RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
मेरी प्यारी बीबी दीपा मुझे कुछ देर तक प्यार भरी नज़रों से एकटक देखती ही रही। उस ने मेरी बात का कोई जवाब नहीं दिया। फिर थोड़ा सा मुस्करा कर वह अपने घुटनों पर ऊपर उठी और मेरी टांगों के बिच अपना मुंह ले जाकर जो मेरी प्यारी पत्नी ने हमारी शादी के इतने सालों से नहीं किया था, वह आसानी से मुझे खुश करने के लिए करने लगी।
उस रात तक उसने मेरे कई बार कहने पर भी मेरा लण्ड कभी भी अपने मुंह में नहीं डाला था। मेरे आग्रह किये बिना ही मुझे खुश करने के लिए वह मरे लण्ड को न सिर्फ मुंह में लिया। दीपा उसे बड़े प्यार से चूस ने भी लगी। उसे पता था की ऐसे करने से मैं बहुत उत्तेजित हो जाता हूँ। मेरी प्यारी पत्नी के साथ मैं अब वैवाहिक जीवन का वह आनंद उठा रहा था जो मुझे शादी के सात सालों में भी नसीब नहीं हुआथा। कहीं ना कहीं इसमें तरुण का भी योगदान था इसमें कोई शक नहीं था।
मैंने उसे मेरी टांगो के बिच से उठाकर अपने सीने से लगाया और बोला, "डार्लिंग, मैं तुम्हे इतना चाहता हूँ की जिसकी कोई सीमा नहीं। मैं तुम्हें जीवन के सब सुख अनुभव करवाना चाहता हूँ। एक मर्द जीवन में कई औरतों से सेक्स का अनुभव करता है। मैंने भी तुम्हारे अलावा कुछ लड़कियों को और औरतों को शादी से पहले सेक्स का अनुभव कीया है। अगर तुम मुझसे इतना प्यार नहीं करती तो मैंने शादी के बाद भी किसी न किसी औरत से सेक्स कीया होता या करता होता। मैं यह जानता हूँ की तुमने आज तक किसी और मर्द से सेक्स नहीं किया। तुमने सिर्फ मुझ से ही सेक्स किया है। मैं तुम्हें भी ऐसे आनंद का अनुभव करवाना चाहता हूँ पर चोरी से या छुपके नहीं। अपने पति के सामने, उसके साथ, उसकी इच्छा अनुसार। अपनी पत्नी या अपने पति के अलावा और किसीको चोदने में या और किसीसे चुदवाने में कुछ अनोखी ही उत्तेजना होती है। यह मैं जानता हूँ। वही आनंद मैं चाहता हूँ की तुम अनुभव करो।"
मेरी बात सुनकर दीपा कुछ रिसिया गयी। वह मेरा हाथ छुड़ा कर बोली, "जानू, मैं सच बोलती हूँ। मुझे मात्र तुमसे ही सेक्स का आनंद लेना है। मैं तुम से बहुत ही खुश हूँ। पर लगता है तुम मुझ से खुश नहीं हो इसी लिए ऐसा सोचते हो। मैंने तुम्हें पूरी छूट दे रखी है। जहां चाहे जाओ, जिस किसीको चोदना है चोदो। मैं तुम्हे नहीं रोकूंगी। अगर तुम्हें टीना पसंद है और अगर टीना को इसमें कोई एतराज नहीं है, तो तुम बेशक उसके पास जाओ और उसके साथ खूब मजे करो। पर मैं कतई भी किसी गैर मर्द से सेक्स का आनंद नहीं लेना चाहती।"
फिर मैंने दीपा की चिबुक पकड़ कर कहा, "मेरी प्यारी डार्लिंग मेरी कसम है यदि तुम ज़रा सा भी झूठ बोली तो। सच सच बताना, तरुण ने जब तुम्हे बाँहों में लेकर बदन से बदन रगड़ कर डांस किया था और जब तुम रसोई में तरुण के ऊपर धड़ाम से गिरी और उस समय बाथरूम में जब तरुण ने तुम्हे बाहों में लिया और तुम्हारे बूब्स दबाये और तुम्हें होँठों पर गहरी किस की तो क्या तुम उत्तेजित नहीं हुयी थी? आज सिर्फ सच बोलना।"
दीपा जैसे सहम गयी। उसने कभी सोचा भी नहीं था की इस तरह कभी उसे भी कटहरे में खड़ा होना पड़ेगा। उसके गाल शर्म के मारे लाल हो गये। थोड़ी देर सोच कर वह बोली, "देखो दीपक, मुझे गलत मत समझो। मैं झूठ नहीं बोलूंगी। मेरे साथ डांस करते हुए तरुण का लण्ड जरूर खड़ा हो गया था और मेरी टांगों के बिच में टकरा भी रहा था। उसे महसूस कर के मैं उत्तेजित नहीं हुई थी यह तो मैं नहीं कहूँगी। हाँ उस दिन बाथरूम में भी मैं कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो गयी थी। पर देखो मैं भी इंसान हूँ। कभी कभी मुझ से भी उत्तेजना में कुछ गलत हो सकता है। पर मैंने कभी भी उसके या किसी और के साथ सेक्स करने के बारे में कतई भी नहीं सोचा।"
मेरी बीबी की बात सुनकर मैं निराश नहीं हुआ। मुझे तो बात को आगे बढ़ाना ही था। मैंने कहा, "अगर नहीं सोचा डार्लिंग तो अब सोचो ना?"
दीपा मुझे अजीब ढंग से कुछ देर देखती रही और फिर बोली, "कमाल है! मेरा पति मुझसे कह रहा की मैं किसी गैर मर्द से चुदवाऊं? अरे तुम एक बात क्यों नहीं समझते? शादी का बंधन एक नाजुक धागे से बंधा हुआ है। कभी कभी उसे ज्यादा खींचने से वह धागा टूट सकता है। ऐसे पर पुरुष सम्बन्ध का मतलब उस धागे को ज्यादा खींचना। एक बात और। अपनी पत्नी को पर पुरुष से जातीय सम्बन्ध के लिए उकसाना खतरनाक भी हो सकता है। हो सकता है मुझे दुसरे से चुदवाने में मझा आने लगे और मैं बार बार दूसरे मर्द से चुदवाना चाहुँ तो?"
बातों बातों में मेरी सीधी सादी पत्नी ने मुझे वैवाहिक सम्बन्ध की वह बात कह डाली जो एक सटीक खतरे की और इंगित करती थी। मेरी बीबी ने मुझसे तरुण का नाम लिए बगैर यह भी कह दिया की एक बार चुदने के बाद हो सकता है वह तरुण से बार बार चुदवाना चाहे। तब फिर मुझे इसकी इजाज़त देनी होगी। पर मैंने इस बारे में काफी सोच रखा था और मेरी पत्नी के लिए मेरे पास भी सटीक जवाब था। हालांकि मेरी पत्नी की बातों से मुझे एक बात साफ़ नजर आयी की पिछले कुछ दिनों में दीपा और तरुण के थोड़े करीब आने से मेरी पत्नी का तरुण के प्रति जो डर था, वह नहीं रहा था, और वह तरुण की छेड़खानी वाली सेक्सुअल हरकतों को ज्यादा गंभीरता से नहीं ले रही थी। एक बात और थी, अब वह तरुण से चुदवाने की बात सुनकर पहले की तरह भड़क नहीं जाती थी। मतलब वह तरुण से चुदवाने के लिए तैयार भले ही ना हो पर तरुण से चुदवाने के बारे में बात कर रही थी। मुझे अब हमारा रास्ता साफ़ नजर आ रहा था।
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