RE: kamukta Kaamdev ki Leela
आशा बरामदे के उस पार चली जाती है अपनी कॉल लिए हुए। फोन महेश का था, जो काफी खुश लग रहा था।
महेश : डार्लिग! आज में बहुत खुश हूं!
आशा : (बेटे से नज़रे फिराकर) जी, बताइए! ऐसी क्या बात हुई, के आप ने मुझे कॉल किए! (महेश बहुत कम चीज़े अपने पत्नी के साथ शेयर करता था)
महेश : अरे, तुम्हे नहीं बताऊंगा! तो फिर किसे! एक गोआ कि पार्टी है, जिसने मेरा प्रोजेक्ट अप्रूव किया है! और मज़े की बात यह है, के इस खुशी में गोआ हम घूम भी लेंगे! और कुछ काम बाम भी हो जाएगा!
महेश के मुंह से आज बहुत दिन बाद कुछ ताजी खुश खबरी मिली थी आशा को। अपने पति के लिए वोह काफी खुश होने लगी। बात गोआ की नहीं थी! लेकिन एक नए वातावरण का अनुभव करने के लिए आशा खुद बहुत उतावला थी। इससे पहले वोह कुछ बोल पति, महेश अपने धुन में लगा हुआ था! "ओके डार्लिग! रखता हूं! और हां! सामन वामान तैर कर लेना! और बच्चो को भी बता देना! बाई!"
फोन कट हो जाता है और आशा के चेहरे पर एक असीम मुस्कुराहट देखकर राहुल उसकी और आने लगा।
राहुल : क्या बात है मा? पापा थे क्या?
आशा : हा! तेरे पापा थे, (कुछ रुककर) एक खुश खबरी है! उनके प्रोजेक्ट के सिलसिले में, वोह गोआ जा रहे हैं! (राहुल मा को लेकर अकेला होने के लिए खुश हो ही रहा था के) लेकिन.... हम सब भी जा रहे है!
राहुल : (कुछ सोच के) ओह! ....... फिर भी काफी बड़िया न्यूज है मा! इस बहाने गोआ भी हम सब घूम आयेंगे!
आशा : हा! क्यों नहीं, वैसे नमिता तो जा नहीं पाएगी! उसकी एमबीबीएस का परीक्षा भी इसी महीने है! लेकिन हा! यह खबर रिमी और रेवती को ज़रूर दे देना!
राहुल : (नमिता के ना होने के दुख से ज़्यादा, रिमी और रेवती की बारे में सोचकर) बिल्कुल! मा, बिल्कुल!
..........
गोआ जाने की खबर सबसे पहले तीन बहनों को पता चलती है और एक नमिता को छोड़कर, सब खुश थे!
रिमी : वाओ!!!! कूल! बड़ा मज़ा आयेगा!
रेवती : (रिमी की खुशी से उछलने को करन, इसकी हिलती हुई आमो को देखकर) क्यों! नंगी घूमने का इरादा है क्या बीच पर??
रिमी : ओह फ*** ऑफ! कुछ भी मत बोल!! तू भी तो उछलने के लिए बेताब हो रही है!
राहुल : तुम दोनों बस भी करों! प्यार तो में तुम दोनों से बराबर करूंगा! फिक्र मत करो!
इतना कहना होता है के, दोनों रेवती और रिमी, एक एक बाजू में आजाते है और बारी बारी राहुल को चूमने लगते है। राहुल भी वही के वही दोनों के सुडौल गांड़ पर एक एक पंजा लगाए, उन्हें प्यार से चूमने लगे और दो दो जोड़े प्यासे होंठ पाकर तो राहुल जन्नत पहुंच गया मानो! प्यार से होंठ के लाली को चूसते चूसते, राहुल उन दोनों के गांड़ को सहलाता गया, के तभी नमिता उन तीनों को देखकर एक खांसी की नाटक करने लगी "अःह्हम! तुम तीनों को बहुत प्राइवेसी की जरूरत है, मेरे हिसाब से!"।
चूमने का सिलसिला तोड़ के, राहुल और वोह दोनों नमिता की और देखने लगे और एक साथ बोल परे "सोरी! नो वन कैन इट जस्ट वन!"
नमिता खुद भी बही के बही अपने भाई के आगोश में शामिल होना चाहती थी, लेकिन इस समय उसे अपने एग्जाम्स में भी ध्यान देनी थी। उसका उत्रा हुआ चेहरा देखकर, राहुल उसके पास जाने लगा और एक कस के झप्पी देने लगा, झप्पी से मुक्त होकर, एक हल्की सी चुम्बन अपने दीदी के होंठ पर बरसाकर, वोह उसकी आंखो में आंखे मिलने लगा "दीदी! तुम अगर आती, तो बहुत खुशी होती मुझे! आखिर वासना के पहले पहले कदम में तुमने मेरा साथ दी थी!"। नमिता अपने भाई के क्यूट बरताव पर हस देती है और उसके सर पर एक थपकी मारने लगी "पागल कहीं का! में हमेशा तेरे साथ हूं! तू जा और जाके एन्जॉय करना! और हा! मा का खास दौर से खयाल रखना" इस कथन के अंत में नमिता उसे आंख मार देती है, जिससे राहुल उसका इशारा समझ जाता है, और धीमे से बोलता है "यू नॉटी गर्ल!"
.....
राहुल अब खुशी खुशी कमरे से बाहर निकलकर सीधा अपने चाची से मिलने गया और गौर से देखा के बरामदे में पौधों को पानी डाल रही थी रमोला, और झुकी होने के करन, उसकी भारी सुडौल गांड़ बहुत उभर के आ रही थी सारी में। बिना किसी झिझक के राहुल उसकी पीठ से चिपक जाता है और रमोला समझ जाती है के भवरा आ ही गया!। लेकिन इस बार भवरे के कांटे के गांड़ के फंखो के बीच हल्ला मचा रहा था, जिससे रमोला अब सिसकने लगीं। अब वोह पुधो को छोड़कर, सीधा होके, खुद राहुल के हाथो को पकड़कर अपने पेट पे रख देती है, जिससे वोह भी अब अपने चाची के पीठ से और ज़्यादा चिपक जाता है।
राहुल एक कस के चुम्बन उसकी पीठ पर थाम देता है और कान में फुसफुसाने लगा "गोआ की वादियों में तो आपको जी भरके चोदूंगा चाची!" और होंठ से कान को चूमने लगा। एक तो हसीन वातावरण और उपर से राहुल के पीठ से चिपकने से रमोला कामुक हो उठी, इतना के, हाथ से पानी का पोट भी गीर जाती है। कुछ देर तक राहुल गाल से लेकर गले तक चूमता गया और तभी रमोला उससे आज़ाद होक, उसके और मूड गई "सपने कुछ कम देखा कर!"
राहुल इस बात से एकदम हक्का बक्का रह गया "भला ऐसा क्यों कह रही हो चाची?"। रमोला अपनी गांड़ का दबाव उसके लिंग पर डालके, प्यार से अपनी चेहरे को उसके तरफ फिरा दी "मेरे प्यारे बालम! मै और तुम्हारे चाचा तो चले मेरे मायके की वहा! कुछ दिनों के लिए, तब तक मेरी याद में तुम तड़पते रहो!"। राहुल भी और चिपक गाय अपने चाची से "लेकिन मयिका क्यों चाची, अचानक?"। रमोला अब उसके हाथ पर हाथ रखे, पेट को सहलाने लगी "अरे बाबा! मेरी ननद की बेटी की शादी है! अब इससे ज़्यादा मत पूछ! वैसे रेवती तो जा रही है तुम लोगो के साथ!"।
अब मन ही मन राहुल इस बात का तसल्ली करने लगा, लेकिन चाची को फिलहाल छोड़ना नहीं चाहता था, वोह अपने होंठ जोड़ देता है रमोला से, और कुछ पल तक रमोला भी साथ देती है, लेकिन फिर अलग हो जाती है "अब कुछ दिन तक, अपना मा का खयाल रख लेना!", आंख मारके, वोह वापस पौधों को पानी देने लगीं। चाची का इशारा राहुल समझ चुका था, वोह अपने कमरे की और दौड़ परा, ट्रिप की तयारी करने।
कमरे में पहुंचकर, वोह अलमीरा की और हाथ बढ़ाने ही वाला था, के उसके मन में अनेक खयाल आया, सब के सब उसके मा से जुड़े थे, समान पेक करते करते, वोह इस बात से काफी खुश था, के अब तो पूरा परिवार भी इस मिलन के लिए रजामंदी दे रहे थे।
वहा, महेश घर लौट चुका था, और अपने पत्नी से उस प्रोजेक्ट के सिलसिले में बात करने लगा, सामान पैक करते करते, लेकिन आशा की मन ही कहीं और थी। उस रात सोते सोते, आशा को बस गोआ के हसीन वादियों के सपने उसे आने लगी।
|