Maa Sex Kahani माँ का आशिक
10-08-2020, 02:07 PM,
#77
RE: Maa Sex Kahani माँ का आशिक
शहनाज़ पूरी तरह से अपने विचारो में डूबी हुई थी और शादाब उसे लेकर उसके रूम में अा गया। शहनाज़ ने हो दुल्हन वाला सूट पहना हुआ था वो उसे निकालना ही भूल गई और दोनो मा बेटे पर शहनाज़ के बेड पर लेटे हुए थे। शादाब सीधा लेटा हुआ था जबकि शहनाज़ ने अपने बेटे की तरफ करवट लेकर अपना सिर उसके कंधे पर टिका रखा था। दोनो मा बेटे खामोश थे लेकिन मन में बहुत सारे विचार चल रहे थे बहुत सारी बाते थी जो वो एक दूसरे से करना चाहते थे लेकिन कभी कभी खामोशी बोलने से ज्यादा जरूरी हुआ करती हैं।

बाहर आसमान में काले काले बादल उमड़ने लगे और बाहर तेज तूफान चलना शुरू हो गया था लेकिन उससे भी तेज तूफान इन दोनो मा बेटे के अन्दर चल रहा था। एक झटके के साथ लाइट बंद हो गई और तभी आसमान में जोरदार बिजली कड़कने की आवाज आई तो शहनाज़ पूरी तरह से कांप उठी और डर के मारे शादाब से पूरी तरह से कस कर चिपक गई।शहनाज़ कांपते हुए बोली:"

" हाय अल्लाह रहम, बेटा मुझे बचपना से ही बहुत डर लगता है बिजली से !!

शहनाज़ ने कांपती हुई शहनाज के पूरे वजूद को अपने आगोश में समेट लिया और बोला:"

" क्यों अम्मी आपको क्यों डर लगता हैं बिजली से ?

शहनाज़:" बेटा जब मै छोटी थी तो मेरी एक सहेली के उपर बिजली गिर गई थी तब से लेकर आज तक मैं बहुत डरती हूं।

शादाब:" अम्मी आप फिक्र मत करो, आपका बेटा आपको कुछ नहीं होने देगा।

शहनाज़:" हान बेटा मुझे तुझ पर पूरा यकीन हैं मेरे लाल।

शादाब:" लेकिन अम्मी जब मैं हॉस्टल में था और बिजली कड़कती थी तब आप क्या करती थी ?

शहनाज शादाब की बात सुनकर शर्मा गई और बोली:"

" मैं बता नहीं पाऊंगी नहीं तो तू बाद में मेरी मजाक उड़ाएगा।

शादाब:" अम्मी आपको अपने बेटे पर यकीन नहीं हैं क्या ?

शहनाज़:" बेटा अब तो सिर्फ तुझ पर ही यकीन हैं, बेटा जब मैं अकेली होती थी और बिजली कड़कती थी तो मैं डर के मारे बेड के नीचे घुस जाती थी।

इतना कहकर शहनाज़ ने अपने बेटे के सीने में शर्म के मारे मुंह छिपा लिया। शहनाज़ की बात सुनकर शादाब की हंसी छूट गई और आज निकाह के बाद पहली बार हंसा था। शहनाज़ अपने बेटे को खुश देख कर सुकून महसूस करने लगी और मजाक में बोली:'.

" अम्मी मेरी बात पर हंस रहा है, तूने तो बोला था कि मेरा मजाक नहीं उड़ाएगा। झूठा कहीं का

शादाब अपनी हंसी रोक कर बोला:" सोरी अम्मी, लेकिन मैं आपका मजाक नहीं उड़ा रहा था, मुझे इसलिए हंसी अा गई कि आप इतनी बड़ी होकर भी बिजली से डरती हैं।

शाहनाज:" बेटा पूरी जवानी अकेले ही काट दी बस इसलिए डर लगता हैं।

शादाब:" हां अम्मी मैं आपका दर्द समझ सकता हूं लेकिन सही मैं अब आप पूरी तरह से जवान हुई हो अम्मी।

शहनाज़ उसकी कमर में मारते हुए:"

" चल कमीना, अच्छा अब मैं सो जाती हूं, गुड नाईट बेटा।

इतना बोलकर शहनाज़ ने अपने बेटे के माथे पर किस किया और पूरी तरह से उससे लिपट गई और सोने की कोशिश करने लगीं। शादाब के मजबूत कंधे शहनाज़ के लिए बहुत आरामदेह साबित हुए और उसे जल्दी ही नींद अा गई। बाहर तूफान और बारिश अभी भी जारी थी और रह रह कर बिजलियां कड़कने की आवाज अा रही थी जिससे शहनाज़ नींद में भी बुरी तरह से डर रही थी और अपने बेटे में पूरी तरह से सिमटी जा रही थी मानो उसके अंदर घुस जाना चाहती हो।

शादाब भी एक जवान लड़का था और शहनाज़ का पूरी तरह से दीवान बन चुका था। आज की रात उस पर जैसे ज़ुल्म पर ज़ुल्म कर रही थी क्योंकि आज उसकी शादी की पहली बार मतलब सुहागरात थी और शहनाज़ अभी तक दुल्हन के कपड़े पहने उसकी बांहों में सिमटी हुई पड़ी थी। बाहर कड़कती हुई बिजली से डरती हुई शहनाज़ पूरी तरह से खुद को बचाने के लिए उसके अंदर घुस जाना चाहती थी जिस कारण शादाब का लंड खड़ा हो गया। उसके सपनों की रानी दुल्हन बनी उससे लिपटी हुई थी और वो चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता था। धीरे धीरे नींद का असर शादाब पर भी होने लगा और कोई रात के चार बजे के आस पास उसकी आंख लग गई ।

दोनो मा बेटे एक दूसरे की बाहों में सोए हुए थे और शहनाज़ को नींद में सपना अा गया। शहनाज़ ने देखा कि शादाब उससे नाराज होकर दूर जा रहा है तो शहनाज़ ने भागकर उसे अपनी बांहों में भर लिया। शहनाज़ ने अपने बेटे को एक झटका देकर अपने उपर बेड पर गिरा लिया और अपने दोनो हाथ उसकी कमर पर बांध दिए और उसके होंठ चूसने लगी। शादाब भी अपनी अम्मी के होठ चूस रहा था, दोनो पूरी तरह से मदहोश हो गए और एक लंबे किस के बाद जब दोनो के होंठ अलग हुए तो शहनाज़ बोली:"

" कहां जा रहे थे मुझे फिर से बेवा करके तुम ? अब तुम्हे कहीं नहीं जाने दूंगी, एक मा से ज्यादा अब तुम्हे तुम्हारी बीवी का प्यार दूंगी मेरे राजा।

शादाब ने शहनाज़ के मुंह को पागल दीवाने की तरह चूमना शुरू कर दिया तो शहनाज़ ने भी उसकी कमर सहलानी शुरू कर दी।शादाब ने दोनो हाथ जैसे ही शहनाज़ की गांड़ पर पहुंचे तो उसकी चूत पूरी तरह से गीली होकर रस बहाने लगी तो शहनाज़ ने पूरी तरह से बेकाबू होते हुए अपनी चूत को शादाब के खड़े हो चुके लंड पर जोर जोर से रगड़ना शुरू कर दिया। शहनाज़ के मुंह से अपने आप मस्ती भरी सिसकारियां निकल रही थी। वो पूरी ताकत से जोर जोर से अपनी चूत अपने बेटे के मोटे मूसल जैसे लंड पर मार रही थी। शादाब पूरी ताकत से उसकी मजबूत गांड़ को कस कस कर मसल रहा था जिससे शहनाज़ पूरी तरह से मदहोश होती जा रही थी। वो पूरे जोश में अपने बेटे का मुंह चूम रही थी और उसकी चूत में उठता हुआ तूफान बढ़ता ही जा रहा था और उसने अपने आप अपना हाथ नीचे ले जाकर अपनी सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसे घुटनो तक सरका दी और पैंटी को अपनी एक अंगुली से साइड करके अपनी नंगी चूत शादाब के लंड पर उसके पायजमे के उपर से ही रगड़ने लगी। शादाब को जैसे ही अपने लंड पर चूत का एहसास हुआ तो उसकी आंखे एक झटके से खुल गई और वो समझ गया कि शहनाज़ नींद में शायद कोई सपना देख रही है और इसलिए ऐसा कर रही हैं इसलिए वो हालात को समझते थोड़ा सा पीछे हुआ तो शहनाज़ किसी चुम्बक की तरह उसकी तरफ खींची चली आई और फिर से उसे पकड़ लिया। शादाब जितना पीछे होता शहनाज़ उतना ही आगे सरक जाती। शहनाज़ को लग रहा था कि उसका बेटा उसे दूर भगाना चाहता है इसलिए नींद में ही बोली:"

" उफ्फ मेरे राजा, मुझे मत छोड़ कर जा, मर जाऊंगी तेरे बिना मेर जान, प्यार कर मुझे। बहुत प्यार कर अपनी शहनाज़ को ।

शादाब अब बेड के किनारे पर अा गया था और जरा सा सरकने से वो नीचे गिर सकता था इसलिए उसने पीछे हटना बंद किया तो शहनाज़ फिर से अपनी चूत उसके लंड पर रगड़ने लगीं। शहनाज़ की चूत पूरी तरह से पानी पानी हो रही थी। तभी शहनाज़ को लगा कि उसकी चूत में तूफान सा आने वाला हैं इसलिए उसने पूरी ताकत से जोर से अपनी चूत को लंड में घुसेड़ सा दिया तो लंड का मोटा बारीक कपडे के उपर से चूत की दीवारों पर दबाव डालता महसूस हुआ और इसके साथ ही शहनाज़ की चूत ने एक झटके के साथ अपना सारा रस बाहर उगलना शुरू कर दिया और वो अपने बेटे के ऐसे लिपट गई मानो उसकी हड्डी तक तोड़ देना चाहती हो।

" आह मेरे राजा, उफ्फ मर गई रे तेरी शहनाज़। हाय मा उफ्फ

इसके साथ ही शहनाज़ की आंख खुल गई तो शादाब ने डर के मारे अपनी आंखो को बंद कर दिया मानो सो रहा हूं। शहनाज़ को जैसे ही खुद की हालत का अंदाजा हुआ तो उसके पैरो तले से जमीन खिसक गई। उफ्फ वो सपना देख रही थी लेकिन यहां तो हकीकत में उसने खुद ही अपनी सलवार खोल दी थी। हाय अल्लाह ये क्या गुनाह हो गया मुझसे, और शादाब का मुंह देखते ही वो कांप उठी, उसका पूरा मुंह शहनाज़ की लिपस्टिक से लाल हो चुका था। उफ्फ मेरा बेटा क्या सोचेगा मेरे बारे में, ये बेचारा तो खिसक खिसक कर बेड के किनारे पर अा गया और मैं खुद ही इसके उपर चढ़ रही थी।
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RE: Maa Sex Kahani माँ का आशिक - by desiaks - 10-08-2020, 02:07 PM

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