RE: kamukta Kaamdev ki Leela
"अब तो तू एक्सपर्ट हो गई है सब्जेक्ट में!" हस के रेवती अपनी बहन रिमी की और देखकर बोली। पिछले कहीं दिनों से वादे के मुताबिक, वोह रिमी की नोट्स में सहायता करने लगी, जिसके बदले उसे आज वोह सरप्राइज मिलने वाली थी, जिसका उसे कबसे इंतज़ार थी। अब अपनी किताबो को बाजू में रखती गई, रिमी रेवती के भी किताबों को छीन लेती है "एब बस करो दीदी! बहुत हो गया! अब मुझे भी अपना वादा पूरा करने तो दो!" इतना कहना था कि वोह अपने बड़ी बहन की गालों को दबा देती है हल्के से।
गाल दबाए जाने से रेवती भी प्यार से अपनी चश्मे को एडजस्ट करके रिमी की और देखने लगी "बहुत बदमाश है तू! उफ़, अब एक आखरी चैप्टर तो बाकी है!"। "उसे पेंडिंग ही रहने दो दी! पहले मुझे आपको वोह गिफ्ट देनी है, जिस के लिए मैंने और नमिता दीदी ने बहुत पहले से ही सविंग्स की है!" खुशी खुशी रिमी अपनी दीदी के गाल को प्यार से चूम के बोली। रेवती कुछ ज़्यादा ही महसूस कर रही थी के उसकी छोटी बहन कुछ ज़रूर छुपा रही थी उससे। लेकिन बार बार उसकी निखरती हुई जवानी देखकर, वोह चाहती थी के उसे भी अपनी छोटी बहन की बिउटी राज का पता चले।
ऐसे में तभी कमरे में नमिता की भी प्रवेश होती है "क्या चल रही है दोनों में? हम?" बड़ी अदा के साथ अपनी सुडौल जिस्म लिए वोह कमरे में प्रवेश को और कमर पर हाथ थामे एक पोज लिए खड़ी रहीं और बार बार अपनी चश्मे को एडजस्ट करती हुई रेवती अपनी उसकी मोटी मोटी पहाड़ों को देखने लगी। सच में उसके पहले के मुकाबले कुछ ज़्यादा ही बड़ गए थे और टीशर्ट को मानो बुरी हालत थी।
नमिता अपनी बहन की नजर भांप लेती है और मुस्कुराने लगीं "शरमा मत! खुल कर देख मुझे! मेरी इन स्तन को ही देख रही है ना?" धीरे धीरे वोह नज़दीक आने लगी और कुछ हद तक ऐसी झुकी के अपनी बहन की और प्यार से देखने लगी "देख गौर से देख!"। रेवती शर्मा गई "धत दीदी! कुछ भी बोलती हो आप! ऐसी बात..."। नमिता की स्तन की दरार से नज़रे फिराए तो भी कैसे, रेवती खुद कमजोर हो रही थी इस दृश्य की और। रिमी भी चिराने लगी "लगता है रेवती दी को आपके यह पपीते पसंद अगाए दीदी!" अपनी छोटी बहन की और देखकर नमिता भी बजी मारने लगी "मै नहीं मानता! अरे इसे खुद बोलने दे! बता रेवती, कैसी लगी तुझे मेरी यह स्तन?"।
रेवती फिर अपने चश्मे के रिम को एडजस्ट करती हुई दीदी कि दरार की और गौर से देखने लगी "सच कहूं दीदी! आप के खाई को देखकर कुछ कुछ होती है, मुझे अपनी आमो से शर्म आती है!" एक मायूस चेहरा लिए रेवती बोल परी। नमिता भी एक गाल को फौरन चूम लेती है और उसे ऊपर उठती हुई, गले लग जाती है। स्तन से स्तन जब धस जाती है, तो रेवती को ना जाने क्यों कुछ मस्त सा लगने लगती है। अचानक ही सही पीछे से रिमी भी उसे जकड़ लेती है और यू कहिए के रेवती अब रिमी और नमिता के बीच सैंडविच बन चुकी थी। बड़ी अदा के साथ, नमिता उसकी चश्मे को चेहरे से हटकर, पास में बिस्तर पर फेंक देती है।
दो दो पपीतों का एहसास अपने पीठ और स्तन पे महसूस करके रेवती को भी कुछ कुछ होने लगी थीं। हुआ यूं के अब रिमी अपनी होंठ को उसके कंधो पर चलाने लगी और दूसरे और नमिता अपनी होंठ को उसकी गर्दन पर चलने लगी। हैरानी से रेवती वहा से सड़कना चाहती थी, लेकिन दोनों बाजू से उसकी बहनों ने उसे जकड़ ली। अब रिमी कंधे से लेकर गले के पीछे तक अपनी जॉब फिराने लग गई और जैसे नमिता अपनी होंठ को उसके होंठ के नजदीक लई, रेवती जैसे चौंक गई "दीदी तू.…." लेकिन यह वाक्य पूरा हो तब ना! फटक से रिमी अपनी हाथो को उसकी स्तन तक ले आयी और प्यार से दबा दी, जिससे रेवती बात को पूरी करने के बदले में, एक गहरी सिसकी दे उठी। इस बात का फायदा उठाएं नमिता बिना विलंब किए अपनी होंठ को उससे जोड़ देती है और एक करेंट सी दौड़ ने लगी रेवती की जिस्म से। बेचारी की स्तन के पीछे ही पड़ गई रिमी और वहा सामने से एक गहरी चुम्बन में जुट गए नमिता। एक तृप्ति सा होने लगी उसकी जिस्म के अंदर ही अंदर।
अब रिमी की हाथ रेवती की टीशर्ट के अंदर जाते हुए उसकी स्तन को प्यार से सहलाने लगी और इस बार मदहोशी का आलम बढ़ने लगी माहौल में। जैसे जैसे धीरे धीरे नमिता अपने होंठ को उससे आज़ाद कर लेती है, वैसे वैसे रेवती भी आंखे मुंडे अभी भी अपनी होंठो की और जीब फिरा रही थी, मानो चुम्बन को और टिकाए रखना चाहती हो। इस बात से नमिता मुस्कुराई और एक उंगली को आगे कर दी उसकी मुंह की तरफ, और सीधे होठ की और फिराने लगीं प्यार से। बिना झिझक के उंगली को चूसने लग गई रेवती, और वहा पीछे से बेझिझक पीठ, कंधे और गले को चूमती गई रिमी।
सच में कमरे का माहौल देखने लायक थी, तीन तीन बेहद हसीन लड़कियां एक दूसरे की और एकदम से जैसे चिपक चुके थे, प्रेनलिला में धस चुके थे। नमिता कुछ इशारा सा करने लगी रेवती को, और वोह समझ चुकी थी के इशारा किस बात पे थी। कुछ झिझकती हुई वोह अपनी हाथो को एक दूसरे पे मलने लगी, के तभी उसी वक्त रिमी उसकी कान में शहद घोल देती है "अरे दी! आगे जाओ, जकड़ो उन्हें! बिंदास! करो भी!"। इस बात को सुनते सुनते रेवती बार बार नमिता की और देख रही थी, जिसने अब अपनी आंखें मूंद ली थी, उत्साह में।
कुछ और झिझक के बाद, रेवती अपनी कांपते हुए हाथो को अपने दीदी कि स्तन की और लाने लगीं, और फिर उन्ही कांपते हुए हाथो से पकड़ने की प्रयत्न की उन पहाड़ों को, लेकिन समा नहीं पाए पूरी के पूरी उन हाथो में। इस बात से और ज़्यादा उत्तेजित हो गई वोह, और उसके गाल लाल लाल हो गए। सुर्ख लाल गालों को एक बार फिर से रिमी चूम लेती है और इस एहसास से गदगद होती हुई रेवती अब नमिता के स्तन की इर्द गिर्द मसलने लगी। प्यार से ही सही, लेकिन नमिता को अपने बहन को डोमिनेट करने में बहुत मज़ा आ रही थी, बिना किसी चिंता के, वोह उसे डांटने लगीं "दबा ठीक से! मार खाएगी तू!"।
दीदी की डांट खाने की आदि थी रेवती, पहले से ही, लेकिन आज इस संदरभ में कुछ अजीब लग रही थी उसकी डांट, और कुछ हद तक रेवती काफी घबरा भी गई थीं। उसकी नज़रे नीचे की और हो गई जहा, उसकी हाथ उन पहाड़ों को दबाने में कुछ अजीब सी मज़ा आने लगीं, कुछ उत्साह सा छाने लगी उसकी जिस्म में। अब वोह पूरी ध्यान अपनी दीदी की मोटे मोटे आकारो पर देने कहीं, उनकी गद्रपन को महसूस करने लगी। बार बार स्तन को दबाबाए वोह यह सोचने लगी के अगर टीशर्ट के जरिए यह एहसास हो रही थी, तो कहीं अगर उसकी दीदी उपर से पूर्ण नग्न हो जाए, तो क्या होगा!
अपने ही सोच से शरमा गई रेवती "छी! यह में क्या सोचने लगी! लेकिन.......ओह! मुझे इतनी अच्छी क्यों लगने लगी!" वोह तो अपनी दीदी को मसलने में अटल थी, लेकिन फिर नमिता भी उसके हाथ को हटाए, अपनी शर्ट उतार के फेंक देती है। इस बात पर रिमी भी अपनी शर्ट उतार देती है और अब नतीजा यह हुई के दो दो नग्न स्तन का एक हसास रेवती को होने लगी! एक पीठ पर, तो दूसरे वाले को अपने हथेलियों पे महसूस की। नज़रे चौड़ी करके वोह अब अपने दीदी कि मस्त सुडौल आकार को पूर्ण नग्न अवस्था में देखने लगी। सच में, घायल कर देने वाली दृश्य थीं।
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