मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
06-10-2021, 12:06 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
निर्मला की चुत मारने के बाद मेर प्लान आधा सफल हो गया था । अब मेरा अगला टारगेट सुधा ( निर्मला की माँ ) थी जिसे मेरी माँ ने मेरा लैंड लेने के लिए पटाना शुरू कर दिया था और उनके चाल ढाल से लग रहा था की अब जल्दी इनकी गांड और चुत मेरे लैंड के निचे होगी ।

निर्मला की बुर फाड़ चुदाई के बाद उसे ठीक से चला भी नहीं जा रहा था हालाँकि उसने बहाना तो बना लिया था ताकि उसके माँ को शक न हो ।

जब मै अपने घर आया तो माँ ने कहा " सीमा का (मेरी बहन का) फ़ोन आया था "

मै " क्या बोल रही थी दीदी "

माँ " आज शीतल (मेरी बड़ी वाली भांजी , जो १० में पढ़ती है )का बर्थडे है उसके लिए बुला रही है "

मै " ओके चले जायेगे, पर सुधा का क्या हुआ , कब चुदेगी वो "

माँ " साले हरामखोर तुझे सुधा की पड़ी है , मेरी चुत कब चोदेगा "

मै " माँ तुम घर का माल हो , तुम्हे तो जिंदगी भर चोदता रहुँगा। सुधा को तो टाइम पास के लिए चोदना है"

माँ खुश हो गयी और बोली " बस चुदाई की बात करता रहेगा या कोई गिफ्ट भी लेगा शीतल के लिए "

मै " क्या लेंगे गिफ्ट "

माँ " एक अच्छा सा पर्स ले लो"

मै " ओके माँ "

हमने मार्केट से एक लेडीज पर्स ख़रीदा और हम दोनों फिर अपने दीदी के घर गए ।

दीदी के घर पर सभी मेहमान पहले ही आ गए थे, हमें देखकर कर सब लोग खुश हुवे खासकर बर्थडे गर्ल ।

हमने शीतल का बर्थडे सेलिब्रेट किया । केक कट्टिंग्हुआ और सब प्रोग्राम हुआ । जब सारे गेस्ट चले गए तब मैंने दीदी से कहा "हम भी जाते है "

दीदी " तू मेहमान है क्या जा रहा है , चल आज रात यही रुकने वाले हो तुम लोग। मै कुछ नहीं जानती कोई बहाना नहीं चलेगा "

मुझे तो रात में माँ की चुदाई करनी थी । इसलिए मै जाना चाहता था पर दीदी के आगे मेरी एक भी ना चली और मुझे वही रुकना पड़ा ।

रात के डिनर के बाद मै छत पर टहलने के लिए गया। शायद रात के ९ या ९:३० बज रहे होंगे, सब लोग अपने घर में खा पीकर सो रहे थे या तो टीवी देख रहे थे पूरी सोसाइटी में मै अकेला छत पर घूम रहा था। उस समय दीदी के घरवाले भी टीवी देख रहे थे। आज रात चुत नहीं मिलने वाली थी तो मैंने सोचा कम से कम ठंडी हवा ही ले ली जाए ।

मै टहल रहा था की शीतल भी छत पर आ गयी ।

शीतल " क्या कर रहे हो मामा "

मै मन में " अपने माँ की चुत को मिस कर रहा हु । "

पर उसे कहा " कुछ नहीं टहल रहा हु, ठंडी हवा ले रहा हूँ "

शीतल " मामा मेरा बर्थडे गिफ्ट नहीं दोगे "

मै " दिया तो सही, अब कितना लेगी "

शीतल " वो तो नानी ने दिया, आप क्या देंगे "

मै मन में "एक तो तेरे बर्थडे के चक्कर में चुत नहीं मिल रही, ऊपर से तुझे और गिफ्ट चाहिए "

" हम दोनों की तरफ से था बेटा " मै उसे प्यार से समझने लगा। शीतल पहले से ही बहुत चालाक लड़की थी और वो थोड़ी लालची भी थी। जबकि प्राची बिलकुल ही भोली और नादाद थी। दोनों में बहुत अंतर था । अब शीतल एक और गिफ्ट लेने के जुगाड़ में लग गयी थी।

शीतल " आप बहुत अच्छे मामा हो, प्लीज मुझे एक गिफ्ट दो न मेरे बर्थडे का " वो मुझे पटा रही थी ।

मै " क्या चाहिए तुझे ?" मैंने सोचा पूछ तो लू क्या चाहिए इसे ।

शीतल ख़ुशी से " मुझे एक टच स्क्रीन मोबाइल चाहिए "

मै " क्या ?" ये तो सीधा ४०००-५००० का चुना लगाने आ गयी ।

मै " तू क्या करेगी मोबाइल का "

शीतल" मामा मेरी सहेलियों के पास है सिर्फ मेरे पास ही नहीं है और पापा मुझे लेकर नहीं देंगे "

" अभी तू पढ़ाई पर ध्यान दे , बाद में तुझे मोबाइल दिलवा देंगे " मै बात को टालने की कोशिश करने लगा ।

पर शीतल पूरी तैयारियों के साथ आयी हुई थी वो बोली " मामा, आप प्राची के साथ मजे ले रहे थे ना "

उसने जो कहा वो सुनकर मेरे कान में बम फुट गया था । मै टेंशन में आ गया । ये उस समयकी बात है जब मै दीदी के घर पिछली बार आया था और प्राची मेरे गोद में बाथ गयी थी और मैंने उसके जिस्म का मजा लिया था ऊपर से ।

मुझे लगा उस समाया शीतल ने इस बात पर ध्यान नहीं दिया था । पर मै गलत था, वो तो कुछ ज्यादा ही चालाक निकली साली मुझे ही ब्लैकमेल कर रही है।

मैंने सोचा चलो फ़ोन तो अब देना ही पड़ेगा अगर अपने पोल खुलने से बचना है तो ।
मै मन ही मन उसे फ़ोन खरीदने के लिए तैयार हो गया था, पर मैंने कहा चलो एक बार बचने की कोशिश की जाए।

मै " क्या , कैसा मजा "

शीतल " डरो मत मामा , मै आपको ब्लैकमेल नहीं करुँगी "

शीतल की बात ने मुझे थोड़ा असमजंस में डाल दिया । मै " तू क्या बक रही है "

शीतल " मामा मुझे पता है आप के मन में क्या चल रहा था जब आपने प्राची को गोद में बिठाया था तब "

मै बचने की कोशिश करते हुए " कुछ भी तो नहीं चल रहा था "

शीतल " अच्छा तो फिर आप उसके कसकर क्यों दबा रहे थे और जब वो उठी तो आपके पेंट में तम्बू क्यों बन गया था "

मै तो शीतल को सिर्फ लालची और चालाक समझाता था , साली तो हरामी भी निकली ।
इसको सेक्स के बारे में इतना पता चल गया होगा मै जनता नही था ।

मै उसके बात का जवाब नहीं दे पाया ।
वो मुस्कुराकर बोली " कोई बात नहीं मामा , आपकी शादी नहीं हुयी ये सब तो कॉमन है "

फिर भी मै कुछ नहीं बोला, वो मेरे एकदम पास आकर मेरे कान में धीरे से बोली " मामा जो आप प्राची के साथ करना चाहते थे मेरे साथ कर लो। पर मुझे गिफ्ट देना होगा "

ये बात सुनकर तो मै चौंक गया । शीतल तो रांड निकली साली मोबाइल के लिए अपने जिस्म से खेलने देगी मुझे ।

मैंने उसके बॉडी को बड़े ध्यान से देखा उसके बूब्स अनार की तरह परफेक्ट गोल थे, उसकी कमर पतली थी पर उसके गांड बाहर की ओर निकली हुयी थी।

वो उस उम्र में भी हुस्न की मलिका थी। बड़े सेक्सी बदन की मालिकिन थी वो। मैंने सोचा चलो इसके बदन को छूकर ही ५००० वसूल कर लेंगे वैसे भी मुझे उसे फ़ोन तो देना ही था ।

फिर मैंने कहा " तू मजाक तो नहीं कर रही "

शीतल " बिलकुल नहीं मामा, यकीं नहीं आता तो खुद ही देख लो मै ब्रा और पेंटी निकाल कर आयी हु"

वो सलवार कमीज में थी जब मैंने उसके चूचिया पकड़ी तो मुझे पता चल गया की उसने ब्रा नहीं पहने है ।

बड़ी सॉफ्ट चूचिया थी उसकी । मै दोनों हाथ से उसके मम्मे दबाना शुरू कर दिया ।

मुझे बहुत मजा आ रहा था फिर मैंने उसे कमीज के अंदर हाथ डालकर उसके नंगे चूचियों को दबाना शुरू किया|
मेरे ऐसा करते ही शीतल ने अपने दोनों हाथ ऊपर कर दी है यह उसका निमंत्रण था जिसे मैंने स्वीकार करते हुए उसकी कमीज़ निकाल दी|
शीतल ऊपर से बिल्कुल नंगी थी|

मेरा लण्ड खड़ा हो गया था उसकी चूची को दबा रहा था| उसने कहा "कब तक दबाओगे मामा इसी चूसिये भी "
मै यह सोचने लगा मोबाइल के लिए और क्या क्या करवाएगी? खैर मुझे तो माल मिल गया था मैं उसके एक चूची को हाथ से दबा रहा था और दूसरे को मुंह में लेकर चूसने लगा|

शीतल मस्त होने लगी थी वह अपने होठों को अपने दांतो से दबा रही थी उसकी सांसें तेज होने चली थी|

मैंने उसकी चूचियां चूस चूस कर दबा दबा कर पूरी लाल कर दी थी| फिर वो बोली मामा "दर्द होने लगा अब तो छोड़ो आगे का काम करो"

मैं तो बस उसी की बात का इंतजार कर रहा था मैंने झट से उसके सलवार का नाडा खोला नारा खुलते ही उसकी सलवार जमीन पर गिर गई और वह नीचे से पूरी नंगी हो गई|

उसने अपने झांठ के बाल साफ करके रखे थे| एकदम क्लीन शेव बुर थी उसकी| निर्मला और शीतल की उम्र सेम है पर निर्मला ने अपने नीचे के बाल साफ नहीं किए थे|

मैंने शीतल की चिकनी बुर देखकर उससे पूछा "तुम इस हमेशा साफ करती हो" शीतल ने कहा "आज आपके लिए स्पेशल किया मामा"

अब मैं समझ गया यह मोबाइल के लिए चुद जाएगी| शीतल तो एक नंबर की रांड निकली साली अभी पढ़ने की उम्र है और अभी से सामान के लिए चुदने लगी आगे जाकर क्या क्या गुल खिलाएगी?

मेरी आज रात की चुत का इंतजाम तो हो गया था मैं इसी में खुश था|

फिर मैंने जमीन पर उसकी कमेंट बिछाई और उसे उस पर लेटने का इशारा किया वह मेरा इशारा समझ गई वह पीठ के बल लेट के अपने पैरों को मोड़कर आने खोल दी और खुला निमंत्रण दे रही थी चुत चाटने का| अब तो मैं भी तैयार था, उसके पैरों के बीच में बैठकर मैंने उसकी चुत चाटने शुरू कर दी |

वह आनंद के सागर में गोते लगाने लगी | उसके मुंह से बहुत सारी कामुक सिसकारियां निकल रही थी| मैं उसकी चुत में जीभ घुसा के चोदने लगा, उसकी चुत बहुत टाइट थी मुझे लग रहा था कि अभी की सील टूटी नहीं है| वह मेरे सर को अपनी चुत पर दबाकर और नीचे से अपनी गांड उठाकर मजे ले रही थी|

फिर मैंने कहा "अब मेरी बारी है |" सुबह उठ कर बैठ गई| मैंने उसे कहा "घुटने के बल बैठो" मैंने झट से अपना पेंट नीचे करके, अपना लण्ड उसके मुंह के पास रख दिया|

मेरा लण्ड देखकर वह डर गई बोली "मांमां मैं कुंवारी हूं इतना मोटा शायद नहीं जाएगा"

मैं" आराम से करने पर घोड़े का भी चला जाएगा मेरा तो क्या है"
"चल अब ज्यादा टाइम पास मत कर इसे चूस "

अब वह मेरे लण्ड को मुंह में लेकर लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी| लेकिन वह निर्मला कितना माहिर नहीं थी| मैं उसके सर को पकड़ कर धीरे धीरे धक्के लगा| वह भी मेरा साथ दे रही थी
| पर अचानक से मैंने उसका सर पकड़ कर अपना लण्ड उसके मुंह के अंदर तक घुसा दिया| मेरा लण्ड उसके गले तक पहुंच गया था| वह मुझे धकेलने लगी थी| मैं कुछ पल रुका फिर अपना लण्ड बाहर निकाला| उसके मुंह से बहुत सारा थूक बाहर आया और मेरा लण्ड भी पूरा थूक में डूब गया था|

वह खासने लगी और लंबी लंबी सांस लेने लगी|

वह बोली" नहीं तो सांसे रुक गई थी"

मैंने कहा" इसकी आदत डाल लो, सभी मर्द को गले में चुदाई पसंद है"

फिर मैंने उसे मुंह खोलने का इशारा किया उसने मुंह खोला और मैंने फिर से वही वाला शॉट लगाया इस बार में कुछ ज्यादा समय तक उसी पोजीशन में रहा मेरे लण्ड का टोपा उसके गले के नीचे था वह छटपटाने लगी|
फिर मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला|

वह हाफते हुए बोली " बस और यह शॉट मत लगाओ"

तब मैंने कहा " इसका मतलब डील कैंसिल"

और मेरी तरफ आश्चर्य से देखते हुए पूछा "क्या मतलब "

मैंने कहा "अब तुम्हें मोबाइल नहीं मिलेगा"

वह बोली " पर क्यों"

मैं समझ गया यह मोबाइल के के लिए कितनी आतुर है|

मैंने कहा" तुमने कहा था ना कि जो मैं प्राची के साथ करना चाहता हूं वह तुम अपने साथ करने दोगी तो मैं तुम्हें मोबाइल दूंगा"

वह बोली "ऐसा नहीं चलता मामा, मुझे लगा आप मेरी चुदाई करोगे मेरा मुंह फाड़ देने आ गया मोटे लण्ड से "

मैंने कहा "चल ठीक है अगले दिन मुंह की ट्रेनिंग दूंगा, चल फिर से लेट जाओ"

वह अपनी टांग फैला कर फिर से लेट गई मैंने कहा "दर्द होगा चिल्लाना मत वरना हम पकड़े जाएंगे"

उसने "हां हां पता है"

मैंने अपने लण्ड को उसकी चुत के ऊपर रगड़ा ऊपर से लेकर नीचे तक मेरे लण्ड का टच आते ही
वह सिहर गई |

फिर मैंने धीरे से उसके चुत के मुहाने पर अपना लण्ड रखा और एक हल्का सा धक्का लगाया| मेरे लण्ड का टोपा उसकी चुत में घुस गया| वह थोड़ी हीली, उसकी चुत बहुत ही कसी हुई थी|
यह बात सच थी कि वह कुंवारी है, मुझे पता था कि अगर मैंने इस की सील तोड़ी अपने इस मोटे लोड़े से वह बहुत चिल्लाएगी|

इसलिए मैंने अपनी सेफ्टी के लिए उसके मुंह पर हाथ रखा और जोर का शॉट लगाया जिससे मेरे आधे से ज्यादा लण्ड उसकी चुत में घुस गया |
जोर से चिल्लाई पर मैंने उसका मुंह बंद करके रखा था उसकी चीख बाहर तक नहीं आ पाई| वह मुझे धकेल रही थी , मैं कुछ समय रुका और फिर धीरे-धीरे धक्का लगा |जब वह थोड़ी सामान्य हुई तो मैंने फिर से 1 दमदार शॉट लगाया और अब की बार मेरा पूरा लण्ड उसकी चुत की गहराई में घुस चुका था और उसकी सील टूट गई थी उसकी चुत से खून बहने लगा था|

वह बुरी तरह छटपटाने लगी मैंने उसका मुंह पहले से ही बंद कर रखा था उसकी आंखों से आंसू की बूंदे बह रही थी पर रुका नहीं| और मैंने उसके चुत में धक्के लगाने शुरू कर दिया मैं अपना पूरा ल** बाहर निकालता और एक ही झटके में जड़ तक घुसा देता
मुझे बहुत मजा आ रहा था करीब 10 मिनट इसी तरह चुदाई के बाद उसका दर्द कम हुआ और उसे मजा आने लगा वह भी अपनी गांड उठा उठा कर चुदाई का आनंद ले रही थी| फिर मैंने उसे डॉगी स्टाइल में किया, और उसके पीछे जाकर एक ही झटके में पूरा लण्ड उसकी चुत में घुसा दिया|

अब मैं ऐसे ही धक्के लगाने लगा, आधे घंटे के बाद मुझे लगा मेरा पानी निकल जाएगा मैंने अपना लण्ड बाहर निकाला और अपना पानी उसकी गांड के ऊपर निकल दिया |

मेरे रुमाल से उसकी गांड पर का पानी और उसके चुत पर का खून साफ साफ किया

फिर मैंने अपने कपड़े पहने और उसे भी पहनने के लिए कहा| कपड़े पहनने के बाद मैंने कहा" कल घर पर आना तब तेरा फोन ऑर्डर कर दूंगा"
जब चलने लगी तब उससे चला नहीं जा रहा था मैं उसे सहारे से नीचे ले आया, और उसे कहा "कह देना सीढ़ियों पर मोच आ गई"

उसने कहा "ठीक है मामा"

शीतल के बर्थडे पर उसी की चुत मुझे गिफ्ट में मिली मजा आ गया मुझे|
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RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह - by desiaks - 06-10-2021, 12:06 PM

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