RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
उनकी गहरी नींद में होने का पक्का कर, मैंने उनका टी शर्ट थोड़ा ऊपर किया और उनकी ब्रा भी ऊपर कर के, उनके मस्त रस भरे स्तनों के दर्शन करने लग गया..
उनकी निपल्स भूरे रंग की थीं और मैं उनको देख कर पागल सा हो गया और मैंने तत्काल बिना देर किए, आहिस्ता से उनको अपने मुँह में ले लिया और धीरे – धीरे उनको चूसने लगा.. ..
मैंने अपना एक हाथ उनकी नेकर में भी डाल दिया। नेकर के हुक खुला होने से वह भी उनकी योनि के पास तक सरक गई थी।
मैंने अपनी दो उंगलियों को धीरे से, अंदर डाला तो मुझे अंदर सफ़ाचट चिकना स्पर्श सा लगा। तभी ध्यान आया की आज सुबह ही तो मम्मी ने स्टीम बाथ के समय, अपने बाल साफ किए थे।
मम्मी की चूत का हिस्सा गर्म भट्टी सा तप रहा था और मैंने महसूस किया की मम्मी की निपल्स भी अब पहले से ज़्यादा कड़ी होकर, बड़ी बड़ी महसूस हो रही थीं.. लेकिन, मैं रुका नहीं और चूसते चूसते ही थक कर सो गया..
अगले दिन सुबह, जब मैं सो कर उठा तब आसमान बिल्कुल साफ़ था और बाहर धूप खिल उठी थी।
रेतीली मिट्टी होने से, कहीं भी पानी का नामो निशान नहीं था।
मल्लिका बाई ने, पूरा गेस्ट हाउस साफ़ कर दिया था।
मैंने देखा की मम्मी साड़ी पहन कर, उससे पास के किसी मंदिर का पता पूछ रही थीं।
मैंने सोचा शायद पापा के आने का सुनकर, नाटक कर रही हैं।
बाई के जाने के बाद, मम्मी ने मुझसे कहा की चलो, नाश्ते के बाद हम बीच पर चलेंगें…
मैं सोचने लगा की मम्मी साड़ी पहन कर, बीच पर क्या करेंगी.. लेकिन, जाने के समय मैं देखता ही रह गया.. मम्मी ने एक काली कलर की बिकनी ढूँढ निकली.. जिसकी साइज़ पहले की तरह छोटी थी और उनका मांसल बदन, बिकनी फाड़ने को बिल्कुल तैयार लग रहा था..
रास्ते में, मम्मी बोलीं की रात में ऐसी ही सो गई… सुबह जाकर, समझ आया की रात में क्या हुआ… ??
मैं चुप ही रहा और अंदर ही अंदर समझ गया की मम्मी सब जान गई हैं।
सी बीच पर जाने के बाद, हमने देखा की वहां कोई भी नहीं है और चारों तरफ सुनसान है।
इतना अकेलापन भी डर लगने का कारण हो सकता है, ऐसा पहली बार महसूस हुआ।
कल की ज़ोर दार बारिश की वजह से, समंदर का पानी काफ़ी ज़ोर मार रहा था और उसमे रेत भी ज़्यादा थी.. जिससे की पानी में, गंदगी सी महसूस हो रही थी..
तब मम्मी बोलीं – चलो, पत्थरों की और चलो… अंदर जाने में तो डूबने का डर रहेगा…
फिर, मैं और मम्मी उथले पानी में ही सीने तक डूब कर पत्थरों पर बैठ गये.. लेकिन, समंदर की तेज़ लहरें हमें बार-बार डुबाने की कोशिश करती थीं और हम दोनों चिपक कर, फिर से चट्टान पर बैठ जाते..
मम्मी से इतना ज़्यादा चिपकने का मौका, मैं खोना नहीं चाहता था.. इसलिए, मैं मौका मिलते ही, मम्मी को पकड़कर सीने से लगा लेता..
तभी, वहां एक बाइक आकर रुकी। जिस पर, एक अधेड़ आदमी जिसकी उम्र करीब 50 के आस पास होगी और एक 25 साल की लड़की को लेकर आया।
दोनों के हाथों में शराब की बॉटल्स थीं और वे बिकनी और बरमूडा में थे। गाड़ी खड़ी करके, वहां पत्थरों के बीच आड़ में चूमा चाट करने लग गये।
यह देख कर, मम्मी बोलीं की हम यहाँ चुपचाप पत्थरों के पीछे से उनको वॉच करते हैं, यह लड़की, उसकी बेटी की उम्र की लग रही है, और एस बुड्ढे को जवानी चड़ी है… मज़ा आने वाला है, आज तो…
वह दोनों कुछ देर तक तो दारू पीते हुए, बात करते रहे… लेकिन, बाद में उस बुड्ढे ने लड़की के होंठो को चूसना शुरू कर दिया और धीरे से उसकी ब्रा निकाल दी और उससे मस्ती करने लगा…
तभी लड़की ज़ोर से हंसते हुए, भाग खड़ी हुई और हमारी तरफ ही आने लगी।
तब मम्मी बोलीं की देख, ऐसा दिखना की हमने उनको अभी तक देखा ही ना हो… और हम भी पानी में मस्ती करने लगे।
वह लोग भी हमारी तरफ ही आ गये।
हमें देख कर लड़की ने अपने दोनों दूध पर हाथ रख कर, ब्रा पहनने की कोशिश की..
वह आदमी हल्के से मुस्कुराया और विश करने के अंदाज़ में झुकते हुए बोला – क्या आप भी ज़िंदगी का मज़ा उठा रहे हो… ??
तो मम्मी बोलीं – जी हाँ, बिल्कुल…
तभी वहां पानी में एक बड़ी सी बॉल ना जाने कहाँ से तैरकर आ गई.. जिसे उस लड़की ने पकड़ लिया, और कहने लगी की आओ ना, हमारे साथ खेलो…
मम्मी के आँखों से इशारा करने पर, हम भी उनके साथ इंजोय करने लगे।
एक तरफ वो दोनों थे तो दूसरी तरफ, हम दोनों माँ बेटे।
जब मम्मी बॉल लेने के लिए झुकतीं, तब वह आदमी मम्मी के बूब्स को गौर से देखने लगता और पीठ करती तो मम्मी की गांद को घूरता।
खैर, लगभग एक घंटा मस्ती करने के बाद, वह जाने लगे तो उसने कहा की आप लोग किस होटल में रुके हुए हैं… तो मम्मी बीच में ही बोल पड़ीं की हम यहाँ ताज रिज़ॉर्ट्स में है और कल ही वापस चले जाएँगे…
जब वह अपनी बाइक के पास गया तो मुझसे धीरे से बोला की मैंने तो पैसे देकर लड़की को किया है… इसलिए, साली ज़्यादा नाटक कर रही है.. लेकिन, तू तो बच्चा होकर मस्त माल बटोर लाया है… तेरी बड़ी बहन लगती है, क्या… ?? ऐसी चीज़ तो पूरे गोआ बीच पर नहीं देखी, यार…
मैंने सोचा क्या वास्तव में मम्मी इतनी सेक्सी हैं या वह फालतू ही बोल रहा था।
कुछ देर बाद, हम भी वापस लौट आए। तब मम्मी बोलीं की चलो, गेस्ट हाउस के पीछे चलते हैं… वहां स्विमिंग पूल में तैरकर, बदन पर लगी मिट्टी और रेत साफ़ कर लें…
मैं बोला की आप पूल में उतरो… मैं अभी, तौलिये और कपड़े लेकर आता हूँ..
जब मैं तौलिये लेकर आया तो देखा की मम्मी ने अपनी बिकनी उतार कर पूल साइड पर रख दी है और वह नंगी होकर, मेरी और पीठ करके पानी में खड़ी थीं।
यह देख कर, मैं चौंक सा गया.. लेकिन, तभी फोन की बेल बाजी और मैं अंदर चला गया..
फोन बहन का था और वह कह रही थी की वह पापा के साथ, कल सुबह गोआ पहुँच जाएगी और आज पापा उसे दिन मे स्विमिंग कॉस्ट्यूम्स वगेरह दिलाएँगें…
तो मैंने कहा की पैसे मत बिगाड़ो… यहाँ सभी ज़रूरत की चीज़ो से वॉर्डरोब्स भरे पड़े हैं… बस, जल्दी से, जल्दी आ जाओ…
तो वो कहने लगी की हाँ… पापा भी कह रहे थे की जल्दी से गोआ चलते हैं…
अगले दिन, लंच के समय तक पापा और बहन भी पहुँच गये।
मम्मी ने घुटनों के ऊपर तक का पतला सा स्कर्ट और टॉप पहन रखा था और बहन भी टाइट वाइट टॉप और जीन्स पहन कर आई थी।
जिसमें से उसके बड़े बड़े बूब्स साफ़ दिखाई दे रहे थे.. गांद पर से भी उसकी फिगर, कयामत ढा रही थी..
फिर, उसने बताया की पापा ने उसे ऐसे कपड़े दिलाए हैं की अपने यहाँ तो उनको पहनने की कोई हिम्मत भी नहीं कर सकता।
लंच के बाद, हम चारों पूरा गेस्ट हाउस घूम कर पूल साइड पर बैठकर गपशप कर रहे थे.. तब, पापा ने बताया की यह गेस्ट हाउस उनके बॉस का है और वह इसे केवल अपने खास लोगों को ही एंजाय करने के लिए देते हैं और यदि ऐसा कॉटेज किराए पर लिया जाए तो वह यहाँ की किसी फाइव स्टार होटल के बराबर पड़ेगा। फिर भी हमें, उसमें इतनी प्राइवेसी नहीं मिलेगी।
इधर, तेज़ हवाओं के कारण मम्मी का पतले कपड़े का स्कर्ट बार बार उड़कर उनकी थाइस पर चढ़ रहा था…
लेकिन मेरी मम्मी, उसे बड़े बेफ़िक्र अंदाज़ में आराम से उसे सीधा करतीं.. !!
वैसे, पापा भी कुछ खास प्रतिक्रिया नहीं कर रहे थे।
खैर, शाम को हम सभी ने होटल में जाकर डिन्नर करने का प्लान बनाया।
मम्मी ने काले रंग का बेक लेस ब्लाउज पहना.. !! जिसमें, से उनकी गोरी पीठ देखने वालों पर बिजली गिर रही थी और मेरी बहन ने लंबे कट वाला लोंग स्कर्ट पहना था.. !! जिसमें, से उसकी सफेद जांघें बाहर आ रही थीं.. !! जो की, कुर्सी पर बैठने पर पूरी साफ़ नज़र आ रही थीं.. !!
यह दोनों ड्रेसस, इन्हें वॉर्डरोब में से ही मिली थीं और काफ़ी कीमती थीं.. !!
शानदार लंच के बाद, हम गोआ के नाइट स्पॉट्स पर भी घूमे.. !! जहाँ, गोआ जवान नज़र आता है.. !!
रात में मम्मी ने गेस्ट हाउस में आकर अपनी वही छोटी सी नाईटी पहन ली और बहन ने बदन पर एक सिल्क का कुर्ता डाल लिया। जिसमें से, उसके बोबे आकर्षक दिखाई दे रहे थे।
टीवी देखते हुए, मैंने देखा की मेरी बहन जोकि सिर्फ़ सिल्क का कुर्ता डाले हुए थी अपने पैरों को कुछ ज़्यादा ही फैला कर बैठी थी। जिससे, उसकी जांघें और पैंटी का साइड का भाग भी दिख रहा था और पापा भी मम्मी की जाँघो को हाथों से दबाते हुआ बहन को देख रहे थे…
अगली सुबह, कुछ नज़ारा ही अलग था.. !! .. !!
पापा, जिन्हें मैंने पहली बार स्विम कॉस्ट्यूम में देखा। उनका तना हुआ लिंग, बड़ा अजीब सा लग रहा था।
बहन और मम्मी, दोनों ने भी छोटी छोटी सी बिकनी पहन रखी थी।
पापा बोले की सब लोग खूब मज़े करो.. … जितना हो सके.. … पता नहीं, ये मौका दुबारा मिले नहीं मिले.. …
और हम चारों ने खूब मज़े करे.. !! .. !!
फिर, हम सभी बीच पर गये और वहां पर समंदर में काफ़ी डीप तक घुस कर तैरते रहे।
पापा, मम्मी और बहन की बिकनी खींच खींच कर, उन्हें रेत पर घसीट रहे थे.. !! जिससे की उन दोनों के बूब्स, बाहर निकलने को होते.. !!
काफ़ी देर बाद, हम वापस पूल साइड में आए और मम्मी ने ठीक कल की तरह ही रेत में भरी बिकनी उतार फेंकी और पूल में कूद गईं.. !!
यह सब देख, मैं वहां से हट अंदर आ गया.. !!
पीछे – पीछे, बहन भी अपने अधनंगे चुत्तड हिलाती हुई आ गई और कहने लगी – तुम पागल हो, जो शरमाते हो.. … मज़े लूटो.. … ऐसे खुले विचारों वाले, मां बाप नहीं मिलेंगें… जो, तुम्हें इस तरह आज़ादी दे रहे हैं.. … तुम्हारी जगह, मैं होती तो कपड़े खोल कर एकदम नंगी कूद जाती.. …
कुछ देर बाद, जब मैंने रूम से बाहर झाँका तो देखा की मम्मी पापा, दोनों नंगे होकर पूल में मस्ती कर रहे हैं और मेरी बड़ी बहन जिसने केवल बिकनी पहन रखी थी, वह एक खंबे की आड़ में यह सब तमाशा गोर से देख कर, अपनी चूत को मसल रही थी…
शाम को, हम सभी लगभग अधनंगे होकर एक नाइट क्लब में जा घुसे.. !!
वहां पर, शराब और शबाब का जो नंगा नाच हो रहा था.. !! उसे देख कर, तो मेरा लंड बस फटने ही वाला था.. !!
पापा मम्मी बोले – जिसे, जिसके साथ जोड़ी बनाना हो बना लो.. … कोई किसी की शरम मत पालना.. … दारू पियो या लड़कियाँ नचाओ, कोई बात नहीं.. …
इसके बाद, मैं और मेरी बहन जिसने बड़े गले वाली छोटी सी स्पोर्ट्स ब्रा और जीन्स की जैकेट पहन रखी थी और नीचे केवल दिखाने का छोटा सा मिनी स्कर्ट पहना था, हम खूब नाचे…
बहन बोली की क्यों ना हम भी, बियर या वाइन टेस्ट करें।
तब मैंने उसे कहा की ठीक है… तू केवल, बियर ही पीना.. … मैं थोड़ी सी वाइन लेकर आता हूँ.. …
नशा करने के बाद, कान फोड़ू डिस्को साउंड के बीच… हम अब केवल औरत और मर्द महसूस कर रहे थे…
हमारे बीच, खून का रिश्ता नहीं बचा था,.. !!
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