RE: Indian Sex Kahani डार्क नाइट
‘‘कौन है ये?’’ साहिल के जाते ही कबीर ने पूछा।
‘‘साहिल, मेरा बॉयफ्रेंड था।’’
‘‘बॉयफ्रेंड था?’’ कबीर के सवाल में बेचैनी के साथ आशंका भी थी।
‘‘हाँ; हम एक साल साथ थे, मगर अब हमारा ब्रेकअप हो गया है।’’
ब्रेकअप की बात सुनकर कबीर को थोड़ी तसल्ली हुई, मगर साहिल की इस छोटी सी मौजूदगी ने उसे फिर उसी पुराने कॉम्प्लेक्स से भर दिया। साहिल के, कबीर को नेहा का ‘न्यू बॉयफ्रेंड’ कहने पर नेहा का खीझ उठना, उसे एक विचित्र सी हीनता से भर गया। कबीर, नेहा के दर्द बाँटना चाहता था; उससे कहना चाहता था, ‘मैं हूँ न।’... मगर अचानक उसे अपना ‘मैं’ इतना छोटा लगने लगा, कि वह उसे नेहा के सामने पेश करने में घबराने लगा। साहिल का नेहा से ब्रेकअप हो चुका था; नेहा कबीर के साथ बैठी थी... मगर फिर भी कबीर, साहिल की मौजूदगी में कॉम्प्लेक्स महसूस कर रहा था। कबीर को एक बार फिर अपना कद छोटा, और दर्द बड़ा लगने लगा।
कबीर के अगले कुछ दिन नेहा से दूरी में कटे। उसने नेहा से मिलने की कोई पहल नहीं की, लेकिन उसे नेहा के मैसेज या फ़ोन कॉल आने की उम्मीद बनी रहती। हर मैसेज या कॉल पर वह फ़ोन की ओर बेसब्री से लपकता, कि शायद वह नेहा का ही हो; मगर हर बार उसे मायूसी ही हाथ लगती। कभी मन करता कि नेहा को कॉल किया जाए... मगर फिर लगता कि जिस लड़की ने उसे कोई मैसेज भी नहीं किया, उसकी उसमें भला क्या दिलचस्पी होगी। मगर फिर एक शाम एक सुखद आश्चर्य लेकर आई... नेहा का फ़ोन आया,
‘‘हे कबीर! हाउ आर यू?’’ फ़ोन पर नेहा की आवा़ज आई।
‘‘आई एम गुड नेहा, हाउ आर यू?’’ कबीर ने चहकते हुए कहा।
‘‘आई एम आल्सो गुड’’ नेहा ने कहा, ‘‘व्हाट आर यू डूइंग टूनाइट?’’
‘‘नथिंग इम्पोर्टेन्ट।’’ नेहा की ओर से किसी आमन्त्रण की आहट पाकर कबीर ने खुश होते हुए कहा।
‘‘आई एम गोइंग टू क्लब विद ए कपल ऑ़फ फ्रेंड्स, व्हाई डोंट यू आल्सो कम अलोंग?’’
‘‘व्हाई नॉट... सेम प्लेस?’’ कबीर की चहकती आवा़ज में एक नई उमंग घुल गई।
‘‘यस, सेम प्लेस।’’
नेहा, कबीर के लिए वह आलम्ब बन चुकी थी, जिस पर उसके मन का संतुलन टिका था; जिसकी एक करवट उसकी उमंगों को उड़ान देती, तो दूसरी, उसकी उदासी को उफान। जब मनुष्य का मन किसी ऐसे आलम्ब पर आकर टिक जाए, जिसकी अपनी ख़ुद की ज़मीन ही कच्ची हो, तो उसका मनोबल पल-पल डगमगाता है... ऐसी डगमगाती राह पर फरारी की सवारी, सि़र्फ और सि़र्फ दुर्घटना को ही जन्म देती है।
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