RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
मुझे मेरी प्यारी बीबी को खुद ही चुदाई करवाने के लिए राजी हो जाए ऐसी स्थिति में लाना था। हालांकि शायद वह मानसिक रूप से चुदवाने के लिए तैयार हो चुकी थी पर उस समय दीपा काफी उत्तेजक स्थिति में थी और तरुण की हरकतों से तंग आ चुकी थी। मैं मेरी प्यारी बीबी को तंग होकर चुदवाने के लिए तैयार नहीं करना चाहता था। लोहा गरम हो चुका था। मौक़ा देख कर अब हथोड़ा ही मारना था। तो अब फ़ौरन बिना समय गँवाये सही समय और माहौल बनाना पडेगा जिससे की दीपा खुद ही अपनी मर्जी से मेरे सामने ही तरुण से चुदवाने के लिए तैयार हो जाए। और मुझे काफी हद तक यह भरोसा हो गया की दीपा शायद तैयार हो ही जाए। हमारा प्लान तैयार था। बस मौके का इंतजार था।
मैंने कहा, "तुम पूछती हो हम क्या चाहते हैं? आजकी रात हम दोनों को बस दीपा चाहिए। आज तुम हमारे साथ बेझिझक मौज करो यही हम चाहते हैं। जानेमन, हम तो आज होली के मजे लेने के लिए आये हैं। तरुण ने थोड़ी सी छूट लेली तो इतना क्यों तिलमिलाती हो डार्लिंग? मैं तो तुम्हारे पीछे पागल हूँ ही। वैसे ही तरुण भी तुम्हारे सामने आते ही लम्पट बन्दर की तरह पागल सा हो जाता है और तुम्हारे तलवे चाटने लगता है। अब शांत हो जाओ और देखो यह तुम्हारा पागल बन्दर अब तक उठक बैठक कर रहा है। उसे मनाओ।"
दीपा ने थोड़ा मुस्कराते हुए कहा, "अरे मैं शांत ही हूँ। और तुम्हारी दीपा कहाँ भागी जा रही है? मैं तुम दोनों के साथ ही हूँ ना, और एन्जॉय भी कर रही हूँ। तुमने मुझे ऐसा सेक्सी ड्रेस पहनने को कहा और मंब बेवकूफ तुम्हारी बातों में आ गयी और मैंने पहन भी लिया। अब देखो क्या हो रहा है? तुम्हारे बन्दर ने और तुमने मिल कर मेरे ड्रेस की ऐसी की तैसी कर दी। मुझे तुम लोगों ने आधी नंगी ही कर दिया। तुम कहीं सचमुच मुझे तरुण के सामने पूरी नंगी तो नहीं करना चाहते हो? लगता है, मुझे तो तुम्हारे इस बन्दर के सामने बुरखा पहन कर ही आना चाहिए था। तब अगर उसे मेरी शकल ना दिखे तो हो सकता है वह मेरे से कुछ सभ्यता से पेश आये।"
मैं दीपा से कहा, "डार्लिंग, आज की रात तो सभ्यता की बात ना करो प्लीज?"
तरुण कार के बाहर उठक बैठक लगा रहा था उसे देख कर दीपा हँस पड़ी और बोली, "बस करो बन्दर। अब तुम ज़रा दूसरी तरफ घूम जाओ। तुमने मेरे कपड़ों की ऐसी की तैसी कर दी है, उसे ठीक करने दो। भाई अगर तुम बन्दर हो तो मैं बंदरिया ही हुई ना? तुम्हारी इस बंदरिया को मतलब मुझे साडी बगैरह कपडे ठीक तरह से पहनने दो।" आखिर में दीपा ने अपने आप ही खुद को तरुण की बंदरिया बता दिया ताकि तरुण बन्दर कहे जाने पर बुरा ना मान जाए।
तरुण ने भाभी को हाथ जोड़ कर कहा, "भाभीजी अब माफ़ भी करदो। आप ने मुझे बन्दर तो करार कर ही दिया है तो मेरी हरकतों का बुरा मत मानना, प्लीज। अब तो हम बन्दर बंदरिया का खेल खेल सकते हैं ना?"
दीपा ने थोड़ा मुस्करा कर एक हाथ ऊपर कर कहा, "ठीक है भाई, इस बंदरिया ने तुम बन्दर को माफ़ कर दिया। पता नहीं तुम दोनों भाई मिल कर मेरे साथ क्या क्या खेल खेलोगे? तुम दोनों ने मिलकर तो मुझे करीब करीब नंगी ही कर दिया है। मैं ऐसे कपड़ों में तो प्रोग्राम में जा नहीं सकती। अब तुम मुझे मेरे कपडे ठीक से पहनने दो। यार अब थोड़ा सीरियस हो जाओ।"
तरुण कार से थोड़ी दूर अँधेरे में घूम कर जा खड़ा हुआ। दीपा ने अपनी साडी फिर ठीक तरह से बाँध ली और ब्रा और ब्लाउज ठीक किये। मेरी बात सुनकर दीपा थोड़ी सी रिलैक्स लग रही थी। अपने आप को सम्हाल कर बोली, "देखो, छेड़ाछाड़ी ठीक है, पर एक लिमिट होनी चाहिए। यह बन्दा कभी सीरियस भी होगा की नहीं?"
मैंने कहा, " मैंने कहा, "मेरी बात मानो, वह बहुत ज्यादा सीरियस है। उसे सीरियस होने के लिए मत कहो। बस वह तुन्हें देखता है और तुम्हारे साथ मस्ती करता है तभी वह कुछ देर के लिए अपना दर्द भूल जाता है। आज टीना नहीं है तो वह और भी परेशान है। उसके सर पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। क्या तुम्हें पता है, उस बेचारे के साथ क्या हुआ है?"
दीपा मेरी बात सुन कर चौंक सी गयी। तरुण ने कई बार कुछ सीरियस बात है उसका जिक्र किया तो था पर तब तक दीपा सोच रही थी की कोई मामूली सी बात होगी। पर मामला कुछ ज्यादा ही सीरियस लग रहा था। दीपा ने मेरी और चिंता भरी नजरों से देखा और बोली, " हुआ क्या?"
मैंने कहा, "चलो तरुण को ही पूछ लेते हैं।" हम ने तरुण को बुलाया।
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