मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
07-20-2021, 12:26 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
" तो ये है आपका Secret... ". नूपुर ने अपने डैडी की बाहों में अपनी बाहें डाल कर ऐसे कहा जैसे की अब समझी हो. फिर अपनी लहंगा चोली की ओर अपने डैडी को दिखाते हुए पूछा. " लेकिन यहाँ शादी किसकी है ? ".

" किसी की भी नहीं. ". मिस्टर अरोरा ने मुस्कुरा कर कहा. " और Secret ये नहीं है... पहले अंदर तो चलो ! ".

बिल्डिंग के दरवाज़े तक पहुँचते पहुँचते एक नौकर बाहर दौड़ कर आया, तो मिस्टर अरोरा ने उससे पूछा.

" सारा अरेंजमेंट हो गया ? ".

" जी साहब... ". नौकर ने कहा और फिर नूपुर को नमस्ते किया.

" कार पार्क कर दो... और अपने क्वार्टर में जाओ... आराम करो. ज़रूरत पड़ेगी तो मैं बुला लूंगा ! ".

नौकर सर हिला कर वहाँ से चला गया.

" मुझे पूरा घर देखना है डैडी... This is so amazing ! ". अंदर दाखिल होते ही नूपुर ने चारों तरफ नज़र दौड़ाई, मानो कम से कम समय में ज़्यादा से ज़्यादा नज़ारा देख लेना चाहती हो.

" बहुत टाईम है... रिलैक्स. देख लेना...तुम्हारा ही है ! ".

मिस्टर अरोरा अपनी बेटी को एक बड़े से डाइनिंग हॉल में ले आएं तो नूपुर को लगा की जैसे आज उसके सरप्राइज का अंत होने वाला ही नहीं था. पूरा हॉल मोमबत्ती की रौशनी से जगमगा रहा था, बीच में एक बड़े से भव्य डाइनिंग टेबल पर पहले से ही खाना परोसा हुआ था. नूपुर को लगा जैसे की वो परियों की दुनिया में आ गई हो !

" मुझे तो बड़ी भूख लगी है. तुमने भी सुबह नाश्ता नहीं किया. ". मिस्टर अरोरा अपनी बेटी को खाने के टेबल तक लाते हुए बोलें.

" थैंक यू डैडी... ". भावविभोर होकर नूपुर की आवाज़ जैसे उसके गले में ही अटक गई हो.

बड़े अदब से मिस्टर अरोरा ने नूपुर के लिए चेयर खींच कर उसे बैठाया और फिर दोनों कैंडल लाईट लंच का लुत्फ़ उठाने लगें.

एक घंटे तक बैठे दोनों ने जितना खाना नहीं किया उतनी बातें की, मानो बाप बेटी नहीं, दो दोस्त हों. लज़ीज़ खाने के साथ साथ दोनों ने महँगी वाइन भी पी, फिर खाना ख़त्म करके भी नूपुर शराब पीती रही जब तक की उसके डैडी ने उसे रोका नहीं.

" अब बस करो नूपुर... और Secret नहीं देखना क्या ? ".

" प्लीज् डैडी... आज मुझे मत रोकिये, I am so happy ! ". नूपुर ने एक और पेग खाली करते हुए कहा.

" मुझे बहुत अच्छा लगा तुम्हें इस तरह खुश देख कर... Come on... उठो... अभी और भी सरप्राइज बाकि है. "

मिस्टर अरोरा के खाने के टेबल से उठते ही नूपुर भी उठ खड़ी हुई, उसने वाइन की एक नई बोतल भी उठा ली, तो मिस्टर अरोरा हँसने लगें.

हाथ में शराब की बोतल लिए, बीच बीच में एक एक सिप लेते लेते, नूपुर अपने डैडी के साथ सीढ़ीयां चढ़ती हुई ऊपर जाने लगी. ऊपर पहुँच कर दोनों एक दरवाज़े के पास रुकें.

" Are you ready for the final surprise ??? ". दरवाज़ा खोलने से पहले मिस्टर अरोरा एक पल को रुकें, नूपुर ने हाँ में सर हिला कर अपनी सहमति दी, तो उन्होंने दरवाज़ा खोल दिया.

मंत्रमुग्ध सी कदम बढाती हुई नूपुर जब कमरे में दाखिल हुई तो उसकी मानो साँसे ही थम गई, इस विशालकाय आलीशान से कमरे के बीचों बीच एक बड़ा सा सिंगल बेड था जिसपर 6 गद्देदार तकिये रखे हुए थें, और पूरा बेड गुलाब और रजनीगंधा के फूलों से भर कर सजाया गया था.

अवाक नज़रों से नूपुर अभी कमरे को निहार ही रही थी की अचानक उसने अपनी कमर में एक हाथ सरकता हुआ महसूस किया, मगर उसने अपना चेहरा नहीं घुमाया और कमरे को ही देखती रही. अपनी बेटी को उसकी कमर से पकड़े हुए मिस्टर अरोरा ने उसके गाल पर एक छोटा सा किस किया, तब जाकर नूपुर को जैसे होश आया. उसने अपना मुँह घुमाया तो उसके डैडी के होंठ उसके होंठो से जा सटे, घबरा कर उसने तुरंत अपना चेहरा पीछे कर लिया. मिस्टर अरोरा ने ना कोई जल्दबाज़ी की और ना ही जबरदस्ती, वे चुपचाप खड़े नूपुर की आँखों में देखते रहें. नूपुर ने धीरे से अपना मुँह थोड़ा आगे किया, लेकिन अपने डैडी के होंठो से अपने होंठ सटने नहीं दिए. उसकी आँखों में कई सारे सवाल थें.

" फिर रात को जब मैं आपके कमरे में आई थी तो आपने मुझे क्यूं ठुकरा दिया था डैडी ??? ". नूपुर ने पूछा.

नूपुर के होंठ मिस्टर अरोरा के होंठो के इतने करीब थें की जब नूपुर बात कर रही थी तो उन्हें उसकी साँसों की गर्मी और महक, दोनों महसूस हो रही थी. मिस्टर अरोरा ने अपनी बेटी की शराब से भीनी साँसों की सुगंध का आनंद लेते हुए हर चीज़ का खुलासा करना शुरू किया.

" मैंने तुम्हें ठुकराया नहीं था नूपुर... प्लीज् ऐसा मत सोचो. मुझे पता है की कल रात तुम सब कुछ करने को तैयार थी, पर मैं इसके लिए तैयार नहीं था. You know नूपुर... एक लड़की का सबसे पहला सेक्स एक्सपीरियंस उसकी ज़िन्दगी की सबसे यादगार चीज़ होती है, सबसे स्पेशल ! चाहे वो सेक्स किसी के साथ भी हो, उसे आजीवन याद रहती है. मैं तुम्हारे पहले सेक्स को तुम्हारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण लम्हा बनाना चाहता था, बस एक रात की कोई Cheap Fuck Session नहीं ! ये आलीशान फार्म हाउस, कैंडल लाइट लंच, और ये सुहाग सेज, तुम्हें हमेशा याद दिलाएंगे की तुम जब पहली बार किसी के साथ हमबिस्तर हुई थी, तो वो सिर्फ एक सेक्स नहीं था, एक पूरा इमोशन था, एक पूरी भावना ! आज से कुछ सालों बाद जब तुम्हारी शादी हो जाएगी, और तुम्हारे लिए तुम्हारा हस्बैंड ही सब कुछ होगा, तब अगर कभी तुम्हें आज का दिन याद भी आ जाये तो तुम्हें कोई पछतावा, कोई Regret, कोई Guilt नहीं होगा, बस एक सुखद एहसास होगा, अपनी Virginity खोने का मीठा एहसास ! लेकिन कल रात हमारे बीच अगर कुछ हुआ होता तो वो बस एक स्वार्थ और वासना की घिनौनी कहानी बन कर रह जाती, क्यूंकि मैं तुम्हारा सगा बाप हूँ, कोई बॉयफ्रेंड नहीं !!! और फिर मैं सारी ज़िन्दगी अपने आप को माफ़ नहीं कर पाता ! ".

नूपुर को और कुछ नहीं सुनना था, उसने अपनी आँखे बंद कर ली, और अपने होंठ आगे बढ़ा कर खुद को अपने डैडी के हवाले कर दिया.

" ऐसे नहीं... पहले बाहर चलो ! ". मिस्टर अरोरा ने कहा, और नूपुर के हाथ से वाइन की बोतल लेकर टेबल पर रख दी, फिर उसे लेकर कमरे की दहलीज पार करके बाहर चले आये, फिर उन्होंने अपनी बेटी को अपने गोद में उठा लिया, और वापस कमरे में दाखिल हुए, जैसे की एक दूल्हा अपनी नई नवेली दुल्हनिया को सुहागरात के कमरे में ले जाता है !!!

मिस्टर अरोरा ने नूपुर को अपनी गोद से जैसे ही वापस ज़मीन पर उतारा, नूपुर लपक कर उनसे चिपट गई. मिस्टर अरोरा ने उसके चेहरे को अपने हाथों में भर कर पहले उसके माथे को चूमा, फिर नाक को, फिर बारी बारी से दोनों गोरे गोरे गालों को, और फिर उसके होंठो का चुम्बन लेने से पहले रुकें, और पूछा.

" एक बार फिर सोच लो नूपुर... कहीं तुम्हें ऐसा तो नहीं लग रहा की मैं तुम्हारा फायदा उठा रहा हूँ ??? ".

" छी !!! What are you saying डैडी ??? You are so romantic. Thank you for all this special arrangement... I am yours now !!! I love you डैडी... ".

नूपुर ने अपना शरीर ढीला छोड़ दिया तो मिस्टर अरोरा ने उसके होंठ चूम लियें, फिर जल्दी ही दोनों एक दूसरे के मुँह में मुँह घुसेड़े स्मूच करने लगें.

नूपुर को अब समझ में आया की उसके डैडी ने उससे ऐसे कपड़े पहनने को क्यूं कहे थें, जैसे की वो किसी की शादी अटेंड करने जा रही हो, अब सब कुछ साफ हो चुका था. कुछ रोज़ पहले तक जिस पिता से वो असीम नफरत करने लगी थी, आज उनके विचार जान कर, उसे उनसे ना सिर्फ बेइंतहा मुहब्बत हो गई थी, बल्कि उसके दिल में उनके लिए कई गुना सम्मान भी बढ़ गया था !

लोग यूँ ही नहीं कहते की सुबह का सपना सच होता है, अब नूपुर को इस बात पर यकीन हो गया था. आज नूपुर अपने डैडी से चुदने वाली थी !!!

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RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह - by desiaks - 07-20-2021, 12:26 PM

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