RE: kamukta Kaamdev ki Leela
दूसरे और रमोला हमेशा की तरह अपने भोग जीवन से उदास थी। वजह इतनी ही थी के गौरव के जरिए अब कुछ खास सुख प्राप्ति हो नहीं रही थी बिस्तर पर। इतना ही नहीं, बल्कि रात को भी पति के खराटे के अवजो से वोह और चिर जाती थी। ना जाने कितनी बार वोह खुद की जिस्म को सहला सहला के, शांत की थी। एक चिंतित अवस्था में, वोह बरामदे के रेलिंग पकड़कर खड़ी रही। "क्या में ऐसी ही रहूंगी! क्या कोई आके मेरी प्यास नहीं बुझाएगी?? ओह! कया करू! कुछ भी समझ नहीं आ रहा!"। बिल्कुल ऐसे समय में नीचे तीनों बहने आपस में गप्पे लड़ा रहे थे, रिमी, नमिता और रेवती अपने अपने गप्पो में मगन थी।
नमिता : कुछ भी केहले! मुझे तो लगता है के रेवती का कुछ चक्कर ज़रूर है! क्यों रिमी!
रिमी : हां! वोह तो है!! देखो तो कैसी खोई खोई सी रहती है! (रेवती की गाल दबा कर)
रेवती : स्टॉप इट! तुम लोग ना बस!! कुछ भी बोल देते हो!! ऐसी कोय बात नहीं है। (अपने बहनों किं और देखकर) उल्टा! तुम लोग मुझे ज़्यादा खिली खिली लग रही हो!! बात क्या है महारानियो!
रेवती की कथन से, दोनों के दोनों मुस्कुरा उठे। दोनों एक साथ ही बोल परे "यह राज की बात है जानू!" और एक दूसरे को आंख मारने लगी।
रेवती : यह क्या खिचड़ी पक रही है तुम दोनों में?? क्या चल रहा है यार! बोलो भी, कैसी राज???
रिमी : यह एक अजीब सी क्रीम है रेवती दी! जिसे हम दोनों ने एप्लाई की, और नतीजा देखो! हम दोनों कितने खिले खिले लग रहे है! हाय ना? वैसे........ (अपनी लट से खेलती हुई) तुम चाहो तो वोह क्रीम तुम्हे भी मिल सकती है!लेकिन बदले में! तुझे नोट्स देनी पड़ेगी मुझे। जब कभी भी मै मंगु!
नमिता केवल मुस्कुराई और रेवती की और देखने लगी "हम.. बिल्कुल! ऑफर अच्छा है रेव!"। रिमी भी एक कातिल अंदाज़ से अपनी दीदी की tef देखने लगी और रेवती एक गहरी सोच में पर गई, फिर कुछ पल के बाद, उसने उन दोनों के तरफ देखी और अपनी होंठो को दबाने के बाद, फिर एक बार पूछ लिं "क्या सच में कमल की है क्रीम??। उसकी यह सवाल पर नमिता खुद आगे गई आर रेवती की गाल को प्यार से सहलाने लगी "क्यों! मुझे देख ज़रा! मेरी पूरी जिस्म और चेहरा क्या निखरी नहीं?"।
बात में दम तो थी नमिता की, यह तब रेवती समझी जब उसने गौर क्या आपने दीदी कि जिस्म पर, जो थोड़ी सी और गड्राय गई थी पहले से और स्तन भी थोड़े बड़ गए थे पहले के मुकाबले। "और में भी तो निखरी हूं!" कहके रिमी भी आगे आने लगी और एक बलखाती पोज लिए खड़ी हो गई। अपनी छोटी बहन के भी प्रगति करती हुई देह देखकर रेवती को यकीन हो चला कि उस क्रीम में कुछ तो बात है। "ठीक है! तुझे नोट्स मिलेंगे, लेकिन क्रीम पक्का मुझे चाहिए!" रिमी की और देखकर रेवती नखरे करती हुई बोल परी।
रिमी उसकी फूल जैसी गालों को चूम लेती है "ऑफकोर्स दीदी! यूं विल नोट रिग्रेट इट!"
मन ही मन में, रिमी और नमिता एक प्लेन बनाने लगी।
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