RE: kamukta Kaamdev ki Leela
रात का समय हर सदस्य के लिए मुश्किल था, क्योंकि तड़प हर किसी में था और बयां करने के लिए हिम्मत कम थी। एक तरफ जहां गौरव उलझा हुआ था अपने बेटे के प्रति भावनाए लिए वहा दूसरे और आशा की आंखो में उसके ससुर के बल्हिस्ट बदन घूमने लगा जाता था।
वहा तीसरे और रिमी अपनी जज्बात अपनी भाई की प्रति बहुत बरा चुकी थी और उसे किसी भी कीमत में नमिता जैसी तजुरबा चाहिए थी। मज़े की बात यह थी के ऐसे ही दो रातें और तीन दिन गुजर गया। इन दिनों राहुल और नमिता के बीच शरारतें काफी आगे जा चुकी थी। मौका देखकर कभी वोह अपनी दीदी को चूम लेता था, या तो फिर उसे अपनी बाहों में कसके उसके अंग अंग का स्पर्श करने लगता।
अपनी दीदी की तरफ राहुल का यह रासलीला देखकर रिमी मन ही मन क्रोध में डूबने लगी। नए नए जिस्मानी उभर आने पर अब उसे राहुल को पाना किसी जुनून से कम नहीं था, लेकिन करना तो उसे था कुछ! और वोह भी बहुत ही जल्द! क्योंकि अपनी भाई के नाम पर केवल हस्तमैथुन से काम नहीं चल रही थी।
फिर एक रात वोह हुआ जो राहुल सोच भी नहीं पाया! वोह और अजय अपने कमरे में सो रहा था के अचानक एक आहट सुनाई दिया। अजय को गहरी नींद में देखकर वोह उठ गया और नाइट लैंप जैसे जलाया, उसका मुंह खुला का खुला रह गया। सामने खड़ी थी रिमी, एक मस्त गुलाबी रोबे पहनी हुई।
राहुल कुछ कहने ही वाला था के तभी रिमी अपनी एक उंगली उसके लबों पर रख ली प्यार से "ssshhhhhhh कोई आवाज़ नहीं भइया! मुझे मीठी दर्द हो रहा है! और मुझे मालूम है कि आपको भी हो रहा है!" बलखाती हुई अंदाज़ में वोह कहने लगी और राहुल का रोम रोम जैसे मचल उठा।
बिना पलके झपके जैसे ही उसकी नज़र अपनी बहन की ताजी ताजी उभरो पे आया तो खुद को रोक ना सकाज और झट से उन्हें अपने पंजों के गिरफ्त में लाकर उन्हें प्यार से मसलने लगा। उफ़! इसी स्पर्श के लिए ही तो रिमी पागल हो रही थी। उसने भी पूरा साईयोग किया और अपनी हाथों को अपनी भाई के हाथो पर दबा दी। राहुल को अभी अभी यकीन नहीं हो रहा था के यह खिलती हुई बड़े आम जैसा आकर रिमी की थी।
राहुल बिना झिझक के रिमी के रोब को अब खोल देती है और उसकी आंखे चौड़ी हो गया के मानो निकल के भाग जाएगा। सामने उसके थी रिमी, बिल्कुल अध्नंगण अवस्था में, केवल एक काली ब्रा और पैंटी पहनी हुई। उसके नए नए स्तन जैसे धूम मचा रहे थे उस झीनी सी ब्रा में और पैंटी मानो उसकी मुनिया को बरी प्यार से छुपाए रहीं थी। राहुल से अब रुकना मुश्किल था, और उसने झट से अपनी बहन को ऊपर अपनी गोदी में बिठा दिया और खुद भी केवल
राहुल : रिमी!!!!! तू इतनी सेक्सी कब से बान गई!!!! उफ्फ, यह स्तन!! (उसके आम को दबाकर) यह रसीले लब! (लबों पे उंगलियां फिरता हुआ) उफ़ रिमी! तू तो...
रिमी : (बात को काटते) नमिता दीदी जितनी सेक्सी हू ना?? यही ना?
राहुल शरमा गया लेकिन रिमी उसके गाल चूम लेती है।
रिमी : इट्स ओके भइया! मुझे सब कुछ मालूम है!! में अब छोटी नहीं रही! और हां! (राहुल के नंगे निप्पलों को मसलके) मुझे मालूम है के आप मुझे भी उतना ही प्यार करते है जितना दीदी को!!!
राहुल और रिमी की आंखें मिल जाती है और राहुल प्यार से "सच कहा तुमने रिमी" कहके अपने तपते लबों को अपने बहन की लबों पर निसंकोच रख देता है और जी भर के उन रस के प्यालों को चूसने लगा। रिमी ऐसे स्तिथि में और क्या करती! बस अपनी आंखें तुरेंत बन्द कर ली और इस पल का साथ देने लगी।
राहुल चूमने और चूसने में मगन तो था ही, साथ साथ उसके हाथ अपनी बहन की इर्द गिर्द घूमने लगा। पूरी कमरे में एक मीठी चूसने, चूमने वाली आवाज़ फेल गई थी, सच पूछिए तो वातावरण बेहद ही कामुक हो चुका था। राहुल के भूखे हाथ अब ब्रा स्ट्रैप को छुने चला तो उसे रोक देती है रिमी! "नहीं भइया!! अब नहीं!"
राहुल : (गाल चुमके) तो फिर कब मेरी बेहना?
रिमी : (शरमा के) पहले आप इन्हे (अपनी स्तन को सहलाकर) मसल मसल के आम से तरबूज बना देंगे!! (लाल लाल घोके अपनी दांतो तले उंगलियां दबाती हुई) फिर आब इन्हे खोलेनेगे!!!
राहुल के लिंग के नस नस अब फटने वाला था। रिमी की मुंह से ऐसी शब्दो को सुनके अब नॉरमल रहना लाजमी नहीं था! उसने बिना विलंब किए अपने होंठ वापस अपनी बहन के प्यालों से जुड़ा देता है और रिमी भी भरपूर साथ देने लगी। अजय इस कामुक सीन से बेखबर बस घोड़े बेचे सो रहा था।
राहुल ने अब अपनी बहन को पीठ के बल उसके नीचे लिटा दिया और प्यार से उसके कच्ची के पास अपना मुंह लाता हुआ बोला "इस खाजाने में क्या छुपा है! वोह बाद में देखेंगे! पहले तो में इस खाज़ाने के संदूक को तो प्यार करू!"
बस इतना कहना था के उसने एक प्यार भरा चुम्मा रिमी की योनिसथान पर दे दी! कच्ची पहने बावजूद रिमी सिसक उठी और इस मीठी मीठी एहसास से आंखे बंद हो गई। राहुल ने फिर एक बार और उसी जगह पर चूम लिया और फिर धीरे धीरे कच्ची को नीचे की और खिसकाने लगा। जब रिमी घबरकर विरोध करने लगी तो राहुल ने खुद के वकालत में कहा के "अरे पगली! संभोग नहीं करूंगी तो तेरी देह कैसे गद्राएगी??"
रिमी की आंख में से कुछ कतरे गीर परे और उसने अपनी भाई को जकड़ किया "भइया!!!!! सच???? क्या म मैरी अंग अंग दीदी जैसी हो जाएगी???"
राहुल ने फिर एक बार उसकी रसपान करके सिर्फ हां में से हिलाया और कच्ची को उतार फैंकी! रिमी की धड़कन अब तेज़ हो गई! यह सब इतनी जल्दी हो रहा था के मानो कोई सपना हो। उसके माथे पर पसीना आने लगी, उत्साह से ज़्यादा डर थी! उसकी सील जो इतनी सालो तक महफूज़ रही, अचानक हमले कर लिए तय्यार हो रही थी।
उसकी सास तेज़ हो गई, अपनी भईया की तरफ पूरी मासूमियत के साथ देखने लगी "भइया! मुझे दर्द तो ज़्यादा नहीं होगी ना??" राहुल केवल उसके गाल को चूम उठा "पक्का नहीं! सिर्फ थोड़ा सा!"
रिमी : (अपनी छोटी सी उंगली आगे करके) पिंकी प्रोमिस????
राहुल उसकी उंगली से उंगली जोड़ देता है "पिंकी प्रोमिस!"
बस फ़िर क्या! राहुल ने झट से अपना पैंट निकाल फेंका और शर्म के मारे रिमी अपनी आंखे बंद कर लेती है।
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