मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
07-22-2021, 01:00 PM,
RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह
हज़ारो तस्वीरों में से कुछ एक तस्वीरें देखकर ही अनिकेत की आँखें फट पड़ी और उसका मुँह खुल गया. लगभग सभी तस्वीरों में मेघना अलग अलग आदमीयों और लड़कों के साथ या तो पूरी नंगी या फिर आधे अधूरे कपड़ो में, ब्रा पैंटी में, या फिर बिना ब्रा के सिर्फ पैंटी में, खड़ी या बैठी हुई थी !!!

" ये सारे Clicks मेरे पति ने लिए हैं ! ". अपने मोबाइल की ओर इशारा करके मेघना ने अनिकेत को बताया.

" ये क्या है भाभी ??? ". अनिकेत ने मेघना को आश्चर्यचकित नज़रों से देखते हुये पूछा.

जवाब में मेघना ने उसके हाथ से मोबाइल ले लिया, और फिर वीडियो गैलरी ओपन करके वापस उसे दे दिया.

" ये सारे वीडियो भी देखो ! ".

अनिकेत वीडियो देखने लगा.

इन वीडियोज़ में मेघना कभी किसी होटल के रूम सर्विस बॉय के सामने, तो कभी घर के अंदर किसी फ़ूड डिलीवरी बॉय के सामने, तो कभी किसी Sea Beach पर अनजान लोगों के साथ बिना किसी झिझक के आधी या पूरी नंगी होकर बातें कर रही थी !!!

" ये सारे वीडियो भी अभिषेक ने ही बनाये हैं ! ". अनिकेत के चेहरे पर से नज़रें हटाए बिना ही मेघना ने कहा.

अनिकेत ने काफ़ी कुछ देख लिया था, उसे घिन आ रही थी, उसे अब और नहीं देखना था !

उसे अब जानना था की ये सारा माज़रा आखिर है क्या !

" ये है हम दोनों की शादीशुदा ज़िन्दगी का कड़वा सच !!! ". बर्फ की मूर्ति की तरह जमे पड़े अनिकेत के हाथ से मोबाइल वापस लेकर मेघना धीरे से बोली.

अनिकेत अपना सिर झुकाये चुपचाप बैठा रहा. उसमें मेघना से ये तक पूछने की भी इच्छा नहीं रही थी की आखिर इन घटिया और अश्लील तस्वीरों और वीडियोज़ का मतलब क्या है. लेकिन जानना तो उसे था ही, बस वो पूछना नहीं चाहता था, वो मेघना भाभी के मुँह खोलने की प्रतीक्षा करने लगा !

" अभि को बहुत मज़ा आता है मुझे गैर मर्दों के सामने नंगा भेज कर... ". एक गहरी साँस लेने के बाद मेघना ने बताना शुरू किया. " और ऐसी बात नहीं है की इसमें मेरी सहमति नहीं होती है, मुझे भी अच्छा लगता था, You know, एक Thrill सा मिलता था. हम दोनों एक दूसरे से बेहद प्यार करतें हैं इसमें दो राय नहीं, लेकिन हमारी सेक्स लाइफ पूरी तरह से इसी Thrill पर टिकी हुई है. फोटोज़ और वीडियोज़ में मुझे दूसरे मर्दों के साथ नंगा देखकर अभि को Excitement होती है, तो मुझे भी एक अजीब सा आनंद आता है ! ".

अनिकेत सुनता रहा..

" अभि ने मुझसे कभी भी जबरदस्ती नहीं की ये सब करने के लिए... आईडिया उसका होता था लेकिन मर्ज़ी मेरी... पूरी तरह से ! बस एक चीज़ करने से मैं हमेशा से इंकार करती रही ! ".

अनिकेत ने मेघना को सवालिया नज़रों से देखा...

" किसी गैर मर्द के साथ सेक्स करना !!! ".

अनिकेत को ऐसा लगा जैसे की उसकी साँस उसके हलक में अटक गई हो ! एकटक कुछ देर तक मेघना की आँखों में देखते रहने के बाद उसने अपनी आँखें नीची कर ली, मेघना की इन बेबाक बातों से उसे ऊबकाई सी आ रही थी, पर आज उसके लिए उस औरत के बारे में सब कुछ जानना भी तो ज़रूरी था जिससे वो जाने अनजाने प्यार कर बैठा था !

मेघना पलंग पर से उठ खड़ी हुई, और सामने टेबल पर अपने दोनों हाथ टिकाकर अनिकेत की ओर मुँह करके खड़े होते हुये आगे कहना जारी रखा.

" अभि को मुझे किसी गैर मर्द के साथ सेक्स करते हुये देखना था... कोई भी हो... उसका कोई दोस्त... ऑफिस का Colleague... या फिर बिल्कुल अनजान कोई ! लेकिन मैं इसके लिए कभी भी राज़ी नहीं हुई. इसलिए नहीं की मुझे किसी और के साथ सेक्स करने में कोई आपत्ति थी, बल्कि इसलिए, की मुझे डर था की अगर मैं किसी और के साथ सम्बन्ध बनाती हूँ तो कहीं मेरा प्यार मेरे अपने पति के लिए कम ना हो जाये. वैसे शादी से पहले मेरे एक दो बॉयफ्रेंड रह चुके थें, वो बात अलग थी, पर शादी के बाद किसी पराये आदमी के साथ सेक्स करना... Not of my taste ! ".

मेघना साँस लेने के लिए रुकी, अपनी नज़रें नीची करके ज़मीन को निहारती रही, कुछ सोचने लगी, थोड़ी सी मुस्कुराई, फिर सिर ऊपर उठाया, तो देखा की अनिकेत उसे ही घूर रहा है.

" और फिर तुम आ गये हमारी इस अजीब सी ज़िन्दगी में ! अभि तो तुम्हें पसंद करता ही नहीं था, मुझे भी तुम कुछ ख़ास नहीं लगे. लेकिन धीरे धीरे तुम्हारी जो बातें हम दोनों को पसंद नहीं थी, तुम्हारा ज़्यादा बोलना, बचकानी बातें करना, वो सभी चीज़े मुझे अच्छी लगने लगी... और तुम भी ! जैसा की मैंने कहा की मुझे किसी और के साथ सेक्स करने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन किसी भी ऐरे गैरे के साथ तो सम्बन्ध नहीं बना सकती ना... मन का मिलना भी तो ज़रूरी है ! जब तुम्हारे साथ होती थी तो मुझे किसी तरह की हिचकिचाहट नहीं होती थी, सब कुछ बहुत ही स्वाभाविक सा लगता था, कोई झिझक नहीं, कुछ नहीं ! और इसलिए तुम्हारे साथ शारीरिक सम्बन्ध बनाना मेरे लिए काफ़ी आसान हो गया...You know... एकदम नेचुरल... ना कोई ग्लानि... ना ही शर्म... जैसे की ये गलत ही ना हो ! ".

अनिकेत के चेहरे पर आ रहे अनगिनत भावों को समझने के लिए मेघना एक पल के लिए रुकी. अनिकेत अब थोड़ा सा शांत लग रहा था, लेकिन कुछ हद तक भ्रमित !

मेघना ने आगे कहा.

" मैं जो कर रही थी उसमें सबसे ज़्यादा ख़ुशी मेरे पति को होती, अगर तुम्हारी जगह वहाँ कोई दूसरा मर्द होता ! पर वो तुम्हें पसंद नहीं करतें... चिढ़ते हैं तुमसे. ऐसे में उन्हें हमारे संबंधों के बारे में कैसे बताती... बोलो ??? ".

अनिकेत को एक बात की ख़ुशी थी की आज मेघना भाभी ने उसे सारा सच ज्यों का त्यों बता दिया था. लेकिन उसे समझ नहीं आ रहा था की मेघना की इस ईमानदारी पर उसका प्यार और बढ़ना चाहिए या फिर उसे अब मेघना से नफ़रत करनी चाहिए, क्यूंकि ज़ाहिर था की शादीशुदा होने के साथ साथ मेघना उतनी पाक और साफ भी नहीं थी, जितना अनिकेत ने उसके बारे में पहले सोच रखा था !

और अनिकेत को एक और सवाल का जवाब भी तो चाहिए था, जो की अभी तक उसे नहीं मिला था !!!

मेघना के चुप होते ही अनिकेत पलंग पर से उठा, फिर चलकर मेघना के समीप जा खड़ा हुआ, उसकी आँखों में झाँकते हुये धीमी आवाज़ में पूछा.

" आप मुझसे प्यार करतीं हैं भाभी ? ".

" नहीं... ". मेघना ने धीरे से कहा.

" क्यूँ ??? ".

" मुझसे शादी करोगे ??? ".

" आपसे ? मगर आप तो... ".

" क्यूँ ??? क्या हुआ ??? ".

अनिकेत सकपका कर चुप हो गया, तो मेघना हँस पड़ी.

" मुझसे शादी नहीं कर सकते क्यूंकि मैं पहले से ही शादीशुदा हूँ, तो प्यार कैसे कर सकते हो ??? ". मेघना ने कहा. " तुम्हारी उम्र और मेरी उम्र में प्यार के मायने अलग अलग हैं अनिकेत ! लेकिन अगर प्यार का मतलब पसंद करने से है, तो मैं तुम्हें बेहद पसंद करती हूँ... हमेशा तुम्हारे साथ रहना चाहती हूँ... तुम्हारी बकबक सुनना चाहती हूँ !!! ".

इतना काफ़ी था अनिकेत के लिए - वो समझ चुका था की मेघना भाभी उससे प्यार तो करती है, मगर कभी भी उस प्यार का खुलकर इज़हार नहीं करेगी. ये प्यार पारम्परिक प्रेम जैसा था भी तो नहीं ना, जिसमें लड़का और लड़की सिंगल होतें हैं, यहाँ समस्या ये थी की मेघना एक शादीशुदा लड़की थी, और उसके लिए अपने पति को छोड़कर किसी और से झट से कह देना की वो उससे प्यार करती है, इतना आसान नहीं था !

" मुझे पता है तुम मेरे बारे में क्या सोच रहे हो... ". मेघना बोली. " मैं कोई अच्छी साफ सुथरी करैक्टर वाली औरत नहीं हूँ ! सब कुछ हूँ मैं... लेकिन Slut नहीं हूँ !!! ".

अनिकेत ने देखा की मेघना की आँखें डबडबा आईं थीं, वाक्य खत्म होते ही उसकी आवाज़ घुट सी गई, लेकिन किसी तरह से उसने अपने आँसुओ को टपकने से रोक लिया था !

" तुम सही हो अनिकेत... मुझसे आगे कोई सम्बन्ध ना रखने का तुम्हारा फ़ैसला बिल्कुल सही है. लेकिन मुझसे सारे रिश्ते तोड़ने से पहले तुम्हारा सच्चाई से अवगत होना ज़रूरी था... इसलिए मैंने तुम्हें हम दोनों पति पत्नि के वो सारे राज़ बताये, जिन्हे अभी तक कोई भी नहीं जानता ! ". मेघना बोली.

" मैंने तो आपसे दूर जाने की बात इसलिए की थी भाभी की मुझे लगा था की मेरी वजह से आपकी शादीशुदा ज़िन्दगी में तनाव आ चुका है... ". अनिकेत ने कहा. " पर मुझे तो पता ही नहीं था की अभिषेक भैया पहले से ही आपको दूसरे लड़कों के साथ गलत सम्बन्ध बनाने के लिए उकसाते रहें ! ".

अनिकेत की बात सुनकर मेघना के होंठों पर एक हल्की सी व्यंग्य भरी मुस्कान खेल गई.

" तुम बहुत अच्छे लड़के हो अनिकेत... तुम्हारा मन साफ है. मेरी जैसी शादीशुदा औरत के चक्कर में कहाँ पड़ गये तुम यार ! जाओ... एक अच्छी सी गर्लफ्रेंड ढूंढ लो... मिल जाएगी तुम्हें... हैंडसम भी हो ! ". मेघना ने मुस्कुराते हुये कहा.

" और मेरे जाने के बाद आप क्या करेंगी भाभी ? ". मेघना की नाभी को अपनी उंगली से सहलाते हुये अनिकेत ने धीमी आवाज़ में पूछा. " किसी दूसरे मर्द के साथ सेक्स ? अभिषेक भैया को खुश करने के लिए... ".

" कभी नहीं अनिकेत... ". मेघना ने अनिकेत की आँखों में झाँकते हुये कहा. " मेरी ज़िन्दगी में तुम्हारे बाद और कोई नहीं आएगा ! ".

" क्यूँ ??? ". अनिकेत ने अपना हाथ मेघना की कमर पर सरकाते हुये पूछा.

" पता नहीं अनिकेत ! ".

मेघना का चेहरा अनिकेत के चेहरे से थोड़ी ही दूरी पर था. अनिकेत से और नहीं रहा गया, उसने तुरंत अपना मुँह आगे बढ़ाकर मेघना के होंठों पर अपने होंठ रख दियें.

" ओह... अनिकेत ! ". अनिकेत के साथ चुम्बन में लिप्त होने से ठीक पहले मेघना के मुँह से निकला.

टेबल के सहारे सटकर खड़ी मेघना की गांड़ उसकी साड़ी के ऊपर ऊपर से ही सहलाते दबाते हुये अनिकेत उसे चूमता रहा. कुछ देर बाद साँस लेने के लिए मेघना ने एक पल को अपने होंठ उसके होंठों से अलग कियें, तो अनिकेत बेतहाशा उसके गाल और गर्दन चूमने लगा.

" उफ्फ्फ... अनिकेत ! ". मेघना ने अपनी आँखें मूंद ली.

अनिकेत का एक हाथ अभी भी मेघना के चूतड़ दाब रहा था, तो दूसरे हाथ को मेघना ने अपने कूल्हे से होते हुये अपने पेट पर सरकता हुआ महसूस किया. अनिकेत कुछ देर तक मेघना की गहरी नाभी से खेलता रहा, फिर उसने अपनी कलाई मेघना की कमर से लिपटी साड़ी और कसी हुई पेटीकोट में घुसेड़ दी. अंदरूनी नरम मांसल त्वचा की गरमाहट ने अनिकेत की चाहत को और बढ़ावा दिया, तो उसने पेटीकोट के अंदर पहनी हुई मेघना की पैंटी के इलास्टिक को फ़ैलाते हुये हाथ भीतर डाल दिया. उसकी बेचैन उंगलियां मेघना की चूत को छूने ही वाली थीं, की अचानक से मानो होश में आते हुये मेघना ने अपनी आँखें खोल ली, और झट से अपने हाथ से अनिकेत का हाथ पकड़कर उसे रोक लिया.

मेघना को चूमना छोड़ अनिकेत ने उसकी आँखों में आँखे डालकर मस्ती के इस आलम में पड़ी रुकावट का इशारों ही इशारों में सबब पूछा, तो मेघना ने बुरी तरह से शर्माते हुये ना में सिर हिलाकर फुसफुसाते हुये कहा.

" आज नहीं अनिकेत !!! ".

" क्यूँ भाभी ? ". मेघना की नाक चूमते हुये अनिकेत ने प्यार से पूछा.

लाज से मरी जा रही मेघना के गाल टमाटर की तरह लाल हो गएँ. अपना मुँह अनिकेत के कान के करीब लेजाकर वो एकदम धीमे स्वर में बोली.

" मेरी बूर की छुट्टी हो रखी है तीन दिनों के लिए !!! ".

मेघना के मुँह से " बूर " शब्द सुनकर अनिकेत हँस पड़ा. मेघना की याददास्त अच्छी थी, उसे अभी तक याद था की अनिकेत चूत को बूर बुलाना पसंद करता है !

" हँसो मत बदमाश... ". मेघना ने जानबूझकर नाराज़गी वाला मुँह बनाते हुये कहा. " Condom फाड़कर तुमने तो मुझे डरा ही दिया था उस दिन ! गर्भ ठहर जाता तो ??? शुक्र है की आज Periods आये मेरे तो मेरी जान बची !!! ".

" मैंने फाड़ा Condom ? ".

" और नहीं तो क्या ? ".

वैसे डर तो इतने दिनों से अनिकेत भी रहा था, पर उसे इतना यकीन था की मेघना भाभी समझदार शादीशुदा औरत है, संभाल लेगी.

" साड़ी खोलिये ना भाभी... प्लीज् ! ". मेघना की कमर में चिकोटी काटते हुये अनिकेत ने कहा.

" धत्त !!! ".

मेघना को एक बात की ख़ुशी थी की अनिकेत के चेहरे की वही पुरानी मुस्कुराहट और चमक वापस आ गई थी. जब वो आया था तो कितने गुस्से में था ! उसे अपनी सच्चाई बताने का फैसला लेकर मेघना ने बड़ा जोखिम उठाया था, बहुत संभव था की वो अनिकेत को हमेशा के लिए खो देती, फिर ज़िन्दगी भर वो उससे नफ़रत करता ! मगर उसने मेघना की सच्चाई और ईमानदारी की कद्र रख ली, सही फैसला लिया उसने अपनी मेघना भाभी के पास वापस लौट आने का. उसी बेडरूम में अब वो दोनों ऐसे रोमांटिक हुये एक दूसरे से लिपटे चिपटे जा रहें थें जैसे कुछ हुआ ही ना हो, जिस बेडरूम में कुछ दिनों पहले दोनों को अकथनीय बेइज्जती से रूबरू होना पड़ा था !!!

" बस साड़ी खोल दीजिये भाभी... ". कमज़ोर आवाज़ में अनिकेत ने गिड़गिड़ाते हुये विनती की. " साया और पैंटी उतारने नहीं बोलूंगा... प्रॉमिस ! ".

" इतना मिस किया मेरी चूत को ??? ". अनिकेत के जीन्स के उभार की ओर इशारा करके मेघना हँस पड़ी.

" बहुत भाभी !!! ". ब्लाउज़ के ऊपर से मेघना की चूचियाँ सूंघते हुये अनिकेत ने कहा.

" तो फिर मिलने क्यों नहीं आये ? ".

" आप पर बहुत गुस्सा आ रहा था ! ".

" और अब ? ".

" अब भी आ रहा है... ".

मेघना बातों ही बातों में अनिकेत को बहलाने फुसलाने की कोशिश अभी कर ही रही थी, ताकि वो उसे कम से कम आज के दिन ना चोदे, की उसने देखा की अनिकेत ने अपनी जीन्स की ज़िप खोलकर अपना लण्ड बाहर निकाल लिया है !

" I love you भाभी ! ". मेघना के गर्दन और कंधे पर अपना मुँह घिसते हुये अनिकेत बुदबुदाया.

" My God ! इतने बेशर्म कब से हो गये अनिकेत ? ". मेघना ने गरम आह भरते हुये पूछा.

" आपका मन नहीं है क्या भाभी ? ".

" नहीं !!! ". बोलकर मेघना हँस पड़ी.

अनिकेत को मेघना अपनी शारीरिक अवस्था के बारे में सच बताना नहीं चाह रही थी, वो झूठ बोल रही थी. सच तो ये था की अपनी Fertility के सबसे चरम दिन में होने की वजह से वो चुदवाने की लालसा से मरी जा रही थी !

पर बेचारी मज़बूर जो थी...

साड़ी के ऊपर से ही मेघना की जाँघों के बीच अनिकेत जब अपना खड़ा लण्ड ठेलने लगा, तो उसे रोकने के लिए मेघना ने झट से उसके लण्ड का सुपाड़ा अपनी मुट्ठी में पकड़ लिया. मेघना ने लण्ड का सुपाड़ा कस कर दबाया तो पानी जैसा पतला चिपचिपा Pre - Cum तुरंत उसकी ऊँगलीयों पर चू पड़ा, मेघना समझ गई की अनिकेत अब और रुकने वाला नहीं !!!

" इतने दिनों मूठ नहीं मारी क्या ? ". लण्ड के अस्वाभाविक कड़ेपन को अपनी हथेली में भरा हुआ महसूस करके मेघना ने अनुमान लगाते हुये पूछा.

" आप के कहने पर छोड़ दिया है भाभी... ". अनिकेत ने मेघना के गालों पर अपने होंठ रगड़ते हुये कहा.
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RE: मस्तराम की मस्त कहानी का संग्रह - by desiaks - 07-22-2021, 01:00 PM

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