RE: kamukta Kaamdev ki Leela
जब यशोधा पीछे मुड़ी तो हैरानी से रिमी की और देखने लेगी, जिसके चेहरे पर मानो लाखो सवाल थे, लेकिन फिलहाल आचार्य और हैरानगी थी। "दादी क्या के रही है? कुछ चाहिए था आपको?"। "अरे नहीं बेटा! कुछ भी तो नहीं! बस ऐसे ही ठहल रही थी, कुछ नहीं!" मुस्कुराए वोह आगे बढ़ने लगी और तभी रिमी की नज़र अपने वर्जिश करते हुए भाई की तरफ गई, और फिर वापस अपने दादी पे, जो बड़ी अदा से मटकती हुई अंदाज़ मै अपनी सुडौल कमर हिलाए चल रही थी।
"मुझे मालूम है बुढ़िया! तू किसी चुड़ैल से कम नहीं है! कल रात मैंने सब कुछ देख ली थी, तुझे तो नंगी रंगे हाथ पकृंगी एक दिन!" इतना के कहना था के फिर रिमी की नज़र वापस राहुल की तरफ जाने लगी और खुद ही मटक मटक के कमरे की अंदर चाल दी "ही भइया! बिजी?"। राहुल अपने मस्त खिली खाई बहन कि और देखकर, फौरन डंबेलों को नीचे गिरा देता है और रिमी को फटक से अपने पसीने में झुझले बदन से चिपका देता है "नो बेबी! एकदम फ्री हूं!"। रिमी खुशी खुशी अपने भाई की बाहों में झुकने लगी और दिनों के होठ मिल जाते है।
राहुल दुनिया को भूल के, जी भर के रिमी की रसीले लबों को चूसता गया और जवाब में वोह भी अपने भइया का पूरा साथ देने लगी। धीरे धीरे राहुल अपने हाथों को अपनी बहन के नए नए उगे आमो पर ले आया और उन्हें प्यार से सहलाने लगा, जिस करन यह हुआ के रिमी अपनी आंखे बन्द कर लेती है और स्तन मर्दन की मज़ा लेने लगती है "ओह भइया और करो ना प्लीज़!!! आप जब भी स्तन को ऐसे मसाज करते है! एक मीठी मिठी दर्द होने लगती है मुझे!"
कमरे के दरवाजे को झट से बन्द करते हुए राहुल अब रिमी को सीधे बिस्तर की और धकेल दैता है और फिर से लबो से लब जोड़ देता है। कछ पल के बाद लब आज़ाद करके अब की बार उसके होंठ सीधा अपनी बहन के गर्दन कि और थामकर जी भर के लुफ्त उठा ता है और वापस फिर एक बार उसके हाथ उन आमो को सहलाने लगा गया "बड़ी प्यारी है तेरे यह! उफ़ जी में आता है खा जाऊ!"। "बड़ा प्यार आ रहा है इनपे, भइया? अभी तक तो नमिता दीदी जितनी बड़ी भी नहीं हुई!" मायूस होने का नाटक करती हुई रिमी फुसफुसाई।
राहुल भी और कामुक हो उठा, उसने और थोड़ा कस के उन आमो को मसल दिया "अरे हो जाएंगे! चिंता की क्या बात है! इन्हे दबा दबा के करदुंगा!" इतना कहना था के राहुल फिर एक बार अपने बहन के होंठो को चूम लेता है और अब अपने हाथो को सीधे उसकी जांघो तक लेके चलता है, जहा पे उसकी मुनिया चुप के से आराम कर रही थी। फिर क्या! हौले से उसने मुनिया पर थपकी मारना शुरू कर दिया और उसकी गरमाहट महसूस करने लगा। अपने योनि पे थपकी लगने से रिमी और सिसक उठी "ओह गॉड! भइया!!!!!! क्या करना चाहते हो??"
राहुल मुस्कुरा उठा और उसकी पैंट को नीचे खींचने लगा "कुछ खास नहीं! तेरी सहेली को साजा देना चाहता हूं!" और अब पैंटी के दर्शन होते ही, उसी के उपर अपनी ज़बान को फिराने लगा, उस दौरान रिहुल ने गौर किया के उसकी बहन की योनि पिछले बार के मुकाबले थोड़ी सी फूली हुई लग रही थी, यूं कहिए के वोह होंठ थोड़े से मोटे हो चुके थे। इस बात को गौर करते हुए राहुल और ज़्यादा मगन हो गया उस योनि पे और जी भर के चूसने लगा। रिमी तो मानो गदगद हो उठी इस हमले से और कस के अपनी भाई के मुंह को दबा दी योनि पर "ओह!!! यूं र सो बैद भइया!!!!! ओह!"
अब राहुल से रहा नहीं गया और वोह पैंटी को भी सरका देता है, नतीजा यह हुआ के फूले हुए होंठो वाली योनि, जो बीच में एक पतली सी दरार लिए पूर्ण नग्न उसके आंखो के सामने पेश हुआ "ओह रिमी! कितनी फूल गई है यह तो!"। रिमी अपनी होंठो को काट कर बोली "रहने दो भइया! आप का ही करतूत है!! खुट खुट के निखार दिया इन्हे!" एक अंगराई लेती हुई रिमी बोल परी और जांघो को अलग कर दी। इस बात से प्रेरणा लिए राहुल अपने होंठो को धस देता है उसकी योनि पर और रिमी की जिस्म एक झटके खाती हुई, दिनों तरफ फैले चद्दर को कस लेती है और पूरी कोशिश के साथ अपनी सिसकी दबाई रखी।
राहुल रुक गया थोड़ी देर "खा जाऊं?"
रिमी की आंखे छलक परी "प्लीज़ भइया! कुछ भी करो, लेकिन झड़ा दो मुझे!!!!"
और क्या अफसर चाहिए था एक भाई को! राहुल मगन हो गया मुनिया के चुसाई में, भगनासे से लेकर होंठो तक बेहद चूमता गया और रिमी की जिस्म भयानक तरीके से उपर नीचे होने लगी, इतना कि बिस्तर की हिलने की आवाज़ भी सुनाई दे सकती थी। रिमी की हाथ बेझिझक राहुल के सर की और अपने अंदर कस ली और राहुल और ज़्यादा चूसता गया। कुछ पल के बाद रिमी की जिस्म कमसेंकम तीन बार हुंकार मारी और योनि की मुख्य दुआर से झड़ने बहने लगी, सीधा राहुल के मुंह में। तीन बार हिलोरे मारने के बाद रिमी की जिस्म चैन से रुक गई और पसीना पसीना हो उठी, योनि पर होंठ आज उसे पहली बार महसूस कि थी। बेचारी भूल ही चुकी थी के नारी के योनि में कहीं नसे है, जिससे उत्तेजना कहीं गुना बड़ जाता है।
योनि की लकीर अब रस से रिस चुकी थी और राहुल एक घटक में अपने मुंह पे आए रस को पी लिया था। अपने भाई की दशा देखें रिमी खिलखिला उठी "भइया! टेस्ट तो ठीक है ना?"। जवाब में राहुल उसकी माथे को चूम लेता है और खुद को नॉरमल करने लगा "वैसे..... इतना भी बूरा नहीं है रिमी! लेकिन तुलना जब करूंगा, तब बता पाऊंगा!"। रिमी की आंखे तेज़ हो गई "किस्से?? नमिता दीदी के साथ??" एक हैरानी की नाटक करके रिमी बोल परी। राहुल ने जवाब तो नहीं दिया, बस मुरकुराया और कमरे से बहार निकल गया।
अपने भाई को जाते देख, रिमी सोच में पर गई,। के क्या दीदी और उसके अलावा, कोई और थी राहुल के लीला में? एक विचलित मन बार बार अपने दादी की और जाने लगी, संदेह के तौर पे, और फिर वोह क्रोधित हो उठी "नहीं नहीं! यह कैसे हो सकता है! दादी?? ओह गॉड!"। यूं तो क्रोधित थी, लेकिन मुनिया फिर से रिसने लगीं थीं उस विचार से। खैर, योनि की रसपान अपने भाई को चखा के, वोह बेहद खुश थी और मन ही मन ठान ली के एक दिन वोह हिसाब को बराबर करेगी।
मर्द के लिंग को अपने मुंह से प्यार करने कर खयाल से ही वोह शर्मा गई और पास में परी टेडी को कस के जकड़ ली "भइया! आई लव यू सो मच!"
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