RE: Desi Porn Stories बीबी की चाहत
दीपा ने छलकते हुए आँसुओं के साथ साथ मुस्कराने की कोशिश करते हुए कहा, "तरुण, तुम्हें तुम्हारे भाई की इर्षा करने की कोई जरूरत नहीं है। हम सब एक ही हैं ना? तुम्ही ने तो कहा था न की तरुण हो या दीपक मेरे लिए एक ही हैं? और टीना हो या मैं तुम्हारे लिए भी एक ही हैं? तुम तो यार बहुत ही चालु हो। पहले से ही मुझे फाँसने का प्रोग्राम बना लिया था तुमने। तो तुम मुझसे हिच किचाते क्यों हो? क्या तुम टीना से हिचकिचाते हो? यह क्यों कह रहे हो की यहाँ तुम्हारे पास तुम्हारे अपने नहीं हैं? देखो आज की रात होली की प्यार भरी रात है। और टीना नहीं है तो क्या हुआ? मैं तुम्हारे साथ हूँ। हम सब साथ है ना? तुम्हारे भाई मुझे प्यार कर सकते हैं तो तुम भी मुझे प्यार कर सकते हो। यह आंसूं हटाओ और खुल कर मुस्कुराओ। जॉब की चिंता मत करो। अगर वाकई मैं कुछ हुआ भी तो तुम हमारे साथ रहने के लिए आ जाना। जो हमें मिलता है उसमें हम सब मिल बाँट कर खा लेंगे।"
फिर मेरी प्यारी बीबी ने शर्माते हुए कहा, "तरुण जहां तक तुम्हारी छेड़खानी का सवाल है तो मैं यह कहूँगी की सच तो यह है की तुम्हारी छेड़खानी का मैंने कतई बुरा नहीं माना। बल्कि तुम्हारा छेड़ना मुझे अच्छा लगता था। मैं देखना चाहती थी की तुम मुझे कितना छेड़ते हो? उस समय अगर तुमने मुझ पर और ज्यादा दबाव डाला होता तो मैं तुम्हें रोकती नहीं। जो पीछे हटता नहीं है वही आदमी जो चाहता है वह पाता है। तुम तो मेरे पीछे ऐसे हाथ धो कर पड़े थे आखिर में तुमने मुझे जित ही लिया।"
मैं समझ गया की मेरी बीबी तरुण को यह कहने की कोशिश कर रही थी की अगर उसने जबरदस्ती की होती तो वह तरुण से चुदवाने के लिए मान जाती। "आखिर में तुमने मुझे जित ही लिया।" यह कह कर शायद जाने अनजाने में मेरी बीबी ने तरुण को हरी झंडी दिखा ही दी।
दीपा ने झुक कर तरुण के सर पर हलके से चुम्मा किया। दीपा के झुकते ही दीपा की गोद में सर रख कर बैठे हुए तरुण का नाक दीपा के पके हुए आम के समान स्तनों को छू रहा था। दीपा की तनी हुयी सख्त निप्पलोँ को वह महसूस कर रहा था। पतले से पारदर्शी गाउन में से उसे उनकी भली भाँती झांकी भी हो रही थी। तरुण का हाल देखने वाला था। दीपा जैसे ही थोड़ी झुकी की उसकी मद मस्त चूंचियां तरुण के नाक पर रगड़ने लगीं। दीपा सिहर उठी और सीधी बैठ गयी। तरुण भी दीपा की गोद में से सर हटा कर वापस अपनी जगह पर बैठ गया।
तरुण दीपा के एकदम करीब खिसका और उसने अपना हाथ दीपा के गाउन के ऊपर रखा और वह दीपा की जाँघों को अपनी हथेली से दबाने और सेहलाने लगा। दीपा ने देखा पर तरुण को रोकने के बजाये दीपा ने भी तरुण की जाँघ पर अपना हाथ रखा और वह भी तरुण की शशक्त करारी जाँघों को पाजामे के ऊपर से सहलाने लगी।
मेरा लण्ड यह देख कर मेरे पाजामे में खड़ा हो गया। मैं भी दीपा की दूसरी जाँघ पर हाथ रख कर उसे सहलाने लगा और धीरे धीरे दीपा का गाउन ऊपर की और खींचने लगा। मेरी हरकत से दीपा थोड़ी सावधान सी हो गयी और उसने अपने दोनों पाँव सख्ती से कस कर भींच लिए। मैंने फिर दीपा की जाँघ पर चूँटी भरकर उसे याद दिलाया की उस रात उसे कोई विरोध नहीं करना है। दीपा ने मेरी तरफ देखा तो मैंने अपनी पलकों से इशारा किया की उसे शांत रहना है। मेरा इशारा पाकर दीपा ने अपनी टाँगें खोल दीं और मैंने मेरा हाथ उसकी जाँघों के बिच में डाल दिया और दीपा की चूत को उसके गाउन के ऊपर से ही धीरे धीरे प्यार से सहलाने लगा।
दीपा ने अपनी बाँहें फैलायीं और तरुण को बाहुपाश में आने आह्वान करते हुए कहा, "तरुण, तुम कह रहे थे ना, की आज की रात खुशियां मनाने की है? तो फिर यह सब गम छोडो। आओ हम से गले मिल जाओ और हम सब मिलकर आज होली की रात को बस खुशियां मनाये। अब तुम्हारे ग़म हमारे ग़म और तुम्हारी ख़ुशी हमारी ख़ुशी। तुम्हारी जो भी परेशानी है हम सब मिलकर झेलेंगे और उसका हल भी हम सब मिलकर निकालेंगे।"
तरुण ने मेरी बीबी की फैली हुई बाँहें देखि तो उसे अपनी आँखों पर यकीन नहीं हुआ। तरुण फ़ौरन दीपा की फैली हुई बांहो में समा गया। दीपा ने तरुण को अपने आहोश में लेते हुए कहा, "तुम मुझसे प्यार करना चाहते थे ना? मैं आज तुम्हें कह रही हूँ की, मैं ना रोकूंगी, ना टोकूँगी।आज मैं तुमको तुम्हारे भाई और मेरे पति के सामने कह रही हूँ की आज रात तुम मुझसे दिल्लगी नहीं, दिलकी लगी करो, आज की रात तुम मुझे चाहे जितना प्यार करो। पर मेरी प्यार भरी बिनती है की मुसीबतों से हार मत मानो। हम सब मिलकर जिंदगी की लड़ाई लड़ेंगे और जीतेंगे। बोलो, हँसते हँसते लड़ोगे और जीतोगे ना?"
तरुण ने अपने आँसूं पोंछते हुए मुस्काने की कोशिश करते हुए कहा, "भाभी, अगर आप मेरे साथ हो तो मुझे कुछ भी नहीं हो सकता। अब मुझे किसी बात की फ़िक्र नहीं है।"
दीपा ने मेरी और मूड़ कर देखा और बोली, "तो फिर आओ, आप दोनों और मैं हम तीनों मिलकर सही मायने में होली मनाएं। तुम तो एम.एम.एफ. थ्रीसम के एक्सपर्ट हो ना? तो आज तुम दो मर्दों के साथ मैं एक बेचारी अकेली औरत हूँ। चलो हम वही थ्रीसम मनाएं। हम अपने ग़म भूल जाएँ और एक दूसरे को पूरा आनंद दें और एक दूसरे से पूरा आनंद लें।" ऐसा कह कर मेरी बीबी ने मुझे भी अपनी बाँहों में लिया और अपने रसीले होँठ मुझे चूमने के लिए प्रस्तुत किये।
दीपा सीधी बैठी और तरुण और मुझे अपनी दोनों बाँहों में लिया। दीपा की एक बाँह में जाते ही मैं दीपा की और घूम गया। दीपा के चेहरे के सामने अपना चेहरा रख कर मैंने दीपा के रसीले होँठों पर अपने होँठ रख दिए और उसके होँठों को चूसने लगा। मेरी बीबी के रसीले होँठ चूमते और चूसते हुए मैंने मेरी बीबी से कहा, "डार्लिंग, तरुण सच कहता है। मैं बहोत ही लकी हूँ की मुझे तुम्हारे जैसी हिम्मतवान, प्यार भरी, संवेदन शील और सेक्सी बीबी मिली है।"
मैंने तरुण की और घूम कर देखा और बोला, "तरुण तुम्हारी हाजरी की ऐसी की तैसी। मैं आज मेरी बीबी को प्यार किये बिना रह नहीं सकता और डार्लिंग तुम मुझे मत रोकना।"
दीपा ने अपनी आँखें बंद कर ली। फिर मेरी नाक से अपनी नाक रगड़ती हुई बोली, "मैंने तुम लोगों को मुझे प्यार करने से कहाँ रोका है? इसके लिए बेचारे तरुण को क्यों बदनाम कर रहे हो?"
प्यार की उत्तेजना में दीपा भूल गयी की उसके मुंह से गलती से "तुम्हें" की बजाय निकल गया "तुम लोगों को" . इसका मतलब यह हुआ की तरुण भी उसमें शामिल था। फिर मैंने सोचा क्या दीपा भूल गयी थी या जानबूझ कर उसने "तुम लोगों" बोला?
ऐसा बोल कर दीपा मेरे साथ आँखे बंद कर चुम्बन में मशगूल हो गयी। तरुण ने हमें चुम्बन करते देखा तो वह भी मेरे साथ ही दीपा के सामने आ गया। उसने भी "तुम लोगों" सूना था। अब तो दीपा ने उसे भी प्यार करने का अधिकार दे दिया था। तरुण ने हमारे मुंह के बिच अपना मुँह घुसेड़ दिया। जब मैंने देखा की तरुण भी दीपा के रसीले होंठो को चूसने और उसे किस करने के लिए उतावला हो रहा था तो मैंने बीचमें से अपना मुंह हटा लिया।
तरुण और दीपा के रसभरे होंठ मिल गये और तरुण ने दीपा का सर अपने हाथ में पकड़ कर दीपा के होठों को चूसना शुरू किया। दीपा की आँखे बंद थीं। पर जैसे ही तरुण की मूछें उसने महसूस की, तो उसने आँख खोली और तरुण को उस से चुम्बन करते पाया। वह थोड़ी छटपटाई। पर तरुण ने उसका सर कस के पकड़ा था। वह हिल न पायी और उसने तरुण को अपना प्यार देनेका वादा किया था। यह सोच कर वह शांत हो गई और तरुण के चुम्बन में उसकी सहभागिनी हो गयी।
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