मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
06-10-2021, 12:00 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
मेरी बहन दीपा --1

मेरा नाम मनीष है मेरी बहन का नाम दीपा है वो 29 साल की है दीपा देखने मैं बहुत मस्त लगती है उसे देख के हर किसी के मन मैं उसे बस चोदने का ख्यल ही आता होगा.दीपा की ब्रा का साईज़ 32 है उसकी नेवल बहुत सुन्दर है उसके बूबस उसकी चुत सब बहुत मस्त है उसके नंगे जिस्म देख के ऐसा लगता है जैसे कोई गदराई बरसों की प्यासी जवानी है जो मचल रही है, और ये सब मैं कैसे जानता हु ये ही बतना चाहता हु.मै और दीपा दोनों अकेले दिल्ली मैं रेहते हैं मैं जॉब करता हु वो कोलेज मैं पढती है और वही होस्टेल मैं रेहती है, वीकेंडस पे आती रेहती है मेरे पास.ये पिछले महीने दिवाली से 2 हफ़्ते पहले की बात है दीपा वीकेंडस पे आई हुई थी, रात के 9:30 हो रहे होंगे मैं और दीपा दोनों सब टीवी पे लेफ्ट राइट लेफ्ट देख रहे दी. तभी दरवाजे पे दस्तक हुई और मे मैने जैसे ही दरवाजा खोला मैं देखा कुछ लोग बाहर खड़े थे सारे ६ फीट के आस पास के थे शक्ल से क्रिमिनल्स लग रहे थे उन्होने मुझे घर के अंदर धक्का दे दिया और अंदर घुस गए और दरवाजा लॉक कर लिया और कहा शोर मचाया तो गोली मार देंगे और अपनी पिस्टोल मेरे सर पे लगा दी तभी दीपा अंदर के रूम से बहर आ गयी उनकी आवजों को सुन के.

उन्होने दीपा को उपर से नीचे तक घूर के देखा फिर उन मैं से एक ने कहा साला रंडी चोद रहा था, फिर एक ने कहा साले आज कल के लौंडे यहाँ पढने आते हैं पर करते हैं रंडी बाज़ी फिर उन्होने मुझे कहा क्या बे मादरचोद रंडी बुलाता है घर मैं हैं और वो मुझे लेके अंदर आ गये और पहले वाले रूम मैं बैठ गए असल मे दीपा ने उस वक्त व्हाइट कलर की स्कर्ट और पिंक टॉप पहनी थी इस वजह से उसकी गंड बहुत बड़ी लग रही थी और दीपा के लिप्स देखने मैं नॉर्मली ऐसे लगते हैं जैसे की पता नहीं कितना लंड चूस्ती हो पर मे जानता हु की वो अभी तक वर्जिन है और बहुत ही शरीफ और सीधी है. अब मुझे पता चला के वो कुल 6 लोग थे, दीपा उन्हें देख के बहुत डरी हुई लग रही थी तभी उनमे से एक आगे बढ़ा और दीपा के पास ख़ड़ा होके दीपा को छूने लगा और कहने लगा साली कितने मे चुद रही थी तू? नाम क्या है तेरा? दीपा ने डर से धीरे से कहा- दीपा.फिर उनमे से एक ने मुझसे पूछा- कौन है रंडी? कहाँ से लाया? मैने कहा मेरी छोटी बहन है.

इस पे सारे हँसेने लगे कहा वाह क्या मस्त माल है तेरी बहन साली की गांड देख के तो लगता है बहुत मराती है. फिर सब हंसने लगे. दीपा के डर के मारे आंसू निकलने लगे.तभी एक ने कहा साली जा खड़ी क्या है हमारे खाने के लिये कुछ ला, और दीपा किचन मैं चली गयी कुछ लाने, थोड़ी देर मे कुछ खाने को लेके वो वापिस आ गयी और जैसे ही झुक के प्लेट

टेबल पर रखने लगी उसके पीछे खड़े एक आदमी ने उसकी स्कर्ट को पूरा उपर उठा के कहा साली की गांड तो देखो क्या गदराई हुई है, दीपा इस हरक़त पे चिल्ला पड़ी बोली-ये क्या बातमीजी है? तभी उनमे से एक ने दीपा के बाल को पकड़ के खींचा दीपा दर्द से कराहने लगी, तब उनमैं से एक बोला साली तुझे तो अब हम बतायेंगे की बातमीजी क्या होती है.

मैने चिल्ला के कहा-मेरी बहन को छोड़ दो, तब उन्होने कहा- साले बेहन के लोड़े तेरी तो, और वहीं पड़े चादर को उठा के मेरे हाथ पैर बांध दिये. और कहा देख आज तेरे सामने तेरी बहने की ब्लू फिल्म बनायेगे इसे अपनी रंडी बनायेंगे. और उन्होने दीपा को पकड़ लिया और कहा साली चल अपने सारे कपड़े उतर नहीं तो तेरे और तेरे भाई दोनो को गोली मार देंगे, दीपा डर गयी उसने उनसे बहुत कहा हमे छोड़ दो

पर वो नहीं माने अंत मैं दीपा ने रोते हुये अपने कपड़े उतारने शुरू किये और उनमे से एक ने अपने पॉकेट से फोन निकाल लिया और दीपा की फिल्म बनाने लगा, पहले दीपा ने अपना टॉप उतारा. दीपा की छूचियाँ उसके ब्रा से झलकने लगी उसकी नेवेल पूरी मस्त सी देखने लगी, फिर उन्होने कहा चल अब स्कर्ट उतार. दीपा बोली- प्लीज़ ये नहीं. तब उनमे से एक ने जबरदस्ती दीपा की स्कर्ट उतर दी.मैने पहली बार दीपा को पॅंटी और ब्रा मैं इस तरह देखा था. उसको इस तरह देख के पता नहीं क्यूं मुझे अच्छा भी लगने लगा, अब बारी थी पॅंटी उतारने की दीपा ने धीरे से पॅंटी उतार दी, हे भगवान मैं आज अपनी सगी बहन की झाटों भरी चूत देख रहा था और वो अपनी चूत को अपनी मोटे मोटे जाँघों के बीच छुपा रही थी, अब बारी थी ब्रा की, लेकिन इसके पहले ही उन लोगों ने उसकी ब्रा खींच के फाड़ दी और दीपा के दोनो चूचियाँ आजाद होके उनके सामने झूल गयी, फिर क्या था सारे दीपा के जिस्म के साथ खेलने लगे और एक फिल्म बनाता रहा. दीपा बार बार उन्हे कह रही थी प्लीज़ भगवान के लिये मुझे जाने दो कुछ मत करो ऐसा मत करो मैं बर्बाद हो जौउँगी, पर वो कहाँ सुनने वाले थे. वो तो दीपा की जिस्म से खेलने मैं लगे थे. फिर उनमे से एक ने कहा भाई साली की चूत चाटते पर साली की झांटे इतनी बड़ी हैं की मज़ा नहीं आयेगा तभी दूसरे ने कहा तो क्या हो गया रंडी की चूत शेव कर देते हैं, और उसने अपने एक साथी से कहा-जा और जाके रूम से रेज़र दूंढ़ के ला. फिर 10 मिनट मे वो आदमी रेज़र, मग मैं पानी और साबुन लेके आ गया. उन लोगों ने जबरदस्ती दीपा को बेड पे लिटा दिया और उसकी टांगे पकड़ के खोल दी. अब तो दीपा चिल्लाने लगी थी और रोने लगी थी. तभी उनमे से दो ने दीपा के हाथ पकड़ लिये और दो ने टांगे. पेहले वाले ने दीपा को जाँघों से पकड़ लिया. दीपा चिल्ला रही थी इस वजह से जो फिल्म बना रहा था उसने फटाक से अपना पॅंट खोला और अपना मोटा लम्बा लंड निकाल के दीपा के मुह मे डाल दिया और फिल्म बनाने लगा. बाकी जो एक था उसने दीपा की चूत 5 मिनट मे शेव कर दी. अब दीपा की पूरी चूत चिकनी दिख रही थी. वो उनके सामने बिलकुल नंगी थी. उसकी चूत ऐसी लग रही थी जैसे किसी ************ साल की लड़की की होती है, दीपा चिल्ला तो नहीं पा रही थी मुह मे लंड होने की वजह से पर उसके मुह से गुऊंन गू गॅप गॅप की आवाज आ रही थी, अब तो बारी बारी से सारे दीपा की चूत को चाटने लगे. अब दीपा को भी मस्ती आने लगी थी क्यूंकि उसके मुह से अब आवाजें आने लगी थी आआआहहह्ह उऊऊन्न आआःह्ह सीईइइस इस तरह काफी देर तक कोई दीपा से लंड चुसवाता कभी कोई उसकी चूचियाँ दबाता कभी उन्हें चूसता और दीपा ऊ ओई मा मज़ा आगया ऊई ऊई कर रही थी. कह रह थी आअह राजा और चाटो आहह. अभी तक मैने ये सिर्फ सुना था की हर औरत मे एक रंडी छुपी होती है और आज ये मैने दीपा मे देख लिया की कैसे वो 6 अंजान लोगो के आगे नंगी होके अपनी चूत चटवा रही थी उनके लंड को लॉलीपोप की तरह चूस चूस के मज़े ले रही थी.

दीपा को ऐसे मस्ती मे बोलते देख मैं समझ नहीं पा रहा था की क्या ये वही मेरी छोटी बहन दीपा है, पर दीपा को कोई फर्क ही नहीं पड़ रहा था. वो ये भी नहीं सोच रही थी की वो अपने बड़े भाइ के सामने उन 6 अजनबियों से अपनी चुत चटवा रही थी और बारी बारी से उनके लंड अपने मुह मे ले रही थी.ये सब काफी देर तक चलता रहा, तभी उनमे से एक उठा और बोला- रानी क्या अपनी चुत मैं हम सबके लंड को लेना पसंद करोगी, दीपा ने कहा- आह ओह नहीं …मुझे छोड दो मेरी ज़िंदगी बर्बाद हो जाएगी. वो चिल्ला रही थी पर वो कमीने उसे चोदना चाहते थे. मैं सच बोलता हूँ वो मेरी बहन थी लेकिन मेरा लंड भी मेरे कच्छे मे पूरा खडा हो गया था समझ नहीं आ रहा था क्या करूं. ये गुंडे अभी मेरी कुँवारी बहन को चोद जायेंगे और मैं कुछ नहीं कर पाऊंगा. तभी एक गुंडा जो उनका बॉस था बोला- देखो साले को, अपनी बहन की चूत देख कर इसका भी लंड खडा हो गया. साले बहुत मजा आ रहा है अपनी बहन की चूत देख कर, बेटे चिन्ता मत कर तुझे भी दिलवाएंगे इसकी चूत. ये देख कर दीपा की आखें फटी की फटी रह गयी की उसे इस हलत मैं देख कर मैं उत्तेजित हो रहा हूँ. मुझे उन पर बहुत गुस्सा आ रहा था, तभी मैने देखा मस्ती मैं एक गुंडे ने अपना पिस्टल बेड पर रख दिया, मैने उसे उठा लिया और उनके बॉस की कनपटी से सटा दिया वो एक दम से डर गया. मैने कहा- छोड दो उसे नहीं तो सालो अभी गोली मार दुंगा..सब कुछ इतनी जल्दी मैं हुआ वो एकदम से घबरा गए. दीपा मेरे पीछे आ गयी. मैने उसे कहा पुलिस को फोन लगाये. वो सब डर के मारे वहाँ से भाग गए. उनके जाने के काफी देर बाद भी दीपा मुझसे चिपकी हुई थी पूरी नंगी और गरम.. मेरी समझ नहीं आ रह था क्या करूं.. वो रोने लगी तो मैं उसे दिलासा देने लगा. मैने उसे गले से लगा लिया और उसकी पीठ थपथापने लगा.. उसकी कठोर चूचियां मेरे सीने मैं लग रही थी.. मेरा लंड नेकर से बाहर जा रहा था दिमाग काम नहीं कर रहा था. मेरा लंड उसकी जांघों के इर्दगिर्द घूम रहा था. वो उस देख कर और अस्मंजस मैं हो रही थी… मैने दिलासा देने के बहाने उस अपने सीने से जकड लिया और बोला- डियर इसमे तुम्हारी कोई गलती नहीं है, ये सिर्फ एक हादसा था.. ये सब भूल जाओ. उन गुंडों ने उस की चूत चाट-2 कर उसे बहुत गरम कर दिया था और मैं इसे मौके का फायदा लेना चाह रहा था….वो अब मुझसे शर्मा रही थी और उसने कपड़े पेहनने के लिये हाथ बढाया.. मैने उस रोका और बोला अब भी कुछ बचा है हमरे बीच…. वो आँखें फ़ाड-2 कर मुझे देख रही थी.

मैं उसे बाहों मैं लेकर बेड पर ले गया… वो कुछ बोल नहीं पा रही थी… मैने सीधे उसे बेड पर लिटा कर उसे कम्बल ओढा दिया और उस के बगल मैं लेट गया.. हमारे बदन टकरा रहे थे.. वो भी मेरे मन को समझ रही थी.. लेकिन बोल दोनों के बंद थे… मैने धीरे से अपना हाथ उस की उठी हुई चूचियों पर रख दिया… साला 440 वॉल्ट का करेंट सा लगा….. लौंडिया भी सिहर उठी और बोली- भैया… प्लीस ऐसे मत करो. हाय ज़ालीम.. क्या लग रही थी मेरी जान दीपा..

अब मैं फैसला कर चुक था कि इसे आज चोदना है….मैने अपना कच्छा उतार के फेंक दिया.. मेरा लंड उसकी चूत के आस पास घूम रहा था… लौंडिया तो पेहले से ही गरम थी लेकिन शायद अपने सगे भाई से चुदवाने मैं डर रही थी.. अब थोड़ी समझदारी की ज़रूरत थी. दीपा बोली- भैया ये सही नहीं है, आप मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते. मैं- क्या तू मुझे प्यार नहीं करती? दीपा- हाँ, अपनी जान से भी ज्यादा. मैं- और मैं भी तेरा कितना ख्याल रखता हूँ (साथ-2 मैं उसकी चूचियों पर भी हाथ फेर रहा था और बीच-2 मैं मुह से चूस भी रहा था) दीपा- लेकिन भाई क्या ये सही है? मैं- अब कुछ बचा है? मैं तेरी चूचियाँ चूस रहा हूँ.. मेरा लंड तेरी चूत के दरवाज़े पर खड़ा है.. जानेमन अब ज्यादा सोच विचार मत कर.. मौके का फ़ायदा उठा और मज़ा ले.. तू भी गरम है और मैं भी. इतना कह कर मैं उसकी चूचियों को बेतहाशा चूसने लगा… हाय मैं स्वर्ग मैं था.. दीपा का भी बुरा हाल था… और गुंडे सही कह रहे थे मेरी बहन टॉप माल थी…. और ऐसी चूत को कोई और चोदे और मैं खड़ा देखता रहूं? बहुत ना इंसाफी होती…. उसका गोरा बदन मेरी बाहों मैं मचल रहा था…. मैने धीरे से अपना लौडा दीपा की चूत के मुह पे टिकाया और हल्का सा धक्का दिया.. हाय मर र्रर्र गयी ईईईईई…… भैया प्लीज़ इसे निकाल लो… वो मेरे से विनती करने लगी. लेकिन मुझे तो पूरा मज़ा आ रहा था… उसकी चूत खून से लथपथ हो गयी… 24 केरट सोने जैसी चूत थी दीपा क़ी.. जो गुंडों से तो बच गयी लेकिन अपने भैया से नहीं.. उस रात मैने दीपा को कोई दस बार चोदा और अब वाकई हम बहुत मजे करते हैं.

दोस्तों उस रात के बाद से हम अक्सर चुदाई किया करते थे. अब आपको वो बात बताता हूँ जिसे सोच के मैं आज भी अजीब सा फील करता हूँ.. हुआ ये की हम राजस्थान घुमने गए टूर एण्ड ट्रेवेल की बस से. जाते हुए बस एक जगह रास्ते मैं रुकी.. रात के 8 बाज रहे थे.. एरिया कफी सुनसान सा था और एक ही ढाबा था... सब उतरे तो हम भी उतर गए. हमने सोचा कुछ खा पी लें और फिर हमने खाना ऑर्डर कर दिया.. खाना खत्म करने के बाद जैसे ही बस की तराफ बढे की दीपा ने कहा- भइया मुझे सू सू आई है. मैने कहा- अब जयपुर पहुंच के करना यहाँ कुछ ऐसा दिख नहीं रहा जहाँ तुम जाओ. पर उसने कहा- मैं नहीं रोक सकती मुझे जाना ही है. मैने वहीं पूछा की भाइ वाशरूम है क्या तो

उन्होने बताया नहीं बाबु जी यहाँ तो आगे जाके किसी खेत मैं ही जाना पड़ेगा और जल्दी करो नहीं तो बस कहीं ना चली जाये. फिर मैं दीपा को लेके अंदर खेत की तरफ गया. दीपा ने कहा- थोडा और अंदर जाऊंगी क्योंकी सब इधर ही देख रहे हैं और यहाँ रोशनी भी है. मैने कहा- ओ के चलो. जैसे ही दीपा सुसु करने बैठी तभी मुझे लगा की शायद हमारी बस खुल गयी है. मैने दीपा को कहा- तुम पेशाब करो मैं बस को रोकता हूँ. मैं भगा भगा बाहर आया पर तब तक तो हमारी बस जा चुकी थी.

मैं परेशान हो गया की यार अब इस रात मैं पता नहीं कब तक दूसरी बस का इंतज़ार करना होगा. यही सोच विचार करते मैने सिग्रेट जला ली और वहीं खड़े एक आदमी से बात करने लगा. अचानक 10 मिनट के बाद मुझे ध्यान आया की दीपा कहाँ है वो तो अभी तक आई ही नहीं... पहले मैने ढाबे के चारो तरफ देखा... कहीं नहीं थी... फिर मैं भाग के वहीं गया जहाँ वो पेशाब करने गयी थी... खेतों मैं बहुत अंधेरा था मैने काफी अवाज़ दी और बहुत ढूंढा मगर वो कहीं नहीं मिली..

मैं भाग के ढाबे के पास आया और लोगो से दीपा का हुलिया बता के पूछने लगा की कहीं किसी ने देखा है.... लेकिन किसी को नहीं मालूम था... तभी एक लम्बा चौड़ा सा आदमी आया उसने कहा की कहीं ये पीछे के खेत की तरफ पेशाब करने तो नहीं चली गयी थी... मैने कहा- हाँ वो वहीं गयी थी... फिर मैने उससे पूरी बात बताई.... उसने कहा- भाई तेरी बहन अब दो तीन दिनो से पेहले नहीं मिलने वाली.. और किस हाल मैं मिलेगी उसकी भी गारंटी नहीं... मैं- ये क्या कह रहे हो आप? मैं परेशान हो गया फिर मैने कहा- ऐसा क्या हुआ? उसने कहा- तेरी बहन की उमर कितनी थी? मैने कहा- 30 की थी... उसने कहा- शादी सुदा थी? मैने कहा- नहीं कुंवारी... फिर उसने कहा- ह्म्म्म लेकिन 30 की उमर मे तो लड़कियां मां बन जाती हैं, वो कुंवारी क्यूं है? मैने कहा- इससे आपको क्या मतलब? उसने कहा- 30 की है शायद संभाल भी ले मामला, देखो बुरा मत मानना इस उमर मैं तो लड़कियों को लंड ही चाहिये होता है. मैने कहा- ये क्या बकवास है. उसने कहा- भाई बकवास नहीं सच है, पीछे का जो गांव है वो रंडवो का गांव है कोई औरत नहीं है वहा... सिर्फ मर्द हैं और वो लोग अक्सर ऐसा करते हैं. यहैं तक की पुलिस वाल़े भी मिले हुये हैं उनसे.... और मुझे पूरा यकीन है की वो लोग ही उठा के ले गये हैं तेरी बहन को. तू यहीं इंतज़ार कर दो तीन दिनो मे यहीं छोड़ जायेंगे तेरी बहन को.

मैने कहा- नहीं ऐसा मत कहो मेरी मदद करो. उसने कहा- ना बाबा ना. मैने बहुत रिक्वेस्ट की तब उसने कहा- फिर मुझे क्या फ़ायदा होगा तेरी मदद करके? मैने कहा- जो बोलोगे दूंगा. उसने कहा- ओके ठीक है फिर.

उसने बताया की हमे उस गाँव मे चल के पता करना होगा की तेरी बहन वहीं है या नहीं. फिर क्या था मैं खेतों के रास्ते गाँव की तरफ जाने लगा. लगभाग 45 मिन हो गए थे और हम लगभाग गाँव पहुंच चुके थे. गाँव मे बहुत सन्नाटा था सभी सो रहे थे. गाँव काफी छोटा सा था लगभग 10-15 घर होंगे. मैने सोचा हर घर को पूछते हैं शायद किसी को पता हो पर मेरे साथ जो था उसने कहा नहीं रात को किसी घर पे जाना खतरनाक है और साथ ही हम उनसे ये नहीं पूछ सकते की तेरी बहन खो गयी है तू उसे ढूंढता हुआ यहाँ आया है. अगर सच मैं तेरी बहन यहीं होगी तो ये लोग तेरी बहन के साथ साथ तेरे को भी मार देंगे, इसलिये हमे बड़ी चालकी से पता करना होगा.

अभी रात के करीब 11 बजे थे तभी 4-5 लोग उधर से गुजरे उन्होने पूछा- बेटा यहाँ रात को कैसे? हमने कहा- हमारी गाड़ी खराब है कल तक बनेगी सो हम रात गुजरने आ गए. उन्होने कहा- ओ अच्छा ठीक है चलो आओ, हम तुम्हे ठीकाना देते हैं रात गुजारने के लिये. फिर हम उनके साथ वहीं से करीब 1 km और आगे गए. वहाँ एक पुरानी सी हवेली थी. उन्होने कहा- देखो ये हमारे भाइ साहब की हवेली है तुम लोग हवेली के पीछे एक छोटा सा कमरा है वहीं रूक जाओ. और ये कह के वो लोग जल्दी से अंदर चले गए. हम उस कमरे मे जाके बैठ गए और मैं ये सोचने लगा की पता नहीं दीपा कहाँ होगी किस हाल मे होगी. मेरे साथ जो आदमी था वो सो गया. रात के करीब 2 बज रहे होंगे और मुझे नीद बड़ी मुश्किल से आई थी. तभी मुझे किसी के चिल्लाने की आवाज़ आई. मैं जल्दी से उठा और बाहर देखने लगा की ये अवाज़ कहाँ से आ रही है. ये आवाज़ हवेली के अंदर से आ रही थी और वो भी किसी लड़की की. मैं डर गया की भगवान ये दीपा ना ह प्लीज़. तभी मेरे साथ वाला भी जाग गया. वो भी बाहर आया देखने को. उसने कहा- ये आवाज़ तो हवेली के अंदर से आ रही है लगता है तेरी बहन इनके पास तो नहीं? मैने कहा- नहीं ऐसा मत बोलो. उसने कहा- देख कुछ हो जाये उन लोगों को ये पता नहीं चलना चाहिये की वो तेरी बहन है नहीं तो सबूत मिटाने के लिये ये हम दोनों को मार देंगे.

चल ज़रा छुप के देखने की कोशिश करते हैं बात क्या है. और हम हवेली के पीछे वाले रास्ते से गए. वहाँ एक टुटा दरवाज़ा था. उस से हम एक कमरे मैं पहुंच गए. पर वहाँ अंधेरा था और कहीं और जाने का रास्ता नहीं था. अवाज़ अब काफी साफ हो गयी थी और मेरा दिल बैठने लगा था की कहीं दीपा ही तो नहीं है. मेरे साथ वाले ने कहा- भाइ यहाँ एक खिड़की है खोल के देखें? मैं बोला- कहीं पकडे गए तो? उसने कहा- रुक जा धीरे से खोलता हु. वो खिड़की दूसरी साइड से लगी थी पर इतनी खुल गयी थी की उसमे से दिखाई दे रहा था. एक हॉल सा कमरा दिख रहा था जहाँ करीब 8-10 लोग बैठे दारू पी रहे थे और आवाज़ भी उस लड़की की वहीं कहीं से आ रही थी पर वहाँ कोई लड़की दिख नहीं रही थी. तभी पास की सीढियों से कुछ और लोग उतरे और किसी लड़की को खींच के ले आये. पर उस लड़की का फेस नहीं दिखा. तभी वो मेरे साथ वाला आदमी आ गया और मुझे हटा के खुद देखने लगा बोला- मुझे देखने दे क्या माज़रा है? मैने कहा- मुझे देखने दो कहीं मेरी बहन तो नहीं? उसने कहा- नहीं पहले मैं देखूँगा देखने दे नहीं तो शोर मचा दूंगा. मैने कहा- ओके. पर उस लड़की की आवाज़ मुझे कहीं ना कहीं दीपा की याद दिला रही थी. मैं उसे हटा के अंदर देखने की कोशिश की और जो मैने देखा उसे देख के तो मेरी हालत खराब हो गयी क्यूंकी जिस लड़की की आवाज़ आ रही थी वो कोई और नहीं दीपा थी.

वो लोग करीब 15 आदमी थे. 3 -4 दीपा के कपड़े फाड़ने मैं लगे थे बोल रहे थे खुद उतार दे नहीं तो 1 इंच भी कपड़ा नहीं बचेगा और तुझे अपने घर नंगे ही जाना होगा. मैने अपने साथ वाले आदमी से कहा- ये तो दीपा है मेरी बहन. उसने कहा- भाई अब तो पता नहीं वो तेरी बहन के साथ क्या करेंगे. पर तू भूल से भी कोई गलती मत करियो नहीं तो ये मार देंगे हम दोनो को. मैने कहा- मैं क्या करूं. उसने कहा- यहीं से देखते हैं इसके अलावा कोई उपाय नहीं है अभी. उसने जैसे ही अंदर देखा तो दीपा को देख के कहा- भाई बुरा मत मानना तेरी बहन है सही चीज़. मैने कहा- चुप रहो तुम. तभी मैने देखा वो लोग दीपा को पूरी तरह नंगा कर चुके थे और उसे वहीं एक बड़े से टेबल पे बैठने को बोल रहे थे. दीपा रोते हुए टेबल पे बैठ गयी. उसने अपने दोनो हाथों से अपनी जवान मस्त चूचियों को छिपा रही थी. वो लोग उसकी चूत और गांड पे हाथ लगा रहे थे. जब वो वहां हाथ रखती तो उसकी चूचियों को दबा देते. किसी तरह वो टेबल पे चढ़ के बैठ गयी. फिर उनमे से एक ने कहा- चल अपनी टांगे खोल के अपनी चूत दिखा साली. एक बोला- इसकी इतनी बड़ी गांड़ है चूत तो बहुत मस्त होगी. पर दीपा नहीं मान रही थी, रो रही थी और उनको मना कर रही थी. तभी एक ने कहा- साली ऐसे नहीं मानेगी लगता है आज इसको भी जड़ी-बूटी देनी पड़ेगी. ये सुन के सब हंसे लगे. एक बोला- हाँ वो तो हैं वर्ना साली इतने लोगों को सम्हालेगी कैसे? फिर एक अंदर कुछ लाने चला गया. उनमे से एक दीपा के नज़दीक आया और उसने पूछा- क्यूं बे रंडी हमारे खेतों मैं क्यूं घुम रही थी? और दीपा की चूचियों को ज़ोर से दबा दिया. दीपा की तो चीख निकल गयी. दीपा ने बोला- प्प प्सेसाब करने आई थी. तभी एक ने कहा- साली रंडी हमारे खेत मैं पेशाब करेगी आज देख हम तेरे उपर पेशाब करेंगे. फिर उसने पूछा- क्या नाम है तेरा? दीपा ने धीरे से कहा- दीपा... तभी उसने कहा- ह्म्म्म उमर क्या है तेरी? दीपा ने कहा-30. फिर उस आदमी ने कहा- साली शादी हुई है या नहीं? दीपा ने कहा- नहीं. उसने कहा- साला बच्चा पैदा करने की उमर निकल गयी है और शादी तक नहीं हुई तेरी... साली... चल चूत दिखा कुंवारी है या चुदी हुई है. दीपा अपनी टांगे खोल ही नहीं रही थी. वो लगातार रो रही थी और चिल्ला रही थी की छोड़ दो मुझे प्लीज़. तभी दो लोग और आये और ज़बरदस्ती दीपा की दोनो टांगे खोल दी. दीपा की चूत पे एक भी बाल नहीं था. सब ये देख के पागल से हो गये. और तभी एक ने दीपा की चूत पे थूक लगा के सहलाया और एक बार मैं ही अपनी दोनो उंगलियाँ अंदर डाल दी. दीपा दर्द से कराह उठी. और तब उसने कहा- भाई लोग आज तो मज़े हैं खेली खाई रांड है ये तो मज़े देगी बहुत. तभी वो आदमी अंदर से बाहर आ गया एक इंजेक्शन लेके. ३-4 लोगों ने दीपा को पकड़ लिया और उसने वो इंजेक्शन दीपा को दे दिया. और सबने 5 मिनट तक दीपा को पकड़े रखा उसके बाद सब दीपा को छोड़ के अलग बैठ के दारू पीने लगे.

उसके कुछ देर बाद ही जब मेरी नज़र दीपा पे गयी तो मैं हैरान था की दीपा अपने हाथों से खुद आपनी चूचियों को मसल रही थी, अपने शरीर को सेहला रही थी पर आँखें बंद थी उसकी. तभी उनमे से एक बोला- ज्यादा टाइम ले रही है साली. तो दूसरे ने कहा- जितना टाइम लेगी उतने मज़े देगी. मेरे साथ जो आदमी था उसने कहा- भाई तेरी बहन तो सच मे कमाल है जी करता है साली को अभी जा के चोद दूं. और वो अपना लंड सेहला रहा था दीपा को देख के. तभी दीपा अजीब अजीब सी आवाजें निकालने लगी. वो सिसकारियां लेते हुए कराहने लगी. लगभग 2 मिनट मैं ही पूरे कमरे मैं सिर्फ दीपा के कराहने की आवाज़ थी. आआआआहहहह्ह... एयाया... प्ल्ज़... प्*लज़्ज़ कुछ करो... आआ प्लीज़ कुछ करो मैं मर जाउंगी उई मा. तभी एक आदमी ने आवाज़ दी- क्या हुआ साली लंड चाहिये क्या? और जो दीपा ने कहा वो सुन के तो मैं हैरान रह गया. दीपा ने कहा- हाँ लंड चाहिये मुझे.

चोदो मुझे... मेरी चूत चाटो मुझे चोदो प्लीज़... नहीं तो मैं मर जाऊँगी. मैं अब बर्दाश्त नहीं कर पा रही हूँ. प्लीज़ कोई तो चोदो. तभी एक ने कहा- चूदना है तो आजा बहुत से लंड हैं, आके खुद ही ले ले. और दीपा फौरन टेबल से कूद कर उन लोगों के बीच चली गयी और उनके लंडो को उनके पैजामे के उपर से ही पकड़ के सक करने की कोशिश करने लगी. और फिर क्या था सब नंगे हो गये और दीपा ने दो लंड को एक साथ अपने मुह मैं ले लिया और बारी बारी से सबके साथ ये करने लगी. कुछ लोग दीपा की चूचियों पे लगे थे कुछ चूत चाट रहे थे. और दीपा तेज़ तेज़ कराह रही थी- मुझे चोदो, लंड चाहिये मेरी चूत को, फाड़ दो. ये सब लगभग 45 मिनट तक चलता रहा.

उसके बाद उन लोगों ने दीपा को टेबल पे लिटा दिया और उसकी दोनो टांगे खोल दी. दीपा लंड के लिये जल बिन मछली की तरह तड़प रही थी. तभी जो सबसे बड़ा आदमी था, वो आया और उसने दीपा की चूत पे अपना लंड लगा के एक ही थाप मैं पूरा अंदर डाल दिया. दीपा आआई आई करके चिल्लाने लगी. तभी एक ने आगे बढ़ के उसकी चूचियों को मसलना शुरू किया और एक ने अपना मोटा लंड दीपा के मुह मैं डाल दिया. अब बारी बारी से 5 लोग चोद चुके थे और 3-4 लोगो ने दीपा के मुह मैं अपना पानी छोड दिया था. तभी पुलिस के सायरन की आव़ाज़ आई और सबने फटा फट दीपा को एक कपड़े से साफ कर उसे एक कुर्ता पहना के पीछे वाले सोफे पे बिठा दिया. पर दीपा होश मे नहीं थी. वो बार बार चोदने को ही बोल रही थी. तभी उन लोगों ने दरवाज़ा खोला और कहा- आइये थानेदार साहब आइये. मेरी सांस मे सांस आई की चलो अब दीपा बची.

लेकिन अगले ही पल मेरे होश फिर उड़ गये जब थानेदार ने ये कहा की आज ढाबे पे पता चला की कोई 30 साल की लड़की गायब हो गयी है. कहाँ है वो अकेले ही मज़े लेने का इरादा है क्या. उन्होने कहा- नहीं साहब, और एक ने आवाज़ दी- अरे जा जरा लेके आ साहब के माल को. दो लोग दीपा को पकड़ के लाये. दीपा की आँखें चढ़ी हुईं थी जैसे बहुत दारू पी रखी हो. थानेदार ने दीपा को उपर से नीचे तक देखा. दीपा सिर्फ कुर्ते मैं थी. उसकी नंगी चौड़ी जाँघें बिल्कुल साफ दिख रही थी जिस पे एक भी बाल नहीं था और कुर्ते से उसके दोनो निपल साफ दिख रहे थे. थानेदार ने कहा- चल साली को जीप मैं डाल. उन लोगों ने कहा की साहब यहीं कर लो जो करना है थाने क्यूं ले जा रहे हो. थानेदार ने कहा- बहनचॉद जो कह रहा हूँ सुन डाल साली को जीप मैं. तभी एक ने कहा- भाई इसके कपड़े उपर हैं लेके आउँ? थानेदार ने कहा- मादरचोद तेरी बहन लगती है जो कपड़े पहना रहा है. डाल साली को गाड़ी मैं पता नहीं कौन है साली. थाने लेजा के ही पूछूंगा. और उन लोगों ने दीपा को सिर्फ कुर्ते मैं और उस नशे की हालत मैं ही ले जाके जीप मैं डाल दिया और थानेदार फौरन वहां से चला गया. मैं तो कुछ समझ नहीं पा रहा था की क्या हो रहा है ये सब. कहीं ये सपना तो नहीं. मैं बार बार यही सोच रहा था अच्छा होता की ट्रिप पे ही नहीं आता. तभी अंदर वो लोग बोले- साला थानेदार ले गया हमारी माल को, पूरा मज़ा ख्राब कर दिया. तभी एक ने कहा- साला कहता है पूछताछ करेगा. साला थाने ले जाके चूदाई करेगा... और क्या. ये सुन मैने अपने साथ वाले आदमी से कहा- भाई मेरी हेल्प करो दीपा को इन लोगों से छुडाओ. उसने कहा तो फिर चल थाने चल के देखते हैं. और मैं फटाफट वहां से उसके साथ थाने की तरफ निकल गया. जैसे तैसे भागे भागे हम थाने पहुंचे... हमे एक हवलदार ने बाहर ही रोक लिया की साहब बिज़ी हैं वेट करो. हमने उससे बहुत बोला पर वो जाने नहीं दे रहा था. लगभग 40 मिनट हो गये तो हम जबरदस्ती अंदर गये और जैसे ही मेरी नज़र लॉक अप की तरफ गयी मैने देखा दीपा वहीं बिल्कुल नंगी थी और तीन पुलिस वाले भी थे. मैने देखा उन लोगों ने दीपा के दोनो हाथ बाँध रखे थे और एक डंडे के एक किनारे पे एक टांग और दूसरे किनारे पे दूसरी टांग को इस तरह बाँध रखा था की उसकी दोनो टांगे पूरी खोली थी चुदवाने की पोज़िशन मैं. वो लोग दीपा को बार बार कह रहे थे-साली रांड बता कौन है तू? कहां से आई है... कौन कौन है तेरे साथ जो धंधा करता है? तभी एक ने दीपा की चूत मैं उंगली डाल दी और कहा- साली ने दारू पी रखी है और देखो तो सही सिर्फ लंड मांगती है... पक्की रांड है... पर है किसके ग्रूप की पता भी तो नहीं चल रहा है. तभी दो पुलिस वाले आये और उन्होने हमे दूसरे कमरे मैं जबरदस्ती बंद कर दिया की साहब केस मैं बिज़ी हैं यहीं रहो. और थोड़े ही देर मैं दीपा की फिर से आवाज़ आने लगी- चोदो मुझे और ज़ोर से.. उई मा मर गयी.. ओ मेरे राज़ा चोदो.. हमने ज़ोर से धक्का दिया तो दरवाज़ा खुल गया. बाहर देखा दो पुलिस वाले मिलके दीपा को चोद रहे थे. जैसे ही उन्होने हमे देखा वो थोड़े दर गये की हमने उन्हें ये सब करते देख लिया है और फौरन उन्होने दीपा की चुदाई छोड़ पिस्टल लेके हमारे उपर तान दिया. और बोला- कौन हो तुम लोग और यहाँ क्या कर रहे हो. मैने सोचा बस सब कुछ बता के दीपा को छुड़ा लूँ यहाँ से. पर जैसे ही कुछ बोलता मेरे साथ वाले ने मुझे चुप करा के कहा- साहब हमारा बैग चोरी हो गया है.
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RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह - by desiaks - 06-10-2021, 12:00 PM

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