RE: Mastaram Stories ओह माय फ़किंग गॉड
मैंने उसको गालो को चुमते हुए बोला – “अब तुमको फ़िक्र करने की जरुरत नहीं है. मैं तुम्हारा मरद, बेटा सबकुछ हूँ. वैसे भी अब मुझे तुम्हे मजदूरी करते देख अच्छा नहीं लगता. कुछ करूँगा तुम्हारे लिए. ठीक है. चलो अब मुँह-हाथ धोकर कुछ खाते है.”
मैंने उसको खिंच कर उठाया. मैं बाथरूम में गया और वह कपड़े पहनने लगी. मुझे बाज़ार से खाने-पिने का सामान लाना था. मैं कपड़े पहन के तैयार हो गया. मैं उसको बोला – “सुनो मैं आधे घन्टे में आता हूँ. तब तक तुम तैयार होजाना.मैं बाहर से दरवाजा बंद कर दूंगा. ज्यादा आवाज मत करना. ठीक है?”
उसने हाँ में सर हिलाया. वह फिर मेरी टी-शर्ट और बरमूडा पहने हुए थी लेकिन अन्दर ब्रा था. in कपड़ो में वह बिल्कुल अलग लग रही थी. मैं बाज़ार निकला. जाते-जाते मैं आज के कार्यक्रम के बारे में सोच रहा था. आज कुछ अलग करना था. जैसे उसको कुतिया बनाकर चोदना है, उसको चूत की झांटो को साफ़ करना है, उसकी चूत को चुसना है, उसको मेरा लंड चुसवाना है वगैरह. गाँव की औरत है इसलिए शायद यह सब नहीं जानती है. बाजार में मैंने अन्डे, ब्रेड, चोकलेट बगैरह ख़रीदे. एक पैक औरतों के सेविंग रेजर भी लिए. आज मेरी रानी की चूत को चमकाकर रहूँगा. उसकी चिकनी चूत की कल्पना मेरा लंड खड़ा कर रही थी. हड़बड़ी में मैंने अंडरवियर भी नहीं पहना था. बगल में स्कूल जाती कुछ लड़कियां मुझे देख हंस रही थी, तब मुझे पता चला की मेरा बरमूडा चलता-फिरता तम्बू बन गया है. मैंने बाज़ार का थैला सामने कर उसको छुपाने की कोशिश की. यह मेरे लिए एक नया तजुर्बा था. 40 मिनट के बाद मैं घर आया तबतक सोमलता बाथरूम से निकल ड्राइंग रूम में आ गयी थी.
वह काफी खुश और ताज़ी लग रही थी. रंग भी काफी खुला लग रहा था. मैंने सोचा – “काश, मैं इसको हमेशा ऐसे ही रख पाता. कुछ तो करना पड़ेगा.” मैं चाय बनायीं, अंडे उबाले और हमने नास्ता किया. हमने नास्ता ख़तम किया ही था की गेट पर दस्तक हुई. मैंने इशारे से उसको चुप रहने और अन्दर के कमरे में जाने के लिए बोला.
बाहर देखा, एक मजदूर था. मुझे देख बोला – “बाबु, आज कोई काम नहीं होगा. आदमी कम है. 2 दिन बाद काम चालू होगा”
मैंने कहा – “ठीक है”
वह आदमी चला गया. मेरे मन में लड्डू फूटने लगे. वाह! आज दिन भर हमे तंग करनेवाला कोई नहीं है. आज दिन-भर हम काम-लीला करेंगे. मैं गेट बंद कर अन्दर गया तो सोमलता भी अन्दर के कमरे से ड्राइंग रूम में आ गयी – “कौन था बाबु? क्या बोल रहा था?”
मैंने दोनों बांहे उसके कंधे में डालते हुए कहा – “आज काम बंद रहेगा. कोई हमें परेशान नहीं करेगा.”
वह जवाब में मुस्कुराई. मैंने कपड़े उतारे और पूरा नंगा होते हुए बोला – “चलो जल्दी से कपड़े उतारो”
वह मेरी पीठ में चिकोटी काटते हुए बोली – “तुम बाबु हमेशा लंड पे सवार रहते हो”
मैंने उसकी गाल पर एक चुम्मा देते हुए कहा – “रानी आज साथ में नहायेंगे”.
“पर मैं तो नहा चुकी हूँ बाबु!” बहुत मासूमियत से वह बोली.
मैंने उसकी टी-शर्ट को ऊपर की और खींचते हुए बोला – “मेरे साथ तो नहाओ रानी. आज तुम पागल हो जाओगी.”
“अच्छा” हँसते हुए उसने मेरी गांड पर एक चपत लगा दी. आज मैं उसकी झांटो को साफ़ करनेवाला हूँ. वह सारे कपड़े उतार दी सिर्फ पेंटी रहने दी. उसकी कमर को धक्का देकर बाथरूम में ले गया. उसको एक टांग स्टूल पर रख खड़ा कराया और पेंटी उतार दी. उसकी चूत की झांटे काफी लंबी थी. मैं निचे बठकर झांटो में उँगलियाँ फिरने लगा.
वह बोली –“क्या इरादा है बाबु?”
मैंने उसकी आँखों में देखकर पूछा – “अच्छा रानी, तुम्हे in झांटो से दिक्कत नहीं होती है?”
वह बोली – “हाँ बाबु, दिक्कत तो होती है. पहले जब मरद था तो कटती थी. अब किसके लिए करूँ?”
मैंने उसकी झांटो के ऊपर एक चुम्मा जड़ते हुए बोला – “अब मैं हूँ ना मेरी रानी.” उसकी चूत से मादक महक आ रही थी.
मेरे माथे को हल्का धक्का दे डांटते हुए बोली – “छि बाबु, वहां गन्दा है, मुँह मत लगाओ”
मैं बोला – “अभी साफ़ कर देता हूँ.” प्लास्टिक बैग से क्रीम और रेजर निकाला और ढेर सारा फोमिंग क्रीम उसकी झांटो पर मलने लगा.
सोमलता थोड़ी डरी हुई लग रहू थी. डरते हुए बोली – “बाबु, कुछ होगा तो नहीं?”
मैंने उसको तसल्ली देकर कहा – “कुछ नहीं होगा मेरी रानी, सब औरतें ऐसे ही साफ़ करते है. देखना तुम पुरी चिकनी चमेली बन जाओगी”
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