RE: kamukta Kaamdev ki Leela
रेवती झट से अपनी कमरे में आके, तुरंत अपने बिस्तर पर लेटकर, मन में राहुल को बसाने लगा। वोह इतनी बेचैनी किए सास ले रही थी के बाजू में बेटी रिमी और बिस्तर के बाजू स्टडी टेबल पे पड़ती हुई नमिता भी उसकी और ध्यान देने लगी। रेवती इतनी उत्तेजित हो गई के, आस पास अपने बहनों के मौजूदगी से, उसे शर्म आने लगी और पास में परी एक टेडी बियार को अपने गोद में कसने लगी। अपनी दीदी को ऐसे देखकर, रिमी को कुछ कुछ ऐसी लगी के मानो उसने कुछ उत्साहित देख ली हो।
चुपके से वोह रेवती की कान के पास जाके, उसकी lat को झटकली "रेवती दी! कुछ हुआ क्या?" शहद की तरह रिमी की मीठी वाणी जैसे रेवती की कानो को पिघला रही थी।
रिमी, को रेवती फटक से धकेल देती है "रिमी! स्टॉप इट, कुछ भी नहीं हुई है!!" टेडी को जकड़ती हुई वोह बोल परी। उस दौरान नमिता भी वही बिस्तर की दूसरी और लेट गईं, और सताने में रिमी की साथ देने लगी "सच सच कहना रेव! कहीं तू राहुल के कमरे से तो होके नहीं आ रही है ना??", इतना कहना था के वोह उसकी स्तन प्यार से मसलती है, तो हुए यू के पहले से ही गरम रेवती और भी बहकने लागी इस एहसास से। उसकी यह रिएक्शन देखकर रिमी भी नटखट होने लगी थीं, के तभी उसकी नज़रे नीचे उसकी टीशर्ट की और जाती है, जहा कुछ गीले सूखे सफेद तिनके चिपके हुए थे।
एक गीले पैच पर उंगली फिरती हुई रेवती समझ जाती है के आखिर बात क्या हुई थी! हौले से मुस्कुराकर, वोह अपने दीदी को अपनी गीली उंगली दिखाने लगीं, और उसे देख नमिता घुस्से का नाटक करती हुई, सीधे रेवती की कान को मदोद देती है "बदमाश कहीं की! यह सब क्या है???"। रेवती अब बुरी तरह शरमा जाती है और अब वोह खुद नखरे दिखाने लगी "डोंट नो!"। नमिता फिर कान को मदोड़ती है "डोंट नो की बच्ची! सीधे सीधे बता, वरना!"। रेवती देख रही थी के उसके दीदी के हाथ द्रवायर को खोले, वहीं नकली लिंग के बक्से को छू रही थी, जिससे अब एक डर सा आने लगी उसमे "दीदी!!!! रुको बताती हूं!"।
रिमी यह देखकर, नमिता की तारीफ में फूल ही फूल बरसाने लगी "यह हुई ना बात दीदी! आखिर रेवती दी मान ही गई!!!" प्यार से उसने रेवती की गाल को चूम ली, वैसे भी बेचारी अपने दो दो बहनों के बीच बैठे, सैंडविच बन चुकी थीं। दोनों ने अपने अपने मुंह उसके करीब लाए, और नर्वस महसूस करती रेवती के होंठ हिल गए "भइया के वहा....ग ए ई थी...."। अब और क्या! पूरा छवि साफ हो चुकी थी, वोह दोनों कुछ कहने ही वाले थे, के कमरे में एक आहट महसूस होती है तीनों को। दरवाज़े पे एक श्क्स का प्रवेश होता है, और वोह और कोई नहीं बल्कि राहुल था! चेहरे पर मुस्कान, और हाथ में रेवती की रुमाल, जो वोह भूल अाई थी।
राहुल : रेवती!
मानो! एक खामोशी सी छा गई पूरी कमरे में! तीनों के तीनों, राहुल की और देखने लगे, और रेवती तो मानो पूरी पसीना पसीना हो रही थीं, वोह कुछ बोली नहीं, लेकिन चेहरे का भाव बता रही थी, के वोह कुछ सुनना चाहती थी।
राहुल : (थोड़ा और करीब जाता हुआ) यह रुमाल तेरी है ना?
रेवती बस हा में सर को हिलाई, वोह भी पूरी नर्वस होकर। रेवती और नमिता अब कभी उसकी तरफ देख रहे थे, तो कभी राहुल की और, फिर नमिता आंखो आंखों में उसे और करीब आने का इशारा करती है। राहुल बेझिझक और नज़दीक जाने लगा, और वैसे वैसे रेवती की सांसे और तेज़ होती गई। अपनी नज़रे नमिता की और फिराई और बहुत हल्के से "प्लीज" बोलती हुई अपनी होंठ हिलाई, लेकिन वोह ठहरी बड़ी बहन! डोमिनेट करना उसकी हक थी। इस लम्हे को और गरम करने के लिए, नमिता ज़ोर से ही बोल दी "क्या रेवती! मुझसे क्यों करह रही है, राहुल से केहदे!"।
इस वाक्य के अंत में नमिता मुकुसराई और साथ में रिमी भी, लेकिन बेचारी रेवती बीच में फस गई। राहुल अब रुमाल को अपने नाक तक लेजाकर सुंगनें लगा, और अब बिस्तर के बहुत करीब आ चुका था।
राहुल : सच बता रेवती! क्या तूने सब कुछ देख ली थी?
रेवती जो बहुत कामुक हो उठी थी, अचानक ही टेडी को जकड़े, प्यार से सर हिकाके, हा में इशारा की। रिमी और नमिता कुछ खास समझ नहीं रहे थे, लेकिन यकीन दोनों को थी, के कुछ तो हुआ था राहुल और रेवती के बीच में। इस शुभ घरी में, राहुल और आग लगाता गया, जब तक पूरी छवि क्लियर नहीं होती गई बाकी दो बहनों को। राहुल उनको कमरे से जाने का इशारा किया, तो दोनों के दोनों उसे आंख मारे, कमरे में से निकल गए, और जाते जाते रिमी दरवाजा को लेच कर गई।
राहुल : (अब हाथ लिंग की उभर को तरफ लेजाकर) क्या तुझे अच्छी लगी?
रेवती : (चुपके से) क्या?
राहुल : जो तूने देखी!
रेवती : पता नहीं!
राहुल : सच सच बोल!
रेवती : जाओ आप यहां से!!! प्लीज भइया! (बहुत नर्वस होती गई)
राहुल : में कहीं नहीं जाऊंगा! आज इस पल को जप्त कर लूंगा में पूरी तरह से! (अब अपने ट्राउजर को नीचे की और ले आने लगा)
अब मामला यह हुआ के राहुल के ट्राउजर घुटनों तक आ चुके थे, और कच्चे में उसका उभर रेवती को साफ साफ दिखने लगी। उस नग्न लिंग का दृश्य उसकी मन में बार बार आने लगी, और अब वही घटना दोबारा घटने वाली थी मानो। राहुल अब और विलंब ना किए हुए, वोह टेडी को उसके बाहों से छीन लेता है, और उसके हाथ को अपने हाथ में प्यार से थाम लेता है। रेवती की कोमल हाथ, और उसकी माथे और होंठ के पसीने को देखकर राहुल का लिंग और उभरने लगा कच्चे में।
अब वोह अपने उभर को मसलता हुआ, रेवती की हाथ को आगे की और ले आने लगा, रेवती मानो किसी काल की तरह राहुल की और चली जा रही थी। वोह तब तक नहीं रुकी, जब तक वोह अपनी चेहरे को पूरी तरह से राहुल के नज़दीक नहीं ले आई। और फिर बही हसीन पल आई जब राहुल ने प्यार से अपने होंठ को उससे जोड़ डिएं। रेवती की आंखे चौड़ी हो गई, लेकिन मज़े से वोह भी चूम रही थी।
राहुल और उसके होंठ मानो आपस में ऐसे जुड़ गए, के अलग होना शायद आसान नहीं था। नरम गुलाबी होठ के रस का आनंद लेता हुए राहुल अब प्यार से अपने हाथो से अपने बहन के बालों के क्लिप की के जाने लगा, और क्लिप को खुलते ही, लंबे गेसू खुल उठे, नीचे की और गीर गए। उनपे हाथ फेरता हुआ राहुल अब पूरी शिद्दत के साथ रेवती को चूमता गया, और वोह भी अपने भइया का पूरा साथ देने लगी।
रेवती जो पहले से ही गरम थी, अब अपने हाथ को धीरे धीरे राहुल के ट्राउजर तक लाने लगी और उस उभर को खुद ही मसलने लगी। इस एहसास से राहुल बहुत उत्तेजित हो जाता है, फिर अपने होंठ को अलग करता हुआ, वोह अब प्यार से रेवती को उपर अपने बाहों में कस लेता है, और उसके गाल, कंधे और गर्दन को चूमने लग जाता है। मदहोशी में रेवती भी अपनी आंखे मूंद लेती है और एक अजब दुनिया में खोने लगी।
इससे पहले अब राहुल कुछ करता, रेवती उसे चुप रहने के लिए कहीं, और फिर नीचे की और जाने लगी, अपनी घुटनों के बल पर। पहले तो प्यार से उस उभर को ट्राउजर के उपर से ही सहलाने लगी, फिर उसे वैसे ही अवस्था मै मसलने लगीं। अपनी बहन के ऐसे हरकते देखकर राहुल बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो उठा, और इसके गेसुओं पे हाथ फेरने लगा, मानो बरवा दे रहा हो उसे। रेवती एक मासूम बिल्ली की तेरह उपर अपने भइया से नज़रे मिलाई और मानो जैसे पूछ रही हो के कहीं वोह अंदर का सांप उसे दस तो नहीं देगी!
जवाब में राहुल भी उसकी और देखकर इशारों में कह डाला के नहीं। "सच्ची?" शैतानी सी मासूमियत लिए रेवती राहुल से आंखे मिलाई रही। "मुच्ची!" प्यार से राहुल अब उसके गेसुओं को सहलाए अब अपने कच्चे को भी नीचे नीचे ले आने लगा, और वैसे वैसे रेवती की सांस उपर नीचे होने लेगी।
वोह दोनों इस बात से बेखबर थे, के बाहर की होल से कभी रिमी झांक रही थी, तो कभी नमिता, दोनों के हाथ हाथ अपने अपने मुनिया पर बरकरार।।
|