RE: SexBaba Kahan विश्वासघात
“तुम्हारा मतलब है हम दो जने भी यह काम कर सकते हैं?”
“क्या नहीं कर सकते?”
“कर सकते हैं लेकिन कौशल का एक और वजह से भी हमारे साथ होना जरूरी है।”
“और वजह?”
“हां।”
“वह क्या?”
“यह औरत—कामिनी देवी—विधवा है, अकेली रहती है; रईस है, खूब खाने पीने की शौकीन है, खूबसूरत है और अभी मुश्किल से चालीस साल की है। मैंने देखा है कि वह दूतावास की पार्टी से आधी रात से पहले नहीं लौटती। लेकिन फर्ज करो वहां उसे कोई नौजवान पसन्द आ जाता है और वह उसके साथ तफरीह करने की नीयत से वक्त से पहले घर लौट आती है। फर्ज करो हम अभी सेफ खोल कर ही हटे होते हैं कि वह ऊपर से वहां पहुंच जाती है। कामयाबी के इतने करीब पहुंच जाने के बाद अगर हमें खाली हाथ वहां से भागना पड़ गया या हम खामखाह पकड़े गए तो यह बहुत बुरी बात होगी हमारे लिए। अगर हम तीन होंगे तो ऐसी कोई नौबत आने पर—वैसे भगवान न करे ऐसी कोई नौबत आए—हम उस औरत को और उसके यार को बाखूबी काबू में कर सकते हैं। ऐसी नौबत आ जाने पर यह काम सिर्फ तुम और मैं शायद न कर सकें। लेकिन कौशल पहलवान है। वह कामिनी देवी के चार यारों को भी अकेला संभाल सकता है। क्यों कौशल?”
“बिल्कुल!”—कौशल अपनी मांसपेशियां फड़फड़ता बोला।
“कहने का मतलब यह है, राजन, कि जब तुम वहां तिजोरी खोल रहे होंगे तो हम इस बात के लिए सावधान होंगे कि कहीं वो औरत अपने किन्हीं मेहमानों के साथ, या किसी यार के साथ, या अकेली ही सही, वक्त से पहले अपने फ्लैट पर न पहुंच जाए। तुम्हारा काम सबसे नाजुक है और पूरी तल्लीनता से किया जाने वाला है। इसलिये मैं नहीं चाहता कि तुम्हें अपना काम छोड़ कर किसी हाथापाई जैसे काम में भी हिस्सा लेना पड़े।”
“ओह!”
“वैसे उस औरत से आमना सामना होने से मैं हर हाल में बचना चाहता हूं। लेकिन फिर भी अगर ऐसी नौबत आ ही जाए तो उसके लिए तैयार रहने में कोई हर्ज नहीं। मैं सिर्फ इस इकलौती वजह से नाकामयाबी का मुंह नहीं देखना चाहता कि मैं उस औरत से आमना सामना हो जाने से डरता था। तुम समझे मेरी बात?”
“हां! तुमने तो, गुरु, इस काम के हर पहलू पर विचार किया हुआ है!”
“सिवाय एक पहलू के।”
“वो कौन सा हुआ?”
“कि तुम दोनों मेरा साथ देने को तैयार होवोगें या नहीं।”
राजन हिचकिचाया।
“फौरन जवाब देना जरूरी नहीं।”—रंगीला बोला—“तुम... और तुम भी”—वह कौशल की तरफ घूमा—“कल तक मुझे अपना फैसला सुना देना। और, राजन, कल तक तुम अपने इस दावे पर भी फिर से विचार कर लेना कि चाबी से खुलने वाली कैसी भी सेफ एक-डेढ़ घण्टे के वक्त में तुम वाकई खोल सकते हो या नहीं!”
“उस बात को तो छोड़ो, गुरु।”—राजन बोला—“वह तो मेरा दावा है जो आज भी अपनी जगह बरकरार है और कल भी।”
“ठीक है। तुम दोनों कल तक मुझे यह बता देना कि तुम इस काम में मेरे साथ शरीक होना चाहते हो या नहीं।”
रंगीला को लगा कि कौशल तो कल तक इन्तजार करना ही नहीं चाहता था लेकिन अकेले उसके हामी भरने से कोई बात नहीं बनती थी। ज्यादा जरूरी हामी राजन की थी, क्योंकि सेफ खोलने का अहम और इन्तहाई जरुरी काम उसने करना था। उसका गुजारा कौशल के बिना हो सकता था, राजन के बिना नहीं।
“मुझे पहले से मालूम है कि परसों नया अमरीकी राजदूत दूतावास का चार्ज ले रहा है। उसके सम्मान में दूतावास में बहुत बड़ी पार्टी का आयोजन है। हमेशा की तरह कामिनी देवी भी वहां जरूर जाएगी। अगर कल तुम दोनों ने हामी भर दी तो परसों ही हम इस इमारत पर हल्ला बोल देंगे। तुमने इन्कार कर दिया तो समझ लेना कि हम लोगों में ऐसी कोई बात हुई ही नहीं थी।”
“हमारे इन्कार कर देने की सूरत में।”—राजन बोला—“तुम हमारी जगह कोई और साथी तलाश करने की कोशिश नहीं करोगे?”
“हरगिज भी नहीं। तुम दोनों मेरे दोस्त हो। मैं तुम पर विश्वास कर सकता हूं, हर किसी पर नहीं। तुम दोनों के इंकार की सूरत में मैं ज्वेल रॉबरी के अपने इस खयाल को हमेशा के लिए अपने मन से निकाल दूंगा।”
दोनों में से कोई कुछ न बोला।
फिर वहीं वह मीटिंग बर्खास्त हो गई।
अगले दिन दोनों ने उस चोरी में शामिल होने के लिए हामी भर दी।
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