RE: Mastaram Stories ओह माय फ़किंग गॉड
अब मेरे लंड में खून भर चूका था और और अपने पुरे आकार में आ चूका था. मैंने एक तकिया लिया और उसकी गांड के नीचे लगा दिया. उसकी गांड ऊपर आ गयी और मुझे उसकी झांट भरी चूत का पूरा नजारा मिला. उसकी झांटे घनी और काली थी. मैं उँगलियों से उसे टटोलने लगा. आखिर उसकी चूत का दरवाजा मिल ही गया. चूत में दो उँगलियाँ डाली तो पता चला की उसकी चूत पहले ही पानी छोड़ चुकी थी. मैं उसकी गर्म चूत में तेजी से ऊँगली अन्दर-बाहर करने लगा. मेरी रानी अपनी गांड को उछाल रही थी और मस्त सिसकारी मर रही थी.
मैंने मन-ही-मन उसकी चूत को साफ़ करने का मन बना लिया. मेरी ऊँगली से चूत चुदाई में सोमलता को गर्म कर दिया और एक बार फिर उसका बदन अकड़ गया. उसने कस कर मेरे सर को पकड़ किया और एक गर्म पानी का फव्वारा छोड़ दिया. चूत से पानी बहते हुए गद्दे में टपकने लगा. कुछ देर के लिए वह खामोश लेटी रही फिर मेरे सर को खींचकर मेरे मुँह में उपनी जीभ डाल दी.
हम दोनों एक दुसरे को चुसे जा रहे थे और हमारी लार एक-दुसरे के मुँह में घुल रहे थे. अब मेरे कान के पास होंठ लाकर धीरे से बोली – “बाबु अब मत तड़पाओ. बस अब अपने डंडा डाल दो. बहुत दिनों से तरस रही हूँ लंड के लिए.”
मैंने उसकी चुचियों को मसलते हुए मस्ती में बोला – “सोमलता मेरी रानी, आज तेरा राजा तुझे और तेरी चूत को सोने नहीं देगा.”
मेरे पाकेट से कंडोम निकाला और अपने लिंग को पहना दिया. मेरा लंड कंडोम में लंबा मोटा काला नाग जैसा लग रहा था. मेरे मोटे-ताजे लंड को देखकर सोमलता की आँखे फट गयी. हाथो में लेकर बोली – “यह बहुत मज़ा देनेवाला लग रहा है बाबु. आज मेरी चूत रानी की प्यास मिट जाएगी.”
मैंने उसकी दोनों टांगो को अपने कंधे पर डाला और उसकी चूत के दरवाजे पर लंड को टिका दिया. लंड के सुपारा से उसकी चूत से दानो को रगड़ने लगा. वह बेक़रार होए जा रही थी और सिसकारी मर रही थी - “हम्म्म्म, आःह्ह्ह, म्म्म्म्म्म्म, आऐईई, अआह्ह” मैं जान-बुझकर उसको तड़प रहा था. वह अपनी जीभ को दांत से काट रही थी. मेरा लंड us वक़्त किसी लोहे जैसा सख्त था.
मैंने लंड को चूत की फांको के बीच टिककर एक ज़ोरदार धक्का मारा. लंड सरसराता हुआ पूरा-का-पूरा उसकी चूत में घुंस गया. वह दर्द से पागल हो गयी. 2 सेकंड रुकने के बाद मैंने लंड को आधा निकाला और धीरे-धीरे अन्दर-बाहर करने लगा. उसका दर्द थोड़ा कम हुए और मेरे धक्के पर गांड उछालने लगी. फच-फच की आवाज से कमरा गूंजने लगा. मैंने गति बढ़ाई. मेरा पूरा शरीर पसीने से भींग गया. सोमलता आखें बंद कर हल्की आवाज में सिसकारी ले रही थी और गांड को उछालते हुए मेरी कमर को पकडे हुए थी. अचानक मुझे लगा की मेरा लंड फुल रहा है.
मैं धक्का लगाना बंद किया. थोड़ी देर रुका और लंड सामान्य हो गया. फिर से मैंने तेजी से धक्का लगाना चालू किया. उसकी चूत से पानी रिसने लगा और मेरा लंड ज्यादा आसानी से जाने लगा. 10-15 धक्को के बाद उसकी चूत मेरे लंड को कसने लगी. सोमलता का बदन कांपने लगा और मुँह से अजीब आवाज निकाल रही थी. मैंने वक़्त को देखकर और तेजी से धक्का लगाना शुरू किया. 8-10 धक्को के बाद वह झड गयी और कुछ देर में मेरा लंड भी प्रेम-रस छोड़ दिया. मैं उसके ऊपर गिर गया. मेरा लंड रुक-रुककर पिचकारी मारी और सारा मुठ कंडोम में छोड़ दिया. लेकिन लंड सिकुड़ने का नाम नहीं ले रहा था. मेरा गला सुख चूका था और सारा बदन पसीने से तर था. हम दोनों एक-दूसके को बाँहों में लेकर तेजी से साँस ले रहे थे. कुछ देर बाद लंड सिकुड़ कर बाहर आ गया मैंने कंडोम को उतारा और एक गांठ लगाकर उसको बगल में फेंककर सोमलता को बाँहों के लेकर उसकी बगल में सो गया. हम दोनों ही एक मस्त चुदाई से काफी थके थे, इसलिए जल्दी नींद भी आ गयी. बाकी की कहानी अगले दिन के लिए.
सुबह लगभग 7 बजे मेरी नींद खुली. सीने पर भार महसूस हुआ. मैंने देखा सोमलता मेरे बगल में चिपक के सोई थी लेकिन उसकी छाती मेरे सीने पर थी और मुझे सोते हुए देख रही थी. मैंने उसे देख मुस्कुराया और वह भी मुस्कुराई. अब उसकी आँखों से आंसू की बुँदे गिरने लगी.
मैं फिक्रमंद हो गया, उसकी गालो को हथेलियों में भरकर प्यार से पूछा – “क्या हुआ रानी? तुम रो क्यों रही हो.”
वह आंसू पोंछते हुए बोली – “कुछ नहीं बाबु. मेरी ज़िन्दगी में अचानक इतनी ख़ुशी पाकर रो पड़ी. जानते हो बाबु, 15 साल की उम्र में मेरी शादी हो गयी. आज अगर मेरा मरद मेरे साथ रहता तो तुम्हारे उम्र का मेरा बेटा होता. तुम बहुत अच्छे हो बाबु. सबका ख्याल रखते हो. तुम्हारी औरत बहुत खुश रहेगी.”
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