मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
06-10-2021, 12:14 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
मै अब भी वही अवस्था में लेटा था। वह अब यही समझ रही थी कि मैं सोया हूं.....।

वह इतनी चोदास हो गई थी मेरे लण्ड को बच्चों की तरह अपने हाथ में लेकर चुचकारने लगी। और वह कुछ बुदबुदाने लगी......।
वह अपने आप से कहने लगी कि बाप रे बापन इस छोकरा का लण्ड है। एकदम लाखों मर्द में से एक मर्द है। - इतना बड़ा लण्ड तो आज तक हमने कभी किसी मर्द का नहीं देख पाई थी।
मेरे लण्ड तो डस लण्ड के सामने एकदम से बच्चा नजर आता
मेरा लण्ड एकदम से सामने आकाश की ओर लपलपा रहा • था और इतना कड़ा हो गया था कि मेरा लण्ड में दर्द होने लगा था।
वह करने लगी कि इस लण्ड से तो मेरी बूर की प्यास बूझ ही जायेगी।
मेरे नंगे लण्ड के उपर वाले भाग जो अण्डाकार की तरह था। उस पर अपना नाजूक होठ को ज्यों ही सटाया तो मुझे लगा कि कोई अंगारा हमारे बदन पर बरस रहा हो।
मै तेजी से जलने लगा। मन तो चाहा की मै झटपट बैठू और बिना कुछ कहे बिना पटककर उस औरत के बुर में अपना पूरा लण्उ घूसा डालूं।
पर इतना होने के बावजूद भी मुझे शर्म आ रही थी। और ना ही हिम्मत ही हो रहा था।
वह अपने नाजूक नरम होठो से मेरे लण्ड को रगड़ने लगी तो पहने से और कड़ा होकर सर्प की भांति फनफनाने लगा।
वह औरत पागल की तरह करने लगी। उसने इतनी मस्ती से आ गई वह मेरे लण्ड को धीरे धीरे होठो से सआ अपने जीभ को चलाने लगी। तो मै उपर से गनगना उठा। - अब तो मै बेहद मस्ती में आकर उसकी बड़ी बड़ी चुचियों को देख चोदने को अमादा हो बैठा।
वह मेरे लण्ड के उपर भाग को अपने जीभ से चाटने लगी। और सहलाने लगी। ___ हम बेहद आनंद में सपना की तरह मजा ले रहा था। मै उस औरत को इस तरह का व्यवहार देख ताज्जुब होने लगा।
मै समझ गया कि जरूर यह औरत पढ़ी लिखी और शहर की रहने वाली है।
अगर यह देहात गांव की होती तो इस तरह से कभी भी नहीं। करती इस तरह गांव की औरत नहीं कर सकती।
गांव की औरत तो इतना मजा लेना जानती भी नहीं है।
वह धीरे धीरे मेरे लण्ड को अपने मुह में समाने लगी तो हमने । मुंह से आह आह निकलने लगी।
मै उस समय सांतवा आसमान पर घुम रहा था। आज अजूब मजा देख मै पागल हो गया।
इस से पहले यह नहीं जानता था कि औरत का मजा इतना अच्छा होता है........।
यहा घटना जो हमारे साथ घटी रही थी वह पहली पहली बार ही थी... , अब तो वह हमारे लण्ड को आधा से ज्यादा अपने मुंह में घुसा जीभ से रगड़ने लगी एवं चूसने लगी तो मेरे बदन में आग लग
गया। __मै आह आह एवं जोरो से सांसें चलने लगा। पर वह औरत भी हमारे उपर यह ध्यान देना भूल गई कि हम अब जाग गये है।
वह तो खूद बेसुध हो गई थी। वह तो उस समय उसे कुछ सूझ नही रहा था।
वह चोदास से पागल होकर मेरे लण्ड को चूसने लगी।
उसकी बूर में लग रहा था कि जोरों से खूजली हो रही थी।वह किसी प्रकार मुंह में समाते वह आधा से ज्यादा भाग को अपने मुंह में घूसा डाली और मजे से चूसने लगी।
जिस प्रकार अपने हाथ से मेरे लण्ड को उपर नीचे कर रही थी ठीक उसी प्रकार मेरे लण्ड को अपने मुंह से कर रही थी।
मेरा लण्ड काफी गरम हो चुका था। और उसके थूक से हमारा लण्ड इतना भींग गया था लण्ड साढ़ी तरह हो गया था।
वह मेरा पूरा लण्ड को अपने मुंह में घुसाने की कोशिश कर रही थी। पर इतना लम्बा और मोटा था कि वह अकबका सी जाती, तो झट से बाहर निकाल देती। । पर वह अपने जानते भर में अपने कंठ तक हमारे लण्ड को नीगल जाती। __ वह तेजी के साथ जब उपर नीचे की तरह चाटने लगी तो मेरे लण्ड से कुछ गरम चीज बाहर निकलने के लिये होने लगा तो हम बेकाबू होकर आह आह करने लगे।
करी वह दस पन्द्रह मिनट तक हमारे लण्ड को चूसते चूसते हमें पागल बना डाला।

जब हम बर्दाश्त नहीं हुआ तो सामने उसकी लटकी बड़ी बड़ी चुची को हम हवाक से हाथ से पकड़ और जोर जोर से मसलने लगा...।
और तेजी से कहने एवं हाफने लगा तो वह समझ गई कि अब खलास होने वाला हं तो वह और तेजी के साथ मेरे लण्ड को चूसने लगी.....।
देखते देखते मेर लण्ड से तेजी के साथ गरम गरम कुछ निकलने लगा तो हम आह आह हो हो करते आसमान की सैर करने लगा शरीर कांप गया था।'
और वह औरत तो मजे साथ लण्ड का तीन तिहाई भाग अपने लण्ड तक उतार मजे के साथ मेरे वीर्य को पी ली। .
वह जब तक हमारे लण्ड को पीती रही जब तक की मेरे लण्ड से एक एक बूंद न निकल जाये।
जब पूरा खलास हो गया तो हम सुस्त होने लगे। वह तब हमारे लण्ड को अपने मुंह से निकाल वह अपने साये से मेरे लण्ड को पाछने लगी और मेरे तरफ देख हंसती हुई बोली हाय मुकेश तुझे कैसा लगा।
मै तो शर्म के उसके नजर नहीं मिला रहा था हम नजर नीचे की मै कुछ भी नहीं बोल सका था वह औरत बोली......। मुकेश देखा ......कितना मजा आता है। ऐसा मजा तो तुम कभी सोचा भी नहीं होगा। वह हंसती कहती जा रही थी। वह तो हमसे कुछ भी लजा नहीं रही थी। पर मुझे शर्भ आ रही थी। उस समय उसे हम कुछ कह नहीं सके थे।
कुछ मिनट बीता ही था कि वह हमारे लण्ड को अपने हाथ में लेकर सहलाई तो मेरा लण्ड मिनटों में फिर फनफना सा गया।
देखते देखते मेरास लण्ड इतना टाईट हो गया कि मै फिर से जोश में आ गया था।
तब वह औरत बोली.. देखा मुकेश तुम्हारा लण्ड कैसे फनफनाया है। इस बार में पहले से ज्यादा जोश आ गया था। और अब हिम्मत भी हो गई थी।
इस बार हम उस ओरत से नजर में नजर मिलाते कहा हाँ आन्टी मुझे बेहद अच्छा लग रहा है।
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RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह - by desiaks - 06-10-2021, 12:14 PM

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