मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
06-10-2021, 12:09 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
फिर वो धिमी आवाज में बोला यह वस बहम हे आपका तूम से क्या मै। अपनों से भी नही बोलता हूं।
मैने किसी से भी नही रूठा हूं ले किन खफा हूं सिर्फ अपने आप से आखिर मै। उससे क ह ही दिया तूमईसकि बजह नही समझोगी।
हम आप को समझते है उसने यह कह कर मेरा दिल को दहला दिया हम सब जानते है। अब जो हो गया उसे आप भूल जाईए आप सोच लिजिये कि वो एक रात कि आपकि रखैल थी।
यह जो हुआ वो शराब के नशे में ह आ है इतने अच्छे आदमि के दिल को टूकरा कर वो चली गयी ।

आप जानतें है वो आजतक सूखी नही है आप से सम्बंध बिच्छेद होने के बाद उसकी शदी एक बूढे से हो गयी हैं।
आप तो शराबी नही थे मगर दोस्तों ने आप को शराबी बना दिया था आज भी वो पअनी किस्मत पर रो रही है।
फिर वो धिरे धिरे चलतें वो मेरे पास में आ गइ थी हम आपके पास है न आप को चिन्ता नही करना है। मेरा मतलब है कि मैं आपका मै। हमेशा साथ दूगी मैं वस आप हसतें मूस्कूरातें रही थे।
उसने बिना सोचे समझें वो मेरे बगल में आकर बैठ गयी और धिरे से मेरा हाथ पकड़ लिया ।
उसके चेहरे पर मेरे लिए जमाने मर कि हमददि झलक रही थी मेरे हाथों के रास्तें पूरे बदन में सिहरन दोड़ती चली गयी। - वॉख लादर में मुंह से आवाज निकली देखो तूम चंदा पर से जाओं अगर किसी ने देखा लिया तो मैं वेकार में बदनाम हो जाउगा नही तूमे मेरे पास से चले जाओं।
मेरे आपके दूश्मन उसने एक दम से मेरे होठों पर अपनी नाजूक. हथेली रख दी थी। हम आपके पास बैठेगे कहा हम लेट जायेगें कोई रोक कर दिखा ये हमें उसने सिर्फ कहा ही नही बल्की पांव उपर कर के मेरी गोंद में सर रख कर लेट गयी थी।
मेरे शरीर में जैसे अनार के गोले छटने लगे थे रिमा के छूतें ही में अपने आप से शर्मा गया था।
और मैं घवरा कर मैं अपने गोद में उसकि सरहटातें हुए बोला तूम रिमा यह सब क्या कर रही हो ईतनी हम दर्दि भी अच्छी नही मेरा दोस्त आता हेगा।

नही मैं यहा से आज नही जायेगें लो यहाँ पर नही हैं वो कल या परसों तक आवेगा ।हम अकेले निचे क्या करेगें देखी। ये आप हमें भगाईयेनही मैने आप से सचकह रही हूं मे। आप को खेयाल करेगे।
मैने आप को अपना समझतें है हमारा दिल आप को देख कर कलेजा बिह रता है।
ईस दिल से आप सारे दूख उतार दिजियें यह कहकर उसने जल्दी से मेरा सर खिच कर अपनी चूची में वो सटा लिया था।वस एक बार बस एक बार अपना दूख मेरे दिल में उतार दे ।
उसके बाद आप जिवन भर भी हम से आप बात न करें तो मैं आपसे कभी सिकायत नही करूगा ।
वो यह कह कर मूझकों अपने चूची से दवायें जा रही थी। और मूझे ऐसा महसूस हो रहा था कि मैं कहा भटक गया हूं।
मेने उसके आगोश में गिरता चला गया मेरे अन्दर के भी कप कपी हो रही थी। । उसने तो बिना पीये मूझे पर नशा चड़ा दिया था वों भी उसकड़िसन में जब कि आदमी दूनिया में अकेला महसूस नही हो गया हो उसके जिवन में हमेशा दूखों के सिवा कुछ भी नही रहा हो।
मूझ के रिमा अपनी रूम में जाना चाहती थी क्यो वो मूझसें हमदर्दी जताने के लिए । या केवल चोदने के लिए या मूझमें उसे कोई खास बात नजर आ गयी थी जो वो मेरे साथ वहक रही थी।
यह म। भी नही जान्ता थि उसकि चूची की उछल कुछ मेरे अन्दर भी उछल कूछ मचा देगली ।

एक वैक मेरा हाथ उसकि कमर में फस सी गयी थी मैने और जोर से उसकि चूची में मूह सटा ये पलंग पर मैं वह गया था क्या यह बात हकित है।
मैने तो ऐंसा खाब्बा में भी नहीं सोचा था मैने उसके गठिलें चूची पर मूंह को रगड़तें घूटें घूटें स्वर में बोला। - यह हकिकत है सह बनी मेरे बाहों में कसने के लगा था जिससे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। _हम आप को कूछ करके दिखायेगें बल्की आप को मजा देना मेरा करर्त्यब हो गया आप का हम हंसते हुए में देख ना चाहती हूं एक दम में ही में उसके कितना बड़ा बना दिया सच में नारी तो एक मिनट में सव कुछ साफ में मिला दे नही तो वो औरत चाहें तो आदमी को बूलन्दी पर पहूचा दे ।
यह तो अकसर जालिम औरत में ही पाई जाती है वो भी एक लड़कि थी जो मूझ को एक मिनट में क झ को खाक में मिला दिया था।
और एक लड़कि जो मेरे दोस्त कि बीबी है जो मूझें आसमान कि बूलदियों में पहचा रही है।
मगर अगले पल क्या हो गा में जाता था और मैं भी कभी कभी ज जानना चाहता था । यही जो खूसी कुझे मिल रही थी उसे मै। समेट लेना में चाहता था हमेश हमेशा के लिए।
मैं क्यो सोचचता कि वो रे दोस्त कि बीबी ही जिस पर मेरा अधिकार नही है।
जरा आप छोडिये में। एक सब कपडे को निकाल दू उसने अपने हाथो से बलौज पर हाथ के रख कर कहा ओर मै फौरन अपनी बाहें उपर को कर दी।

रिमा का चेहरा गूलाव के तरह खिल रहा था उसने मेरे होठों को चूमा ओर उठकर अपनी साड़ी को खोलने लगी।
मैने फटी फटी नजरों से किसी लड़कि को अपने सामने कपड़ें खोल कर अपनी बलौज को खोला निये से उसने ब्रेजरी नही पहनी थी।
अतः बलौज उपर करते ही उसकि फसी फसी चूची उछलने लगी तो मेरे आंखों में चका चौन्ध हो गयी ।
वो शर्मा ने वाले स्टाईल से अपनी चूची पर हाथ को वो रख कर वो मेरे बराबर में आकर लेट गयी । - उसने अभी पेटीकोट नही उतारा था बो ईतनी वेशर्म वन गयी कि वो पेटी कोट मेरे लिए छोड़ा था।
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RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह - by desiaks - 06-10-2021, 12:09 PM

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