RE: Indian Sex Kahani डार्क नाइट
कुछ देर के लिए माया ख़ुद को भूल गई; जैसे कि माया और कबीर के बदन एक हो गए हों; जैसे कि माया की आत्मा का विस्तार, कबीर के बदन तक हो चुका हो; मगर फिर अचानक माया को न जाने क्या हुआ हुआ, उसने एक झटके से कबीर को धकेला। कबीर सँभल नहीं पाया, और पीछे काउच पर जा गिरा।
‘माया!’ कबीर ने चौंकते हुए कहा।
माया ने झटपट नीचे झुककर, फर्श पर गिरा तौलिया उठाया, और अपने बदन पर लपेटते हुए कहा, ‘‘कबीर ये ठीक नहीं है।’’
‘‘क्या माया?’’
‘‘हम प्रिया के घर में ही उसके साथ ये धोखा नहीं कर सकते।’’
कबीर को भी अचानक इसका अहसास हुआ कि जो हो रहा था वह प्रिया के विश्वास के साथ धोखा था।
‘‘सॉरी माया, इट्स माइ फाल्ट... मैं ख़ुद पर काबू नहीं रख पाया।’’ कबीर ने नीची ऩजरों से कहा।
‘‘नो कबीर, इट वा़ज माइ फाल्ट।’’ माया की ऩजरें भी नीची ही थीं।
‘‘माया तुम अब ठीक तो हो?’’ कबीर ने मुश्किल से ऩजरें उठाते हुए पूछा।
‘‘हाँ कबीर, मैं ठीक हूँ।’’ माया की ऩजरें अब भी नीची ही थीं।
‘‘माया, देयर इ़ज नथिंग टू वरी... अच्छा मैं चलता हूँ।’’ कहते हुए कबीर तुरंत अपार्टमेंट से निकल आया। माया ने ऩजरें उठाकर कबीर को जाते हुए देखा। उसके बदन की जलन जा चुकी थी। उसका दिल बैठा जा रहा था।
अगले दिन कबीर को माया की फ़र्म ज्वाइन करनी थी। उसके इंडक्शन की तैयारी थी; मगर कबीर समय पर पहुँचा नहीं था। माया ने कबीर को फ़ोन लगाया, मगर कबीर ने फ़ोन नहीं उठाया। माया को बेचैनी हुई। कबीर की जॉब उसकी सिफारिश पर लगी थी; अगर कबीर नहीं आया, तो उसकी रेपुटेशन पर धब्बा लगना था। माया ने फिर कबीर का फ़ोन ट्राई किया, मगर इस बार भी नो रिस्पांस था। माया को कबीर पर गुस्सा आने लगा। वह उसका फ़ोन ट्राई करती रही। चौथी बार में कबीर ने फ़ोन उठाया।
‘‘कबीर! क्या बात है; आज तुम्हें ज्वाइन करना है, और तुम अभी तक पहुँचे नहीं।’’ माया ने गुस्से से पूछा।
‘‘सॉरी माया, मेरा मन नहीं कर रहा।’’ कबीर ने अनमना सा जवाब दिया।
‘‘तुम्हारा मन नहीं कर रहा है? तुम्हारे इंडक्शन की सारी तैयारियाँ हो चुकी हैं, और तुम्हारा मन नहीं कर रहा है! लोग तुम्हारा इंत़जार कर रहे हैं, और तुम्हारा मन नहीं कर रहा है? मेरी रेपुटेशन दाँव पर लगी है, और तुम्हारा मन नहीं कर रहा है? ये क्या म़जाक बना रखा है कबीर!’’ माया चीख उठी।
‘‘सॉरी माया, बट....।’’
‘‘नो इफ एंड बट, आई वांट टू सी यू हियर राइट नाउ... पन्द्रह मिनट में मेरे ऑफिस पहुँचो।’’ कहते हुए माया ने फ़ोन काट दिया।
कबीर, माया के ऑफिस पहुँचा। एच आर हेड, मि. सिंग ने उसे वेलकम किया,‘‘हे यंग मैन, वेलकम! वी हैव बीन वेटिंग फॉर यू फॉर मोर देन एन ऑवर।’’
‘‘आई एम सॉरी फॉर कमिंग लेट।’’ कबीर ने ऩजरें नीची किए हुए कहा।
‘‘कबीर, हमने आपको माया की सि़फारिश पर लिया है; और माया बहुत ही हार्डवर्किंग और पंक्चुअल है; हमारी आपसे भी यही एक्स्पेक्टेशन्स हैं।’’
‘‘आई विल ट्राय माइ बेस्ट।’’ कबीर ने मि. सिंग से ऩजरें मिलाते हुए कहा।
‘‘यू मस्ट।’’ मि. सिंग ने कबीर का कन्धा थपथपाते हुए कहा।
‘‘दिस इ़ज निशा, अवर सीनियर एच आर मैनेजर... शी विल बी कंडक्टिंग योर इंडक्शन।’’ मि. सिंग ने पास खड़ी लगभग सत्ताइस-अट्ठाइस साल की लड़की से कबीर का परिचय कराया।
‘‘हाय कबीर!’’ निशा ने कबीर की ओर हाथ बढ़ाते हुए कहा।
‘‘हाय निशा!’’ कबीर ने निशा से हाथ मिलाया।
‘‘लेट्स गो एंड कमेंस योर इंडक्शन।’’ निशा ने कुछ फाइलें थामते हुए कहा।
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