्ओू ऊ ऊ ऊप स्वूऊप स्वू ऊ ओप स्वू ऊ ओप स्ओू ऊ ऊ ऊप स्ओू ऊ ऊ ऊप स्वूऊप स्वू ऊ ओप स्वू ऊ ओप स्ओू ऊ ऊ ऊप स्ओू ऊ ऊ ऊप स्वूऊप स्वू ऊ ओप स्वू ऊ ओप स्ओू ऊ ऊ ऊप स्ओू ऊ ऊ ऊप स्वूऊप स्वू ऊ ओप स्वू ऊ ओप स्ओू ऊ ऊ ऊप स्ओू ऊ ऊ ऊप स्वूऊप स्वू ऊ ओप स्वू ऊ ओप स्ओू ऊ ऊ ऊप स्ओू ऊ ऊ ऊप…
फिर उन्होंने अपना लंड बाहर निकाला और अपने हाथ में थूक कर उस थूक को अपने लंड पर रगड़ा.
उनका लंड, उनकी थूक की परत में चमक रहा था.
मैंने फिर से उनका थूक से सना लंड मुंह में लिया और उससे और ज़ोर ज़ोर से चूसने लगी.
गुरु जी भी मेरे बालों को पकड़ कर अपना लंड मेरे मुंह में मारने लगे, फिर से..
ले ले रंडी… ले मेरा लंड… आ आह ह स स्स्स्स्स स्स आ आ अह ह ह आह ह अह ह…
तोप तोप तोप तोप तोप तोप तोप तोप…
खूब चूसा के बाद, गुरु जी ने मुझे पकड़ा और फिर अपने लंड का टोपा मेरे होंठों पर टीका कर मुस्कुराते हुए कहा – ले मेरा मुठ, कुतिया…
और बस कुछ ही पलों में, उन्होंने अपनी पहली धार मेरे मुंह में छोड़ दी.
उनका गाड़ा रस, मेरे मुंह में उफन पड़ा..
उू उ उम्म्म्म स स्स्स्स्स् स्स्स्स्स् स्स्स्स्स् सस्स प्रआ आ आ आ आ आ आ आ आ आअ…
गुरु जी का गर्म गर्म मुठ मेरे मुंह में था.
मैंने उससे अपने मुंह में ही रख कर उन्हें दिखाते हुए, मुठ को अपनी जीभ से मुंह में चारों तरफ घुमाया और फिर में उसे पी गई..
मुठ निकलने के बाद, मुझे लगा गुरु जी और मर्दों की तरह ठंडे पढ़ जाएँगे, कुछ देर के लिए लेकिन उन्होंने मुझे बिस्तर पर फिर से लिटा दिया और मेरा पेटिकोट उतार दिया, पूरी तरह..
अब, मैं सिर्फ़ पैंटी में थी उनके सामने.. गुरु जी ने नीचे झुक-कर, मेरी चिकनी सपाट जांघों को चूमना शुरू किया.
उनकी इस हरकत से, मैं फिर से सिहर उठी और उनके बालों में उंगलियाँ घुमाने लगी.
फिर उन्होंने, मेरी जांघों को और फैला दिया और वो अपनी जीभ के सिरे से मेरी जांघों को चाटने लगे.
उनकी लार से मेरी दोनों जांघें गीली होने लगी और में उनके बालों को कसकर खींचते हुए सिसकियाँ लेने लगी – सस्स्स्स्स् स्स्स स्स ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह गुरुजिइइई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई म्म्म्म म म म म म म म म म ओह आ आ र र र्र र गज्ग घ ह… ऐसे चाटगे तो मेरी चूत फिर से पानी छोड़ देगी, मेरे रजा आा अ… – मैं मदमस्त होकर बड़बड़ाने लगी..
फिर उन्होंने, मेरी कमर को दोनों हाथों में दबोचा और अपने होंठों से मेरी चूत पर चुम्मों की बारिश करने लगे.
उनके होंठों का स्पर्श महसूस करते ही मुझे सातवें आसमान पर होने का अनुभव हुआ.
अब मैंने उनके बालों को पकड़ा और उन्हें सिर को नीचे दबाने लगी, मेरी चूत पर. मैंने अपने पैर उनकी गर्दन पर क्रॉस किए और उन्हें अपने पैरों में जकड़ लिया.
आह ह गुरुजिइइई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई चाट लो, मेरी चूत को… चाट लो मेरे मालिकक्कक क स स्स्स्स्स् स्स्स्स्स् स्स स्स… अब से मैं आपकी रखेल हूँ… आपके साथ बिस्तर गर्म करने के लिए, कुछ भी करूँगी म्म्म्म म और मैं खुद ही मस्ती में बड़बड़ाते हुए, अपनी कमर उठा कर उनकी चटाई का आनंद लेने लगी..
गुरु जी ने अपना मुंह खोला और मेरे चूत को मुंह में दबोच लिया.
उनके होंठों को मेरी चूत के इर्द-गिर्द महसूस करते ही, मेरा जिस्म जैसे एकदम टाइट हो गया और मैंने अपनी कमर उठा ली मस्ती में..
ओह गुरुजिइइई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ऐसा आनंद देंगे तो दुनिया की हर औरत आपके साथ सोने को तैयार होगी एम्म्म स स्स्स्स्स् स्स्स्स्स् स स्स और चूसो मेरी चूत… आज तक जय ने भी इतनी दफ़ा मेरी चूत से पानी नहीं निकाला है… मुझे तो पता ही नहीं था की मेरी चूत इतना पानी छोड़ सकती है स स्स्स्स्स् स्स्स स्स… खा जाइए, मेरी चूत… मसल दीजिए, मेरी चूत को…
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RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह - by desiaks - 06-08-2021, 12:46 PM

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