RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
नूपुर के लिए अगले एक हफ्ते बड़े ही कष्टदायक गुजरे, उसे पेशाब में जलन होती थी, और बीच बीच में चूत से खून भी आता था, उसके डैडी ने उसकी चूत बहुत ही बुरी तरह से फाड़ी थी ! करीब एक हफ्ते बाद उसकी हालत में सुधार होने लगा और फिर उसका घाव भरते ही उसकी चूत पहले जैसी चंगी हो गई.
नूपुर और उसके डैडी की प्रेम कहानी फिर से शुरु हो गई.
मिस्टर अरोरा आये दिन नूपुर को फार्महाउस लेजाकर चोदा करतें, कभी कभी तो एक दो दिन तक दोनों वहीँ रुक जातें, खासकर वीकेंड में. नूपुर अपनी मम्मी से कभी ये तो कभी वो बहाना करती रहती, ये सोचते हुए की उन्हें कुछ भी पता नहीं है !
मिस्टर अरोरा को अपनी कमसिन बेटी के बदन का सुख प्राप्त हो रहा था.
मिसेज़ अरोरा अपने पति के साथ अटूट बंधन को एन्जॉय कर रही थी.
नूपुर को अपने मम्मी डैडी, दोनों की खुशियाँ मिल चुकी थी, जो की वो हमेशा से चाहती थी.
एक खुशहाल परिवार में और क्या चाहिए ??? और हाँ, कौन कहता है की बड़े घर के फॅमिली के लोग खुश नहीं रहतें ???
महीने बाद नूपुर को एजेंसी की तरफ से बुलावा भी आ गया, उसने एक साथ कई सारे प्रोजेक्ट साइन कर लिए, और एक एक करके उनपर काम करने लगी. एजेंसी ने गौर किया की इन कुछेक महीनों में नूपुर काफ़ी बदल चुकी थी - उसके प्राइवेट पार्ट्स देखकर ज़ाहिर था की अब वो वर्जिन नहीं रही थी. खासकर राजीव को इस बात का डर था की उसकी ढीली हो चुकी चूत और गांड़ के प्रति लोगों की प्रतिक्रिया शायद नेगेटिव निकले !
मगर वो पुरानी कहावत है ना - जो होता है, अच्छे के लिए होता है.
नूपुर के चाहने वालों ने उसकी फटी चूत और गांड़ को खूब पसंद किया, अब नूपुर काफ़ी Matured लग रही थी, और Sexually Experienced भी !
एजेंसी समझ चुकी थी की नूपुर उनके कंपनी की एकमात्र ऐसी मॉडल है, जिसे लोग हर रूप में, हमेशा पसंद करेंगे.
नूपुर अरोरा चीज़ ही ऐसी थी !!!
******The End ******
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next story is वो सत्ताईस दिन.
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