RE: kamukta Kaamdev ki Leela
जैसे जैसे रमोला राहुल के आगोश में आने लगा, वैसे वैसे आशा भी और उत्सुक होके आगे आगे देखती गई। अब हाल यह हुआ के राहुल के हाथ धीरे धीरे अपने चाची के ब्रा को भी टटोलने लगा और प्यासी रमोला भी अपनी सास को थामे आगे आगे देखना चाहती थीं। अब प्यार और बातें दोनों चालू हो गए इन दोनों के दरमिया।
राहुल : (रमोला की ब्रा को पूर्ण खोलकर) मज़ा आ गया चाची! उफ़! इन पपीतों के दर्शन के लिए में कबसे पागल हो रहा था!!
रमोला : हट बदमाश! कुछ भी बोलता है!!! मुझे अच्छी तरह मालूम है के किन पपीतों पे तेरी नजर है! नाम मत बुलावा मुझसे!!
राहुल : (ब्रा से आजाद होके अब गौर से नग्न पपीतों को देखकर आंखे बड़े किए हुए) ओह!!! चाची इन्हे आज के आज मुझे खाने है! ना मत करना!!
रमोला : तो मैंने कब रोका तुझे! (बाजू में चेहरा करती हुई) कुछ भी कर इन्हे तू! लेकिन हा, तेरी मा के मुकाबले थोड़े कम ही है!!
राहुल: (अब और उत्तेजित होकर स्तन के मास को यहां वहा चूमने लगा) ओह! तुम अपने ख्यालों की कुछ काबू में रेखा करो चाची!!! में तो वैसे ही इन्हे देखकर पागल हो रहा हूं! उपर से (निप्पलों को चूसकर) तुम और उकसा रही हो मुझे!
रमोला : सच तो सच होता हूं मुआ! (और कस के राहुल के चेहरे को जकड़ ली) खैर, अपने काम से फिलहाल काम रखो!
राहुल अब अपने चाची को यहां वहा चूमने लग जाता है, कभी गर्दन, तो कभी चेहरा, तो कभी वापस स्तन की चुसाई! यह सिलसिला चलता गया और फिर वोह अपने चेहरे को नीचे की और ले जाता है, पेट के तरफ। अब पेट और कमर के सुडौल आकार पर अपने होंठ चलाने लगा राहुल, जिस वजह से हुआ यूं के रमोला तकिए को और कस kr जकड़ लेती है, और फिर बस लम्बी लंबी सिसकियां लेने लगी, उसकी मन बेकाबू हो रही थी और वहां दूसरे और आशा के हाथ भी खुद बा खुद अपनी ब्लाउस में कैद आफत को मसलने लगी। बेटा तो बड़ा हो चुका था! इसमें अब उसे कोई शक नहीं थीं।
रमोला के पेट से होके अब राहुल धीरे धीरे पेटिकोट के दौर को धिला करके, उसके नाभि वाले हिस्से को बाहर लाने लगा। सुडौल पेट पर गहरी नाभि की दर्शन करके राहुल तो मुग्ध हुए ही, रमोला भी और ज़्यादा शरमा गई, बुरी तरह से। उसने अपनी होंठ दबाए, नीचे की और देखने लगी, जहां राहुल का सुनहरा चेहरा उसकी और देख रहा था "अाई लव यू चाची!" इतने कहके वोह उस नाभि के दीदार करने में लग गया। पहले तो उस गोल खाई के चारो और अपनी ज़बान को फिराया, फिर धीरे से उस खाई में अपनी ज़बान को ऐसे पीसने लगा, मानो कोई गोंध पीस रहा हो।
मज़े के बात तो यह थी के, यह सब देखकर आशा भी काफी मनोरंजित हो रही थी। मन ही मन कहीं ना कहीं वोह अपने आप को रमोला की जगह महसूस करना चाहती थी। उफ़! बेटे के नग्न अवस्था देखकर वोह खुद इतनी कामुक हो उठ रही थी, की मानो अभी इसी वक्त वोह रमोला को धक्का देकर, खुद अपने बेटे के आगोश में जाना चाहती थी। पर फिलहाल वोह इस कार्यक्रम का लुफ्त उठाना चाहती थीं। वोह आगे आगे देखती गई के कैसे राहुल अब अपने ट्रैक पैंट से आज़ाद हो जाता है, और उसे बाजू में फेंक देता है, जिससे हुआ यह के केवल कच्चे में अब पोज लिए खड़ा था राहुल अपने घुटनों के बल, बिल्कुल रमोला के पैरो के करीब। उसके गठीले नग्न जिस्म को रमोला और आशा, दोनों लाली फैलाए देखती गई। दोनों के मुंह से मानो एक साथ ही "हाय" धीरे से निकल अाई।
राहुल : (हीरो जैसा पोज देता हुआ) क्यों चाची! आजमाना है मुझे? (अपने दिलों का प्रदर्शन करने लगा)
रमोला : (उसे ऊपर से नीचे देखकर) उफ़! किस आफत में आ परी में! यह दीदी ने भी क्या क्या खा कर तुझे पैदा किया! आज तो में गई! रेहम कर मुझेपे राहुल! (नाटक करके, नटखट अंदाज़ में)
यह देख राहुल केवल मुस्कुराया और धीरे से, हौले से अपने चाची के उपर लेट गया, और बेइंतेहा उसकी गार्डन और स्तन के आस पास चूमने लगा, मानो कोई पागल प्रेमी हो। एक गठीले नौजवान को अपने ऊपर इस अवस्था में देखकर रमोला उसे और कस के जकड़ लेती है और खुद ही अपने होंठ उससे जोड़ देती है। अब एक मीठी मीठी चुम्बन बरसात की वाणी पूरी कमरे में फैल गई! दोनों एक दूसरे के रस चखने में मगन थे और दुनिया से बिलकुल बेखबर, बिंदास एक दूसरे को चूमते गए। उनके चुम्बन लीला देखकर आशा जल भून कर क्रोधित हो गई। वहीं खड़ी खड़ी दरवाज़े पर लगे पर्दे को कस के जकड़ की और मानो उसके टुकड़े टुकड़े करना चाहती थी।
बेटे और जेठानी को ऐसी अलनग्न में देखकर, उसकी अंदर की औरत बहुत ज़्यादा प्यासी हो गई! जी में तो बहुत कुछ आ रही थी, लेकिन धर्या रखना भी जरूरी थी। वोह आगे आगे देखना चाहती थी, की किस हद तक यह दोनों गीर सकते थे। एक हाथ से स्तन दबाए और दूसरे हाथ से पर्दे को जकड़े, आंखो में प्यास लिए वोह आगे आगे देखती गई के कैसे राहुल और रमोला, चुम्बन से आज़ाद होकर, बस एक दूसरे को हवासी नज़रों से देखने लगे। राहुल अब अपने चाची के चहरे की और एक उंगली को फिराने लगा। जैसे जैसे उंगली घूमने लगी, रमोला सिसक उठी बार बार।
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