RE: kamukta Kaamdev ki Leela
फिर एक रात राहुल अपने कमरे में आराम कर रहा था के तभी अचानक पायल की छन छन आवाज़ आती है। जैसे दरवाज़े की और उसकी नजर गई, तो कोई मिल नहीं पाया और केवल कुछ आहट सुनाई दी। एक तो रात का समय ऊपर से ऐसी पायल की आहट का आना, कहीं कुछ समझ नहीं आ रहा था उसे। लैंप ऑन करके जब उसने सीधा उपर देखा तो एक कम्बल पहनी हुई एक साया थी।
लेकिन कम्बल में थी कौन? कोई औरत थी और वोह भी बहुत ही सुडोल और गद्राई हुई थी। उसकी हाथो पे मेहंदी और चुरिया ओर नीचे पायल उसकी कामुकता की और इशारा कर रही थी, लेकिन क्योंकी पूरी जिस्म चद्दर से धके हुए थे, यह अनुमान करना मुश्किल थी के चद्दर में था कौन।
खैर बिना विलंब किए उस औरत ने राहुल के चेहरे की और अपनी प्यारी प्यारी उंगलियां घुमाई और फिर नीचे नीचे चलते चलते उसके जागृत होती हुई उभर पर आने लगी, उसे मसलने लगी और सहलाने लगी। राहुल का उभर झट से बड़ा हो गया और उसके आंखें बन्द हो गया। चद्दर पहनी औरत ने फिर वोह किया के राहुल आश्चर्य से हिल गया। उसने तुरंत शॉर्ट्स को नीचे की और खिसका दिया और खुद अपनी गद्देदार वजन उसके उपर रख देता है। कम्बल से एक सिसकी तो पक्का सुनाई दिया था राहुल को और उसे समझ में आचुका था के उसका लिंग उस औरत के योनि में प्रवेश हो चुका था।
एक सिसक दोनों के मुंह से निकाल गया और असाह में जब राहुल उसके चद्दर का नकाब चेहरे से उतारने के लिए हाथ को आगे किया तो उस औरत ने तुरंत उसके हाथ थामे और नीचे बिस्तर पर दबा ली और अपनी जांघो की ज़ोर लगाई हुई और योनि को लिंग में दबा ली! मज़े की बात यह थी के उसकी योनि इतनी खुली खाई हुई थी के मानो काफी पहले से चुदाई कर रही हो और पहले से गीली और खुली योनि में लिंग प्रवेश करके राहुल को काफी सुख मिला।
उसके भी बिना विलंब किए ऊपर की और धक्का देने लगा और उस औरत का भी उसे पूरा संयोग मिलता रहा। अब कस कस के धक्के देने के आदी हो गया राहुल और बिना कोई रोक झोंक के संभोग का आनंद लेता रहा।
वहा दूसरे और रेवती के सो जाने के बाद, रिमी और नमिता दोनों एक सोच के नदी में डूबे हुए थे। उपर छत में जो जो बातें हुई थी उस रती जैसी अप्सरा के साथ, उसका असर अभी भी उनके मन में समाई हुई थी। दोनों के आंखो में अब उनके भाई राहुल ही राहुल था और उसके तसव्वुर से ही दोनों के दिल की धड़कन तेज हो गई। दोनों ने आसह में ही अपनी अपनी हाथ जोर दी एक दूसरे के साथ, और उंगलियां भी मानो एक दूसरे से लिपट गई गई। दोनों के होंठ प्यासे थे और बाते मुश्किल से हो पा रही थी।
रिमी : दीदी! क्या उस अप्सरा की बाते मुझे सता रही है!
नमिता : मुझे भी रिमी! हम अब मुंह दिखाने काबिल नहीं रहे! (पेट पे हाथ लगाई हुई)
रिमी : दीदी! मै तो अभी बहुत बच्ची हू! (मासूम सी मुंह बनके) मेरी हालत सोचो जब पेट फुलाए में यह घर में घुमुंगी तो!
अपनी बहन कि मीठी वाणी जैसी आवाज़ सुनके नमिता की दिल पिघल गया और उसने एक झप्पी दे दी, फिर धीरे से उसकी माथे को, नाक को और फिर गालों को चूम लिया। रिमी भी दीदी की बाहों में लेट गई और अपनी आंखे मूंद ली "दीदी! में तो पॉजिटिव हूं! और आप?"
नमिता : (सिसक के) में भी!
दोनों बहने बोल कम और सिसक ज़्यादा रह थे। डर या कामुकता से, यह तो समय ही बताएगा।
......
वहा दूसरे और अब राहुल का लावा फूटने की कगार पे था और वोह औरत भी जोरों से अब उछाल उछल के आनंद ले रही थी उसके लिंग का। राहुल का आवाज़ अब सिसक सिसक के निकल रहा था "ओह!!!!! उह! देखो मुझे अब छूटना है!!!! अगर तुम चाहो तो!!! उह!"
लेकिन कुछ खास सुनाई नहीं दी उस औरत से, बल्कि वोह बार बार नीचे की और ज़ोर देती रही जिससे अब राहुल का लीग का संतुलन खोने लगा और जैसे ही वोह अपना माल विस्फोट करने के उपरानत था, तो तभी उस औरत ने अपनी भारी नितम्ब को ऐसे नीचे दबाई के तेज़ गरम मलाई सीधे योनि के दुआर के अंदर प्रवेश होने लगा।
उफ़! राहुल से अब और रहा नहीं गया, वोह नियंत्रण मलाई पे मलाई बरसाने लगा उस अनजाने योनि के अंदर। कुछ ही पलों में वोह औरत में जैसे कोई चिंता जाग उठी, और वोह भीगी मलाईदार योनि लिए उठ खड़ी हुई और कमरे में से जाने लगी तो राहुल ने उसे कस के जकड़ लिया। उसके हाथ बिना विलंब किए चद्दर की ऊपरी हिस्से को थामकर जैसे ही हटाया तो उसके पैरो तले जमीन खिसक गई।
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