RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
दीपा यह सोच कर परेशान हो रही थी की तरुण बार बार यह क्या अपनी दुःख भरी दास्तान के बारे में कह रहा था? जरूर कोई सीरियस बात थी, क्यूंकि तरुण ने यहां तक कह दिया था की वह खदकुशी करने तक की बात सोच रहा था। दीपा का मन किया की वह तरुण को पूछे।
पर तरुण था की अपनी बात पूरी करने पर तुला हुआ था। तरुण ने दीपा की और देख कर कुछ भावावेश में आकर कहा, " मुझे आज के इस होली के रोमांटिक रूमानी माहौल को मेरी परेशानी के चलते हुए खराब नहीं करना था। शायद इसी लिए उपरवाले के आशीर्वाद सामान आप आज की रात मेरे सामने कामिनी, रम्भा और मेनका जैसे इस तरह सेक्सी रूप सजधज कर आयी हो। आपको देख कर मैं अपने वह गहरे दुःख को भूल जाता हूँ। मुझे आप पर इतना प्यार उमड़ रहा है जिसको में बयाँ नहीं कर सकता। भाभी, भाई तो आपको रोज प्यार करते हैं। मुझे पता है आज रात को भी वह आपको ऐसे देख कर अपने आपको रोक नहीं पाएंगे कर मेरे देखते हुए भी आपको प्यार करेंगे, और मैं अपना मन मसोसता रह जाऊंगा। पर इस वक्त जब वह व्यस्त हैं तो बस पांच मिनट आपको प्यार करना चाहता हूँ। प्लीज थोड़ा मुझे भी प्यार करने दो ना? भाई के आने के बाद तो मुझे पता है आप मुझे हाथ भी नहीं लगाने दोगे। यही समझ लो की मैंने आपको थोड़ा और छेड़ दिया।"
तरुण की बात सुनकर दीपा हँस पड़ी और बोली, "यार तरुण तुम भी कमाल हो! तुमने आज दिन में मुझे इतना छेड़ा है, मेरे साथ इतना सब कुछ किया है फिर भी तुम्हारा पैट नहीं भरा? तुम्हारे भाई ने मुझे पहले से ही आगाह कर दिया है की आज की रात तुम लोग मुझे छेड़ोगे और मुझे उसे झेलना पडेगा। तुम्हें मुझे छेड़ने के लिए पूरी रात पड़ी है। यार तुम तो खुद ही अपने आप को बन्दर कहते हो। इतना कुछ करते ही रहते हो और माफ़ी भी मांगते रहते हो? बार बार कहते हो की मैं माफ़ कर दूँ? अगर मैं तुम्हें हाथ नहीं लगाने दूंगी तो तुम रुकोगे क्या? तुमने हर जगह तो हाथ लगा दिया है। अब मुझे और कैसे छेड़ना चाहते हो? कमाल है! अब मुझे छेड़ने के लिए बचा क्या है?"
तरुण ने दीपा के कान के पास अपना मुंह ला कर एकदम धीमे से कहा, "भाभी अभी बहुत कुछ बचा है।"
दीपा ने तरुण की बात सुन कर पलट कर कुछ नकली गुस्सा दिखाते हुए पूछा, "क्या कहा तरुण तुमने?"
तब तरुण ने शरारत भरी मुस्कान देते हुए कहा, "कुछ नहीं भाभी मैं वैसे ही कुछ बड़बड़ा रहा था। भाभी आओ ना? बस पांच मिनट?" यह कह कर तरुण ने दीपा का हाथ पकड़ उसको लगभग खींचते हुए कार के दूसरी तरफ ड्राइवर सीट के दरवाजे के साथ सटा कर खड़ा किया और कहा, "भाभी पहले आप आराम से यहाँ खड़े रहो और मेरी बात सुनो।"
दीपा को तरुण क्या कहना चाहता था और क्या कर रहा था यह समझ नहीं आया। पर वह इतना जानती थी की तरुण कुछ ना कुछ नयी ही खुर्राफत या शरारत जरूर करेगा। वह क्या कहेगा और क्या करेगा वह जानने की जिज्ञासा मेरी कामुक पत्नी रोक नहीं पायी और तरुण ने जैसे खड़ा किया वैसे ही दीपा अपने कूल्हे और पीठ कार के दरवाजे से टिका कर अपने बदन को बैलेंस करने के लिए अपने दोनों पाँव थोड़े से टेढ़े कर और फैला कर कार से थोड़े से दूर रख कर कार के दरवाजे के सहारे खड़ी हो गयी।
जैसे ही दीपा उस कामुक पोज़ में खड़ी हुई की फ़ौरन तरुण ने फुर्ती से दीपा को कोई मौक़ा ना देते हुए अपनी दोनों टाँगों को दीपा के सामने दीपा की साडी को थोड़ा सा घुटनों तक ऊपर उठाकर फैली हुई टाँगों के बिच में घुसा दिया और अपने बदन को दीपा के बदन से एकदम सटा दिया। तरुण ने दीपा के बदन को अपने बदन से कार के दरवाजे पर दबा दिया और अपने पेंडू से दीपा के टाँगों के बिच में जैसे दीपा को खड़े हुए चोद रहा हो ऐसे धक्के मारने लगा। रास्ते पर किसी भी आने जाने वाले को उस अँधेरे में कपडे तो साफ़ दिखेंगे नहीं। शायद दीपा की साडी उसकी टाँगों के थोड़ी सी ऊपर चढ़ी हुई जरूर दिखेगी। उस वक्त तरुण की हरकत देख कर कोई भी आदमी यह सोच सकता था की तरुण जैसे दीपा को खड़े हुए ही चोद रहा हो।
दीपा तरुण की यह हरकत हैरानगी से देखती ही रह गयी। दीपा ने पूछा, "तरुण तुम यह क्या कर रहे हो?"
पर दीपा यह ठीक से बोल पाए उसके पहले तरुण ने दीपा के बदन से अपना बदन कस कर दीपा को कार के दरवाजे पर दबा दिया। तरुण ने दीपा के सर को अपने दोनों हाँथों में पकड़ कर दीपा के होँठों पर अपने होँठ दबा दिए और अपनी जीभ से दीपा के होँठ चूमने और चूसने लगा।
फिर तरुण धीरे से बोला, "भाभीजी, पता नहीं मैं आज होली की इस रात को आप के साथ जो करना चाहता हूँ वह आप मुझे करने देंगे की नहीं। पर कम से कम उस का दिखावा तो करने दो ना, प्लीज?"
यह कह कर तरुण ने अपने दोनों हाथ फैला कर दीपा के कूल्हों को जकड़ा और उन्हें अपनी और दबा कर खींचते हुए दीपा की कोख से अपना पेंडू भिड़ा कर ऐसे करने लगा जैसे वह अपना लण्ड दीपा की चूत में घुसेड़ने की कोशिश कर रहा हो।
दीपा तरुण के ऐसा करने से हड़बड़ाती हुई बोली, "तरुण, तुम्हें कुछ समझ है या नहीं? यार कुछ करने के लिए तुम सही जगह या समय तो देखो। यह कोई जगह है ऐसा कुछ करने की? ऐसे खुले में यह तुम क्या कर रहे हो? कोई देख लेगा यार?"
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