मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
06-10-2021, 12:07 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
नाजायज़ बीवी

दोस्तों में गाँधीधाम का रहने वाला हूँ और कुछ समय पहले मुझे पता चला कि हमारे पास के एक गाँव में मेरे कज़िन की शादी है तो इसलिए में, मेरा भाई और मेरी मामी शादी से चार दिन पहले ही चले गये. वहां पर पहले से कई करीब के रिश्तेदार भी आ गये थे. फिर में और मेरा भाई ऐसे ही चक्कर मारने निकल पड़े और कुछ दूरी चलने के बाद हमें कुछ मकान छोड़कर पास वाले एक घर में एक ज़बरदस्त लड़की दिखी, वाह क्या मस्त सेक्सी लग रही थी और वो मुझसे करीब तीन चार साल बड़ी लग रही थी, लेकिन उसका साईज़ देखकर मेरा लंड नाचने लगा और उसके फिगर का साईज करीब 38-32-36 होगा और वो कलर में थोड़ी सांवली थी. मैंने पहली एक बार देखकर उसे स्माईल दी. फिर मुझे उसकी तरफ से इतना कुछ ख़ास जवाब नहीं मिला और में थोड़ा आगे की तरफ चला गया और फिर मुझे पता चला कि जिस कज़िन की शादी है, यह लड़की उसकी सहेली है, क्योंकि वो घर में बहुत आना जाना कर रही थी तो इसलिए में बस अब उससे थोड़ी नज़र मिलाने लगा, लेकिन अब मुझे उसकी तरफ से अच्छा जवाब मिलने लगा था.

फिर में बस थोड़ी बहुत बात करने लगा था, शाम को जब में छत पर गया तो मैंने देखा कि वो भी पास वाली छत पर थी और अब हम दोनों बातें करने लगे. उसका नाम जैस्मिन था, मुझे उससे बात करते करते पता चला और मुझे उससे यह भी पता चला कि वो मुझसे करीब दो साल बड़ी थी. फिर रात को जब हम सोने जा रहे थे तो मामा ने मुझसे कहा कि हमारी छत पर आज बिल्कुल भी जगह नहीं है और तुम पास वाली छत पर जाकर सो जाना. दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर मेरे मन में लड्डू फूटने लगे थे तो में तुरंत अपने लिए बिस्तर लेकर पास वाली छत पर चला गया. फिर मैंने वहां पर पहुंचकर देखा कि वो भी उस समय ऊपर ही सो रही है. वैसे दोस्तों हमारे अलावा कुछ और भी लोग वहां पर थे. फिर मैंने अपना बिस्तर उसके पास ही लगा लिया और बातों ही बातों में उसने मेरा मोबाइल ले लिया, पहले मुझे थोड़ा सा डर लगने लगा था,

क्योंकि मैंने ब्लूफिल्म बंद नहीं की थी. अब मैंने सोने का नाटक किया. फिर जब एक बज रहे थे तो मुझे नींद में ही उसकी सिसकियों की आवाज़ आ रही थी और जब मैंने थोड़ी आँख खोली तो देखा कि वो मेरे फोन पर ब्लूफिल्म बिना आवाज़ के देख रही थी और उसका एक हाथ नीचे उसके कपड़ो के अंदर था. दोस्तों में तुरंत समझ गया कि यह अब वो फिल्म देखकर बहुत जोश में आ चुकी है और अब वो अपनी गरम चूत में उंगली कर रही है. फिर मैंने कुछ नहीं किया और सो गया. अगली रात को मैंने फिर से उसे अपना मोबाईल दे दिया और दोबारा से सोने का नाटक करने लगा और फिर कुछ देर बाद वो दोबारा मेरे मोबाईल पर फिल्म देखकर अपनी चूत में दोबारा उंगली करने लगी थी. फिर क्या था और जब वो कुछ देर बाद झड़कर बिल्कुल शांत हो गई तो मैंने चुपके से उसके कान के पास में जाकर उससे बोला कि तुम यह क्या कर रही थी?

तो वो अचानक से मुझे अपने पास देखकर और मेरे मुहं से यह बात सुनकर एकदम से डर गयी थी और फिर उसने मुझसे कहा कि प्लीज़ धीरे बोलो वरना किसी ने सुन लिया तो बहुत बड़ी समस्या हो जाएगी. फिर मैंने उससे बोला कि में नीचे पानी पीने जा रहा हूँ, तुम मुझे वहां पर मिलो. अब वो एकदम चुपचाप मेरे पीछे पीछे नीचे आ गई. फिर में आगे आगे नीचे जाने लगा और वो आ गई और अब वो मेरे सामने शरम से अपना सर नीचे झुकाकर खड़ी हुई थी.

फिर मैंने उससे कहा कि तुम मुझसे बिल्कुल भी मत डरो, में किसी को कुछ भी नहीं बताऊंगा और यह बात हमेशा हम दोनों के बीच में रहेगी, लेकिन अगर तुम मेरा साथ दो तब ऐसा हो सकता है और फिर मैंने उसका एक हाथ पकड़ लिया और उसे एक स्माईल दी तो वो भी मेरी तरफ हंसने लगी. दोस्तों अब मैंने उस अच्छे मौके का फ़ायदा उठाया और उसे तुरंत हग कर लिया, वो पहले मुझसे मना करके दूर हटने लगी. फिर मैंने उससे कहा कि अब ज्यादा नाटक मत करो वरना में सभी लोगों को सब कुछ सच सच बता दूँगा कि तुम क्या कर रही थी. फिर उसने कहा कि प्लीज़ तुम्हें जो कुछ भी करना है करो,

लेकिन किसी को कुछ भी बताना मत, वरना मेरी बहुत बदनामी होगी और मेरे घर वाले मुझे बहुत मारेंगे. दोस्तों अब मुझे उसकी तरफ से ग्रीन सिग्नल मिल गया, जिसको देखकर में मन ही मन बहुत खुश हो गया और अब मैंने उसे किस करते हुए उसे हग किया, हम लोग उस समय बहुत अंधेरे में खड़े हुए थे और उस समय सभी लोग सो भी चुके थे, इसलिए कोई भी हमें नहीं देख पा रहा था. फिर कुछ देर बाद मैंने महसूस किया कि वो भी अब हल्की हल्की गरम होने लगी थी.

फिर मैंने कुछ देर पेंटी के ऊपर से ही चूत को सहलाया और छूकर उसकी गरमी को महसूस किया और फिर जैसे ही कुछ देर बाद मैंने उसकी पेंटी में अपना हाथ डाला तो मैंने महसूस किया कि वो तो पहले से ही बिल्कुल गीली थी. फिर बस थोड़ी देर चूत पर अंदर बाहर हाथ घुमाने के बाद मैंने उससे कहा कि कल रात को तुम मुझे फिर से मिलना और फिर वो वहां से चली गई. में अब बस अगली रात होने का इंतज़ार कर रहा था, मेरा वो दिन बहुत मुश्किल से निकला और में पूरे दिन उसकी चूत बूब्स के बारे में सोचता रहा, मेरा बहुत बुरा हाल था. फिर कुछ घंटो बाद रात को मैंने दोबारा पास वाली छत पर उसके पास अपना बिस्तर लगाकर उससे बातें करने लगा. कुछ घंटो बाद की हंसी मजाक करने के बाद जब सभी लोग सो गए तो मैंने सही मौका देखकर उसे इशारा किया और उससे कहा कि तुम मेरे पीछे आ जाओ. वो मेरे पीछे आ गई.

फिर में उसे अपने साथ नीचे ले गया और एक बिल्कुल अँधेरी, सुरक्षित जगह देखकर में किस करने लगा और फिर से उसकी पेंटी के हाथ डालकर चूत में उंगली करने लगा और अपने एक हाथ से उसके बूब्स को दबाने लगा और कुछ देर बाद उसने मुझसे कहा कि यहाँ पर नहीं, एक रूम बिल्कुल खाली है और तुम मेरे साथ वहाँ पर चलो. फिर हम दोनों उस रूम में चले गये. फिर मैंने दरवाजा खोलकर देखा तो वहां पर कोई भी नहीं था बस एक बिस्तर पड़ा हुआ था, शायद वो हमारे लिए ही था. में उसे कुछ देर खड़े खड़े ज़ोर से किस करते हुए बिस्तर पर ले गया और फिर उसके कपड़े उतारने लगा और वो भी अब तक बहुत गरम हो गयी थी, अब में उसके गरम, मुलायम बूब्स को दबाने और चूसने लगा और वो सिसकियाँ लने लगी, सस्स्स्स्ईईईईइ आह्ह्ह्हह्ह. फिर में धीरे से चूत की तरफ बढ़ने लगा और उसकी चूत को चाटने लगा और बहुत देर बाद मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसके मुहं में देने लगा.

फिर वो मुझसे साफ मना कर रही थी. मैंने उसका सर जबरदस्ती पकड़ा और अपना लंड उसके बालों को खींचते हुए उसके मुहं में डाल दिया और बहुत देर तक जबरदस्ती अपना लंड चुसाने के बाद अब वो खुद बहुत अच्छे से चूसने लगी. अब उसने मुझसे कहा कि प्लीज़ आज तुम मेरी चूत की खुजली को अच्छी तरह से मिटा दो, मेरी तड़पती तरसती चूत को आज तुम पूरी तरह से शांत कर दो. फिर मैंने जोश में आकर उसको नीचे लेटा दिया और उसकी प्यासी चूत में लंड को डालने लगा, में धीरे धीरे अपने लंड को आगे की तरफ धकेलने लगा तो वो बहुत ज़ोर ज़ोर से चिल्ला रही थी, आह्ह्ह्हह उफफ्फ्फ्फ़ आईईई और मुझे उसके चिल्लाने से ही पता लग रहा था कि वो कितनी प्यासी है?

फिर मैंने उसके मुहं पर अपना एक हाथ रखकर उससे कहा कि प्लीज अब ज्यादा मत चिल्ला वरना कोई सुन लेगा. फिर वो कुछ शांत हो गई और हल्की हल्की सिसकियाँ लेने लगी, में अब लगातार अपने लंड को अंदर बाहर करता रहा और मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, लेकिन कुछ देर बाद उसने अपना पानी छोड़ दिया और फिर भी में उसे चोदता ही रहा. कुछ देर बाद में लंड को चूत से बाहर निकालकर उसकी गांड में डालने लगा तो वो बहुत ज़ोर से चिल्लाने लगी. उसने मुझसे कहा कि प्लीज़ इसे बाहर निकालो, प्लीज़ उफ्फ्फ्फ़ माँ आईईइ में मर जाउंगी, मुझे बहुत आह्ह्ह्हह्ह दर्द हो रहा है, लेकिन फिर भी में थोड़ा सा रुककर चुदाई करने लगा और कुछ देर बाद उसे भी मज़ा आने लगा था और में अपनी चुदाई की स्पीड को बढ़ाने लगा था. अब वो मुझसे कहने लगी कि प्लीज तुम अपना पानी मेरे मुहं में छोड़ देना, मुझे उसे चखकर भी देखना है.

कुछ देर उसकी चुदाई करने के बाद फिर से अपने लंड को उसकी गांड से बाहर निकालकर उसके मुहं में दे दिया और वो बहुत मज़े ले लेकर चूसने लगी, लेकिन कुछ देर बाद मैंने अपना गरम पानी उसके मुहं में छोड़ दिया और वो उसे बहुत मज़े से चूसकर चाटकर गटक गई और थोड़ी देर तक उसकी चूत से खेलने के बाद फिर से मेरा लंड खड़ा हो गया और फिर मैंने उसे अपना लंड उसकी चूत में डालकर चोदना शुरू कर दिया, कुछ देर के धक्कों के बाद मैंने अपनी पोज़िशन बदल ली और अब में उसे डॉगी स्टाईल में चोदने लगा और बहुत देर तक लगातार धक्के देकर चुदाई करने के बाद मैंने उसकी गांड में दोबारा से अपना लंड घुसा दिया और ज़ोर से धक्के देकर चोदने लगा, लेकिन मैंने महसूस किया कि अब वो कुछ ज़्यादा ही ज़ोर से चिल्लाने लगी. फिर भी में नहीं रुका और अपना लंड डालता रहा और अब मैंने उसके मुहं में अपना लंड देकर लेट गया और वो बहुत देर तक चूसती रही और अब उसने खुद कहा कि मेरी गांड में अपना लंड घुसा दो और में फिर से अपना लंड उसकी गांड के अंदर डालने लगा और अब मैंने उसके दोनों पैरों को पूरे फैला दिए थे और साथ ही में उसकी चूत में उंगली भी कर रहा था. अब फिर से उसकी चूत का पानी निकल गया और अब उसे और भी मज़ा आने लगा था और फिर से में उसकी गांड में ही दूसरी बार झड़ गया और कुछ देर उसके पास थककर लेट गया.

फिर कुछ देर बाद मैंने उठकर अपने कपड़े पहने और टाईम देखा तो उस समय रात के करीब 3:45 हो रहे थे. में ऊपर जाकर सो गया और कुछ देर बाद वो भी मेरे पास आकर लेट गई और मुझे पता ही नहीं चला कि कब सुबह हो गई थी. दोस्तों अब शादी को दो दिन और थे, लेकिन फिर से मैंने शादी के जागरण वाली रात को उसे एक बार फिर से बहुत जमकर चोदा. मैंने उसकी चुदाई करके उसके जिस्म के बहुत मज़े लिए और उसने भी मुझसे मेरी चुदाई से खुश होकर मेरा हमेशा पूरा पूरा साथ दिया,

लेकिन शादी के दो दिन बाद में अपने घर पर आ गया और उस समय मैंने उससे मिलकर कहा कि में दोबारा जरुर आऊंगा और हम दोबारा चुदाई के ऐसे ही मज़े लेंगे और अब में इंतजार कर रहा हूँ कि कब में फिर से अपने गाँव जाऊंगा और फिर से उसकी चुदाई करूंगा, में अब भी उसकी चुदाई को याद करके कभी कभी मुठ मार लिया करता हूँ और में आज तक उस चुदाई को नहीं भुला सका हूँ ..
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RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह - by desiaks - 06-10-2021, 12:07 PM

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