RE: Indian Sex Kahani डार्क नाइट
‘‘सो कबीर, इ़ज माया योर बॉस एट वर्क?’’ प्रिया ने वाइन का घूँट भरते हुए शरारत से पूछा।
‘‘बॉस तो नहीं, मगर तुम्हारी फ्रेंड बॉसी बहुत है।’’ कबीर, माया की ओर देखकर मुस्कुराया।
‘‘तुम्हारी शिकायत हो रही है माया; खबरदार, आइंदा मेरे बॉयफ्रेंड पर रोब जमाया तो।’’ प्रिया ने कबीर के गले में बाँहें डालते हुए शरारत से माया को बनावटी गुस्सा दिखाया।
‘‘तुम्हारे बॉयफ्रेंड को ख़ुद पर रोब जमाया जाना पसंद है।’’ माया ने कबीर की ओर उसी शरारत से मुस्कुराकर देखा।
कबीर ने माया को गुस्से से देखा। उसका गुस्सा बनावटी नहीं था। उसे माया का वह म़जाक उस वक्त पसंद नहीं आया।
‘‘अच्छा प्रिया, अब मैं चलता हूँ।’’ खाना खत्म कर कबीर ने प्रिया से कहा।
‘‘आज यहीं रुक जाओ कबीर।’’ प्रिया ने आग्रह किया।
‘‘नहीं प्रिया; तुम थकी होगी, आराम करो।’’
‘‘आराम तो मैं तुम्हारे साथ भी कर सकती हूँ।’’ प्रिया ने एक बार फिर कबीर के गले में बाँहें डालीं।
कबीर ने बेचैनी से माया की ओर देखा।
‘‘प्रिया, कबीर के साथ तुम कल आराम कर लेना; कितने दिनों के बाद हम मिले हैं, आज तो तुम मुझे वक्त दो।’’ माया ने प्रिया से कहा।
‘‘ओके माया; आज की रात दोस्ती पर प्यार कुर्बान।’’ प्रिया ने कबीर के गले में बाँहें जकडीं और उसके होंठों पर अपने होंठ रखते हुए उसे एक लम्बा किस किया, ‘‘बाय कबीर।’’
मगर इस बार प्रिया ने महसूस किया कि कबीर में वैसी उत्तेजना नहीं थी, जैसी होनी चाहिए थी। उसके होंठ फैलने की जगह सिकुड़ रहे थे।
उस रात माया से बातें करते हुए भी प्रिया, कबीर के बदले व्यवहार पर चिंता करती रही। कबीर पहले जैसा नहीं था... कहीं कुछ ठीक नहीं था।
‘‘कबीर! तुम प्रिया से कब कहोगे?’’ अगले दिन ऑफिस में माया ने कबीर से पूछा।
‘‘क्या माया?’’
‘‘हमारा सच, और क्या।’’ माया ने झुँझलाते हुए कहा।
‘‘मुझे कुछ वक्त दो माया; तुम्हें पता है, प्रिया को ये जानकार कितना बुरा लगेगा?’’
‘‘और जो मुझे बुरा लग रहा है वह? कबीर, प्रिया का तुमसे लिपटना, तुम्हें किस करना, तुम्हारे साथ रात बिताने की बातें करना; तुम्हें क्या लगता है, मुझे ये सब अच्छा लगता है?’’
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