Indian Sex Kahani डार्क नाइट
10-08-2020, 12:22 PM,
#4
RE: Indian Sex Kahani डार्क नाइट
चैप्टर 2

वह जुलाई की एक रात का आ़िखरी पहर था। कबीर की रात, प्रिया के ईस्ट लंदन के फ्लैट पर उसके बिस्तर पर गु़जर रही थी। प्रिया, कबीर की नई गर्लफ्रेंड थी। प्रिया के रेशमी बालों की बिखरी लटों सा सुर्ख उजाला, रात के सुरमई किवाड़ों पर दस्तक दे रहा था। प्रिया ने अपने बालों की उन बिखरी लटों को समेटा, और कन्धों पर कुछ ऊपर चढ़ आई रजाई को नीचे कमर पर सरकाया। म़खमली रजाई उसके रेशमी बदन पर पलक झपकते ही फिसल गई: जैसे वार्डरोब मालफंक्शन का शिकार हुई किसी मॉडल के जिस्म से उसकी ड्रेस फिसल गई हो। रातभर, कबीर के बदन से लगकर बिस्तर पर सिलवटें खींचता उसका नर्म छरहरा बदन, लहराकर कुछ ऊपर सरक गया। उसकी गर्दन से फिसलकर क्लीवेज से गु़जरते हुए कबीर के होठों पर एक नई हसरत लिपट गई। उसकी छरहरी कमर को घेरे हुए कबीर की बाँहें कूल्हों के उभार नापते हुए उसकी जाँघों पर आ लिपटीं। एक छोटे से लमहे में कबीर ने प्रिया के बदन के सारे तराश नाप लिए; तराश भी ऐसे, कि एक ही रात में न जाने कितने अलग-अलग साँचों में ढले हुए लगने लगे थे।

कबीर ने करवट बदलकर एक ऩजर प्रिया के खूबसूरत चेहरे पर डाली। रेशमी बालों की लटों से घिरे गोल चेहरे पर चमकती बड़ी-बड़ी आँखों से एक मोहक मुस्कान छलक रही थी। उसका बेलिबास म़खमली बदन अब भी कबीर के होंठों पर लिपटी ख्वाहिश को लुभा रहा था, मगर कबीर की ऩजरें जैसे उसकी आँखों के तिलिस्म में खो रही थीं, जैसे ऩजरों पर चले जादू ने होठों की हसरत को थाम लिया हो। अचानक ही कबीर को अपने दाहिने गाल पर प्रिया की नर्म हथेली का स्पर्श महसूस हुआ। उसकी ना़जुक उँगलियाँ कबीर के चेहरे पर बिखरी हल्की खुरदुरी दाढ़ी को सहला रही थीं।

‘लापरवाह!’ प्रिया की उन्हीं तिलिस्मी आँखों से एक मीठी झिड़की टपकी।

दाहिने गाल पर एक हल्की-सी चुटकी काटते हुए उसने कबीर के हाथ को अपनी जाँघ पर थोड़ा नीचे सरकाया। गाल पर ली गई चुटकी, कबीर को प्रिया की मुलायम जाँघ के स्पर्श से कहीं अधिक गुदगुदा गई।

प्रिया ने अपनी बार्इं ओर झुकते हुए, नीचे कारपेट पर पड़ी ब्रा उठाई, और बिस्तर पर कुछ ऊपर सरक कर बैठते हुए कत्थई ब्रा में अपने गुलाबी स्तन समेटे। कबीर की हथेली अब उसकी जाँघ से नीचे सरककर उसकी नर्म पिंडली को सहलाने लगी थी। कबीर के भीगे होठों की ख्वाहिश अब उसकी मुलायम जाँघ पर मचलने लगी थी। रजाई कुछ और नीचे सरककर उसके घुटनों तक पहुँच चुकी थी। प्रिया ने घुटनों से खींचकर रजाई फिर से कमर से कुछ ऊपर सरकाई। खुरदुरी दाढ़ी पर रगड़ खाते हुए रजाई ने कबीर की आँखों में उतर आई शरारत को ढँक लिया। उसी शरारत से उसने प्रिया की पिंडली पर अपनी हथेली की पकड़ मजबूत की, और उसकी दाहिनी जाँघ पर अपने दाँत हल्के से गड़ा दिए।

‘आउच!’ प्रिया, शरारत से चीखते हुए उछल पड़ी। उसकी पिंडली पर कबीर की पकड़ ढीली हो गई। एक चंचल मुस्कान प्रिया के होठों से भी खिंचकर उसके गालों के डिंपल में उतरी, और उसने अपना दायाँ पैर कबीर की जाँघों के बीच डालकर उसे हल्के से ऊपर की ओर खींचा। कबीर के बदन में उठती तरंगों को जैसे एम्पलीफायर मिल गया।

‘आउच!’ एक शरारती चीख के साथ कबीर ने प्रिया की जाँघ पर अपने दाँतों की पकड़ ढीली की, और उसकी छरहरी कमर पर होंठ टिकाते हुए उसे अपनी बाँहों में कस लिया।

प्रिया, पिछले एक महीने में तीसरी लड़की थी, जिसके बिस्तर पर कबीर की रात बीती थी। नहीं; बल्कि प्रिया तीसरी लड़की थी, जिसके बिस्तर पर उसकी रात बीती थी... कबीर की चौबीस साल की ज़िन्दगी में सि़र्फ तीसरी लड़की। इसके पहले की उसकी ज़िन्दगी कुछ अलग ही थी। ऐसा नहीं था कि उसके जीवन में लड़कियाँ नहीं थीं; सच कहा जाए तो कबीर की ज़िन्दगी में लड़कियों की कभी कमी नहीं रही। जैसे सर्दियाँ पड़ते ही हिमालय की कोई चोटी ब़र्फ की स़फेद चादर ओढ़ लेती है; जैसे वसंत के आते ही हॉलैंड के किसी बाग़ को ट्यूलिप की कलियाँ घेर लेती हैं, ठीक वैसे ही टीन एज में पहुँचते ही ख़ूबसूरत लड़कियों और उनके ख़यालों ने उसे घेर लिया था। ख़ूबसूरत लड़कियों की धुन उस पर सवार रहती। उनके कभी कर्ली तो कभी स्ट्रेट किए हुए बालों की खुलती-सँभलती लटें, उनकी मस्कारा और आइलाइनर लगी आँखों के एनीमेशन, उनके लिपस्टिक के बदलते शेड़्ज से सजे होठों की शरारती मुस्कानें, उनकी कमर के बल, उनकी नाभि की गहराई, और उनकी वैक्स की हुई टाँगों की तराश... सब कुछ उसके मन की मुँडेरों पर मँडराते रहते। हाल यह था कि सुबह की पहली अँगड़ाई किसी खूबसूरत लड़की का हाथ थामने का ख़याल लेकर आती, तो रात की पहली कसमसाहट उसे अपने भीतर समेट लेने का ख़्वाब लेकर। मगर कबीर के ख़्वाबों-ख़यालों की दुनिया में लड़कियाँ किसी सू़फियाना ऩज्म की तरह ही थीं, जिन्हें वह अपनी फैंटसी में बुनता था, एक ऐसी पहेली की तरह, जो आधी सुलझती और आधी उलझी ही रह जाती। उसे इस पहेली में उलझे रहने में म़जा आता, मगर साथ ही इस पहेली के खुल जाने का डर भी सताता रहता, कि कहीं एक झटके में फैंटसी का सारा हवामहल ही न ढह जाए। और यही डर, कबीर और लड़कियों के बीच एक महीन सा परदा खींचे रहता, जिस पर वह अपनी फैंटसी का गुलाबी संसार रचता रहता।
Reply


Messages In This Thread
RE: Indian Sex Kahani डार्क नाइट - by desiaks - 10-08-2020, 12:22 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,484,973 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,631 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,225,450 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 926,809 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,644,777 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,072,901 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,937,823 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,013,223 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,015,486 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,312 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)