RE: Mastaram Stories ओह माय फ़किंग गॉड
अन्दर सफ़ेद ब्रा भले ही पुराना ढंग का हो लेकिन उसकी चूचियां कमाल की थी. ब्रा चुचियों के हिसाब से छोटी थी या फिर चुदास ने चुचियों को ज्यादा बड़ा बना दिया था. पुराना डिजाईन होने के कारण ब्रा चुचियों को पुरी तरह से ढके हुए था. लेकिन दो पहाड़ो के बीच की गहरी घाटी किसी भी लंड को पानी पानी कर सकता था. अब बारी पेटीकोट की थी. उसने एक झटके में नाडा खिंच दिए और पेटीकोट उसके पैरों में गिर गया. पेटीकोट को पैरो से उठाया और कुर्सी में रख दी. नीचे एक चड्डी पहनी थी जो कुछ कुछ मेरे बॉक्सर जैसा लग रहा था. वह चड्डी कम और मर्दों का फुल अंडरवियर ज्यादा लग रहा था जो ढीला-ढाला था. चड्डी से उसकी चूत की हालत का पता नहीं चल रहा था जो मेरी बेकरारी को और बढ़ा रही थी.
उसने अपने दोनों हाथ पीछे कर लिए और मुझे देखते हुए बोली – “कैसा है बाबु?”
मैंने गद्दे से उछलते हुए कहा – “मस्त है रानी. अब आजा अपने राजा के पास.”
वह थोड़ा हंसी और बोली – “बाबु, अभी इन कपड़ो को तो उतारने दो.” और अपने दोनों हथेलियों से बड़े बड़े दूध की टंकियो को मसलने लगी.
अब मेरा लंड मुझे तकलीफ दे रहा था. लंड का सुपारा लाल हो गया था और अपने साइज़ से 1 इंच ज्यादा बड़ा हो गया था. मैं अपनी ज़िन्दगी में कभी इतना ज्यादा उत्तेजित नहीं हुआ. लंड को अब ज्यादा देर बॉक्सर में रखना मुश्किल लग रहा था. मैंने गांड को ऊपर उठाते हुए बॉक्सर को घुटनों में लाया और लंड को बांये हाथ से सहलाने लगा.
यह देखकर सोमलता दौड़ कर मेरे पास आई और बगल में बैठ कर मासूमियत से कहा – “क्या कर रहे हो बाबु? मेरे होते हुए तुम खुद हाथ से हिला रहे हो.”
मैंने उसके गाल पे एक चुम्मी लेकर कहा – “डार्लिंग रानी, यह अब बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है.” यह कह कर मैंने उसको अपने और खीचा और ब्रा का हूंक खोलने लगा. हुक खुल नहीं रही थी और मैं ज्यादा जोर लगा रहा था.
उसने मुझे हल्का धक्का देकर अलग किया और बोली – “छोड़ो बाबु, तुम तो इसको तोड़ ही डालोगे. मैं खुद ही खोलूंगी.”
मैंने फिर उसे अपनी और खींचते हुए कहा – “क्यों चिंता करती हो रानी, नया लाकर दूंगा. वो भी नया डिजाईन का.”
फिर अलग होते हुए वह बोली – “नहीं बाबु, मैं कहा था ना, मैं कुछ पाने के लिए नहीं कर रही हूँ.” उसने अपनी पीठ मेरी तरफ़ घुमाकर ब्रा का हुक खोली और चड्डी उतारने लगी.
मेरे लंड में तो जैसे आग लग गयी. मैं उसको नंगी देखने के लिए उतावला हो रहा था. अब सोमलता मेरी और घूमी लेकिन उसकी चूचियां दाहिने हाथ से और चूत बांये हाथ से ढके थे. वह काफी धीरे धीरे बढ़ते हुए मेरे पास आई और बगल में बैठ गयी. भले यह औरत गंवार हो लेकिन अपने सेक्स पार्टनर को कैसा छेड़ा जाता है यह अच्छी तरह से जानती थी. वह मेरे सामने चिपककर बैठ गयी लेकिन हाथ अब भी उसकी इज्जत को ढके थे.
मेरी रानी ने अपने रसीले होंठो को मेरे होंठो के ऊपर रखा और मुझे अपनी बांहों के घेरे में कसकर पकड़ लिया. मेरा भी हाथ उसकी नंगी पीठ को सहला रही थी. वह इतनी जोर से मुझे चूम रही थी कि मुझे साँस लेना भी मुश्किल लग रहा था. हम दोनों एक दुसरे के नंगी पीठ को नापने में लगे थे. अब मेरी उँगलियाँ उसकी गांड के दरारों में जा पहुंची. उसकी कमर के नीचे और गांड के दरार में हल्का बाल था. मैं उस दरार को जोर-जोर से रगड़ने लगा. इस रगड़ ने उसको गरम कर दिया. वह बार-बार सिसिकारी मारती और मुझे जोर से कस लेती.
हम 10 मिनट से लगातार होंठो को चुसे जा रहे थे. कभी वह मेरी जीभ को चूसती तो कभी मैं. दोनों के लार मिल कर एक नया स्वाद पैदा कर रहे थे मुँह में. अब सोमलता मेरे होंठो को छोड़ कर मेरी गर्दन को चूमने लगी. चुमते चुमते अब वह मेरी छाती पर आ गयी. मेरी छाती पर बाल है. वह मेरे छाती के निप्पल को चूसती और हाथ से बदन के बाल भी खींचती. जब-जब वह मेरा बाल को खींचती, मुझे मीठा सा दर्द होता. यह मेरी ज़िन्दगी का सबसे अच्छा सेक्स अनुभव था. अब तो वह मुझे उकसाने के लिए मेरे निप्पल को दांत से काटने भी लगी थी. काटने पर मैं “आह” करता और वह मेरे बाल को खींचती. मैं फिर दर्द से “आह” करता. अब मेरा सब्र का बांध टूटने लगा. मैं उसकी चुचियों और चूत का दर्शन करना चाहता था और उसे मसलना चाहता था.
मैं सोमलता को कमर के नीचे से पकड़ा और अपने नीचे लाना चाहा. उसने मुझे रोका और धीरे से कान में बोली – “बाबु, आज तुम मुझे भोगो लेकिन मेरी तरह से. तुम आराम से लेटो, मैं तुम्हे मजा दूंगी. इसके बाद तुम जैसे चाहे वैसे मुझे भोगना. ठीक है.”
“ठीक है मेरी रानी!!!” – मैंने एक और दमदार चुम्मा उसके गाल पर जड़ दिया. अब मैं सीधे होकर गद्दे पर लेट गया और सोमलता के मज़े के लिए तैयार हो गया. अब मेरी रानी सोमलता ने अपने दोनों टांगों को चीरते हुए मेरे कमर पर बैठ गई. उसकी छाती बिल्कुल मेरे मुँह के सामने थी. मैं पहली बार उसकी नंगी रसदार चुचियों को देख रहा था. 36 डी साइज़ की चूचियां थोड़ी-सी लटकी थी, निप्पल का घेरा बड़ा और गहरे स्लेटी रंग का था. सेक्स की चुदास में निप्पल कड़े हो गए थे. मेरी हालत उस प्यासे जैसी हो गयी थी जिसके आँख के सामने ठंडी बियर की बोतलें रखी है लेकिन वो खुद पी नहीं सकता.
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