Mastaram Stories ओह माय फ़किंग गॉड
10-08-2020, 12:51 PM,
#41
RE: Mastaram Stories ओह माय फ़किंग गॉड
दोपहर को मैं खा-पीकर लेटा था की आँख लग गयी. किसी ज़ोरदार आवाज ने मेरी नींद तोड़ दी, मैंने देखा कि चारो ओर धुंध छाया है. आंधी के कारण पुरे आसमान में धुल भरा था. मैंने जल्दी से सारे खिड़की-दरवाजे बंद किये और बाहर छत पर आ गया. हवेली के सामने छत पर लाली कपड़े समेटने में लगी थी. तेज बेपरवाह हवा बार-बार उसकी साड़ी उसके बदन से अलग कर रही थी और हर-बार मुझे उसके गदराए हुस्न का दीदार करा रही थी. तंग ब्लाउज में कसी हुई उसकी मोटी चूचियां खजुराहो की मूरत जैसी लग रही थी. मैं छत पर खड़े होकर काफी देर से उसकी हुस्न के मज़ा ले रहा था. अचानक उसकी नज़र मुझपे पड़ी, और वह शरमाते हुए साड़ी को समेट ली. मै लाली को देख मुस्कुराया और वापस अपने कमरे में आ गया.

कुछ देर के बाद हल्की बूंदा-बांदी शुरू हो गयी. दोपहर की गर्मी केबाद हल्की बारिश के कारण मौसम उमस से भर गया. कमरे में रहना मुश्किल हो गया क्योंकि आंधी के कारण बिजली भी गयी हुई थी. बारिश के वावजूद मैं छत पर आ गया. बारिश की बुँदे बड़ा सुकून दे रही थी. मुझे वह रात याद आ गयी जो सोमलता के साथ घर के छत पर बितायी थी. सोमलता मेरे दिल में जैसे पक्की तौर पर घर कर गयी थी. याद है कि जाता ही नहीं. अब बारिश तेज़ हो गयी. पता नहीं कब से मैं ख्यालों में खोया भींग रहा था. अचानक किसी की आवाज मेरे कानो में पड़ी जैसे की मुझे पुकार रही हो. मुझे लगा कि सोमलता मुझे पुकार रही है, “ओओऊ.... बाबु... अरेएए ओ बाबु...” पर मेरा ख्याल टुटा तो मैंने पाया की हवेली के बरामदे से लाली मुझे पुकार रही है.

उसकी बगल में ठकुराईन खड़ी है. मैं थोड़ा झेंप गया. “बाबु, इधर आ जाओ” वह मुझे हाथ के इशारे से पास बुलाई.

मैं पहले झिझका लेकिन जब दुबारा पुकारी तो दौड़ते हुए चला गया. ऊपर के कमरे के आगे एक खुला बरामदा बना हुआ था. एक बड़े झूले में ठकुराइन बैठी थी और बगल के सोफेनुमे कुर्सी में लाली. मैं भींगे कपड़ो में बरामदे में खड़ा हो गया. ठाकुराइन किसी एक्स-रे मशीन की तरह मुझे घुर रही थी. मैं थोड़ा झेंप गया.

अब ठाकुराइन बोली, “बरसात में भींगने का मज़ा बहुत है लेकिन सर्दी लग जाएगी”

मैं सिर्फ “जी” कहकर चुप हो गया और बाहर असमान को देखने लगा. बहुत अजीब लग रहा था इन दो अजनबी औरतों के बीच.

फिर ठकुराईन बोली, “बाबु, तुमने अपना नाम क्या बताया था? मुझे याद नहीं.”

मैंने देखा की वह झूले से उतर मेरे सामने खड़ी थी.

“जी मेरा नाम बिनय है” मैंने जवाब दिया.

वह बिल्कुल मेरे बगल में खड़ी हो गयी. उसकी बदन से किसी फूल की महक आ रही थी. काले बरसते आसमान की ओर देखते हुए बोली, “लगता है आज रात भर बारिश होगी. बिनय बाबु, आज रात बाहर निकलने की जरूरत नहीं है. हमारे रसोई में जो बनेगा लाली दे जाएगी. ठीक है?”

मैं क्या बोलता. “जी, ठीक है” ठकुराइन एक बार फिर मुझे सर से पाँव तक देखने के बाद अन्दर के कमरे में चली गयी.

ठकुराइन के जाने के बाद लाली मेरे करीब आ गयी. चुहल करते हुए बोली, “लगता है साहब को आज किसी माशूका की याद आ रही है. क्यों?”

मैं थोड़ा उदास लहजे में बोला, “हाँ.....”

वह बदन से बदन चिपकाते हुए धीरे से बोली, “कौन है वह हुस्न की रानी? कोई मौसी, काकी या बुआ तो नहीं?” और जोर से हंस पड़ी. अन्दर के कमरे से ठकुराईन लाली को बुला रही थी. मेरे गाल पे एक चुम्मा दे जाते हुए बोली, “तैयार रहना मेरे छोटे साहब. रात को आ रही हूँ.” और कमर मटकाते हुए अन्दर चली गयी.

बारिश कम होने का नाम नहीं ले रहा था, मेरे पुरे कपड़े गीले हो गये थे. मैंने कमर के नीचे देखा तो पाया की मेरा पायजामा बिल्कुल चिपक गया था और मेरा लंड का उभार साफ़-साफ़ दिखाई दे रहा था. अब मुझे समझ में आया की ठकुराइन मुझे इतना घुर क्यों रही थी! मैं वापस कमरे ने आ गया. गीले कपड़े बदल कर सिर्फ एक बॉक्सर पहन लिया, वैसे भी आज कपड़ो की ज्यादा जरूरत है नहीं. घड़ी देखी, रात के आठ बज रहे थे. बारिश अभी भी जारी है, लेकिन धार जरूर कम हो गयी है. मैं बड़ी बैचैनी से लाली का इंतज़ार कर रहा था.

अचानक बिजली आ गयी. मैंने ऊपर वाले का शुक्रिया अदा किया की चलो रात को कोई दिक्कत तो नहीं होगी. मैंने लाइट बंद की और छत की ओर देखने लगा. मन में सोचा था कि जैसे ही लाली अँधेरे कमरे में आएगी मैं उसको कसके पकड़ लूँगा. करीब आधे घन्टे इन्तेजार के बाद मैंने किसी को छत से मेरे कमरे की ओर आते देखा. मैं अन्दर दीवार के पीछे खड़ा हो गया. वह कमरे के अन्दर आई, किसी को नहीं देख खाने का डब्बा निचे रख

बाहर जाने लगी. जैसे ही वह दरवाजे के पास आई उसको कमर से कसकर पकड़ लिया. वह कसमसा कर रह गयी, जैसे खुद को मुझसे छुड़ाना

चाहती हो. उसको और कसकर पकड़ते हुए मैं बोला, “कहाँ जा रही हो लाली रानी? इतनी जल्दी भी क्या है? खाना तो खाने दो!”

वह बिल्कुल फुसफुसाते हुए बोली, “साहब, मैं लाली नहीं कुसुम हूँ”

मुझे काटो तो खून नहीं. पीछे हटने के बाद बड़ी मुश्किल से बोला, “क..क......कु....कुस्स्सुम”

“ठीक है मैं खा लूँगा” मैं इतना धीरे बोला कि मुझे भी ठीक से सुनाई नहीं दी.

कुसुम अब धीरे धीरे मेरी ओर बढ़ रही थी और मेरा दिल जोर से धड़क रहा था. बिल्कुल मेरे करीब आकर बोली, “लगता है लाली दीदी से आपका काफी लगाव हो गया है. बहुत ख्याल रखती है क्या साहब आपका?”

यह सवाल मुझे किसी और बात की तरफ इशारा कर रहा है. “नहीं ऐसी कोई बात नहीं है. वह तो रोज़ यहाँ आती है सफाई करने तो बात हो जाती है.” मैंने बात को घुमाने की कोशिश की.
Reply


Messages In This Thread
RE: Mastaram Stories ओह माय फ़किंग गॉड - by desiaks - 10-08-2020, 12:51 PM

Possibly Related Threads…
Thread Author Replies Views Last Post
  Raj sharma stories चूतो का मेला sexstories 201 3,482,345 02-09-2024, 12:46 PM
Last Post: lovelylover
  Mera Nikah Meri Kajin Ke Saath desiaks 61 542,333 12-09-2023, 01:46 PM
Last Post: aamirhydkhan
Thumbs Up Desi Porn Stories नेहा और उसका शैतान दिमाग desiaks 94 1,224,335 11-29-2023, 07:42 AM
Last Post: Ranu
Star Antarvasna xi - झूठी शादी और सच्ची हवस desiaks 54 926,013 11-13-2023, 03:20 PM
Last Post: Harish68
Thumbs Up Hindi Antarvasna - एक कायर भाई desiaks 134 1,643,197 11-12-2023, 02:58 PM
Last Post: Harish68
Star Maa Sex Kahani मॉम की परीक्षा में पास desiaks 133 2,071,630 10-16-2023, 02:05 AM
Last Post: Gandkadeewana
Thumbs Up Maa Sex Story आग्याकारी माँ desiaks 156 2,935,798 10-15-2023, 05:39 PM
Last Post: Gandkadeewana
Star Hindi Porn Stories हाय रे ज़ालिम sexstories 932 14,006,827 10-14-2023, 04:20 PM
Last Post: Gandkadeewana
Lightbulb Vasna Sex Kahani घरेलू चुते और मोटे लंड desiaks 112 4,012,909 10-14-2023, 04:03 PM
Last Post: Gandkadeewana
  पड़ोस वाले अंकल ने मेरे सामने मेरी कुवारी desiaks 7 283,064 10-14-2023, 03:59 PM
Last Post: Gandkadeewana



Users browsing this thread: 1 Guest(s)