RE: RajSharma Sex Stories कुमकुम
'आश्चर्य है श्रीमान् ! महान आश्चर्य है।' पर्णिक ने कहा—'द्रविड़राज की इस छोटी-सी सेना ने आज आर्य-सेना को पराजित किया...यह कहानी-सी प्रतीत होती है, परंतु है वास्तव में सत्य।'
'हमें परम कौतहल है कि हमारी विशाल सेना के समक्ष द्रविड राज की छोटी-सी सेना किस प्रकार टिक सकी, वह भी बिना किसी योग्य संचालक के। आर्य सम्राट तिग्मांशु बोले-'उनका संचालक धेनुक है, परन्तु वह तो कोई बुद्धिमान संचालक ज्ञात नहीं होता...।'
'श्रीमान सत्य कह रहे हैं...यह धेनुक की बुद्धि का कार्य नहीं है कि वह आर्य सेना का सामना कर सके, इस कार्य को कोई बहुत योग्य व्यक्ति संचालित कर रहा है।'
'क्या तुम्हारा अनुमान है कि इस युद्ध में कोई अन्य व्यक्ति द्रविड़ सेना का संचालन कर रहा है जो कि रणभूमि में उपस्थित नहीं होता...?' आर्य सम्राट ने पूछा।
'श्रीमान का अनुमान सत्य है।' पर्णिक ने कहा।
'जी हाँ।' एक दूसरा सैनिक बोला—'यही बात सत्य प्रतीत होती है। आज हमने द्रविड़ सेना के शिविर से कई बार एक सैनिक को रणभूमि में धेनुक के पास आते-आते देखा था। इसके अतिरिक्त द्रविड़ शिविर से कई अन्य सैनिक भी धेनुक के पास आये और गये थे। अवश्य ही द्रविड़ सेना का वह योग्य संचालक किसी शिविर में बैठा युद्ध का संचालन कर रहा है।
'उनके दक्षिण पश्चिम भाग पर हमारा आक्रमण एकदम प्रछन्न रखा गया था. परन्तु न जाने कैसे उन्हें यह समाचार प्राप्त हो गया-अब हमें भी उनके शिविर के आस-पास अपने गुप्तचर नियुक्त कर देने चाहिए। सर्वप्रथम हमें द्रविड़ सेना के इस गुप्त संचालक का पता लगाना अत्यंत आवश्यक है, पश्चात् यह भी पता लगाना होगा कि वह गुप्त मार्ग कौन-सा है, जिससे द्रविड़ सेना यहां पहुंची है?'
पर्णिक ने कहा।
'आज हमारी जैसी पराजय हुई है, बैसी कहीं किसी भी देश में नहीं हुई थी।' आर्य सम्राट बोले।
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