RE: Indian Sex Kahani डार्क नाइट
चैप्टर 3
प्रिया से मिलने से पहले कबीर की फैंटसियों ने एक लम्बा स़फर तय किया था। भारत के छोटे से शहर वड़ोदरा की कस्बाई कल्पनाओं से लेकर लंदन के महानगरीय ख़्वाबों तक। कबीर पंद्रह साल का था, जब उसके माता-पिता लंदन आए थे। पंद्रह साल की उम्र वह उम्र होती है, जब किसी बच्चे के हार्मोन्स उसकी अक्ल हाइजैक करने लगते हैं। ऐसी उम्र में उसके पूरे अस्तित्व को हाइजैक कर वड़ोदरा से उठाकर लंदन ले आया गया था। दुनिया के नक़्शे में लंदन के मुकाबले शायद वड़ोदरा के लिए कोई जगह न हो, मगर कबीर के मन के नक़्शे में सि़र्फ और सि़र्फ वड़ोदरा ही खिंचा हुआ था।
वड़ोदरा के मोहल्ले, सड़कें, गली, बाग़, मैदान, सब कुछ उस ऩक्शे में गहरी छाप बनाए हुए थे, और साथ ही छाप बनाये हुई थी वड़ोदरा की ज़िन्दगी; जो लंदन की ज़िन्दगी से उतनी ही दूर थी, जितनी कि वड़ोदरा शहर की लंदन से दूरी। उस समय दुनिया वैसी ग्लोबल विलेज नहीं बनी थी, जैसी कि आज बन चुकी है। वह वक्त था, जो कि शुरूआत थी दुनिया के ग्लोबल विलेज और कबीर के ग्लोबल सिटी़जन बनने की; और जिस तरह किसी भी दूसरे मुल्क की सिटि़जनशिप लेना एक बड़े जद्दोजहद का काम होता है; कबीर के लिए ग्लोबल सिटि़जन बनना उतना ही मुश्किल भरा काम था। इस काम में उसकी मदद कर, उसकी मुश्किलें जिसने सबसे अधिक बढ़ाई थीं, वह था समीर। समीर, कबीर का ममेरा भाई है; उम्र में उससे दो साल बड़ा है, कद में एक इंच लम्बा है, और हर बड़े भाई की तरह अनुभव में ख़ुद को उसका बाप समझता है।
‘‘हे डूड, दिस इ़ज लंदन। इफ यू वांट टू सर्वाइव इन एनी टीन ग्रुप हियर, देन नेवर एक्ट लाइक ए फ्रेशी, अंडरस्टैंड?’’ कबीर के लंदन पहुँचते ही समीर ने उसे सलाह दे डाली। समीर की पैदाइश लंदन की है। समीर भले ही लंदन के नक़्शे को बहुत अच्छी तरह न जानता रहा हो, मगर वह लंदन की ज़िन्दगी को बहुत अच्छे से जानता था।
‘‘ये फ्रेशी क्या होता है?’’ उस वक्त तो अंग्रे़जी भाषा पर कबीर की पकड़ भी कम़जोर थी, उस पर वहाँ के स्लैंग; वे तो उसकी सबसे बड़ी कम़जोरी बनने वाले थे।
‘‘फ्रेशी इ़ज समवन लाइक भारत सरकार।’’ समीर ने तिरिस्कार पूर्ण भावभंगिमा बनाई।
‘‘गवर्नमेंट ऑ़फ इंडिया?’’
‘‘नो; दैट कॉर्नर शॉप ओनर डिकहेड; सेवेंटी वन में आया था ढाका से, और अभी तक बाँग्लाफ्रेशी है। सी, हाउ ही ऑलवे़ज स्मेल्स ऑ़फ फिश।’’ हालाँकि ‘फिश एंड चिप्स’ ब्रिटेन की नेशनल डिश रहा है, जिसकी जगह अब इंडियन करी ने ले ली है मगर, ‘स्मेल ऑ़फ फिश’ और ‘करी मंचर’ जैसे फ्रेज़ वहाँ देसी और फ्रेशी लोगों का म़जाक उड़ाने के लिए ही इस्तेमाल किए जाते हैं।
खैर, इस तरह कबीर का परिचय भारत सरकार से हुआ था। कबीर के घर से चार मकान दूर डेलीनीड्स की दुकान चलाने वाले बाबू मोशाय भारत सरकार।
‘‘कोबीर य्होर नेम इज एक्षीलेंट। हामारा इंडिया का बोहूत बॉरा शेंट हुआ था कोबीर।’’ कबीर के लिए ‘भारत सरकार’ का एक्सेंट समझना, लंदन के लोकल एक्सेंट को समझने से आसान नहीं था।
‘‘थैंक्स अंकल!’’ कबीर ने किसी तरह उसकी बात का अंदा़ज लगाते हुए कहा।
‘‘डोंट कॉल मी आंकेल, कॉल मी शॉरकार।’’
‘‘ओके, सरकार अंकल।’’
‘शॉरकार।’
‘‘कहाँ की सरकार है? एक्स्पायर्ड सामान बेचता है और वह भी महँगा।’’ समीर वाकई कोकोनट है। कोकोनट, यानी बाहर से ब्राउन और भीतर से वाइट। चाहे वह ख़ुद इंग्लिश की जगह हिंगलिश बोले, चाहे वह किंगफिशर बियर के साथ विंडलू चिकन गटक कर रातभर बैड विंड से परेशान रहे, या चाहे वह आलू-चाट खाते हुए देसी लड़कियों से इलू-इलू चैट करे; मगर यदि आप लोकल स्लैंग नहीं समझते हैं, लोकल एक्सेंट में बात नहीं करते हैं, तो समीर के लिए आप फ्रेशी हैं। चाहे वह ख़ुद अपने हाथों से तंदूरी चिकन की टाँग मरोड़े, मगर यदि आप खाना खाने में छुरी-काँटे का इस्तेमाल नहीं जानते हैं, तो आप फ्रेशी हैं। समीर की परिभाषा में कबीर ‘पूरी तरह फ्रेशी’ था।
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